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गज़ल शकीला बानो #✒ शायरी
✒ शायरी - "মড়াল" मिरे शैदाइयों में था जो शख़्स मुद्दतों आफ़़त के वक़्त वो भी तमाशाइयों में था उस का इलाज कोई मसीहा न कर सका जो ज़ख़्म मेरी रूह की गहराइयों में था 2 dgd क़रीब तो थी गर्मी एन्हयात d1 शोला हुजूम ए शौक़ का पुरवाइयों में था कोई भी साज़़ उन की तड़प को न पा सका वो सोज़़ वो गुदाज़ जो शहनाइयों में था बज़्म एन्तसव्वुरात में यादों की रौशनी आलम अजीब रात की तन्हाइयों में था उस बज़्मा में छिड़ी जो कभी जाँ-्दही की बात उस दम हमारा ज़िक्र भी सौदाइयों में था 6 कुछ वज़ ए॰एहतियात से ॰बानो भी दूर कुछ दोस्तों का हाथ भी रूस्वाइयों में था (शकीला बानो) Motivational Videos App Want "মড়াল" मिरे शैदाइयों में था जो शख़्स मुद्दतों आफ़़त के वक़्त वो भी तमाशाइयों में था उस का इलाज कोई मसीहा न कर सका जो ज़ख़्म मेरी रूह की गहराइयों में था 2 dgd क़रीब तो थी गर्मी एन्हयात d1 शोला हुजूम ए शौक़ का पुरवाइयों में था कोई भी साज़़ उन की तड़प को न पा सका वो सोज़़ वो गुदाज़ जो शहनाइयों में था बज़्म एन्तसव्वुरात में यादों की रौशनी आलम अजीब रात की तन्हाइयों में था उस बज़्मा में छिड़ी जो कभी जाँ-्दही की बात उस दम हमारा ज़िक्र भी सौदाइयों में था 6 कुछ वज़ ए॰एहतियात से ॰बानो भी दूर कुछ दोस्तों का हाथ भी रूस्वाइयों में था (शकीला बानो) Motivational Videos App Want - ShareChat