ShareChat
click to see wallet page
search
#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - हरि शरणं भगतिहि सानुकूल रघुराया , ताते तेहि डरपति अति माया राम भगति निरुपम निरुपाधी , बसइ जासु उर सदा अबाधी तेहि बिलोकि माया सकुचाई , करि न सकइ निज प्रभुताई कछु अस बिचारि जे मुनि बिग्यानी , जाचहिं भगति सकल सुख खानी श्री रघुनाथजी भक्ति के विशेष अनुकूल रहते हैं। इसी से माया उससे अत्यंत डरती रहती है। जिसके हृदय में उपमारहित और उपाधिरहित (विशुद्ध) रामभक्ति सदा बिना किसी बाधा ( रोक-टोक) के बसती है॰ उसे देखकर माया सकुचा जाती है। उस पर वह अपनी प्रभुता कुछ भी नहीं कर ।चला) सकती। ऐसा विचार कर ही जो विज्ञानी मुनि हैं॰ वे भी सब தி அர ஈ தி सुखों ही याचना करते हैं हरि शरणं भगतिहि सानुकूल रघुराया , ताते तेहि डरपति अति माया राम भगति निरुपम निरुपाधी , बसइ जासु उर सदा अबाधी तेहि बिलोकि माया सकुचाई , करि न सकइ निज प्रभुताई कछु अस बिचारि जे मुनि बिग्यानी , जाचहिं भगति सकल सुख खानी श्री रघुनाथजी भक्ति के विशेष अनुकूल रहते हैं। इसी से माया उससे अत्यंत डरती रहती है। जिसके हृदय में उपमारहित और उपाधिरहित (विशुद्ध) रामभक्ति सदा बिना किसी बाधा ( रोक-टोक) के बसती है॰ उसे देखकर माया सकुचा जाती है। उस पर वह अपनी प्रभुता कुछ भी नहीं कर ।चला) सकती। ऐसा विचार कर ही जो विज्ञानी मुनि हैं॰ वे भी सब தி அர ஈ தி सुखों ही याचना करते हैं - ShareChat