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#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - हरि शरणं केतु सुद्ध सच्चिदानंदमय, कंद भानुकुल चरित करत नर अनुहरत , संसृति सागर सेतु शुद्ध ।प्रिकृतिजन्य त्रिगुणों से रहित, मायातीत दिव्य मंगल विग्रह) , सच्चिदानंदकंदस्वरूप, सूर्यकुल के ध्वजा रूप भगवान् श्री राम मनुष्यों के समान ऐसे चरित्र करते हैं, जो संसार-्सागर से तारने के लिए पुल के समान हैं अर्थात् उन चरित्रों को गाकर और सुनकर लोग भवसागर से सहज ही तर जाते हैं। हरि शरणं केतु सुद्ध सच्चिदानंदमय, कंद भानुकुल चरित करत नर अनुहरत , संसृति सागर सेतु शुद्ध ।प्रिकृतिजन्य त्रिगुणों से रहित, मायातीत दिव्य मंगल विग्रह) , सच्चिदानंदकंदस्वरूप, सूर्यकुल के ध्वजा रूप भगवान् श्री राम मनुष्यों के समान ऐसे चरित्र करते हैं, जो संसार-्सागर से तारने के लिए पुल के समान हैं अर्थात् उन चरित्रों को गाकर और सुनकर लोग भवसागर से सहज ही तर जाते हैं। - ShareChat