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#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6.X हास्य व्यंग चांदी परखी जाती सोना परखा जाता घिस घिसके यार परखी धान को लगाते देखा ऊपर वाले ने भी प्राणी को परखने के लिए बनाई चिकनी चमडी धन दौलत और शैतान 6.X हास्य व्यंग चांदी परखी जाती सोना परखा जाता घिस घिसके यार परखी धान को लगाते देखा ऊपर वाले ने भी प्राणी को परखने के लिए बनाई चिकनी चमडी धन दौलत और शैतान - ShareChat