दया मोहन गर्ग
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@440503450
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दया मोहन गर्ग
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डरनाहैतोपहलेमातापितागुरुसेडरेंझूंटनाबोले?
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6.X हास्य व्यंग पूरी हकीकत पूरा फंसाना गधे में दिमाग नहीं होता तब भैंसें पाडे सांड में दिमाग कैसे होगा यही राजनीतिज्ञों के हाल है जो सत्ता में बैठे हैं 6.X हास्य व्यंग पूरी हकीकत पूरा फंसाना गधे में दिमाग नहीं होता तब भैंसें पाडे सांड में दिमाग कैसे होगा यही राजनीतिज्ञों के हाल है जो सत्ता में बैठे हैं - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6.X हास्य व्यंग चोर उठाईगीरे बेइमान ईमानदार राजनीतिज्ञों से ٤ ٤٤٢ ٤ पूछो ٤j٤ ٤٠٤ मिलावट होती रहे मिलावटी दवाई बेचते बिकवाते रहो अंधभक्त जुड़े रहेंगे 6.X हास्य व्यंग चोर उठाईगीरे बेइमान ईमानदार राजनीतिज्ञों से ٤ ٤٤٢ ٤ पूछो ٤j٤ ٤٠٤ मिलावट होती रहे मिलावटी दवाई बेचते बिकवाते रहो अंधभक्त जुड़े रहेंगे - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6.X हास्य व्यंग चांदी परखी जाती सोना परखा जाता घिस घिसके यार परखी धान को लगाते देखा ऊपर वाले ने भी प्राणी को परखने के लिए बनाई चिकनी चमडी धन दौलत और शैतान 6.X हास्य व्यंग चांदी परखी जाती सोना परखा जाता घिस घिसके यार परखी धान को लगाते देखा ऊपर वाले ने भी प्राणी को परखने के लिए बनाई चिकनी चमडी धन दौलत और शैतान - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6.X हास्य व्यंग पुन्य करो मत जो खत्म होए पाप करते रहो १दिन जल जाएगा मिट जाएगा धर्मदा खाना पाप ही कहलाता है 6.X हास्य व्यंग पुन्य करो मत जो खत्म होए पाप करते रहो १दिन जल जाएगा मिट जाएगा धर्मदा खाना पाप ही कहलाता है - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6X हास्य व्यंग RAJकी कथा निराली कोई पानी चोरी करवाते या बिजली चोरी करवाते होते सब चोर ही या भजन करवा के बिजली चोरी करवाते विपक्षी से मिलकर पानी चोरी करवाते 6X हास्य व्यंग RAJकी कथा निराली कोई पानी चोरी करवाते या बिजली चोरी करवाते होते सब चोर ही या भजन करवा के बिजली चोरी करवाते विपक्षी से मिलकर पानी चोरी करवाते - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6X. सचमें उम्र का अनुभव बेईमानों को ढूंढने की जरूरत नहीं होती ईमानदार ढूंढते२ अंतिम स्थान की यात्रा पर चला जाता है प्राणी ना देख पाता ना बोल सुन-पाता सच यही है 6X. सचमें उम्र का अनुभव बेईमानों को ढूंढने की जरूरत नहीं होती ईमानदार ढूंढते२ अंतिम स्थान की यात्रा पर चला जाता है प्राणी ना देख पाता ना बोल सुन-पाता सच यही है - ShareChat
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खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6.X हास्य व्यंग बलात्कारियों को संरक्षण देना पाल पोसकर बड़े करना फांसी नहीं देना गोली नहीं मारना जमानत देना यह आज का राष्ट्रीय धर्म बन गया ७५वाले की नरमी से 6.X हास्य व्यंग बलात्कारियों को संरक्षण देना पाल पोसकर बड़े करना फांसी नहीं देना गोली नहीं मारना जमानत देना यह आज का राष्ट्रीय धर्म बन गया ७५वाले की नरमी से - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6.X हास्य व्यंग सरकार रिटायर्ड करती ६०पूरे होने पर எ बजाने वाले बेवकूफ चाहिए पर राजनीतिज्ञ कभी रिटायर्ड नहीं होते क्योंकि बेवकूफों की फैक्ट्री के ओनर्स है 6.X हास्य व्यंग सरकार रिटायर्ड करती ६०पूरे होने पर எ बजाने वाले बेवकूफ चाहिए पर राजनीतिज्ञ कभी रिटायर्ड नहीं होते क्योंकि बेवकूफों की फैक्ट्री के ओनर्स है - ShareChat
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खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5.X हास्य व्यंग में हम बचपन बांट चूंट कर खाते थे जब सेTeaवाला चाचा आया हम लूटपाट कर चोरी चकारी कर मारपीट कर काट पीट कर खाते हैं नीति/नियत बदली है यार 5.X हास्य व्यंग में हम बचपन बांट चूंट कर खाते थे जब सेTeaवाला चाचा आया हम लूटपाट कर चोरी चकारी कर मारपीट कर काट पीट कर खाते हैं नीति/नियत बदली है यार - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5 .10 .2025 कल की बातें थोथा बाजे घना बीती चना कल की बातें पुरानी आगे भविष्य में मत दोहराना फिर से ऐसी ही कहानी मेंटाबनूंगा   भजन मेंशMबनूंगा   यह a कहता कहता साथ देते सभी करना छोड़ते चोरों का करना राजनीतिक दल है यही इस देश की कहानी है बंद करवाते அI = नहीं DJ तेज बजवाना नहीं   रात्रि1०बजे तक नाचते थिरकते रहते हैं बाद के निकम्में चले 3<} 8 करने हर दल నెఢడగా बिजली की चोरियां करते करवाते 8 गली मोहल्ले में से अतिक्रमण नहीं हटवाते हैं बाजारों में भी अतिक्रमण  बरवाते है बूढ़े बच्चों के ध्यान नहीं रखते हैं भी स्चास्थ्य क देखो कैसा दिखावटी जमाना ?[ गया नचईये ही नचईये फर्जी எ5 Rs ப ச लिए 46 8 gI எர் के तुम्हें भक्त बन गए सच तो में क्या करूं खाकी फर्ज पूरा करती है भी हर कोई उड़ाता है हराम मजाक कानून क @గౌ fg 82 खाने के राजनेता भी चला जाता 5 .10 .2025 कल की बातें थोथा बाजे घना बीती चना कल की बातें पुरानी आगे भविष्य में मत दोहराना फिर से ऐसी ही कहानी मेंटाबनूंगा   भजन मेंशMबनूंगा   यह a कहता कहता साथ देते सभी करना छोड़ते चोरों का करना राजनीतिक दल है यही इस देश की कहानी है बंद करवाते அI = नहीं DJ तेज बजवाना नहीं   रात्रि1०बजे तक नाचते थिरकते रहते हैं बाद के निकम्में चले 3<} 8 करने हर दल నెఢడగా बिजली की चोरियां करते करवाते 8 गली मोहल्ले में से अतिक्रमण नहीं हटवाते हैं बाजारों में भी अतिक्रमण  बरवाते है बूढ़े बच्चों के ध्यान नहीं रखते हैं भी स्चास्थ्य क देखो कैसा दिखावटी जमाना ?[ गया नचईये ही नचईये फर्जी எ5 Rs ப ச लिए 46 8 gI எர் के तुम्हें भक्त बन गए सच तो में क्या करूं खाकी फर्ज पूरा करती है भी हर कोई उड़ाता है हराम मजाक कानून क @గౌ fg 82 खाने के राजनेता भी चला जाता - ShareChat