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#बलिदान दिवस #शहीद दिवस #🇮🇳 देशभक्ति #🙏🏻माँ तुझे सलाम #आज जिनकी पुण्यतिथि है
बलिदान दिवस - आज जिनका बलिदान दिवस है नमन १८ वर्षीय पुत्र सहित शहीद तिए अपने को बलिदान करने वाते अनेको चीर ओर ठीरागनाओ नेजन्म लिया हे] किन्तु इनर्मे से अनेको के नाम इतिहास के परो मे गम हो गएह। इन्ही म एकथी मानवर्ती राई जिनका आज स्मति दिवस ह मानवती बाई हिहयवशी वीर = सिह जी झासी म १८४८ म ढाकुओं का खमान तिए दमन फरने के भेजी गड एक नेतृत्व करते ८ए  ३० सितंबर १८५६ टुफडी {೦ೆಿ दीरगति को प्राप्त ढुए थे। कुछ वर्प प्श्चात  নঃসানাs रानी इनकी विपवा मानवती बाईको महिला सेना ने एव उनके १६  वर्षीच पत्र चीर सिहको परु५ सेना नेभर्ती करतिचा। सन १८५६ म टीकमगर के दीवन नत्पे खाने यासी पर आकरमण किण। यासी केकिले मएक विशात तोप भवानीशकर थी নিমক না ৭ அlldl பfக ப6ப பகககி 1 कही লনী চ ক্ি তোমুসি স এলব সবা ননী 61 নন সানননী বাহর अपने पुत्र वीर सिह को महारानी के समक्ष बलिदान हत प्रस्तुत Knt rardrl#Wk rl किया लेकिन पुवा दीर सिह की कम उप को देखते ६ए रानी लक्ष्मीगईने नना कर दिपा तबवीर सिहने कहा मेरीमाकी गाशानवती कोदिय ಹaIIAC( iol a आज्ञा ह तथा शत्रुज से मातूभूमि की रक्षा करना मेरा परम शम देनपजाकयन  हे। डस तर्ह हसते हुए अपना शीश मातृभूगि के लिए तोप के शगषित हष ೫x পণক্চয স্রব ডি8া থা সণনী समध्ष अ्पित करदिया ا  सेना के खत्म होते मनोबत को चढाने के तिए नत्य खी ட !U9IP महारानी की ओर देगा सेवार करने की ओर बढा पह देख IFadlgಬina l    मानवतीने अपनी ठाल कररोका ओरभातेसेऐसा चार 351 किया नत्ये रखाके सिरपरकिपा कि वह मूर्णित होकर पोढ़़े स सूयकांत ताका ಣ( गिर पढा। जव वढ होश मे आपा तो उसे बढी ग्लानि दुरई कि एक महिता से मार खाकर न यहीश हीगयया।तयउसने  कपट पूर्वक दुपारा से मानवती जी पर ऐसा वार किपा  কিনচ शीरति को प्राप्त ढ्ुईा फिर झासी के ४ीर सपुनाच सिह नत्य  झांसी की रानी लक्ष्मी बाईकी प्रिय सहेली खोसो पुढ ऐढा ओर वह पराजित हो अपने अर४ शरन छोढ रणभूमि सेभाग खढा ढूआ। ड्स तर से हहपवशीप दीरागना  कुटुंब बलिदानी वीरांगना क्षत्राणी मानवती बाई  मानवती बाई के परिवारने अपनी मातृभूमि की रक्षा कै लिए बलिदान दिया। हम उनके इस त्याग को नमन करते ह आज जिनका बलिदान दिवस है नमन १८ वर्षीय पुत्र सहित शहीद तिए अपने को बलिदान करने वाते अनेको चीर ओर ठीरागनाओ नेजन्म लिया हे] किन्तु इनर्मे से अनेको के नाम इतिहास के परो मे गम हो गएह। इन्ही म एकथी मानवर्ती राई जिनका आज स्मति दिवस ह मानवती बाई हिहयवशी वीर = सिह जी झासी म १८४८ म ढाकुओं का खमान तिए दमन फरने के भेजी गड एक नेतृत्व करते ८ए  ३० सितंबर १८५६ टुफडी {೦ೆಿ दीरगति को प्राप्त ढुए थे। कुछ वर्प प्श्चात  নঃসানাs रानी इनकी विपवा मानवती बाईको महिला सेना ने एव उनके १६  वर्षीच पत्र चीर सिहको परु५ सेना नेभर्ती करतिचा। सन १८५६ म टीकमगर के दीवन नत्पे खाने यासी पर आकरमण किण। यासी केकिले मएक विशात तोप भवानीशकर थी নিমক না ৭ அlldl பfக ப6ப பகககி 1 कही লনী চ ক্ি তোমুসি স এলব সবা ননী 61 নন সানননী বাহর अपने पुत्र वीर सिह को महारानी के समक्ष बलिदान हत प्रस्तुत Knt rardrl#Wk rl किया लेकिन पुवा दीर सिह की कम उप को देखते ६ए रानी लक्ष्मीगईने नना कर दिपा तबवीर सिहने कहा मेरीमाकी गाशानवती कोदिय ಹaIIAC( iol a आज्ञा ह तथा शत्रुज से मातूभूमि की रक्षा करना मेरा परम शम देनपजाकयन  हे। डस तर्ह हसते हुए अपना शीश मातृभूगि के लिए तोप के शगषित हष ೫x পণক্চয স্রব ডি8া থা সণনী समध्ष अ्पित करदिया ا  सेना के खत्म होते मनोबत को चढाने के तिए नत्य खी ட !U9IP महारानी की ओर देगा सेवार करने की ओर बढा पह देख IFadlgಬina l    मानवतीने अपनी ठाल कररोका ओरभातेसेऐसा चार 351 किया नत्ये रखाके सिरपरकिपा कि वह मूर्णित होकर पोढ़़े स सूयकांत ताका ಣ( गिर पढा। जव वढ होश मे आपा तो उसे बढी ग्लानि दुरई कि एक महिता से मार खाकर न यहीश हीगयया।तयउसने  कपट पूर्वक दुपारा से मानवती जी पर ऐसा वार किपा  কিনচ शीरति को प्राप्त ढ्ुईा फिर झासी के ४ीर सपुनाच सिह नत्य  झांसी की रानी लक्ष्मी बाईकी प्रिय सहेली खोसो पुढ ऐढा ओर वह पराजित हो अपने अर४ शरन छोढ रणभूमि सेभाग खढा ढूआ। ड्स तर से हहपवशीप दीरागना  कुटुंब बलिदानी वीरांगना क्षत्राणी मानवती बाई  मानवती बाई के परिवारने अपनी मातृभूमि की रक्षा कै लिए बलिदान दिया। हम उनके इस त्याग को नमन करते ह - ShareChat