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#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5.X हास्य व्यंग में हम बचपन बांट चूंट कर खाते थे जब सेTeaवाला चाचा आया हम लूटपाट कर चोरी चकारी कर मारपीट कर काट पीट कर खाते हैं नीति/नियत बदली है यार 5.X हास्य व्यंग में हम बचपन बांट चूंट कर खाते थे जब सेTeaवाला चाचा आया हम लूटपाट कर चोरी चकारी कर मारपीट कर काट पीट कर खाते हैं नीति/नियत बदली है यार - ShareChat