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શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - कैवल स्ाहेब दीपावलीकी हादीक शुभकामनाऐ Q अद्वैता द्वैत नर्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरननको अंगः ८ व्याकरण पढ् पढ मुवे सकलको , विप्र विद कुल ध्रमे। बीन गुरू जबते अबलँग ल्यो, कुटुंब सहीत भवभरमे।।३६ g अनुवादः सद्गरु प्राप्ति के अतिरिक्त, प्रारम्भ से लेकर अब तकये सभी लोग अपने अपने परिवार्रों सहित सम्पूर्ण विश्वर्में जाकरवेदों काव्याकरणिक भाषा में अध्ययन और पारायण करते आये हें, जेसाकि ब्राह्मण कुलका कर्तव्य है। #RH सद्गुरुके लक्ष्य को प्राप्त  किए बिना ही, संसार भरर्में ब्राह्मण कुल में जन्म लेने वाले सभी लोग आदिकाल से लेकर आजतक अपने कर्तव्य आचरण का पालन करते आ रहे हैं।वे केवल व्याकरण सम्मत संस्कृत भाषा मेंलिखे गए चार्रों वेर्दोका अध्ययन करकेही विद्वान बन गएहैं। इस प्रकार, परिवार सहित सभी लोग मौत केशिकारहो गए, लेकिन उन्में सेकिसी को भीबचाया नहींजा सका। सत् कैवल परमात्मा Govindji | कैवल स्ाहेब दीपावलीकी हादीक शुभकामनाऐ Q अद्वैता द्वैत नर्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरननको अंगः ८ व्याकरण पढ् पढ मुवे सकलको , विप्र विद कुल ध्रमे। बीन गुरू जबते अबलँग ल्यो, कुटुंब सहीत भवभरमे।।३६ g अनुवादः सद्गरु प्राप्ति के अतिरिक्त, प्रारम्भ से लेकर अब तकये सभी लोग अपने अपने परिवार्रों सहित सम्पूर्ण विश्वर्में जाकरवेदों काव्याकरणिक भाषा में अध्ययन और पारायण करते आये हें, जेसाकि ब्राह्मण कुलका कर्तव्य है। #RH सद्गुरुके लक्ष्य को प्राप्त  किए बिना ही, संसार भरर्में ब्राह्मण कुल में जन्म लेने वाले सभी लोग आदिकाल से लेकर आजतक अपने कर्तव्य आचरण का पालन करते आ रहे हैं।वे केवल व्याकरण सम्मत संस्कृत भाषा मेंलिखे गए चार्रों वेर्दोका अध्ययन करकेही विद्वान बन गएहैं। इस प्रकार, परिवार सहित सभी लोग मौत केशिकारहो गए, लेकिन उन्में सेकिसी को भीबचाया नहींजा सका। सत् कैवल परमात्मा Govindji | - ShareChat