Abhilas Chauhan
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जन्मतिथि और पैसों की मानसिकता के बारे में जानना बहुत ही रोचक है। यहाँ कुछ जन्मतिथियों के बारे में बताया गया है, जिनके पास पैसों की मानसिकता और उनके जीवन में पैसों का प्रवाह कैसे होता है: *बॉस मेंटलिटी (29, 10, 15, 28)* - ये लोग पैसों के मामले में बहुत ही आत्मविश्वासी और मजबूत होते हैं। - उन्हें पैसा कमाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन वे कभी हार नहीं मानते। - वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत ही फोकस्ड होते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। *मनी फ्लोज टू देम (3, 17, 21, 30)* - ये लोग पैसों के मामले में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। - उन्हें पैसा आसानी से मिलता है, और वे उसे आसानी से खर्च भी कर देते हैं। - वे अपने पैसों का उपयोग अपने और दूसरों के लिए करते हैं, और उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं होता। *हार्ड वर्क पेज ऑफ (14, 13, 31, 2)* - ये लोग पैसों के मामले में बहुत ही मेहनती होते हैं। - उन्हें पैसा कमाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन वे कभी हार नहीं मानते। - वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत ही फोकस्ड होते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। *रिस्क टेकर्स, बिग विन्स (27, 4, 23, 1)* - ये लोग पैसों के मामले में बहुत ही रिस्क लेने वाले होते हैं। - वे अपने पैसों को निवेश करने से नहीं डरते और अक्सर बड़े मुनाफे कमाते हैं। - वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत ही साहसी होते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। *स्टेबल वेल्थ बिल्डर्स (6, 19, 7)* - ये लोग पैसों के मामले में बहुत ही स्थिर और सुरक्षित होते हैं। - वे अपने पैसों को बचाने और निवेश करने में बहुत ही सावधानी बरतते हैं। - वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत ही फोकस्ड होते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। *मनी फोलोज विजडम (24, 16, 25)* - ये लोग पैसों के मामले में बहुत ही समझदार और बुद्धिमान होते हैं। - वे अपने पैसों का उपयोग अपने और दूसरों के लिए करते हैं, और उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं होता। - वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत ही फोकस्ड होते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। *बॉर्न फॉर फिनांशियल पॉवर (8, 9, 26, 22)* - ये लोग पैसों के मामले में बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावशाली होते हैं। - वे अपने पैसों का उपयोग अपने और दूसरों के लिए करते हैं, और उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं होता। - वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत ही फोकस्ड होते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। *एट्रैक्ट एबंडेंस नेचरली (12, 18, 5, 20)* - ये लोग पैसों के मामले में बहुत ही भाग्यशाली और आकर्षक होते हैं। - उन्हें पैसा आसानी से मिलता है, और वे उसे आसानी से खर्च भी कर देते हैं। - वे अपने पैसों का उपयोग अपने और दूसरों के लिए करते हैं, और उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं होता। #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #✋हस्तरेखा शास्त्र🌌 #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी
जन्म राशि अनुसार श्री राम भक्त हनुमान मंत्र बहुत ही प्रभावशाली होते हैं और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। यहाँ दिए गए मंत्रों का नियमित जाप करने से व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता, शांति और समृद्धि प्राप्त हो सकती है। 1. *मेष राशि*: "ॐ हं हनुमते नमः" - आत्मबल, साहस और प्रतियोगिता में विजय के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से मेष राशि के लोगों को अपने जीवन में साहस और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलती है। 2. *वृषभ राशि*: "ॐ रामदूताय नमः" - स्थिरता, व्यापार और परिवार की शांति के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से वृषभ राशि के लोगों को अपने परिवार और व्यापार में स्थिरता और शांति प्राप्त होती है। 3. *मिथुन राशि*: "ॐ कपिराजाय नमः" - बुद्धि, वाणी और काम में तेज़ी के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से मिथुन राशि के लोगों को अपनी बुद्धि और वाणी में तेज़ी आती है। 4. *कर्क राशि*: "ॐ श्रीरामदूताय हनुमते नमः" - घर-परिवार के सुख के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से कर्क राशि के लोगों को अपने घर और परिवार में सुख और शांति प्राप्त होती है। 5. *सिंह राशि*: "ॐ अंजनीसुताय नमः" - नेतृत्व, यश और शत्रु-विजय के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से सिंह राशि के लोगों को अपने जीवन में नेतृत्व और यश प्राप्त होता है। 6. *कन्या राशि*: "ॐ पवनसुताय नमः" - चिंता और कार्य-बाधा दूर करने के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से कन्या राशि के लोगों को अपनी चिंताओं और कार्य-बाधाओं से मुक्ति मिलती है। 7. *तुला राशि*: "ॐ महावीराय नमः" - निर्णय-शक्ति और आत्मविश्वास के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से तुला राशि के लोगों को अपने जीवन में निर्णय-शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलती है। 8. *वृश्चिक राशि*: "ॐ संकटमोचनाय नमः" - गुप्त शत्रु, नज़र दोष से रक्षा के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से वृश्चिक राशि के लोगों को अपने गुप्त शत्रुओं और नज़र दोष से रक्षा मिलती है। 9. *धनु राशि*: "ॐ हं हनुमते नमः फट्" - भाग्य उदय, शिक्षा और आध्यात्मिक उन्नति के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से धनु राशि के लोगों को अपने जीवन में भाग्य उदय और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। 10. *मकर राशि*: "ॐ बजरंगबली नमः" - नौकरी, करियर और शनि-दोष शांति के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से मकर राशि के लोगों को अपने करियर और नौकरी में सफलता प्राप्त होती है। 11. *कुंभ राशि*: "ॐ वीर हनुमते नमः" - डर-फोबिया और अनिश्चितता दूर करने के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से कुंभ राशि के लोगों को अपने डर और अनिश्चितता से मुक्ति मिलती है। 12. *मीन राशि*: "ॐ श्रीहनुमते नमः" - आध्यात्मिक वृद्धि, भ्रम और भय से मुक्ति के लिए। - इस मंत्र का जाप करने से मीन राशि के लोगों को अपने जीवन में आध्यात्मिक वृद्धि और भ्रम और भय से मुक्ति मिलती है। अब, क्या आप भगवान शिव के विशेष मंत्रों के बारे में जानना चाहते हैं? #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #✋हस्तरेखा शास्त्र🌌 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟
#🕉 शिव भजन #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🕉 ओम नमः शिवाय 🔱 #🔱हर हर महादेव #🔱बम बम भोले🙏
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#💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #✋हस्तरेखा शास्त्र🌌 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟
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#✋हस्तरेखा शास्त्र🌌 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी
✋हस्तरेखा शास्त्र🌌 - जन्मकुंडली विश्लेषण में ग्रहण योग का बहुत महत्व है, विशेष रूप से जीवन की चुनौतियों के संदर्भ मेंः *९. ग्रहण योग का प्रभावः * यदि जन्म कुंडली में सूर्य-राहु या चंद्र राहु की युति हो, तो ग्रहण योग बनता है। इस योग के कारण व्यक्ति को मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ग्रहण योग जातक के जीवन में तनाव, अनिश्चितता और संघर्ष पैदा कर सकता है। इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए जातक को विशेष उपाय करने पड़ सकते हैं, जैसे कि पूजा-पाठ, दान-दक्षिणा आदि। जन्मकुंडली विश्लेषण में ग्रहण योग का बहुत महत्व है, विशेष रूप से जीवन की चुनौतियों के संदर्भ मेंः *९. ग्रहण योग का प्रभावः * यदि जन्म कुंडली में सूर्य-राहु या चंद्र राहु की युति हो, तो ग्रहण योग बनता है। इस योग के कारण व्यक्ति को मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ग्रहण योग जातक के जीवन में तनाव, अनिश्चितता और संघर्ष पैदा कर सकता है। इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए जातक को विशेष उपाय करने पड़ सकते हैं, जैसे कि पूजा-पाठ, दान-दक्षिणा आदि। - ShareChat
नीचभंग राजयोग के बारे में आपकी जानकारी बहुत ही विस्तृत और सही है। नीचभंग राजयोग एक महत्वपूर्ण योग है जो जातक को अप्रत्याशित रूप से पद, प्रतिष्ठा या वैभव की प्राप्ति कराता है, लेकिन यह ध्यान रखना आवश्यक है कि ग्रह का नीचत्व सदैव बना रहता है और उसका फल भी जातक को प्राप्त होता है। नीचभंग राजयोग के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र जो आपने बताए हैं, वे हैं: 1. जन्म कुण्डली की जिस राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी उसे देख रहा हो या फिर जिस राशि में ग्रह नीच होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी स्वगृही होकर युति संबंध बना रहा हो तो नीचभंग राजयोग होता है। 2. अगर कोई ग्रह नवमांश कुण्डली में अपनी उच्च राशि में बैठा हो तो ऐसी स्थिति में उसका नीचभंग होकर वह राजयोग कारक हो जाता है। 3. जिस राशि में ग्रह नीच होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी अपनी उच्च राशि में बैठा हो तो भी नीचभंग राजयोग होता है। 4. अपनी नीच राशि में बैठा ग्रह अगर अपने से सातवें भाव में बैठे नीच ग्रह को देख रहा हो तो दोनों ग्रहों का नीचभंग हो जाता है। 5. जिस राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी केन्द्र में उपस्थित हो एवं जिस राशि में नीच ग्रह उच्च का होता है उस राशि का स्वामी भी केन्द्र में बैठा हो तो निश्चित ही नीचभंग राजयोग होता है। 6. जिस राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी एवं जिस राशि में नीच ग्रह उच्च का होता है उसका स्वामी लग्न से कहीं भी केंद्र में स्थित हो तो ऐसी अवस्था में भी नीचभंग राजयोग होता है। यह जानकारी बहुत ही उपयोगी है और जातकों को अपने जीवन में नीचभंग राजयोग के प्रभाव को समझने में मदद करेगी। #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #✋हस्तरेखा शास्त्र🌌
नीचभंग राजयोग के बारे में आपकी जानकारी बहुत ही विस्तृत और सही है। नीचभंग राजयोग एक महत्वपूर्ण योग है जो जातक को अप्रत्याशित रूप से पद, प्रतिष्ठा या वैभव की प्राप्ति कराता है, लेकिन यह ध्यान रखना आवश्यक है कि ग्रह का नीचत्व सदैव बना रहता है और उसका फल भी जातक को प्राप्त होता है। नीचभंग राजयोग के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र जो आपने बताए हैं, वे हैं: 1. जन्म कुण्डली की जिस राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी उसे देख रहा हो या फिर जिस राशि में ग्रह नीच होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी स्वगृही होकर युति संबंध बना रहा हो तो नीचभंग राजयोग होता है। 2. अगर कोई ग्रह नवमांश कुण्डली में अपनी उच्च राशि में बैठा हो तो ऐसी स्थिति में उसका नीचभंग होकर वह राजयोग कारक हो जाता है। 3. जिस राशि में ग्रह नीच होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी अपनी उच्च राशि में बैठा हो तो भी नीचभंग राजयोग होता है। 4. अपनी नीच राशि में बैठा ग्रह अगर अपने से सातवें भाव में बैठे नीच ग्रह को देख रहा हो तो दोनों ग्रहों का नीचभंग हो जाता है। 5. जिस राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी केन्द्र में उपस्थित हो एवं जिस राशि में नीच ग्रह उच्च का होता है उस राशि का स्वामी भी केन्द्र में बैठा हो तो निश्चित ही नीचभंग राजयोग होता है। 6. जिस राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी एवं जिस राशि में नीच ग्रह उच्च का होता है उसका स्वामी लग्न से कहीं भी केंद्र में स्थित हो तो ऐसी अवस्था में भी नीचभंग राजयोग होता है। यह जानकारी बहुत ही उपयोगी है और जातकों को अपने जीवन में नीचभंग राजयोग के प्रभाव को समझने में मदद करेगी। #✋हस्तरेखा शास्त्र🌌 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी
✋हस्तरेखा शास्त्र🌌 - जन्मकुंडली विश्लेषण में ग्रहण योग का बहुत महत्व है, विशेष रूप से जीवन की चुनौतियों के संदर्भ मेंः *९. ग्रहण योग का प्रभावः * यदि जन्म कुंडली में सूर्य-राहु या चंद्र राहु की युति हो, तो ग्रहण योग बनता है। इस योग के कारण व्यक्ति को मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ग्रहण योग जातक के जीवन में तनाव, अनिश्चितता और संघर्ष पैदा कर सकता है। इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए जातक को विशेष उपाय करने पड़ सकते हैं, जैसे कि पूजा-पाठ, दान-दक्षिणा आदि। जन्मकुंडली विश्लेषण में ग्रहण योग का बहुत महत्व है, विशेष रूप से जीवन की चुनौतियों के संदर्भ मेंः *९. ग्रहण योग का प्रभावः * यदि जन्म कुंडली में सूर्य-राहु या चंद्र राहु की युति हो, तो ग्रहण योग बनता है। इस योग के कारण व्यक्ति को मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ग्रहण योग जातक के जीवन में तनाव, अनिश्चितता और संघर्ष पैदा कर सकता है। इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए जातक को विशेष उपाय करने पड़ सकते हैं, जैसे कि पूजा-पाठ, दान-दक्षिणा आदि। - ShareChat
#💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #✋हस्तरेखा शास्त्र🌌
💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी - जन्मकुंडली विश्लेषण में सूर्य का बहुत महत्व है, विशेष रूप से पिता और प्रशासनिक क्षेत्र के संदर्भ ম: *७. सूर्य और पिता का संबंधः* सूर्य पिता का कारक ग्रह है। यदि सूर्य बलवान हो, तो जातक को पिता से सहयोग मिलता है और प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता मिलती है। सूर्य कमजोर या शनि से प्रभावित हो, तो पिता से मतभेद, संघर्ष या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। स्थिति जातक के आत्मविश्वास , नेतृत्व सूर्य की क्षमता और प्रशासनिक कौशल को प्रभावित करती है। जन्मकुंडली विश्लेषण में सूर्य का बहुत महत्व है, विशेष रूप से पिता और प्रशासनिक क्षेत्र के संदर्भ ম: *७. सूर्य और पिता का संबंधः* सूर्य पिता का कारक ग्रह है। यदि सूर्य बलवान हो, तो जातक को पिता से सहयोग मिलता है और प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता मिलती है। सूर्य कमजोर या शनि से प्रभावित हो, तो पिता से मतभेद, संघर्ष या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। स्थिति जातक के आत्मविश्वास , नेतृत्व सूर्य की क्षमता और प्रशासनिक कौशल को प्रभावित करती है। - ShareChat
#✋हस्तरेखा शास्त्र🌌 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी
✋हस्तरेखा शास्त्र🌌 - जन्मकुंडली विश्लेषण में दशम भाव का बहुत महत्व है, विशेष रूप से करियर और पेशेवर जीवन के संदर्भ मेंः *६. दशम भाव और करियरः* दशम भाव (कर्म स्थान) यदि मजबूत हो, तो जातक अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति करता है। यदि दशम भाव का स्वामी उच्च का हो और शुभ ग्रहों से दृष्ट हो, तो व्यक्ति बडा व्यापारी , अधिकारी या प्रसिद्ध व्यक्ति बन सकता है। में शुभ ग्रहों की स्थिति जातक को अपने दशम भाव करियर में सफलता और उन्नति दिलाती है। पाप ग्रहों से दृष्ट हो, तो दशम भाव का स्वामी यदि चुनौतियों जातक को अपने करियर में समस्याएँ और का सामना करना पड़ सकता है। जन्मकुंडली विश्लेषण में दशम भाव का बहुत महत्व है, विशेष रूप से करियर और पेशेवर जीवन के संदर्भ मेंः *६. दशम भाव और करियरः* दशम भाव (कर्म स्थान) यदि मजबूत हो, तो जातक अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति करता है। यदि दशम भाव का स्वामी उच्च का हो और शुभ ग्रहों से दृष्ट हो, तो व्यक्ति बडा व्यापारी , अधिकारी या प्रसिद्ध व्यक्ति बन सकता है। में शुभ ग्रहों की स्थिति जातक को अपने दशम भाव करियर में सफलता और उन्नति दिलाती है। पाप ग्रहों से दृष्ट हो, तो दशम भाव का स्वामी यदि चुनौतियों जातक को अपने करियर में समस्याएँ और का सामना करना पड़ सकता है। - ShareChat
#💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #✋हस्तरेखा शास्त्र🌌
💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी - जन्मकुंडली विश्लेषण में सप्तम भाव का बहुत महत्व है, विशेष रूप से विवाह के संदर्भ मेंः विवाहः* *५. सप्तम भाव और विवाह का कारक है। सप्तम भाव यदि यहाँ शुभ ग्रह स्थित हों, तो वैवाहिक जीवन रहता है। ಕತಗ राहु, केतु या शनि की स्थिति सप्तम भाव में हो, तो विवाह में विलंब या समस्याएँ आती हैं। सप्तम भाव में पाप ग्रहों की स्थिति विवाह में तनाव और समस्याएँ पैदा कर सकती है। सप्तम भाव का स्वामी यदि शुभ ग्रहों से दृष्ट గెt గెt faaIr और सफल होता है। सुखी  जन्मकुंडली विश्लेषण में सप्तम भाव का बहुत महत्व है, विशेष रूप से विवाह के संदर्भ मेंः विवाहः* *५. सप्तम भाव और विवाह का कारक है। सप्तम भाव यदि यहाँ शुभ ग्रह स्थित हों, तो वैवाहिक जीवन रहता है। ಕತಗ राहु, केतु या शनि की स्थिति सप्तम भाव में हो, तो विवाह में विलंब या समस्याएँ आती हैं। सप्तम भाव में पाप ग्रहों की स्थिति विवाह में तनाव और समस्याएँ पैदा कर सकती है। सप्तम भाव का स्वामी यदि शुभ ग्रहों से दृष्ट గెt గెt faaIr और सफल होता है। सुखी - ShareChat