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#रात्रिस्वप्न #स्वप्नशास्त्र
अगर स्वप्न ब्रह्म मुहूर्त सुबह (3 बजे से 5:30 मिनट)तक आते हैं तो वह स्वप्न आने वाले १ महीने में सत्य होते हैं। बाक़ी के सपने सच होने में विलंब होता है ।आज हम जानकारी लेंगे स्वप्न तथा उनसे प्राप्त होने वाले संभावित फल के बारे मैं:-
1- सांप दिखाई देना- धन लाभ
2- नदी देखना- सौभाग्य में वृद्धि
3- नाच-गाना देखना- अशुभ समाचार मिलने के योग
4- नीलगाय देखना- भौतिक सुखों की प्राप्ति
5- नेवला देखना- शत्रुभय से मुक्ति
6- पगड़ी देखना- मान-सम्मान में वृद्धि
7- पूजा होते हुए देखना- किसी योजना का लाभ मिलना
8- फकीर को देखना- अत्यधिक शुभ फल
9- गाय का बछड़ा देखना- कोई अच्छी घटना होना
10- वसंत ऋतु देखना- सौभाग्य में वृद्धि
11- स्वयं की बहन को देखना- परिजनों में प्रेम बढऩा
12- बिल्वपत्र देखना- धन-धान्य में वृद्धि
13- भाई को देखना- नए मित्र बनना
14- भीख मांगना- धन हानि होना
15- शहद देखना- जीवन में अनुकूलता
16- स्वयं की मृत्यु देखना- भयंकर रोग से मुक्ति
17- रुद्राक्ष देखना- शुभ समाचार मिलना
18- पैसा दिखाई- देना धन लाभ
19- स्वर्ग देखना- भौतिक सुखों में वृद्धि
20- पत्नी को देखना- दांपत्य में प्रेम बढ़ना
21- स्वस्तिक दिखाई देना- धन लाभ होना
22- हथकड़ी दिखाई देना- भविष्य में भारी संकट
23- मां सरस्वती के दर्शन- बुद्धि में वृद्धि
24- कबूतर दिखाई देना- रोग से छुटकारा
25- कोयल देखना- उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति
26- अजगर दिखाई देना- व्यापार में हानि
27- कौआ दिखाई देना- बुरी सूचना मिलना
28- छिपकली दिखाई देना- घर में चोरी होना
29- चिडिय़ा दिखाई देना- नौकरी में पदोन्नति
30- तोता दिखाई देना- सौभाग्य में वृद्धि
31- भोजन की थाली देखना- धनहानि के योग
32- इलाइची देखना- मान-सम्मान की प्राप्ति
33- खाली थाली देखना- धन प्राप्ति के योग
34- गुड़ खाते हुए देखना- अच्छा समय आने के संकेत
35- शेर दिखाई देना- शत्रुओं पर विजय
36- हाथी दिखाई देना- ऐेश्वर्य की प्राप्ति
37- कन्या को घर में आते देखना- मां लक्ष्मी की कृपा मिलना
38- सफेद बिल्ली देखना- धन की हानि
39- दूध देती भैंस देखना- उत्तम अन्न लाभ के योग
40- चोंच वाला पक्षी देखना- व्यवसाय में लाभ
41- स्वयं को दिवालिया घोषित करना- व्यवसाय चौपट होना
42- चिडिय़ा को रोते देखता- धन-संपत्ति नष्ट होना
43- चावल देखना- किसी से शत्रुता समाप्त होना
44- चांदी देखना- धन लाभ होना
45- दलदल देखना- चिंताएं बढऩा
46- कैंची देखना- घर में कलह होना
47- सुपारी देखना- रोग से मुक्ति
48- लाठी देखना- यश बढऩा
49- खाली बैलगाड़ी देखना- नुकसान होना
50- खेत में पके गेहूं देखना- धन लाभ होना
51- किसी रिश्तेदार को देखना- उत्तम समय की शुरुआत
52- तारामंडल देखना- सौभाग्य की वृद्धि
53- ताश देखना- समस्या में वृद्धि
54- तीर दिखाई- देना लक्ष्य की ओर बढऩा
55- सूखी घास देखना- जीवन में समस्या
56- भगवान शिव को देखना- विपत्तियों का नाश
57- त्रिशूल देखना- शत्रुओं से मुक्ति
58- दंपत्ति को देखना- दांपत्य जीवन में अनुकूलता
59- शत्रु देखना- उत्तम धनलाभ
60- दूध देखना- आर्थिक उन्नति
61- धनवान व्यक्ति देखना- धन प्राप्ति के योग
62- दियासलाई जलाना- धन की प्राप्ति
63- सूखा जंगल देखना- परेशानी होना
64- मुर्दा देखना- बीमारी दूर होना
65- आभूषण देखना- कोई कार्य पूर्ण होना
66- जामुन खाना- कोई समस्या दूर होना
67- जुआ खेलना- व्यापार में लाभ
68- धन उधार देना- अत्यधिक धन की प्राप्ति
69- चंद्रमा देखना- सम्मान मिलना
70- चील देखना- शत्रुओं से हानि
71- फल-फूल खाना- धन लाभ होना
72- सोना मिलना- धन हानि होना
73- शरीर का कोई अंग कटा हुआ देखना- किसी परिजन की मृत्यु के योग
74- कौआ देखना- किसी की मृत्यु का समाचार मिलना
75- धुआं देखना- व्यापार में हानि
76- चश्मा लगाना- ज्ञान में बढ़ोत्तरी
77- भूकंप देखना- संतान को कष्ट
78- रोटी खाना- धन लाभ और राजयोग
79- पेड़ से गिरता हुआ देखना किसी रोग से मृत्यु होना
80- श्मशान में शराब पीना- शीघ्र मृत्यु होना
81- रुई देखना- निरोग होने के योग
82- कुत्ता देखना- पुराने मित्र से मिलन
83- सफेद फूल देखना- किसी समस्या से छुटकारा
84- उल्लू देखना- धन हानि होना
85- सफेद सांप काटना- धन प्राप्ति
86- लाल फूल देखना- भाग्य चमकना
87- नदी का पानी पीना- सरकार से लाभ
88- धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाना- यश में वृद्धि व पदोन्नति
89- कोयला देखना- व्यर्थ विवाद में फंसना
90- जमीन पर बिस्तर लगाना- दीर्घायु और सुख में वृद्धि
91- घर बनाना- प्रसिद्धि मिलना
92- घोड़ा देखना- संकट दूर होना
93- घास का मैदान देखना- धन लाभ के योग
94- दीवार में कील ठोकना- किसी बुजुर्ग व्यक्ति से लाभ
95- दीवार देखना- सम्मान बढऩा
96- बाजार देखना- दरिद्रता दूर होना
97- मृत व्यक्ति को पुकारना- विपत्ति एवं दुख मिलना
98- मृत व्यक्ति से बात करना- मनचाही इच्छा पूरी होना
99- मोती देखना- पुत्री प्राप्ति
100- लोमड़ी देखना- किसी घनिष्ट व्यक्ति से धोखा मिलना
101- गुरु दिखाई देना- सफलता मिलना
102- गोबर देखना- पशुओं के व्यापार में लाभ
103- देवी के दर्शन करना- रोग से मुक्ति
104- चाबुक दिखाई देना- झगड़ा होना
105- चुनरी दिखाई देना- सौभाग्य की प्राप्ति
106- छुरी दिखना- संकट से मुक्ति
107- बालक दिखाई देना- संतान की वृद्धि
108- बाढ़ देखना- व्यापार में हानि
109- जाल देखना- मुकद्में में हानि
110- जेब काटना- व्यापार में घाटा
111- चेक लिखकर देना- विरासत में धन मिलना
112- कुएं में पानी देखना- धन लाभ
113- आकाश देखना- पुत्र प्राप्ति
114- अस्त्र-शस्त्र देखना- मुकद्में में हार
115- इंद्रधनुष देखना- उत्तम स्वास्थ्य
116- कब्रिस्तान देखना- समाज में प्रतिष्ठा
117- कमल का फूल देखना- रोग से छुटकारा
118- सुंदर स्त्री देखना- प्रेम में सफलता
119- चूड़ी देखना- सौभाग्य में वृद्धि
120- कुआं देखना- सम्मान बढऩा
121- अनार देखना- धन प्राप्ति के योग
122- गड़ा धन दिखाना- अचानक धन लाभ
123- सूखा अन्न खाना- परेशानी बढऩा
124- अर्थी देखना- बीमारी से छुटकारा
125- झरना देखना- दु:खों का अंत होना
126- बिजली गिरना- संकट में फंसना
127- चादर देखना- बदनामी के योग
128- जलता हुआ दीया देखना- आयु में वृद्धि
129- धूप देखना- पदोन्नति और धनलाभ
130- रत्न देखना- व्यय एवं दु:ख 131- चंदन देखना- शुभ समाचार मिलना
132- जटाधारी साधु देखना- अच्छे समय की शुरुआत
133- स्वयं की मां को देखना- सम्मान की प्राप्ति
134- फूलमाला दिखाई देना- निंदा होना
135- जुगनू देखना- बुरे समय की शुरुआत
136- टिड्डी दल देखना- व्यापार में हानि
137- डाकघर देखना- व्यापार में उन्नति
138- डॉक्टर को देखना- स्वास्थ्य संबंधी समस्या
139- ढोल दिखाई देना- किसी दुर्घटना की आशंका
140- मंदिर देखना- धार्मिक कार्य में सहयोग करना
141- तपस्वी दिखाई- देना दान करना
142- तर्पण करते हुए देखना- परिवार में किसी बुर्जुग की मृत्यु
143- डाकिया देखना- दूर के रिश्तेदार से मिलना
144- तमाचा मारना- शत्रु पर विजय
145- उत्सव मनाते हुए देखना- शोक होना
146- दवात दिखाई देना- धन आगमन
147- नक्शा देखना- किसी योजना में सफलता
148- नमक देखना- स्वास्थ्य में लाभ
149- कोर्ट-कचहरी देखना- विवाद में पडऩा
150- पगडंडी देखना- समस्याओं का निराकरण
151- सीना या आंख खुजाना- धन लाभ
#❤️जीवन की सीख
खुले बाल , शोक और अशुद्दि की निशानी
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आजकल माताये बहने फैशन के चलते कैसा अनर्थ कर रही है पुरा पढें
रामायण में बताया गया है, जब देवी सीता का श्रीराम से विवाह होने वाला था, उस समय उनकी माता सुनयना ने उनके बाल बांधते हुए उनसे कहा था, विवाह उपरांत सदा अपने केश बांध कर रखना।
बंधे हुए लंबे बाल आभूषण सिंगार होने के साथ साथ संस्कार व मर्यादा में रहना सिखाते हैं।
ये सौभाग्य की निशानी है ,
एकांत में केवळ अपने पति के लिए इन्हें खोलना।
हजारो लाखो वर्ष पूर्व हमारे ऋषि मुनियो ने शोध कर यह अनुभव किया कि सिर के काले बाल को पिरामिड नुमा बनाकर सिर के उपरी ओर या शिखा के उपर रखने से वह सूर्य से निकली किरणो को अवशोषित करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है। जिससे चेहरे की आभा चमकदार , शरीर सुडौल व बलवान होता है।
यही कारण है कि गुरुनानक देव व अन्य सिक्ख गुरूओ ने बाल रक्षा के असाधारण महत्त्व को समझकर धर्म का एक अंग ही बना लिया। लेकिन वे कभी भी बाल को खोलकर नही रखे ,
ऋषी मुनियो व साध्वीयो ने हमेशा बाल को बांध कर ही रखा। भारतीय आचार्यो ने बाल रक्षा का प्रयोग , साधना काल में ही किया इसलिय आज भी किसी लंबे अनुष्ठान , नवरात्री पर्व , श्रावण मास , तथा श्राद्ध पर्व आदि में नियम पूर्वक बाल रक्षा कर शक्ति अर्जन किया जाता है।
महिलाओं के लिए केश सवांरना अत्यंत आवश्यक है उलझे एवं बिखरे हुए बाळ अमंगलकारी कहे गए है। - कैकेई का कोपभवन में बिखरे बालों में रुदन करना और अयोध्या का अमंगल होना।
पति से वियुक्त तथा शोक में डुबी हुई स्त्री ही बाल खुले रखती है --- जैसे अशोक वाटिका में सीता
रजस्वला स्त्री , खुले बाल रखती है ,जैसे ---
चीर हरण से पूर्व द्रोपदी , उस वक्त द्रोपदी रजस्वला थी ,जब दुःशासन खींचकर लाया
तब द्रोपदी ने प्रतीज्ञा की थी कि-- मैं अपने बाल तब बाँधुंगी जब दुःसासन के रक्त से धोऊँगी ---
जब रावण देवी सीता का हरण करता है तो उन्हें केशों से पकड़ कर अपने पुष्पक विमान में ले जाता है। अत: उसका और उसके वंश का नाश हो गया।
महाभारत युद्ध से पूर्व कौरवों ने द्रौपदी के बालों पर हाथ डाला था, उनका कोई भी अंश जीवित न रहा।
कंस ने देवकी की आठवीं संतान को जब बालों से पटक कर मारना चाहा तो वह उसके हाथों से निकल कर महामाया के रूप में अवतरित हुई।
कंस ने भी अबला के बालों पर हाथ डाला तो उसके भी संपूर्ण राज-कुल का नाश हो गया।।
सौभाग्यवती स्त्री के बालों को सम्मान की निशानी कही गयी है।
दक्षिण भारतीय की कुछ महिलाएं मनन्त - संकल्प आदि के चलते बाळा जी में केश मुंडन करवा लेती हैं ।
लेकिन भारत के अन्य क्षेत्रो में ऐसी कोई प्रथा नहीं है । कोई महिला जब विधवा हो जाती हैं तभी उनके बाल छोटे करवा दिए जाते हैं। या जो विधवा महिलाये अपने पति के अस्थि विसर्जन को तीर्थ जाती है। वे ही बाल मुंडन करवाती है ।
अर्थात विधवा ही मुण्डन करवाती हैं , सौभाग्यवती नहीं।
गरुड पुराण के अनुसार बालों में काम का वास रहता है | बालों का बार बार स्पर्श करना दोष कारक बताया गया है। क्योकि बालों को अशुध्दी माना गया है इसलिय कोई भी जप अनुष्ठान ,चूड़ाकरण , यज्ञोपवीत, आदि-२ शुभाशुभ कृत्यों में क्षौर कर्म कराया जाता है |
तथा शिखाबन्धन कर पश्चात हस्त प्रक्षालन कर शुद्ध किया जाता है।
दैनिक दिनचर्या में भी स्नान पश्चात बालों में तेल लगाने के बाद उसी हाथ से शरीर के किसी भी अंग में तेल न लगाएं हाथों को धो लें।
भोजन आदि में बाल आ जाय तो उस भोजन को ही हटा दिया जाता है।
मुण्डन या बाळ कटाने के बाद शुद्ध स्नान आवश्यक बताया गया है। बडे यज्ञ अनुष्ठान आदि में मुंडन तथा हर शुद्धिकर्म में सभी बालो (शिरस्, मुख और कक्ष) के मुण्डन का विधान हैं ।
बालों के द्वारा बहुत सा तन्त्र क्रिया होती है जैसे वशीकरण यदि कोई स्त्री खुले बाल करके निर्जन स्थान या... ऐसा स्थान जहाँ पर किसी की अकाल मृत्यु हुई है.. ऐसे स्थान से गुजरती है तो अवश्य ही प्रेत बाधा का योग बन जायेगा.।।
वर्तमान समय में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से महिलाये खुले बाल करके रहना चाहते हैं, और जब बाल खुले होगें तो आचरण भी स्वछंद ही होगा।
अनेक वैज्ञानिको जैसे इंग्लैंड के डॉ स्टैनले हैल , अमेरिका के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ गिलार्ड थॉमस आदि ने पश्चिम देश के महिलाओ की बडी संख्या पर निरीक्षण के आधार पर लिखा कि केवल 4 प्रतिशत महिलाय ही शारीरिक रूप से पत्नी व माँ बनने के योग्य है शेष 96 प्रतिशत स्त्रिया , बाल कटाने के कारण पुरुष भाव को ग्रहण कर लेने के कारण माँ बनने के लिये अयोग्य है
भारतीय महिलाओ में भी इस फैशन रुपी कुप्रथा का प्रवाह शुरु हो चुका है।
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अभार देव शर्मा
#🤗 अच्छी सेहत का राज *घूमना क्यों ज़रूरी है* *निम्नलिखित को पढ़ें*
*लिपिड प्रोफाइल क्या है* ?
एक प्रसिद्ध डॉक्टर ने *लिपिड प्रोफाइल को बहुत ही बेहतरीन ढंग से समझाया* और अनोखे तरीके से समझाने वाली एक खूबसूरत *कहानी साझा की*।
`कल्पना कीजिए कि हमारा शरीर एक छोटा-सा कस्बा है। इस कस्बे में सबसे बड़े उपद्रवी हैं -` *कोलेस्ट्रॉल।*
`इनके कुछ साथी भी हैं। इनका मुख्य अपराध में भागीदार है -` *ट्राइग्लिसराइड।*
इनका काम है - *गलियों में घूमते रहना, अफरा-तफरी मचाना और रास्तों को ब्लॉक करना*।
*दिल* इस कस्बे का *सिटी सेंटर* है। सारी सड़कें दिल की ओर जाती हैं।
जब ये *उपद्रवी बढ़ने* लगते हैं तो आप समझ ही सकते हैं क्या होता है। *ये दिल के काम में रुकावट डालने की कोशिश करते हैं*।
लेकिन हमारे शरीर-कस्बे के पास एक *पुलिस बल* भी तैनात है -
*HDL*
वो अच्छा पुलिसवाला इन उपद्रवियों को पकड़कर जेल *(लिवर)* में डाल देता है।
फिर लिवर इनको शरीर से बाहर निकाल देता है – *हमारे ड्रेनेज सिस्टम के ज़रिए*।
लेकिन एक बुरा पुलिसवाला भी है - *LDL* जो सत्ता का भूखा है।
LDL इन *उपद्रवियों को जेल से निकालकर फिर से सड़कों पर छोड़ देता है*।
जब अच्छा पुलिसवाला *HDL* कम हो जाता है तो *पूरा कस्बा अस्त-व्यस्त हो जाता है*।
ऐसे कस्बे में कौन रहना चाहेगा?
क्या आप इन *उपद्रवियों को कम करना और अच्छे पुलिसवालों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं*?
*चलना* *शुरू कीजिए*!
हर *कदम के साथ HDL* बढ़ेगा, और *कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड* और *LDL* जैसे *उपद्रवी कम होंगे*।
आपका *शरीर (कस्बा) फिर से जीवंत हो उठेगा*।
आपका दिल – *सिटी सेंटर – उपद्रवियों की ब्लॉकेज *(हार्ट ब्लॉक)* से सुरक्षित रहेगा।
और *जब दिल स्वस्थ होगा तो आप भी स्वस्थ रहेंगे*।
इसलिए जब भी मौका मिले – चलना शुरू कीजिए!
*स्वस्थ रहें...* और
*अच्छे स्वास्थ्य* की कामना
*यह लेख HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ाने और LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) कम करने का बेहतरीन तरीका बताता है यानी चलना।*
*हर कदम HDL को बढ़ाता है*।
इसलिए – *चलो, चलो और चलते रहो।*
`यह चीजें कम करें:-`
1. *नमक*
2. *चीनी*
3. *ब्लीच किया हुआ मैदा*
4. *डेयरी उत्पाद*
5. *प्रोसेस्ड फूड्स*
*यह सब रोज खाएं:-*
1. *सब्जियां*
2. *दालें*
3. *बीन्स*
4. *मेवे*
5. *कोल्ड प्रेस्ड तेल*
6. *फल*
*तीन चीजें जिन्हें भूलने की कोशिश करें:*
1. अपनी उम्र
2. अपना अतीत
3. अपनी शिकायतें
*चार जरूरी चीजें जिन्हें अपनाएं:*
1. *अपना परिवार*
2. *अपने दोस्त*
3. *सकारात्मक सोच*
4. *स्वच्छ और स्वागत भरा घर*
*तीन मूलभूत बातें जिन्हें अपनाना चाहिए:*
1. *हमेशा मुस्कराएं*
2. अपनी गति से नियमित शारीरिक गतिविधि करें
3. अपने वजन की जांच और नियंत्रण करें
*छः आवश्यक जीवन-शैली जो आपको अपनानी चाहिए:*
1. पानी पीने के लिए तब तक *प्रतीक्षा न करें* जब तक आप प्यासे न हों।
2. आराम करने के लिए तब तक *प्रतीक्षा न करें* जब तक आप थके नहीं।
3. चिकित्सीय परीक्षणों के लिए तब तक *प्रतीक्षा न करें* जब तक आप बीमार न हों।
4. चमत्कारों की प्रतीक्षा न करें, *भगवान पर भरोसा रखें*।
5. कभी भी अपने आप पर से *विश्वास न खोएं*।
6. *सकारात्मक रहें* और हमेशा एक *बेहतर कल की आशा रखें*।
यदि आपके मित्र हैं इस आयु सीमा में *(45-80 वर्ष)* कृपया उन्हें यह भेजें।
*इस जीवन शैली को अपनाकर और स्वस्थ, हरदम मुस्कुराते रहें*🌹🤗
#🙏 प्रेरणादायक विचार #☝ मेरे विचार #👌 अच्छी सोच👍 #🌸पॉजिटिव मंत्र #✍️ जीवन में बदलाव
॥ चन्द्र स्तोत्रम् ॥
जिन्हें मन शान्ति चाहिए, वे इसे ज़रूर पढ़ें
श्वेताम्बरोज्ज्वलतनुं सितमाल्यगन्धं
श्वेताश्वयुक्तरथगं सुरसेविताङ्घ्रिम्।
दोर्भ्यां धृताभयगदं वरदं सुधांशुं
श्रीवत्समौक्तिकधरं प्रणमामि चन्द्रम्॥१॥
कलानिधिं कान्तरूपं केयूरमकुटोज्ज्वलम्।
वरदं वन्द्यचरणं वासुदेवस्य लोचनम्॥२॥
वसुधाह्लादनकरं विधुं तं प्रणमाम्यहम्।
श्वेतमाल्याम्बरधरं श्वेतगन्धानुलेपनम्॥३॥
श्वेतछत्रोल्लसन्मौलिं शशिनं प्रणमाम्यहम्।
सर्वं जगज्जीवयसि सुधारसमयैः करैः॥४॥
सोम देहि ममारोग्यं सुधापूरितमण्डलम्।
राजा त्वं ब्राह्मणानां च रमाया अपि सोदरः॥५॥
राजा नाथश्चौषधीनां रक्ष मां रजनीकर।
शङ्करस्य शिरोरत्नं शार्ङ्गिणश्च विलोचनम्॥६॥
तारकाणामधीशस्त्वं तारयाऽस्मान्महापदः।
कल्याणमूर्ते वरद करुणारसवारिधे॥७॥
कलशोदधिसञ्जात कलानाथ कृपां कुरु।
क्षीरार्णवसमुद्भूत चिन्तामणिसहोद्भव॥८॥
कामितार्थान् प्रदेहि त्वं कल्पद्रुमसहोदर।
श्वेताम्बरः श्वेतविभूषणाढ्यो गदाधरः॥९॥
श्वेतरुचिर्द्विबाहुः चन्द्रः सुधात्मा वरदः किरीटी।
श्रेयांसि मह्यं प्रददातु देवः॥१०॥ #🌸 सत्य वचन #🚩जय श्री खाटूश्याम 🙏 #🙏चारधाम यात्रा🛕 #✋भगवान भैरव🌸 #🚩सालासर बालाजी 🙏
#🪔सोम प्रदोष व्रत✡️ #🌞सुप्रभात सन्देश #💕 प्यार भरी शुभकामनाएं #🌞 Good Morning🌞 #🌅 सूर्योदय शुभकामनाएं
#🌞सुप्रभात सन्देश #🙏प्रातः वंदन #🌷शुभ गुरुवार #☕ सुबह की चाय #🌅 सूर्योदय शुभकामनाएं
#🌷शुभ गुरुवार #🙏प्रातः वंदन #💕 प्यार भरी शुभकामनाएं #🌞सुप्रभात सन्देश #☕ सुबह की चाय
#🌞सुप्रभात सन्देश #💕 प्यार भरी शुभकामनाएं #🌅 सूर्योदय शुभकामनाएं #☕ सुबह की चाय #🙏प्रातः वंदन













