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#🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी।
🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी। - कल्कि ज्ञान सागर अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा iH যনঃ' Good Morning बड़े नहीं होते उसे संभालने वाले बड़े होते हैं.. মুসমাব ] कल्कि साधक कैलाश मोहन अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता हिन्द की विशेषता बने विश्व की विशेषता। सबकी सेवा सबसे प्यार। | हम सब एक है सबका स्वामी एक। Bahubali Colony, Banswara, Rajasthan 327001, India kalkigyansagarcom 9602604410 WWW: कल्कि ज्ञान सागर अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा iH যনঃ' Good Morning बड़े नहीं होते उसे संभालने वाले बड़े होते हैं.. মুসমাব ] कल्कि साधक कैलाश मोहन अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता हिन्द की विशेषता बने विश्व की विशेषता। सबकी सेवा सबसे प्यार। | हम सब एक है सबका स्वामी एक। Bahubali Colony, Banswara, Rajasthan 327001, India kalkigyansagarcom 9602604410 WWW: - ShareChat
#🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी।
🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी। - कल्कि ज्ञान सागर अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा I बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी। महान वीरांगना 19 নতনয Tj लक्ष्मीबाई जी की जयंती पर उन्हें कोटि-्कोटि प्रणाम कल्कि साधक कैलाश  मोहन अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता हिन्द की विशेषता बने विश्व की विशेषता। सबकी सेवा सबसे प्यार।। हम सब एक है सबका स्वामी एक। Bahubali Colony Banswara Rajasthan 327001, India kalkigyansagarcom 9602604410 WWW कल्कि ज्ञान सागर अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा I बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी। महान वीरांगना 19 নতনয Tj लक्ष्मीबाई जी की जयंती पर उन्हें कोटि-्कोटि प्रणाम कल्कि साधक कैलाश  मोहन अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता हिन्द की विशेषता बने विश्व की विशेषता। सबकी सेवा सबसे प्यार।। हम सब एक है सबका स्वामी एक। Bahubali Colony Banswara Rajasthan 327001, India kalkigyansagarcom 9602604410 WWW - ShareChat
#❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #🙏 माँ वैष्णो देवी #माता वैष्णोदेवी #देश भक्ति #🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी।
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - ऊँ विश्व शांति सत्यमेव जयते अहिंसा जय नवीन विश्व धर्म कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का संदेश क्या आपको पता है कर्मभूमि पर आपका सच्चा जीवन साथी कौन है ? कल्कि साधक  फलाग माहन जन्म-्मरण का साथ तुम्हारा , तुम से बढ़कर कौन हमारा ज्ञात रहे एक ईश्वर ही है जो जन्म और मृत्यु के समय आपके भीतर आत्मस्वरूपता में पर जिस कर्मयोगी ने अपने भीतर विद्यमान रहता है कर्मभूमि आत्मस्वरूपता में विद्यमान अपने सच्चे हमसफर को जान लिया वो के लिए मनुष्यरूपी जीवात्मा भगवान बन गया। कर्मभूमि पर जन्म लेने द्वारा प्रकृति के पंचतत्वों से बना मनुष्य रूपी नश्वर भौतिक शरीर धारण किया जाता है।कर्मभूमि पर जन्म लेते ही उस नश्वर भौतिक शरीर से सारे ব্লী ্ধী ही जुड़  संसारी रिश्ते स्वतः जाते है और नश्वर शरीर को त्यागते  रिश्ते मिट जाते है सगुण परब्रह्म स्वरूप मनुष्य रूपी जीवात्मा हैीतर जन्मों जन्मों तक साथ देने वाला मनुष्य रूपी जीवात्मा के आत्मस्वरूपता में विद्यमान निर्गुण परमब्रह्म ही सच्चा हमसफर  है, रूपी  जीवात्मा के भीतर   निर्गुण ತ0 आत्मस्वरूप ೩ ಞu जीवात्मस्वरूप दो स्वरूप में विद्यमान रहता है। जब तक मनुष्य रूपी जीवात्मा  स्वरूप  से   निर्गुण 31qHT आत्मस्वरूप बनकर सगुण आत्मकल्याण नहीं कर लेता | परमब्रह्म उस मनुष्य रूपी जीवात्मा के भीतर आत्मस्वरूप में हमसफर बनकर सदैव साथ रहते है। सगुण जीवात्मा कर्म करता है और निर्गुण आत्मा सगुण जीवात्मा को कर्म करने का ज्ञान देती है। स्वयं के भीतर ईश्वरीय वैभव को जानों अपना मानवजीवन सार्थकबनाओं अधिक जानकारी के लिए Kalki Gyan Sagar एप डाउनलॉड करें ऊँ विश्व शांति सत्यमेव जयते अहिंसा जय नवीन विश्व धर्म कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का संदेश क्या आपको पता है कर्मभूमि पर आपका सच्चा जीवन साथी कौन है ? कल्कि साधक  फलाग माहन जन्म-्मरण का साथ तुम्हारा , तुम से बढ़कर कौन हमारा ज्ञात रहे एक ईश्वर ही है जो जन्म और मृत्यु के समय आपके भीतर आत्मस्वरूपता में पर जिस कर्मयोगी ने अपने भीतर विद्यमान रहता है कर्मभूमि आत्मस्वरूपता में विद्यमान अपने सच्चे हमसफर को जान लिया वो के लिए मनुष्यरूपी जीवात्मा भगवान बन गया। कर्मभूमि पर जन्म लेने द्वारा प्रकृति के पंचतत्वों से बना मनुष्य रूपी नश्वर भौतिक शरीर धारण किया जाता है।कर्मभूमि पर जन्म लेते ही उस नश्वर भौतिक शरीर से सारे ব্লী ্ধী ही जुड़  संसारी रिश्ते स्वतः जाते है और नश्वर शरीर को त्यागते  रिश्ते मिट जाते है सगुण परब्रह्म स्वरूप मनुष्य रूपी जीवात्मा हैीतर जन्मों जन्मों तक साथ देने वाला मनुष्य रूपी जीवात्मा के आत्मस्वरूपता में विद्यमान निर्गुण परमब्रह्म ही सच्चा हमसफर  है, रूपी  जीवात्मा के भीतर   निर्गुण ತ0 आत्मस्वरूप ೩ ಞu जीवात्मस्वरूप दो स्वरूप में विद्यमान रहता है। जब तक मनुष्य रूपी जीवात्मा  स्वरूप  से   निर्गुण 31qHT आत्मस्वरूप बनकर सगुण आत्मकल्याण नहीं कर लेता | परमब्रह्म उस मनुष्य रूपी जीवात्मा के भीतर आत्मस्वरूप में हमसफर बनकर सदैव साथ रहते है। सगुण जीवात्मा कर्म करता है और निर्गुण आत्मा सगुण जीवात्मा को कर्म करने का ज्ञान देती है। स्वयं के भीतर ईश्वरीय वैभव को जानों अपना मानवजीवन सार्थकबनाओं अधिक जानकारी के लिए Kalki Gyan Sagar एप डाउनलॉड करें - ShareChat
पाप कर्म मनुष्य का भौतिक शरीर नहीं भीतर का जीवात्मा करता है तो गंगा में जिस्म धोने से क्या फायदा ? https://kalkigyansagar.com?p=731 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #🙏 माँ वैष्णो देवी #माता वैष्णोदेवी #🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी। #देश भक्ति
#❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #माता वैष्णोदेवी #देश भक्ति #🙏 माँ वैष्णो देवी #🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी।
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - पिता से ना लड़ना ! তিম পিনা ন बचपन से गले ೯೯ लगाकर पाला पोसा उस पिता से ऊँची आवाज मे कभी बात मत करना. को हराने वाला সাহী ತಗಿಾT क्युकी পিনা  अक्सर अपने बच्चो से बिना लड़े हार मान लेता है..!! पिता से ना लड़ना ! তিম পিনা ন बचपन से गले ೯೯ लगाकर पाला पोसा उस पिता से ऊँची आवाज मे कभी बात मत करना. को हराने वाला সাহী ತಗಿಾT क्युकी পিনা  अक्सर अपने बच्चो से बिना लड़े हार मान लेता है..!! - ShareChat
#माता वैष्णोदेवी #देश भक्ति #🙏 माँ वैष्णो देवी #🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी। #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
माता वैष्णोदेवी - पिता से ना लड़ना ! তিম পিনা ন बचपन से गले ೯೯ लगाकर पाला पोसा उस पिता से ऊँची आवाज मे कभी बात मत करना. को हराने वाला সাহী ತಗಿಾT क्युकी পিনা  अक्सर अपने बच्चो से बिना लड़े हार मान लेता है..!! पिता से ना लड़ना ! তিম পিনা ন बचपन से गले ೯೯ लगाकर पाला पोसा उस पिता से ऊँची आवाज मे कभी बात मत करना. को हराने वाला সাহী ತಗಿಾT क्युकी পিনা  अक्सर अपने बच्चो से बिना लड़े हार मान लेता है..!! - ShareChat
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माता वैष्णोदेवी - कल्कि ज्ञान सागर अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा संस्थान बेवकूफ़ बनते रहो रिश्ते बने रहेंगे खिलाफ़ आवाज उठाओगे তিম ঠিল যালন ক লযীঠী Rad टूटने कल्कि साधक कैलाश मोहन अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता हिन्द की विशेषता बने विश्व की विशेषता। सबकी सेवा सबसे प्यार।| हम सब एक है सबका स्वामी एक। Bahubali Colony; Banswara, Rajasthan 327001, India kalkigyansagarcom 9602604410 WWW कल्कि ज्ञान सागर अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा संस्थान बेवकूफ़ बनते रहो रिश्ते बने रहेंगे खिलाफ़ आवाज उठाओगे তিম ঠিল যালন ক লযীঠী Rad टूटने कल्कि साधक कैलाश मोहन अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता हिन्द की विशेषता बने विश्व की विशेषता। सबकी सेवा सबसे प्यार।| हम सब एक है सबका स्वामी एक। Bahubali Colony; Banswara, Rajasthan 327001, India kalkigyansagarcom 9602604410 WWW - ShareChat
#🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी। #🙏 माँ वैष्णो देवी #देश भक्ति #माता वैष्णोदेवी
🪔जय मां दुर्गा शक्ति,जय माता दी। - ऊँ विश्व शांति सत्यमेव जयते अहिंसा जय नवीन विश्व धर्म कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का संदेश {ाम्पूर्ण मानव जगतको 210؟٦٥٨٦١ ईवरव अवतारवादकीधारणाओं प मुक्त करवादेगा। कल्कि साधक  फलाग माहन एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति एक ब्रह्म ही परम सत्य है, उसके जैसा दूसरा न कोई था, न है, नहीं कभी कोई होगा , उस अजन्में , अनामी , अविनाशी लिएमूत् लोकसेसुक्ित क निर्गुण ब्रह्म को विदित किये बिना मानव के लोकसे मुक्ति का और कोई उपाय नहीं है।ज्ञात रहे उस एकही ब्रह्म  निर्गुण स्वरूप व दूसरा उसी से प्रकट हुई उसी की प्रथम परम सत्य महामाया सत-असत सगुण मायावी स्वरूप ।जिस प्रकार सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में एक निर्गुण परमब्रह्म के अलावा दूसरा कोई नहीं है उसी प्रकार  সম্পুতা में एक নম্মাভ सगुण परब्रह्म के अलावा और कोई दूसरा जीव -्जीवात्मा नहीं है, जड़ और चेतन निर्गुण दिव्य महाशक्ति से ही उत्पन्न हुए है।जो निर्गुण स्वरूप में एक में एक होकर भी है, वही सगुण मायावी स्वरूप सृष्टि के सृजन व विस्तार के लिए अनेक प्रकार के जीव -्जीवात्माओं का हुआ है। मायावी सृष्टि में रूप धारण कर स्वयं कर्ता , भरता , हरता बना  के लोगों के बीच तू और मैं, तेरा-्मेरा महामाया का मानव UTగ शब्द-्लीला रूपी रहस्यमय खेल है। अन्य जीवों की तरह मानव को भी शब्द ज्ञान न होता तो मानव जगत के लोगों के बीच भेदभाव नहीं होता , धर्म के नाम पर जाति -सम्प्रदाय नहीं होते। मानव सुंदर सृष्टि में भ्रमण करने का भरपुर आनंद लेता किसी को मरकर स्वर्ग -्मोक्ष नहीं जाना पड़ता धरती स्वर्ग बन जाती| भेद-भाव को छोड़ो जन-्जन से नाता जोडो़।अपना मानव जीवन सार्थकबनाओं अधिक जानकारी के लिए Kalki Gyan Sagar एप डाउनलॉड करें ऊँ विश्व शांति सत्यमेव जयते अहिंसा जय नवीन विश्व धर्म कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का संदेश {ाम्पूर्ण मानव जगतको 210؟٦٥٨٦١ ईवरव अवतारवादकीधारणाओं प मुक्त करवादेगा। कल्कि साधक  फलाग माहन एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति एक ब्रह्म ही परम सत्य है, उसके जैसा दूसरा न कोई था, न है, नहीं कभी कोई होगा , उस अजन्में , अनामी , अविनाशी लिएमूत् लोकसेसुक्ित क निर्गुण ब्रह्म को विदित किये बिना मानव के लोकसे मुक्ति का और कोई उपाय नहीं है।ज्ञात रहे उस एकही ब्रह्म  निर्गुण स्वरूप व दूसरा उसी से प्रकट हुई उसी की प्रथम परम सत्य महामाया सत-असत सगुण मायावी स्वरूप ।जिस प्रकार सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में एक निर्गुण परमब्रह्म के अलावा दूसरा कोई नहीं है उसी प्रकार  সম্পুতা में एक নম্মাভ सगुण परब्रह्म के अलावा और कोई दूसरा जीव -्जीवात्मा नहीं है, जड़ और चेतन निर्गुण दिव्य महाशक्ति से ही उत्पन्न हुए है।जो निर्गुण स्वरूप में एक में एक होकर भी है, वही सगुण मायावी स्वरूप सृष्टि के सृजन व विस्तार के लिए अनेक प्रकार के जीव -्जीवात्माओं का हुआ है। मायावी सृष्टि में रूप धारण कर स्वयं कर्ता , भरता , हरता बना  के लोगों के बीच तू और मैं, तेरा-्मेरा महामाया का मानव UTగ शब्द-्लीला रूपी रहस्यमय खेल है। अन्य जीवों की तरह मानव को भी शब्द ज्ञान न होता तो मानव जगत के लोगों के बीच भेदभाव नहीं होता , धर्म के नाम पर जाति -सम्प्रदाय नहीं होते। मानव सुंदर सृष्टि में भ्रमण करने का भरपुर आनंद लेता किसी को मरकर स्वर्ग -्मोक्ष नहीं जाना पड़ता धरती स्वर्ग बन जाती| भेद-भाव को छोड़ो जन-्जन से नाता जोडो़।अपना मानव जीवन सार्थकबनाओं अधिक जानकारी के लिए Kalki Gyan Sagar एप डाउनलॉड करें - ShareChat