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हिन्दू संस्कृति और अध्यात्म की जानकारियाँ
2026 में शुभ विवाह #शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - २०२६ में ये हैं विवाह के शुभ मुहूर्त जनवरी २०२६ पूरा महीना शादियों के लिए वर्जित रहेगा tad- 5, 6, 8, 10, 12, 14, 19,20,21,24,25,26 > 714-1,3,4,7,8,9,11,12 3<- 15, 20, 21, 25, 26, 27, 28, 29 T5 1, 3, 5, 6,7,8 13,14 > তুন-21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29 > जुलाई- 1,6,7,11 > 799- 21, 24, 25, 26 > frar- 2,3,4,5,6,11,12 > २०२६ में ये हैं विवाह के शुभ मुहूर्त जनवरी २०२६ पूरा महीना शादियों के लिए वर्जित रहेगा tad- 5, 6, 8, 10, 12, 14, 19,20,21,24,25,26 > 714-1,3,4,7,8,9,11,12 3<- 15, 20, 21, 25, 26, 27, 28, 29 T5 1, 3, 5, 6,7,8 13,14 > তুন-21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29 > जुलाई- 1,6,7,11 > 799- 21, 24, 25, 26 > frar- 2,3,4,5,6,11,12 > - ShareChat
#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - ओम नमो नारायणाय !! fs fs fs पद चलइ सुनइ काना, कर करम करइ बिधि नाना , आनन रहित सकल रस भोगी , fs बानी बकता बड़ जोगी भगवान शिव कहते है किजो ।परमात्मा) बिना पैरों के चलता है॰ बिना कानों के सुनता है बिना के नाना प्रकार के कर्म करता है मुख हाथों के बिना ही जगत के सारे रसों का आनंद लेता है, और बिना वाणी के सबसे सर्वश्रेष्ठ वक्ता है। हे पार्वती जिनका नाम लेकर मरते हुए प्राणी भी मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं, वह प्रभु रघुश्रेष्ठ और चराचर जगत के स्वामी श्री सभी $ &44 की बात जानने वाले हैं। যাম ओम नमो नारायणाय !! fs fs fs पद चलइ सुनइ काना, कर करम करइ बिधि नाना , आनन रहित सकल रस भोगी , fs बानी बकता बड़ जोगी भगवान शिव कहते है किजो ।परमात्मा) बिना पैरों के चलता है॰ बिना कानों के सुनता है बिना के नाना प्रकार के कर्म करता है मुख हाथों के बिना ही जगत के सारे रसों का आनंद लेता है, और बिना वाणी के सबसे सर्वश्रेष्ठ वक्ता है। हे पार्वती जिनका नाम लेकर मरते हुए प्राणी भी मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं, वह प्रभु रघुश्रेष्ठ और चराचर जगत के स्वामी श्री सभी $ &44 की बात जानने वाले हैं। যাম - ShareChat
#शुभ मुहूर्त #पूजन विधि
शुभ मुहूर्त - 18-11-25 मासिक शिवरात्रि व्रत मंगलवार मासिक शिवरात्रि प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को की पूजा ` करने से आती है, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव ' सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से क्रोध ईश्या, अभिमान और लोभ से मुक्ति मिलती है। के कृष्ण ' की चतुर्दशी तिथि देवों के देव महादेव को प्रत्येक माह पक्ष समर्पित होता है, मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव और मां पार्वती की পুতা কীনী ট1 मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोमनाएं पूरी होती हैं। 18-11-25 मासिक शिवरात्रि व्रत मंगलवार मासिक शिवरात्रि प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को की पूजा ` करने से आती है, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव ' सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से क्रोध ईश्या, अभिमान और लोभ से मुक्ति मिलती है। के कृष्ण ' की चतुर्दशी तिथि देवों के देव महादेव को प्रत्येक माह पक्ष समर्पित होता है, मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव और मां पार्वती की পুতা কীনী ট1 मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोमनाएं पूरी होती हैं। - ShareChat
#शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - नवम्बर १८, २०२५, मंगलवार मासिक शिवरात्रि 23:17 ম 24:10+ मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी प्रारम्भ - नवम्बर १८ को ०७:१२ बजे 00 qUC 53 मिनट्स नवम्बर १९ का ०९:४३ बज সমাদ नवम्बर १८, २०२५, मंगलवार मासिक शिवरात्रि 23:17 ম 24:10+ मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी प्रारम्भ - नवम्बर १८ को ०७:१२ बजे 00 qUC 53 मिनट्स नवम्बर १९ का ०९:४३ बज সমাদ - ShareChat
#शुभ मुहूर्त
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#शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - १३ मार्गशीर्ष Panchong कृष्ण पक्ष त्रयादशी 18 २०८२ कालयुक्त, विक्रम सम्वत नवम्बर २०२५ मंगलवार वाराणसी, भारत मासिक शिवरात्रि भद्रा, आडल योग पञ्चक रहित मुहूत एव उदय लग्न आज के दिन के लिए उदय-लग्न मुहूर्त आज के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त m   वृश्चिक - नवम्बर १७ को ३०:१२+ बजे से 08:२९ शुभ मुहूर्त - ०६ १७ से 0७:१२ 7 ಣ- 08.29 : 10.34 मृत्यु पञ्चक - ०७:१२ से ०8:२९ अग्नि पञ्चक - ०८:२९ से १०:३४ 1p  মব্ধয - 10:34 ম 12:19 शुभ मुहूर्त - १०:३४ से १२:१९ 5#-12:19 #13:50 ) #7-13:50 715:18 रज पञ्चक - १२:१९ से १३:५० शुभ मुहूर्त - १३:५० से १५:१८ 00 77-15:18 716:56 থুল্স মুচুন - 15:18 # 16:56  ४  वृषभ - १६ ५६ से १८:५३ रज पञ्चक - १६:५६ स १8:५३ I {ొ7- 18.53 + 21.07 9?7శగ్గగే - 18.53 #21.07 कर्क - २१:०७ से २३:२५ चोर पञ्चक - २१:०७ से २३:२५ 0 86-23:25 725:39+ থুল্ মুচুন - 23:25 স 25:394 T ক্রন্সা - 25:39+ ম 27:52+ रोग पञ्चक - २५:३९+ से २७:५२+ @ 3<7-27:52+ 730:08+ 9೫ g೯ - 27.52+ : 30.08+ ?%o46 -30:08+ 730:18+ १३ मार्गशीर्ष Panchong कृष्ण पक्ष त्रयादशी 18 २०८२ कालयुक्त, विक्रम सम्वत नवम्बर २०२५ मंगलवार वाराणसी, भारत मासिक शिवरात्रि भद्रा, आडल योग पञ्चक रहित मुहूत एव उदय लग्न आज के दिन के लिए उदय-लग्न मुहूर्त आज के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त m   वृश्चिक - नवम्बर १७ को ३०:१२+ बजे से 08:२९ शुभ मुहूर्त - ०६ १७ से 0७:१२ 7 ಣ- 08.29 : 10.34 मृत्यु पञ्चक - ०७:१२ से ०8:२९ अग्नि पञ्चक - ०८:२९ से १०:३४ 1p  মব্ধয - 10:34 ম 12:19 शुभ मुहूर्त - १०:३४ से १२:१९ 5#-12:19 #13:50 ) #7-13:50 715:18 रज पञ्चक - १२:१९ से १३:५० शुभ मुहूर्त - १३:५० से १५:१८ 00 77-15:18 716:56 থুল্স মুচুন - 15:18 # 16:56  ४  वृषभ - १६ ५६ से १८:५३ रज पञ्चक - १६:५६ स १8:५३ I {ొ7- 18.53 + 21.07 9?7శగ్గగే - 18.53 #21.07 कर्क - २१:०७ से २३:२५ चोर पञ्चक - २१:०७ से २३:२५ 0 86-23:25 725:39+ থুল্ মুচুন - 23:25 স 25:394 T ক্রন্সা - 25:39+ ম 27:52+ रोग पञ्चक - २५:३९+ से २७:५२+ @ 3<7-27:52+ 730:08+ 9೫ g೯ - 27.52+ : 30.08+ ?%o46 -30:08+ 730:18+ - ShareChat
#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - ओम नमो नारायणाय !! !! भक्ति भक्त भगवंत गुरु चतुर नाम बपु एक इनके पद बंदन किएँ नासत बिघ्न अनेक का मार्ग बताने वाले संत गुरु॰, (२) भजनीय 'भगवान् , १) भक्ति (३) भजन करनेवाले 'भक्त' तथा (४) संतों के उपदेश के अनुसार किन्तु भगवदाकार वृत्ति भक्ति' है | नाम से चार हैं, भक्त की तत्त्वतः एक ही हैं अर्थात इनमे से किसी एक का भी आश्रय लेने मात्र से भगवान की प्राप्ति हो जाती है ओम नमो नारायणाय !! !! भक्ति भक्त भगवंत गुरु चतुर नाम बपु एक इनके पद बंदन किएँ नासत बिघ्न अनेक का मार्ग बताने वाले संत गुरु॰, (२) भजनीय 'भगवान् , १) भक्ति (३) भजन करनेवाले 'भक्त' तथा (४) संतों के उपदेश के अनुसार किन्तु भगवदाकार वृत्ति भक्ति' है | नाम से चार हैं, भक्त की तत्त्वतः एक ही हैं अर्थात इनमे से किसी एक का भी आश्रय लेने मात्र से भगवान की प्राप्ति हो जाती है - ShareChat
#शुभ मुहूर्त #पूजन विधि
शुभ मुहूर्त - 17-11-25 सोम प्रदोष व्रत HHHR सोमवार के दिन जब त्रयोदशी तिथि लगती है तो इसे सोम प्रदोष कहते हैं हर माह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों ही त्रयोदशी तिथि को है। प्रदोष व्रत भक्त के भाग्य को जगाने वाला है॰ इस व्रत रखा जाता को रखने से कुंडली में चंद्र की स्थिति भी मजबूत होती है। 17-11-25 सोम प्रदोष व्रत HHHR सोमवार के दिन जब त्रयोदशी तिथि लगती है तो इसे सोम प्रदोष कहते हैं हर माह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों ही त्रयोदशी तिथि को है। प्रदोष व्रत भक्त के भाग्य को जगाने वाला है॰ इस व्रत रखा जाता को रखने से कुंडली में चंद्र की स्थिति भी मजबूत होती है। - ShareChat
#पूजन विधि
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