
Hare Krishna Bhakti Vibes
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Shiva Ke Panch Mukha Ka Rahasya
शिव के पाँच मुखों का रहस्य
क्या आप जानते हैं, महादेव के पाँच मुख केवल रूप नहीं, बल्कि पाँच गहन रहस्यों के प्रतीक हैं?
🔹 सद्योजात – सृष्टि का आरंभ (पश्चिम)
🔹 वामदेव – सौंदर्य और रक्षा (उत्तर)
🔹 अघोरा – विनाश और पुनर्जन्म (दक्षिण)
🔹 तत्पुरुष – योग और ध्यान की शक्ति (पूर्व)
🔹 ईशान – ब्रह्म का सर्वोच्च बोध (ऊर्ध्व)
ये पाँच मुख ही पाँच तत्वों के भी द्योतक हैं – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश।
जब हम शिव के इन पाँच रूपों को समझते हैं, तब हम स्वयं को जानने लगते हैं।
🕉 हर मुख एक चेतना है, हर मुख एक आयाम है।
हर हर महादेव! 🙏
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Charan Paduka ka Rahasya
चरण पादुका का रहस्य
रामायण में भरत जी ने श्रीराम की चरण पादुका को सिंहासन पर स्थापित किया था।
यह केवल एक प्रतीक नहीं था, बल्कि यह दर्शाता है कि प्रभु की उपस्थिति उनके चरण चिह्नों में भी विद्यमान है।
🙏 चरण पादुका भक्ति और समर्पण का सर्वोच्च प्रतीक है।
यह हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति में प्रभु के नाम और चरण ही पर्याप्त हैं।
आओ, हम भी अपने जीवन में प्रभु के चरणों को सर्वोच्च स्थान दें।
जय श्रीराम! जय श्रीहरि! 🙏
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Mission Bhaggavad Gita Slok Day 32
अध्याय 1, श्लोक 31
👉 अर्जुन कहते हैं – "हे केशव! मुझे युद्ध के सभी कारण विपरीत और दुखद लग रहे हैं। अपने ही स्वजनों को मारकर मुझे कोई लाभ, विजय या शुभ फल नहीं दिखाई देता।"
यह श्लोक हमें बताता है कि मोह और आसक्ति के कारण हम कभी–कभी धर्म और कर्तव्य से पीछे हट जाते हैं।
परंतु गीता सिखाती है – धर्म के मार्ग पर चलना ही आत्मा का उत्थान है।
हर दिन गीता – हर दिन आत्मा का उत्थान
जय श्रीकृष्ण! 🙏
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Peepal Vriksha ka Rahasya
पीपल वृक्ष का रहस्य
सनातन धर्म में पीपल को अत्यंत पूजनीय माना गया है।
कहा जाता है कि इसमें त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास है। 🙏
वैज्ञानिक दृष्टि से भी पीपल रात में ऑक्सीजन देता है।
गाँवों में लोग इसके नीचे दीप जलाकर प्रार्थना करते हैं। नियमित परिक्रमा करने से जीवन में समृद्धि और शांति आती है।
पीपल हमें यह संदेश देता है कि प्रकृति स्वयं ईश्वर का स्वरूप है।
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Bhagirath aur Ganga Avataran
भगीरथ और गंगा अवतरण
राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए कठोर तप किया। उनकी भक्ति और संकल्प से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया और धरती पर अवतरित कराया। 🙏
यह कथा हमें सिखाती है कि सच्चा प्रयास और दृढ़ निश्चय ईश्वर को भी प्रसन्न कर देता है।
गंगा आज भी भक्ति और मोक्ष का प्रतीक है।
जय श्रीराम 🙏 जय गंगे माँ!
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Mission Bhaggavad Gita Slok Day 31
अध्याय 1, श्लोक 30
अर्जुन का गाण्डीव धनुष हाथ से छूट रहा है, तन-मन थक चुका है और मोह ने उन्हें भ्रमित कर दिया है।
शिक्षा यही है कि जब हम अपने कर्तव्य से पीछे हटते हैं, तो शरीर और मन दोनों हमारा साथ छोड़ देते हैं।
ऐसे समय में केवल भगवन्नाम और आत्म-ज्ञान ही हमें शक्ति देते हैं। 🙏
हर दिन गीता – हर दिन आत्मा का उत्थान।
जय श्रीकृष्ण!
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Shiv ka Vairagi Swaroop
शिव का वैरागी स्वरूप
महादेव को देखो —
ना सोना, ना रथ, ना महल।
बस भस्म, जटाएं और नीलकंठ।
क्यों?
क्योंकि शिव संसार से नहीं, आत्मा से जुड़े हैं।
वो सच्चे वैरागी हैं — जिन्होंने इच्छाओं को त्यागा नहीं,
बल्कि उन्हें जला दिया।
संदेश:
शिव सिखाते हैं — बाहर से कुछ नहीं चाहिए,
असली धन है अंदर की खोज।
उनकी भस्म यही बताती है —
जो जल गया, वही मुक्त हो गया।
🕉️ ॐ नमः शिवाय 🕉️
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Gita Ka Sach – Ek Shlok Jo Jeevan Badal Dega
गीता का सच – एक श्लोक जो जीवन बदल देगा
श्लोक 2.47
"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।"
इसका भावार्थ:
तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है,
फल पर कभी नहीं।
संदेश:
बस अपना कर्म करो, निष्काम भाव से,
फल की चिंता मत करो।
क्योंकि फल देना तो भगवान के हाथ में है।
🙏 यह श्लोक हर संघर्षरत व्यक्ति के लिए एक दिव्य मार्गदर्शन है।
भगवद गीता के श्लोक सच में जीवन के GPS जैसे हैं।
जय श्रीकृष्ण!
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Mission Bhaggavad Gita Slok Day 30
अध्याय 1, श्लोक 29
“सीदन्ति मम गात्राणि, मुखं च परिशुष्यति।
वेपथुश्च शरीरे मे, रोमहर्षश्च जायते॥”
👉 जब अर्जुन अपने ही रिश्तेदारों और गुरुओं को युद्धभूमि में देखता है,
उसका शरीर काँप उठता है, मुख सूख जाता है और रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
सारांश:
यह केवल डर नहीं है, बल्कि धर्म, करुणा और मोह का द्वंद्व है।
और इसी से शुरू होती है श्रीमद्भगवद गीता की अमर यात्रा।
🙏 हर दिन गीता – हर दिन आत्मा का उत्थान।
जय श्रीकृष्ण!
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Trishul ka Rahasya
त्रिशूल का रहस्य 🔱
भगवान शिव का त्रिशूल केवल शस्त्र नहीं,
बल्कि ब्रह्मांड के तीन गुणों – सत्व, रज और तम का प्रतीक है।
यह हमें सिखाता है कि जीवन में संतुलन आवश्यक है।
धर्म, ज्ञान और शक्ति – तीनों मिलकर जीवन को पूर्ण बनाते हैं।
कथा है कि इसी त्रिशूल से शिव ने असुरों का नाश किया था।
और आज भी भक्त मानते हैं कि घर में त्रिशूल रखने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं।
हर घर में शिव का आशीर्वाद, हर मन में शिव का नाम।
🙏 हर हर महादेव 🙏
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