मन का संबंध यदि किसी की आत्मा से जुड़ा हो, तो व्यक्ति के दिल दुखाने पर भी उसके लिए आपका प्रेम कम नहीं हो सकता।
हां आप अपने मन की संतुष्टि के लिए उस व्यक्ति से दूरी जरूर बना सकते हैं।😥💯 #👫 हमारी ज़िन्दगी #📓 हिंदी साहित्य #विजय पाल #🥰Express Emotion #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
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🌸🙏 माँ कूष्मांडा की कथा🙏🌸
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नवरात्रि के चौथे दिन माँ दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है।
माँ कूष्मांडा को सृष्टि की आदिशक्ति और जगत की सृजनकर्ता कहा जाता है। उनके नाम का अर्थ है –
कूष्मांड = "कू" (थोड़ा), "उष्म" (ऊर्जा/गर्माहट), "अंड" (अंडा/सृष्टि)।
अर्थात्, जिसने अपनी अल्प मुस्कान से सृष्टि के अंड का निर्माण किया, वही हैं माँ कूष्मांडा।
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🌺 कथा की उत्पत्ति
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मान्यता है कि जब यह सृष्टि पूरी तरह शून्य थी, चारों ओर अंधकार ही अंधकार था, तब माँ दुर्गा ने कूष्मांडा स्वरूप धारण किया।
उन्होंने अपनी तेजस्वी मुस्कान से अंधकार को दूर कर दिया और उसी से सृष्टि का अंड (ब्रह्मांड) प्रकट हुआ।
माँ कूष्मांडा को ही सृष्टि की आदि सर्जक माना गया है।
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🌸 सृष्टि की रचना
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माँ ने अपनी दिव्य शक्ति से –
सूर्य, चंद्रमा, तारों और ग्रहों को जन्म दिया।
ब्रह्मा, विष्णु और महेश को उनकी शक्तियों सहित उत्पन्न किया।
जीवों, वनस्पतियों और सम्पूर्ण चराचर जगत को जीवन दिया।
उनकी शक्ति से ही सूर्यलोक की रचना हुई और माँ कूष्मांडा ही सूर्य मण्डल के भीतर निवास करती हैं। उनकी दिव्य ऊर्जा से ही सूर्य तेजस्वी प्रकाशमान होता है।
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🌺 स्वरूप और वाहन
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माँ कूष्मांडा का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और भव्य है।
उनके आठ हाथ होते हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है।
उनके हाथों में कमल, धनुष-बाण, अमृतकलश, गदा, चक्र और जपमाला सुशोभित रहते हैं।
उनका वाहन सिंह है, जो वीरता और शक्ति का प्रतीक है।
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🌸 कथा का महत्व
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1. सृष्टि की प्रारंभकर्ता – माँ कूष्मांडा ने ही इस संसार को शून्य से पूर्ण बनाया।
2. ऊर्जा की देवी – उनकी पूजा से जीवन में नई ऊर्जा, उत्साह और स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
3. सूर्य लोक की अधिष्ठात्री – उनके आशीर्वाद से साधक को तेज, ओज और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
4. सिद्धियाँ प्रदान करने वाली – जो भक्त श्रद्धा से इनकी पूजा करता है, उसे अष्ट सिद्धि और नव निधियाँ प्राप्त होती हैं।
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🌸 प्रार्थना
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🙏 “हे माँ कूष्मांडा,
आपकी दिव्य मुस्कान से यह जगत बना,
आप ही जीवन की ऊर्जा हो,
कृपा कर मेरे जीवन को भी अपने प्रकाश से भर दो।” 🙏
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👉 नवरात्रि में चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा करने से
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परिवार में सुख-समृद्धि आती है,
रोग और शोक दूर होते हैं,
और जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा बनी रहती है।
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जय माता दी🙏🏻 #🙏 जय माँ दुर्गा 🙏 #🙏 देवी दर्शन🌸 #🙏जय माता दी📿 #🙏शुभ नवरात्रि💐 #🔱शक्तिपीठ 🛕
स्कंदमाता मां दुर्गा के नवदुर्गा रूपों में से पांचवीं देवी हैं, जिनके नाम का अर्थ है 'स्कंद' की माता। नवरात्रि के पांचवें दिन इनकी पूजा की जाती है, जिनकी गोद में बालक कार्तिकेय (स्कंद) विराजमान होते हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी पूजा से संतान सुख मिलता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है, और भक्त को अलौकिक तेज की अनुभूति होती है।🌺🌺🙏या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।🙏🌺🌺🌺🙏नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम🙏🌺🌺🌺 #🙏जय माता दी📿 #🙏शुभ नवरात्रि💐 #🔱शक्तिपीठ 🛕 #🙏 देवी दर्शन🌸 #🙏 जय माँ दुर्गा 🙏