vijay
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तेरे जैसा यार कहा
मन का संबंध यदि किसी की आत्मा से जुड़ा हो, तो व्यक्ति के दिल दुखाने पर भी उसके लिए आपका प्रेम कम नहीं हो सकता। हां आप अपने मन की संतुष्टि के लिए उस व्यक्ति से दूरी जरूर बना सकते हैं।😥💯 #👫 हमारी ज़िन्दगी #📓 हिंदी साहित्य #विजय पाल #🥰Express Emotion #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
👫 हमारी ज़िन्दगी - मन का संबंध यदि किसी की आत्मा से जुड़ा हो, तो व्यक्ति के दिल दुखाने पर लिए भी उसके आपका ೯ प्रेम कम नहीं हो सकता| हां आप अपने मन की 3 संतुष्टि के लिए + उस व्यक्ति से दूरी जरूर बना सकते हैं....०.. !! writer mahendra मन का संबंध यदि किसी की आत्मा से जुड़ा हो, तो व्यक्ति के दिल दुखाने पर लिए भी उसके आपका ೯ प्रेम कम नहीं हो सकता| हां आप अपने मन की 3 संतुष्टि के लिए + उस व्यक्ति से दूरी जरूर बना सकते हैं....०.. !! writer mahendra - ShareChat
मन का संबंध यदि किसी की आत्मा से जुड़ा हो, तो व्यक्ति के दिल दुखाने पर भी उसके लिए आपका प्रेम कम नहीं हो सकता। हां आप अपने मन की संतुष्टि के लिए उस व्यक्ति से दूरी जरूर बना सकते हैं।😥💯 #👫 हमारी ज़िन्दगी #📓 हिंदी साहित्य #विजय पाल #🥰Express Emotion #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
👫 हमारी ज़िन्दगी - मन का संबंध यदि किसी की आत्मा से जुड़ा हो, तो व्यक्ति के दिल दुखाने पर लिए भी उसके आपका ೯ प्रेम कम नहीं हो सकता| हां आप अपने मन की 3 संतुष्टि के लिए + उस व्यक्ति से दूरी जरूर बना सकते हैं....०.. !! writer mahendra मन का संबंध यदि किसी की आत्मा से जुड़ा हो, तो व्यक्ति के दिल दुखाने पर लिए भी उसके आपका ೯ प्रेम कम नहीं हो सकता| हां आप अपने मन की 3 संतुष्टि के लिए + उस व्यक्ति से दूरी जरूर बना सकते हैं....०.. !! writer mahendra - ShareChat
#विजय पाल #📓 हिंदी साहित्य #🥰Express Emotion #👫 हमारी ज़िन्दगी #😎मोटिवेशनल गुरु🤘
विजय पाल - मैथिलीशरण गुप्त की सुन्दर रचना तप्त हृदय को, सरस स्नेह से, जो सहला दे, *मित्र वही है।* रूखे मन को, सराबोर कर, जो नहला दे, *मित्र वही है।* प्रिय वियोग , संतप्त चित्त को, जो बहला दे, *मित्र वही है। * अश्रु बूँद की॰ एक झलक से, जो दहला दे, *मित्र वही है। * - मैं और मेरे एहसास मैथिलीशरण गुप्त की सुन्दर रचना तप्त हृदय को, सरस स्नेह से, जो सहला दे, *मित्र वही है।* रूखे मन को, सराबोर कर, जो नहला दे, *मित्र वही है।* प्रिय वियोग , संतप्त चित्त को, जो बहला दे, *मित्र वही है। * अश्रु बूँद की॰ एक झलक से, जो दहला दे, *मित्र वही है। * - मैं और मेरे एहसास - ShareChat
#❤️जीवन की सीख #विजय पाल #📓 हिंदी साहित्य #📗प्रेरक पुस्तकें📘 #🥰Express Emotion
❤️जीवन की सीख - जिनका पेट चारों पहर भरा होता है ग्रहण में उन्हीं का भोजन अशुद्ध होता है प्रिये! दिनों से भूखे दरिद्रों को मिला वह अशुद्ध भोजन अमृततुल्य लगता है॰ जिनका पेट चारों पहर भरा होता है ग्रहण में उन्हीं का भोजन अशुद्ध होता है प्रिये! दिनों से भूखे दरिद्रों को मिला वह अशुद्ध भोजन अमृततुल्य लगता है॰ - ShareChat
#📓 हिंदी साहित्य #विजय पाल #👍मोटिवेशनल कोट्स✌ #❤️जीवन की सीख #📖जीवन का लक्ष्य🤔
📓 हिंदी साहित्य - मैंने धीरे धीरे ज़िंदगी को.. जब समझना शुरू किया, तो एहसास हुआ. ज़िंदगी का नाम ही सब्र है। कोई अपना छूट जाए तो सब्र, कोई नाराज़ हो जाए तो सब्र, लोग सवाल उठाएँ तो सब्र, जो चाहा वो न मिले. . तब भी सिर्फ सब्र। ~दया मार्को, पेंड्रारोड )५ मैंने धीरे धीरे ज़िंदगी को.. जब समझना शुरू किया, तो एहसास हुआ. ज़िंदगी का नाम ही सब्र है। कोई अपना छूट जाए तो सब्र, कोई नाराज़ हो जाए तो सब्र, लोग सवाल उठाएँ तो सब्र, जो चाहा वो न मिले. . तब भी सिर्फ सब्र। ~दया मार्को, पेंड्रारोड )५ - ShareChat
#🙏 जय माँ दुर्गा 🙏 #🙏 देवी दर्शन🌸 #🙏जय माता दी📿 #🙏शुभ नवरात्रि💐 #🙏नवरात्रि Status🙏
🙏 जय माँ दुर्गा 🙏 - स्त्री का शरीर नहीं  उसकी ऊर्जा देवी है TTಣ' जब वह जागती है ब्रह्मांड नाच उठता है स्त्री का शरीर नहीं  उसकी ऊर्जा देवी है TTಣ' जब वह जागती है ब्रह्मांड नाच उठता है - ShareChat
🌸🙏 माँ कूष्मांडा की कथा🙏🌸 ---------------------------- नवरात्रि के चौथे दिन माँ दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। माँ कूष्मांडा को सृष्टि की आदिशक्ति और जगत की सृजनकर्ता कहा जाता है। उनके नाम का अर्थ है – कूष्मांड = "कू" (थोड़ा), "उष्म" (ऊर्जा/गर्माहट), "अंड" (अंडा/सृष्टि)। अर्थात्, जिसने अपनी अल्प मुस्कान से सृष्टि के अंड का निर्माण किया, वही हैं माँ कूष्मांडा। ----------------- 🌺 कथा की उत्पत्ति ----------------- मान्यता है कि जब यह सृष्टि पूरी तरह शून्य थी, चारों ओर अंधकार ही अंधकार था, तब माँ दुर्गा ने कूष्मांडा स्वरूप धारण किया। उन्होंने अपनी तेजस्वी मुस्कान से अंधकार को दूर कर दिया और उसी से सृष्टि का अंड (ब्रह्मांड) प्रकट हुआ। माँ कूष्मांडा को ही सृष्टि की आदि सर्जक माना गया है। --------------- 🌸 सृष्टि की रचना --------------- माँ ने अपनी दिव्य शक्ति से – सूर्य, चंद्रमा, तारों और ग्रहों को जन्म दिया। ब्रह्मा, विष्णु और महेश को उनकी शक्तियों सहित उत्पन्न किया। जीवों, वनस्पतियों और सम्पूर्ण चराचर जगत को जीवन दिया। उनकी शक्ति से ही सूर्यलोक की रचना हुई और माँ कूष्मांडा ही सूर्य मण्डल के भीतर निवास करती हैं। उनकी दिव्य ऊर्जा से ही सूर्य तेजस्वी प्रकाशमान होता है। ------------------ 🌺 स्वरूप और वाहन ------------------ माँ कूष्मांडा का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और भव्य है। उनके आठ हाथ होते हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। उनके हाथों में कमल, धनुष-बाण, अमृतकलश, गदा, चक्र और जपमाला सुशोभित रहते हैं। उनका वाहन सिंह है, जो वीरता और शक्ति का प्रतीक है। ----------------- 🌸 कथा का महत्व ----------------- 1. सृष्टि की प्रारंभकर्ता – माँ कूष्मांडा ने ही इस संसार को शून्य से पूर्ण बनाया। 2. ऊर्जा की देवी – उनकी पूजा से जीवन में नई ऊर्जा, उत्साह और स्वास्थ्य प्राप्त होता है। 3. सूर्य लोक की अधिष्ठात्री – उनके आशीर्वाद से साधक को तेज, ओज और आत्मबल की प्राप्ति होती है। 4. सिद्धियाँ प्रदान करने वाली – जो भक्त श्रद्धा से इनकी पूजा करता है, उसे अष्ट सिद्धि और नव निधियाँ प्राप्त होती हैं। ---------- 🌸 प्रार्थना ---------- 🙏 “हे माँ कूष्मांडा, आपकी दिव्य मुस्कान से यह जगत बना, आप ही जीवन की ऊर्जा हो, कृपा कर मेरे जीवन को भी अपने प्रकाश से भर दो।” 🙏 ------------------------------------------ 👉 नवरात्रि में चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा करने से ------------------------------------------ परिवार में सुख-समृद्धि आती है, रोग और शोक दूर होते हैं, और जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा बनी रहती है। ------------------------------------------ 📌 #MaaKushmanda #Navratri #DurgaPuja #MaaDurga #Chaturthi #🙏जय माता दी📿 #🙏शुभ नवरात्रि💐 #🙏 देवी दर्शन🌸 #🙏 जय माँ दुर्गा 🙏 #🙏देवी कुष्मांडा ⭐
🙏जय माता दी📿 - देवी कुष्मांडा ( देवी कुष्मांडा ( - ShareChat
#📓 हिंदी साहित्य #🌸पॉजिटिव मंत्र #✍️ जीवन में बदलाव #✍प्रेमचंद की कहानियां #📗प्रेरक पुस्तकें📘
📓 हिंदी साहित्य - साहित्य विचार चाटुकारिता और सलामी यह जमाना का है तुम विद्या के सागर बने बैठे रहो, कोई सेत भी न पूछेगा| प्रेमचंद साहित्य विचार साहित्य विचार चाटुकारिता और सलामी यह जमाना का है तुम विद्या के सागर बने बैठे रहो, कोई सेत भी न पूछेगा| प्रेमचंद साहित्य विचार - ShareChat
जय माता दी🙏🏻 #🙏 जय माँ दुर्गा 🙏 #🙏 देवी दर्शन🌸 #🙏जय माता दी📿 #🙏शुभ नवरात्रि💐 #🔱शक्तिपीठ 🛕
🙏 जय माँ दुर्गा 🙏 - ~9 : 8 ~9 : 8 - ShareChat
स्कंदमाता मां दुर्गा के नवदुर्गा रूपों में से पांचवीं देवी हैं, जिनके नाम का अर्थ है 'स्कंद' की माता। नवरात्रि के पांचवें दिन इनकी पूजा की जाती है, जिनकी गोद में बालक कार्तिकेय (स्कंद) विराजमान होते हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी पूजा से संतान सुख मिलता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है, और भक्त को अलौकिक तेज की अनुभूति होती है।🌺🌺🙏या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।🙏🌺🌺🌺🙏नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम🙏🌺🌺🌺 #🙏जय माता दी📿 #🙏शुभ नवरात्रि💐 #🔱शक्तिपीठ 🛕 #🙏 देवी दर्शन🌸 #🙏 जय माँ दुर्गा 🙏
🙏जय माता दी📿 - माँ 2C కFTGTT माँ 2C కFTGTT - ShareChat