Arvind Bhardwaj
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१.२ लाख व्ह्यू · ६.५ ह प्रतिक्रिया | भारत का नाम कुरआन में क्यों नहीं मिलता?" भारतवर्ष केवल एक भूखंड नहीं, बल्कि संस्कृति, धर्म, अध्यात्म और परंपरा का वह केंद्र है जिसने संपूर्ण मानवता को "वसुधैव कुटुम्बकम्" का संदेश दिया। जब यह प्रश्न उठता है कि "क्या भारत हिंदू धर्मग्रंथों में उल्लेखित है?" तो उत्तर केवल ‘हां’ नहीं, बल्कि गौरव से भरा हुआ ‘हाँ’ होता है। 1. भारत का उल्लेख धर्मग्रंथों में 📜 विष्णु पुराण: "उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्। वर्षं तद भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः॥" (अर्थ: समुद्र के उत्तर और हिमालय के दक्षिण में जो देश है, वह भारत कहलाता है, और उसकी संतानें 'भारती' कहलाती हैं।) ➡️ यह श्लोक स्पष्ट करता है कि 'भारत' केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक राष्ट्र की पहचान है। 2. महाभारत और रामायण में भारत महाभारत का नाम ही भारत से जुड़ा है — "भारतसंहिताम्", "भारतवर्ष"। रामायण में श्रीराम का जीवन भारत की सांस्कृतिक सीमाओं की यात्रा है – अयोध्या से जनकपुर, चित्रकूट से पंचवटी, और लंका तक की यात्रा इसी भारतवर्ष की पुष्टि करती है। 3. ऋग्वेद और अन्य वेदों में भारत भूमि की स्तुति ऋग्वेद में भारत भूमि को "मातृभूमि" कहा गया है। "माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः।" (अर्थ: पृथ्वी मेरी माता है और मैं उसका पुत्र हूं।) अथर्ववेद में भारत भूमि की उर्वरता, शक्तिशाली राजा, और ऋषियों के आश्रमों का वर्णन है। 4. भारतवर्ष – एक आध्यात्मिक राष्ट्र हिन्दू धर्म केवल "राज्य" को नहीं मानता, वह "राष्ट्र" को "धर्मभूमि" कहता है। भारतवर्ष को धर्मभूमि, पुण्यभूमि, और कर्मभूमि कहा गया है, जहाँ भगवान स्वयं अवतरित होते हैं (राम, कृष्ण आदि)। 5. भारत – एक सांस्कृतिक राष्ट्र की अवधारणा एक राष्ट्र, एक संस्कृति, एक मातृभूमि – यह विचार हिंदू धर्म की आत्मा है। संस्कृत भाषा, तीर्थ स्थान, धार्मिक पर्व, नदी-पूजन – सब भारत भूमि से जुड़े हैं। ✨ निष्कर्ष: हिंदू धर्मग्रंथों में 'भारत' केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक जीवंत चेतना है – एक ऐसा देश जहाँ देवता निवास करते हैं, जहाँ वेदों की ध्वनि गूंजती है, जहाँ कर्म, भक्ति और ज्ञान – तीनों पथ एक साथ चलते हैं। भारत हमारे लिए सिर्फ मातृभूमि नहीं – यह हमारी धर्मभूमि, पुण्यभूमि और मोक्षभूमि है। अतः जब कोई कहे कि – “धर्मग्रंथों में भारत लिखा है क्या?” तो उत्तर है – हां, लिखा है – श्लोकों में, उपनिषदों में, और हमारे दिलों में। क्या कुरआन में 'भारत' शब्द है?" साफ उत्तर: नहीं, कुरआन में 'भारत' शब्द नहीं है। कुरआन शरीफ 7वीं शताब्दी में अरब के रेगिस्तानी इलाकों में अरबी भाषा में उतरी। कुरआन में 'भारत' शब्द नहीं है? बिल्कुल नहीं। कुरआन में ‘भारत’ शब्द नहीं है — यह एक ऐतिहासिक और भाषाई सच्चाई है। #भारत #कुरआन #कुरआनमेंभारत #इस्लामिकसत्य #IndiaInQuran #Hindustan #कुरआनकासच #धर्मकीआवाज़ #भारत_कुरआन #QuranTruth #Hind #ReligiousFacts #IndiaHistory #QuranKnowledge #SanatanVsIslam #dharmkiaawaj#mukundupadhyay | Dharm Ki Aawaj
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🖊 एक रचना रोज़ ✍ - ShareChat] vineeta मित्रता , इश्क, मोहब्बत, परिवार कोई भी रिश्ता क्यों न हों, चालाकी जहाँ भी प्रवेश करती हैं 'सब कुछ बिखेरकर देती हैं" खख ShareChat] vineeta मित्रता , इश्क, मोहब्बत, परिवार कोई भी रिश्ता क्यों न हों, चालाकी जहाँ भी प्रवेश करती हैं 'सब कुछ बिखेरकर देती हैं" खख - ShareChat
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🖊 एक रचना रोज़ ✍ - ShareChat vineeta सीमाएँ तय करना बदतमीज़ी नहीं है। दया दिखाना फ्लर्ट नहीं है। चुप रहना गुस्सा नहीं है। आँसू बहाना कमजोरी नहीं है। अटेंशन देना प्यार नहीं है। हर चीज़ का अपना मतलब होता है। गलतफहमी सिर्फ़ तब होती है, जब लोग अपने नज़रिए से समझते हैं। ShareChat vineeta सीमाएँ तय करना बदतमीज़ी नहीं है। दया दिखाना फ्लर्ट नहीं है। चुप रहना गुस्सा नहीं है। आँसू बहाना कमजोरी नहीं है। अटेंशन देना प्यार नहीं है। हर चीज़ का अपना मतलब होता है। गलतफहमी सिर्फ़ तब होती है, जब लोग अपने नज़रिए से समझते हैं। - ShareChat