#kuran sarif #📗 क़ुरान से शिफा ☪ #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #Kalyug_Mein_Satyug_Part3
संत रामपाल जी महाराज की जीवनदायिनी अन्नपूर्णा मुहिम से कलयुग में फिर होगा सतयुग जैसा माहौल।
देखिए कलयुग में सतयुग की शुरुआत Part 3, Factful Debates YouTube Channel पर
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#🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #ईश्वर आस्था #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #📗 क़ुरान से शिफा ☪ #kuran sarif पूर्ण गुरु की पहचान
पूर्ण गुरु तीन प्रकार के मंत्रों (नाम) को तीन बार में उपदेश करेगा जिसका वर्णन कबीर सागर ग्रंथ पृष्ठ नं. 265 बोध सागर में मिलता है व गीता जी के अध्याय नं. 17 श्लोक 23 व सामवेद संख्या नं. 822 में मिलता है।
#kuran sarif #📗 क़ुरान से शिफा ☪ #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #ईश्वर आस्था #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स मांस खाने वाले शैतान
कबीर, मांस खाय ते ढेड़ सब, मद पीवे सो नीच।
कुल की दुर्मति पर हरै, राम कहे सो ऊंच।।
कबीर परमेश्वर ने मांस खाने वाले को ढेड़ एवं शराब का सेवन करने वाले को नीच कहकर सम्बोधित किया है। तथा राम/परमात्मा की इबादत करने वाले को श्रेष्ठ बताया है। चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का व्यक्ति हो।
#🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #ईश्वर आस्था #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🙏गुरु महिमा😇 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #संतरामपालजी_से_मनी_किसानों_की_दिवाली
संत रामपाल जी महाराज ने बाढ़ प्रभावित किसानों तथा गाँवों को बाढ़ से उबारने के लिए लाखों के पाइप, मोटर दिए। जिसके बाद किसानों का कहना है कि "यह मोटर नहीं, हमारे लिए दिवाली का तोहफा है!"
#सदा_दिवाली_संत_की_12मास_बसंत
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#🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏गुरु महिमा😇 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #ईश्वर आस्था #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स किसानों की दिवाली
हमारी दिवाली तो आज ही मन गई। ये कहना है हरियाणा के उन किसानों का, जिनकी सैंकड़ों एकड़ फ़सल बाढ़ में डूब चुकी थीं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी गई शक्तिशाली मोटरों, हजारों फीट पाइपलाइन से किसानों में एक बार पुनः आशा की किरण जागी है।
#🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #ईश्वर आस्था #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🙏गुरु महिमा😇 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 संत रामपाल जी महाराज जी की अन्नपूर्णा मुहिम बनी किसानों के लिए वरदान। संत रामपाल जी महाराज जी ने
डाटा (हिसार) गाँव में बाढ़ पीड़ितों के लिए 25000 फीट (8 इंची) पाइप, 3 (15 हॉर्स पावर) + 2 मोटर (10 हॉर्स पावर की) +100 फुट तार भेजा।
(दूसरी बार Demand पर) 7000 फीट (8 इंची) पाइप + 1 मोटर (10 हॉर्स पावर की) + 20 फुट तार + Full Set संत रामपाल जी महाराज जी की तरफ से भेजा गया।
#🙏गुरु महिमा😇 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #ईश्वर आस्था #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स गीता वाला काल कौन?
‘‘गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’’:-
जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
#🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏गुरु महिमा😇 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #ईश्वर आस्था #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि ‘हे अर्जुन! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।‘
सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज











![🙏गुरु महिमा😇 - गोता सार गीताा बोलने वाला काल कोन? पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु अध्याय ११ श्लोक ३२ में कह रहा है कि ' अर्जुन मैं बढा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ। संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क 55]IT 0 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र ; Google Play +917496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAI गोता सार गीताा बोलने वाला काल कोन? पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु अध्याय ११ श्लोक ३२ में कह रहा है कि ' अर्जुन मैं बढा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ। संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क 55]IT 0 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र ; Google Play +917496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAI - ShareChat 🙏गुरु महिमा😇 - गोता सार गीताा बोलने वाला काल कोन? पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु अध्याय ११ श्लोक ३२ में कह रहा है कि ' अर्जुन मैं बढा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ। संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क 55]IT 0 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र ; Google Play +917496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAI गोता सार गीताा बोलने वाला काल कोन? पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु अध्याय ११ श्लोक ३२ में कह रहा है कि ' अर्जुन मैं बढा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ। संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क 55]IT 0 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र ; Google Play +917496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAI - ShareChat](https://cdn4.sharechat.com/bd5223f_s1w/compressed_gm_40_img_301076_117b260e_1760619297527_sc.jpg?tenant=sc&referrer=user-profile-service%2FrequestType50&f=527_sc.jpg)
![🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - अध्याय ११ का श्लोक ४७ भगवान उवाच प्रसन्नेन तव अर्जुन, इदम रूपम परम् दर्शित्तम् आत्मयोगात् तेजोमयम विश्वम अनन्तम आद्यम यत मे त्वदन्येन 7 #ಣaTII47II अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जून। (पसनेन। अनुग्रहपूर्वक ( मया) र्मैने ( आत्मयोगात अपनी योगशक्तिके प्रभावसे (इदम। यह मेरा ( परम् ) परम (तेजोमयम्) तेजोमय ( आदाम्) (Fann] चिराट सनका आदि ओर ( अनन्तम्) सीमारहित नुझको ( दशितम) दिखलाया है (यत) रूपम। रूप ।तव जिसे ( त्वदन्येन ) तेरे अतिरिक्त दूसरे किसीने (न दृष्टपूर्वम्। पहले नहों देखा था। (४७) हिन्दीः हे अर्जुन। अनुग्रहपूर्वक र्मैने अपनी योगशक्तिके प्र्ावसे यह् मेरा परम तेजोमय सबका आदि और जिसे तेरे चिराट सीमारहित तुझको दिखलाया रप ரிளசி आंत्िरिक्त दूसरे किसीने पहले नहीं देखा था। ज्ञान किसने बोला? अध्याय १ १ श्लोक ४७ में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि 'हे अर्जुन! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था। ' सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज पचित्र पुस्तक निःशल्क पाये अपना नाम , परा पता भेजे ज्ञान गगा +91 7496801825 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl 0 @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ अध्याय ११ का श्लोक ४७ भगवान उवाच प्रसन्नेन तव अर्जुन, इदम रूपम परम् दर्शित्तम् आत्मयोगात् तेजोमयम विश्वम अनन्तम आद्यम यत मे त्वदन्येन 7 #ಣaTII47II अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जून। (पसनेन। अनुग्रहपूर्वक ( मया) र्मैने ( आत्मयोगात अपनी योगशक्तिके प्रभावसे (इदम। यह मेरा ( परम् ) परम (तेजोमयम्) तेजोमय ( आदाम्) (Fann] चिराट सनका आदि ओर ( अनन्तम्) सीमारहित नुझको ( दशितम) दिखलाया है (यत) रूपम। रूप ।तव जिसे ( त्वदन्येन ) तेरे अतिरिक्त दूसरे किसीने (न दृष्टपूर्वम्। पहले नहों देखा था। (४७) हिन्दीः हे अर्जुन। अनुग्रहपूर्वक र्मैने अपनी योगशक्तिके प्र्ावसे यह् मेरा परम तेजोमय सबका आदि और जिसे तेरे चिराट सीमारहित तुझको दिखलाया रप ரிளசி आंत्िरिक्त दूसरे किसीने पहले नहीं देखा था। ज्ञान किसने बोला? अध्याय १ १ श्लोक ४७ में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि 'हे अर्जुन! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था। ' सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज पचित्र पुस्तक निःशल्क पाये अपना नाम , परा पता भेजे ज्ञान गगा +91 7496801825 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl 0 @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat 🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - अध्याय ११ का श्लोक ४७ भगवान उवाच प्रसन्नेन तव अर्जुन, इदम रूपम परम् दर्शित्तम् आत्मयोगात् तेजोमयम विश्वम अनन्तम आद्यम यत मे त्वदन्येन 7 #ಣaTII47II अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जून। (पसनेन। अनुग्रहपूर्वक ( मया) र्मैने ( आत्मयोगात अपनी योगशक्तिके प्रभावसे (इदम। यह मेरा ( परम् ) परम (तेजोमयम्) तेजोमय ( आदाम्) (Fann] चिराट सनका आदि ओर ( अनन्तम्) सीमारहित नुझको ( दशितम) दिखलाया है (यत) रूपम। रूप ।तव जिसे ( त्वदन्येन ) तेरे अतिरिक्त दूसरे किसीने (न दृष्टपूर्वम्। पहले नहों देखा था। (४७) हिन्दीः हे अर्जुन। अनुग्रहपूर्वक र्मैने अपनी योगशक्तिके प्र्ावसे यह् मेरा परम तेजोमय सबका आदि और जिसे तेरे चिराट सीमारहित तुझको दिखलाया रप ரிளசி आंत्िरिक्त दूसरे किसीने पहले नहीं देखा था। ज्ञान किसने बोला? अध्याय १ १ श्लोक ४७ में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि 'हे अर्जुन! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था। ' सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज पचित्र पुस्तक निःशल्क पाये अपना नाम , परा पता भेजे ज्ञान गगा +91 7496801825 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl 0 @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ अध्याय ११ का श्लोक ४७ भगवान उवाच प्रसन्नेन तव अर्जुन, इदम रूपम परम् दर्शित्तम् आत्मयोगात् तेजोमयम विश्वम अनन्तम आद्यम यत मे त्वदन्येन 7 #ಣaTII47II अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जून। (पसनेन। अनुग्रहपूर्वक ( मया) र्मैने ( आत्मयोगात अपनी योगशक्तिके प्रभावसे (इदम। यह मेरा ( परम् ) परम (तेजोमयम्) तेजोमय ( आदाम्) (Fann] चिराट सनका आदि ओर ( अनन्तम्) सीमारहित नुझको ( दशितम) दिखलाया है (यत) रूपम। रूप ।तव जिसे ( त्वदन्येन ) तेरे अतिरिक्त दूसरे किसीने (न दृष्टपूर्वम्। पहले नहों देखा था। (४७) हिन्दीः हे अर्जुन। अनुग्रहपूर्वक र्मैने अपनी योगशक्तिके प्र्ावसे यह् मेरा परम तेजोमय सबका आदि और जिसे तेरे चिराट सीमारहित तुझको दिखलाया रप ரிளசி आंत्िरिक्त दूसरे किसीने पहले नहीं देखा था। ज्ञान किसने बोला? अध्याय १ १ श्लोक ४७ में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि 'हे अर्जुन! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था। ' सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज पचित्र पुस्तक निःशल्क पाये अपना नाम , परा पता भेजे ज्ञान गगा +91 7496801825 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl 0 @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat](https://cdn4.sharechat.com/bd5223f_s1w/compressed_gm_40_img_954166_1133b994_1760533947478_sc.jpg?tenant=sc&referrer=user-profile-service%2FrequestType50&f=478_sc.jpg)