एस्ट्रो मनोज कौशिक बहल यंत्र मंत्र तंत्र विशेषज्ञ
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#🔯ज्योतिष #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯नक्षत्रों के प्रभाव✨ #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #🔯वास्तु दोष उपाय
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#📕लाल किताब उपाय🔯 #🔯दैनिक वास्तु टिप्स✅ #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय #✡️सितारों की चाल🌠 #🐍कालसर्प दोष परिहार
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🔯ज्योतिष - सच को सच और 0 को झूठ बोलने का दम हुँ तभी तो दुश्मन रखता ज़्यादा और दोस्त कम रखता हुँ सच को सच और 0 को झूठ बोलने का दम हुँ तभी तो दुश्मन रखता ज़्यादा और दोस्त कम रखता हुँ - ShareChat
#🔯ज्योतिष #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯नक्षत्रों के प्रभाव✨ #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #🔯वास्तु दोष उपाय जय श्री महाकाल अगर आपके घर में परिवार में किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या है तो आप इस पूजा में एक बार जरूर बैठकर देखें 101% आपको रिजल्ट मिलेगा
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जय श्री महाकाल अगर आपके घर में परिवार में किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या है तो आप इस पूजा में एक बार जरूर बैठकर देखें 101% आपको रिजल्ट मिलेगा #📕लाल किताब उपाय🔯 #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय #🔯दैनिक वास्तु टिप्स✅ #✡️सितारों की चाल🌠 #🐍कालसर्प दोष परिहार
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#🔯ज्योतिष #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #🔯नक्षत्रों के प्रभाव✨ #🔯वास्तु दोष उपाय जब बच्चे का मन पढ़ाई मॆ नहीँ लगता - उसके लिए आपको कुछ विशेष उपाय बता रहा हूं इन उपायों को करके आप अपने बच्चों में विशेष परिवर्तन देखोगे 1- यदि किसी बच्चे का मन पढ़ाई मॆ नहीँ लगता तो बच्चे के ऊपर से एक साबुत नीम्बू 7 बार घुमा कर उतारें " बच्चे की हर बला तेरे सर " ऐसा बोलते हुए ! और काट कर किसी निर्जन स्थान पर फेक दे ! 2- बच्चे से हाथ लगवा कर हरा चारा (घास , पालक इत्यादी ) गाय को खिलायें ! 3- बच्चे को दाहिने हाथ की कनिष्ठा उँगली मॆ पन्ना रत्न पहनायें ! बुधवार को ! 4- बच्चे की पढ़ाई की टेबल पर ग्लोब रख दें , और बच्चा उसे प्रतिदिन " 3" बार घुमाये ! 5-बच्चे के कमरे मॆ एक स्फटिक गोला उत्तर दिशा मॆ लटका दें ! इससे परीक्षा मॆ शानदार सफलता मिलती है . 6- घर के ईशान कोण मॆ यदि बच्चे की पढ़ाई का स्थान / कमरा हो तो उसका मन पढ़ाई मॆ लगने लगेगा! 7- सोते समय बच्चे का सिर पूर्व या दक्षिण दिशा मॆ हो तो बच्चे का चिढ़ चिड़ा पन सम्माप्त होकर पढ़ने मॆ मन लगाता है ! 8:- बच्चे के पढ़ाई के कमरे का रंग हल्का पिला , हल्का हरा , आसमानी हो तो अच्छा है ! 9- जिस किसी मकान मॆ तीन दरवाजे एक ही सीध मॆ होंगे तो उसके बीच बैठकर बच्चा पढ़ाई नही कर पाता ! 10- विद्यार्थी को किसी दुछत्ति , बीम आदि के नीचे बैठ कर नही पढ़ना चाहिये ! बिना तोड़-फोड के वैदिक व वैज्ञानिक विधी से वास्तु परामर्श, शंका- समाधान, औरा चेकअप जन्मपत्रिका, वर-वधु गुण मिलान,सर्टिफाइड रत्न, विवाह, संतान, नौकरी, व्यवसाय में सफलता ना मिल रहीं हो, संतान का ना होना, विद्यार्थी को पढ़ाई में आ रहीं समस्या ,विदेश यात्रा के लिये, जमीन-जायदाद सभी प्रकार की व्यक्तिगत समस्या के समाधान,आदि के रत्न परामर्श, कुंडली विश्लेष आदि के लिए संपर्क करे नोट..- हमारी सभी सेवाय सशुल्क दी जाती है
#📕लाल किताब उपाय🔯 #🔯दैनिक वास्तु टिप्स✅ #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय #✡️सितारों की चाल🌠 #🐍कालसर्प दोष परिहार जब बच्चे का मन पढ़ाई मॆ नहीँ लगता - उसके लिए आपको कुछ विशेष उपाय बता रहा हूं इन उपायों को करके आप अपने बच्चों में विशेष परिवर्तन देखोगे 1- यदि किसी बच्चे का मन पढ़ाई मॆ नहीँ लगता तो बच्चे के ऊपर से एक साबुत नीम्बू 7 बार घुमा कर उतारें " बच्चे की हर बला तेरे सर " ऐसा बोलते हुए ! और काट कर किसी निर्जन स्थान पर फेक दे ! 2- बच्चे से हाथ लगवा कर हरा चारा (घास , पालक इत्यादी ) गाय को खिलायें ! 3- बच्चे को दाहिने हाथ की कनिष्ठा उँगली मॆ पन्ना रत्न पहनायें ! बुधवार को ! 4- बच्चे की पढ़ाई की टेबल पर ग्लोब रख दें , और बच्चा उसे प्रतिदिन " 3" बार घुमाये ! 5-बच्चे के कमरे मॆ एक स्फटिक गोला उत्तर दिशा मॆ लटका दें ! इससे परीक्षा मॆ शानदार सफलता मिलती है . 6- घर के ईशान कोण मॆ यदि बच्चे की पढ़ाई का स्थान / कमरा हो तो उसका मन पढ़ाई मॆ लगने लगेगा! 7- सोते समय बच्चे का सिर पूर्व या दक्षिण दिशा मॆ हो तो बच्चे का चिढ़ चिड़ा पन सम्माप्त होकर पढ़ने मॆ मन लगाता है ! 8:- बच्चे के पढ़ाई के कमरे का रंग हल्का पिला , हल्का हरा , आसमानी हो तो अच्छा है ! 9- जिस किसी मकान मॆ तीन दरवाजे एक ही सीध मॆ होंगे तो उसके बीच बैठकर बच्चा पढ़ाई नही कर पाता ! 10- विद्यार्थी को किसी दुछत्ति , बीम आदि के नीचे बैठ कर नही पढ़ना चाहिये ! बिना तोड़-फोड के वैदिक व वैज्ञानिक विधी से वास्तु परामर्श, शंका- समाधान, औरा चेकअप जन्मपत्रिका, वर-वधु गुण मिलान,सर्टिफाइड रत्न, विवाह, संतान, नौकरी, व्यवसाय में सफलता ना मिल रहीं हो, संतान का ना होना, विद्यार्थी को पढ़ाई में आ रहीं समस्या ,विदेश यात्रा के लिये, जमीन-जायदाद सभी प्रकार की व्यक्तिगत समस्या के समाधान,आदि के रत्न परामर्श, कुंडली विश्लेष आदि के लिए संपर्क करे नोट..- हमारी सभी सेवाय सशुल्क दी जाती है
#🔯ज्योतिष #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯नक्षत्रों के प्रभाव✨ #🔯ग्रह दोष एवं उपाय🪔 #🔯वास्तु दोष उपाय उतारा क्या है जाने उतारा शब्द का तात्पर्य व्यक्ति विशेष पर हावी बुरी हवा अथवा बुरी आत्मा, नजर आदि के प्रभाव को उतारने से है - ये उतारे आमतौर पर जादा तर मिठाइयों द्वारा किए जाते हैं क्योंकि मिठाइयों की ओर ये शीघ्र आकर्षित होते हैं- उतारा करने की विधि उतारे की वस्तु सीधे हाथ में लेकर नजर दोष से पीड़ित व्यक्ति के सिर से पैर की ओर सात अथवा ग्यारह बार घुमाई जाती है। इससे वह बुरी आत्मा उस वस्तु में आ जाती है। उतारा की क्रिया करने के बाद वह वस्तु किसी चौराहे, निर्जन स्थान या पीपल के नीचे रख दी जाती है और व्यक्ति ठीक हो जाता है। किस दिन किस मिठाई से उतारा करना चाहिए-इसका विवरण यहां प्रस्तुत है:- रविवार को नमक अथवा सूखे फलयुक्त बर्फी से उतारा करना चाहिए। सोमवार को बर्फी से उतारा करके बर्फी गाय को खिला दें। मंगलवार को मोती चूर के लड्डू से उतार कर लड्डू कुत्ते को खिला दें। बुधवार को इमरती से उतारा करें व उसे कुत्ते को खिला दें। गुरुवार को सायं काल एक दोने में अथवा कागज पर पांच मिठाइयां रखकर उतारा करें। उतारे के बाद उसमें छोटी इलायची रखें व धूपबत्ती जलाकर किसी पीपल के वृक्ष के नीचे पश्चिम दिशा में रखकर घर वापस जाएं। ध्यान रहे, वापस जाते समय पीछे मुड़कर न देखें और घर आकर हाथ और पैर धोकर व कुल्ला करके ही अन्य कार्य करें। शुक्रवार को मोती चूर के लड्डू से उतारा कर लड्डू कुत्ते को खिला दें या किसी चौराहे पर रख दें। शनिवार को उतारा करना हो तो इमरती या बूंदी का लड्डू प्रयोग में लाएं व उतारे के बाद उसे कुत्ते को खिला दें। इसके अतिरिक्त रविवार को सहदेई की जड़, तुलसी के आठ पत्ते और आठ काली मिर्च किसी कपड़े में बांधकर काले धागे से गले में बांधने से ऊपरी हवाएं सताना बंद कर देती हैं। नजर उतारने अथवा उतारा आदि करने के लिए कपूर, बूंदी का लड्डू, इमरती, बर्फी, कड़वे तेल की रूई की बाती, जायफल, उबले चावल, बूरा, राई, नमक, काली सरसों, पीली सरसों मेहंदी, काले तिल, सिंदूर, रोली, हनुमान जी को चढ़ाए जाने वाले सिंदूर, नींबू, उबले अंडे, गुग्गुल, शराब, दही, फल, फूल, मिठाइयों, लाल मिर्च, झाडू, मोर छाल, लौंग, नीम के पत्तों की धूनी आदि का प्रयोग किया जाता है। स्थायी व दीर्घकालीन लाभ के लिए संध्या के समय गायत्री मंत्र का जप और जप के दशांश का हवन करना चाहिए। हनुमान जी की नियमित रूप से उपासना, भगवान शिव की उपासना व उनके मूल मंत्र का जप, महा- मृत्युंजय मंत्र का जप, मां दुर्गा और मां काली की उपासना करें। स्नान के पश्चात् तांबे के लोटे से सूर्य को जल का अर्य दें। मानसिक शान्ति और सम्पन्नता के लिए पूर्णमासी को सत्यनारायण की कथा स्वयं करें अथवा किसी कर्मकांडी ब्राह्मण से सुनें। संध्या के समय घर में दीपक जलाएं, प्रतिदिन गंगाजल छिड़कें और नियमित रूप से गुग्गुल की धूनी दें। प्रतिदिन शुद्ध आसन पर बैठकर सुंदर कांड का पाठ करें। किसी के द्वारा दिया गया सेव व केला न खाएं। रात्रि बारह से चार बजे के बीच कभी स्नान न करें। बीमारी से मुक्ति के लिए नीबू से उतारा करके उसमें एक सुई आर-पार चुभो कर पूजा स्थल पर रख दें और सूखने पर फेंक दें। यदि रोग फिर भी दूर न हो, तो रोगी की चारपाई से एक बाण(बान जिससे चारपाई को बिना जाता है ) निकालकर रोगी के सिर से पैर तक छुआते हुए उसे सरसों के तेल में अच्छी तरह भिगोकर बराबर कर लें व लटकाकर जला दें और फिर राख पानी में बहा दें। अभिचार कर्म से मुक्ति के उपाय यदि आपको ऐसा लग रहा हो कि कोई आपको मारना चाहता है तो पपीते के 21 बीज लेकर शिव मंदिर जाएं व शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाकर धूप बत्ती करें तथा शिवलिंग के निकट बैठकर पपीते के बीज अपने सामने रखें। अपना नाम, गौत्र उच्चारित करके भगवान् शिव से अपनी रक्षा की प्रार्थना करें व एक माला महामृत्युंजय मंत्र की जपें तथा बीजों को एकत्रित कर तांबे के ताबीज में भरकर गले में धारण कर लें। शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो नींबू को चार भागों में काटकर चौराहे पर खड़े होकर अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए चारों दिशाओं में एक-एक भाग को फेंक दें व घर आकर अपने हाथ-पांव धो लें। तांत्रिक अभिकर्म से छुटकारा मिलेगा। शुक्ल पक्ष के बुधवार को चार गोमती चक्र अपने सिर से घुमाकर चारों दिशाओं में फेंक दें तो व्यक्ति पर किए गए तांत्रिक अभिकर्म का प्रभाव खत्म हो जाता है। भूत-प्रेत आदि से ग्रसित व्यक्ति की पहचान कैसे करे इस प्रकार के व्यक्ति के शरीर से या कपड़ों से गंध आती है। ऐसा व्यक्ति स्वभाव से चिड़चिड़ा हो जाता है।ऐसे व्यक्ति की आंखें लाल रहती हैं व चेहरा भी लाल दिखाई देता है। ऐसे व्यक्ति को अनायास ही पसीना बार-बार आता है। ऐसा व्यक्ति सिरदर्द व पेट दर्द की शिकायत अक्सर करता ही रहता है। ऐसा व्यक्ति झुककर या पैर घसीट कर चलता है। कंधों में भारीपन महसूस करता है। कभी-कभी पैरों में दर्द की शिकायत भी करता है। बुरे स्वप्न उसका पीछा नहीं छोड़ते। जिस घर या परिवार में भूत-प्रेतों का साया होता है वहां शांति का वातावरण नहीं होता। घर में कोई न कोई सदस्य सदैव किसी न किसी रोग से ग्रस्त रहता है। अकेले रहने पर घर में डर लगता है बार-बार ऐसा लगता है कि घर के ही किसी सदस्य ने आवाज देकर पुकारा है जबकि वह सदस्य घर पर होता ही नहीं....? इसे छलावा कहते हैं। भूत-प्रेत से ग्रसित व्यक्ति का उपचार कैसे करें भूत-प्रेतों की अनेकानेक योनियां हैं। इतना ही नहीं इनकी अपनी-अपनी शक्तियां भी भिन्न-भिन्न होती हैं। इसलिए सभी ग्रसित व्यक्तियों का उपचार एक ही क्रिया द्वारा संभव नहीं है। योग्य व विद्वान व्यक्ति ही इनकी योनी व शक्ति की पहचान कर इनका उपचार बतलाते हैं। अनेक बार ऐसा भी होता है कि ये उतारा या उपचार करने वाले पर ही हावी हो जाते हैं इसलिए इस कार्य के लिए अनुभव व गुरु का मार्ग दर्शन अत्यंत अनिवार्य होता है। आइये जानते है कुछ सामान्य सा उपचार सामान्य उपचार भी ग्रसित व्यक्ति को ठीक कर देते हैं या भूत-प्रेतों को उनके शरीर से बाहर निकलने के लिए मजबूर कर देते हें। ये उपचार उतारा या उसारा के रूप में किया जाता है। इन्हें आजमाएं। ग्रसित व्यक्ति के गले में लहसुन की कलियों की माला डाल दें। ( लहसुन की गंध अधिकांशतः भूत-प्रेत सहन नहीं कर पाते इसलिए ग्रसित व्यक्ति को छोड़कर भाग जाते हैं।) रात्रिकाल में ग्रसित व्यक्ति के सिरहाने लहसुन और हींग को पीसकर गोली बनाकर रखें। ग्रसित व्यक्ति की शारीरिक स्वच्छता बनाए रखने का प्रयास करें। ग्रसित व्यक्ति के वस्त्र अलग से धोएं व सुखाएं। ग्रसित व्यक्ति के ऊपर से बूंदी का लड्डू उतारकर चैराहे या पीपल के नीचे रखें (रविवार छोड़कर)। तीन दिन लगातार करें। किसी योग्य व्यक्ति से अथवा गुरु से रक्षा कवच या यंत्र आदि बनवाकर ग्रसित व्यक्ति को धारण कराना चाहिए। ग्रसित व्यक्ति को अधिक से अधिक गंगाजल पिलाना चाहिए व उस स्थान विशेष पर भी प्रतिदिन गंगाजल छिड़कना चाहिए। नवार्ण मंत्र (ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे) की एक माला जप करके जल को अभिमंत्रित कर लें व पीड़ित व्यक्ति को पिलाएं। हर मंगल और शनि के दिन श्री हनुमान जी के मंदिर में जाये और उनके चरणों में से सिन्दूर लेकर माथे पर लगाये बेकार के जादू-टोने -टोटको से दूर रहे अन्यथा ये लाभ की बजाय नुकसान भी कर सकते है .. अतः किसी योग्य जानकर से परामर्श लेकर और समाज कल्याण के लिए ही इन सबका प्रयोग करे .. किसी को अनायास परेशान न करे. उतारा आदि करने के पश्चात भलीभांति कुल्ला अवश्य करें। इस तरह, किसी व्यक्ति पर पड़ने वाली किसी अन्य व्यक्ति की नजर उसके जीवन को तबाह कर सकती है। नजर दोष का उक्त लक्षण दिखते ही ऊपर वर्णित सरल व सहज उपायों का प्रयोग कर उसे दोषमुक्त किया जा सकता है।।
#📕लाल किताब उपाय🔯 #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय #🔯दैनिक वास्तु टिप्स✅ #✡️सितारों की चाल🌠 #🐍कालसर्प दोष परिहार उतारा क्या है जाने उतारा शब्द का तात्पर्य व्यक्ति विशेष पर हावी बुरी हवा अथवा बुरी आत्मा, नजर आदि के प्रभाव को उतारने से है - ये उतारे आमतौर पर जादा तर मिठाइयों द्वारा किए जाते हैं क्योंकि मिठाइयों की ओर ये शीघ्र आकर्षित होते हैं- उतारा करने की विधि उतारे की वस्तु सीधे हाथ में लेकर नजर दोष से पीड़ित व्यक्ति के सिर से पैर की ओर सात अथवा ग्यारह बार घुमाई जाती है। इससे वह बुरी आत्मा उस वस्तु में आ जाती है। उतारा की क्रिया करने के बाद वह वस्तु किसी चौराहे, निर्जन स्थान या पीपल के नीचे रख दी जाती है और व्यक्ति ठीक हो जाता है। किस दिन किस मिठाई से उतारा करना चाहिए-इसका विवरण यहां प्रस्तुत है:- रविवार को नमक अथवा सूखे फलयुक्त बर्फी से उतारा करना चाहिए। सोमवार को बर्फी से उतारा करके बर्फी गाय को खिला दें। मंगलवार को मोती चूर के लड्डू से उतार कर लड्डू कुत्ते को खिला दें। बुधवार को इमरती से उतारा करें व उसे कुत्ते को खिला दें। गुरुवार को सायं काल एक दोने में अथवा कागज पर पांच मिठाइयां रखकर उतारा करें। उतारे के बाद उसमें छोटी इलायची रखें व धूपबत्ती जलाकर किसी पीपल के वृक्ष के नीचे पश्चिम दिशा में रखकर घर वापस जाएं। ध्यान रहे, वापस जाते समय पीछे मुड़कर न देखें और घर आकर हाथ और पैर धोकर व कुल्ला करके ही अन्य कार्य करें। शुक्रवार को मोती चूर के लड्डू से उतारा कर लड्डू कुत्ते को खिला दें या किसी चौराहे पर रख दें। शनिवार को उतारा करना हो तो इमरती या बूंदी का लड्डू प्रयोग में लाएं व उतारे के बाद उसे कुत्ते को खिला दें। इसके अतिरिक्त रविवार को सहदेई की जड़, तुलसी के आठ पत्ते और आठ काली मिर्च किसी कपड़े में बांधकर काले धागे से गले में बांधने से ऊपरी हवाएं सताना बंद कर देती हैं। नजर उतारने अथवा उतारा आदि करने के लिए कपूर, बूंदी का लड्डू, इमरती, बर्फी, कड़वे तेल की रूई की बाती, जायफल, उबले चावल, बूरा, राई, नमक, काली सरसों, पीली सरसों मेहंदी, काले तिल, सिंदूर, रोली, हनुमान जी को चढ़ाए जाने वाले सिंदूर, नींबू, उबले अंडे, गुग्गुल, शराब, दही, फल, फूल, मिठाइयों, लाल मिर्च, झाडू, मोर छाल, लौंग, नीम के पत्तों की धूनी आदि का प्रयोग किया जाता है। स्थायी व दीर्घकालीन लाभ के लिए संध्या के समय गायत्री मंत्र का जप और जप के दशांश का हवन करना चाहिए। हनुमान जी की नियमित रूप से उपासना, भगवान शिव की उपासना व उनके मूल मंत्र का जप, महा- मृत्युंजय मंत्र का जप, मां दुर्गा और मां काली की उपासना करें। स्नान के पश्चात् तांबे के लोटे से सूर्य को जल का अर्य दें। मानसिक शान्ति और सम्पन्नता के लिए पूर्णमासी को सत्यनारायण की कथा स्वयं करें अथवा किसी कर्मकांडी ब्राह्मण से सुनें। संध्या के समय घर में दीपक जलाएं, प्रतिदिन गंगाजल छिड़कें और नियमित रूप से गुग्गुल की धूनी दें। प्रतिदिन शुद्ध आसन पर बैठकर सुंदर कांड का पाठ करें। किसी के द्वारा दिया गया सेव व केला न खाएं। रात्रि बारह से चार बजे के बीच कभी स्नान न करें। बीमारी से मुक्ति के लिए नीबू से उतारा करके उसमें एक सुई आर-पार चुभो कर पूजा स्थल पर रख दें और सूखने पर फेंक दें। यदि रोग फिर भी दूर न हो, तो रोगी की चारपाई से एक बाण(बान जिससे चारपाई को बिना जाता है ) निकालकर रोगी के सिर से पैर तक छुआते हुए उसे सरसों के तेल में अच्छी तरह भिगोकर बराबर कर लें व लटकाकर जला दें और फिर राख पानी में बहा दें। अभिचार कर्म से मुक्ति के उपाय यदि आपको ऐसा लग रहा हो कि कोई आपको मारना चाहता है तो पपीते के 21 बीज लेकर शिव मंदिर जाएं व शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाकर धूप बत्ती करें तथा शिवलिंग के निकट बैठकर पपीते के बीज अपने सामने रखें। अपना नाम, गौत्र उच्चारित करके भगवान् शिव से अपनी रक्षा की प्रार्थना करें व एक माला महामृत्युंजय मंत्र की जपें तथा बीजों को एकत्रित कर तांबे के ताबीज में भरकर गले में धारण कर लें। शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो नींबू को चार भागों में काटकर चौराहे पर खड़े होकर अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए चारों दिशाओं में एक-एक भाग को फेंक दें व घर आकर अपने हाथ-पांव धो लें। तांत्रिक अभिकर्म से छुटकारा मिलेगा। शुक्ल पक्ष के बुधवार को चार गोमती चक्र अपने सिर से घुमाकर चारों दिशाओं में फेंक दें तो व्यक्ति पर किए गए तांत्रिक अभिकर्म का प्रभाव खत्म हो जाता है। भूत-प्रेत आदि से ग्रसित व्यक्ति की पहचान कैसे करे इस प्रकार के व्यक्ति के शरीर से या कपड़ों से गंध आती है। ऐसा व्यक्ति स्वभाव से चिड़चिड़ा हो जाता है।ऐसे व्यक्ति की आंखें लाल रहती हैं व चेहरा भी लाल दिखाई देता है। ऐसे व्यक्ति को अनायास ही पसीना बार-बार आता है। ऐसा व्यक्ति सिरदर्द व पेट दर्द की शिकायत अक्सर करता ही रहता है। ऐसा व्यक्ति झुककर या पैर घसीट कर चलता है। कंधों में भारीपन महसूस करता है। कभी-कभी पैरों में दर्द की शिकायत भी करता है। बुरे स्वप्न उसका पीछा नहीं छोड़ते। जिस घर या परिवार में भूत-प्रेतों का साया होता है वहां शांति का वातावरण नहीं होता। घर में कोई न कोई सदस्य सदैव किसी न किसी रोग से ग्रस्त रहता है। अकेले रहने पर घर में डर लगता है बार-बार ऐसा लगता है कि घर के ही किसी सदस्य ने आवाज देकर पुकारा है जबकि वह सदस्य घर पर होता ही नहीं....? इसे छलावा कहते हैं। भूत-प्रेत से ग्रसित व्यक्ति का उपचार कैसे करें भूत-प्रेतों की अनेकानेक योनियां हैं। इतना ही नहीं इनकी अपनी-अपनी शक्तियां भी भिन्न-भिन्न होती हैं। इसलिए सभी ग्रसित व्यक्तियों का उपचार एक ही क्रिया द्वारा संभव नहीं है। योग्य व विद्वान व्यक्ति ही इनकी योनी व शक्ति की पहचान कर इनका उपचार बतलाते हैं। अनेक बार ऐसा भी होता है कि ये उतारा या उपचार करने वाले पर ही हावी हो जाते हैं इसलिए इस कार्य के लिए अनुभव व गुरु का मार्ग दर्शन अत्यंत अनिवार्य होता है। आइये जानते है कुछ सामान्य सा उपचार सामान्य उपचार भी ग्रसित व्यक्ति को ठीक कर देते हैं या भूत-प्रेतों को उनके शरीर से बाहर निकलने के लिए मजबूर कर देते हें। ये उपचार उतारा या उसारा के रूप में किया जाता है। इन्हें आजमाएं। ग्रसित व्यक्ति के गले में लहसुन की कलियों की माला डाल दें। ( लहसुन की गंध अधिकांशतः भूत-प्रेत सहन नहीं कर पाते इसलिए ग्रसित व्यक्ति को छोड़कर भाग जाते हैं।) रात्रिकाल में ग्रसित व्यक्ति के सिरहाने लहसुन और हींग को पीसकर गोली बनाकर रखें। ग्रसित व्यक्ति की शारीरिक स्वच्छता बनाए रखने का प्रयास करें। ग्रसित व्यक्ति के वस्त्र अलग से धोएं व सुखाएं। ग्रसित व्यक्ति के ऊपर से बूंदी का लड्डू उतारकर चैराहे या पीपल के नीचे रखें (रविवार छोड़कर)। तीन दिन लगातार करें। किसी योग्य व्यक्ति से अथवा गुरु से रक्षा कवच या यंत्र आदि बनवाकर ग्रसित व्यक्ति को धारण कराना चाहिए। ग्रसित व्यक्ति को अधिक से अधिक गंगाजल पिलाना चाहिए व उस स्थान विशेष पर भी प्रतिदिन गंगाजल छिड़कना चाहिए। नवार्ण मंत्र (ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे) की एक माला जप करके जल को अभिमंत्रित कर लें व पीड़ित व्यक्ति को पिलाएं। हर मंगल और शनि के दिन श्री हनुमान जी के मंदिर में जाये और उनके चरणों में से सिन्दूर लेकर माथे पर लगाये बेकार के जादू-टोने -टोटको से दूर रहे अन्यथा ये लाभ की बजाय नुकसान भी कर सकते है .. अतः किसी योग्य जानकर से परामर्श लेकर और समाज कल्याण के लिए ही इन सबका प्रयोग करे .. किसी को अनायास परेशान न करे. उतारा आदि करने के पश्चात भलीभांति कुल्ला अवश्य करें। इस तरह, किसी व्यक्ति पर पड़ने वाली किसी अन्य व्यक्ति की नजर उसके जीवन को तबाह कर सकती है। नजर दोष का उक्त लक्षण दिखते ही ऊपर वर्णित सरल व सहज उपायों का प्रयोग कर उसे दोषमुक्त किया जा सकता है।।