ગોવિંદજી ઠાકોર
ShareChat
click to see wallet page
@88102720
88102720
ગોવિંદજી ઠાકોર
@88102720
सत् कैवल परमात्मा
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - GஏSGேடுஏ सव அகுவப Saas fவஅிஜீவ व्याकरण भाषा और प्राकृत भाषाको अंगः३० जो कहशो सुरके सद भाषण तीनकी वंश मनुषही | जुवो परंपरसरल शंभुकी, तीनकी आधसब उसकी। १३० अनुवाद अगर आप कहते हैंकि यह सचमुच देवताओं की भाषा है, तो उनके वंशज तो मनुष्य ही हैं। और यह भी देखिएकि यहसब उनकी परंपरा से, शंभू से शुरू होकर, सरल तरीके से आगे बढ़ा है। HR यदिकोईकहता है कि संस्कृत देवताओं की भाषा है,तो मनुष्योंकी उत्पत्ति देवताओं केवंशजों से ही चली आ रही है। अर्थात् उत्पत्ति की वह परंपरा शम्भू से लेकर अब तेक चली आ रही है। तदनुसार, आज सभी लोग दोनों भाषाएँ बोलते हैं, आप देखिए। Gஏ Sc qKeபcபப Govindji GஏSGேடுஏ सव அகுவப Saas fவஅிஜீவ व्याकरण भाषा और प्राकृत भाषाको अंगः३० जो कहशो सुरके सद भाषण तीनकी वंश मनुषही | जुवो परंपरसरल शंभुकी, तीनकी आधसब उसकी। १३० अनुवाद अगर आप कहते हैंकि यह सचमुच देवताओं की भाषा है, तो उनके वंशज तो मनुष्य ही हैं। और यह भी देखिएकि यहसब उनकी परंपरा से, शंभू से शुरू होकर, सरल तरीके से आगे बढ़ा है। HR यदिकोईकहता है कि संस्कृत देवताओं की भाषा है,तो मनुष्योंकी उत्पत्ति देवताओं केवंशजों से ही चली आ रही है। अर्थात् उत्पत्ति की वह परंपरा शम्भू से लेकर अब तेक चली आ रही है। तदनुसार, आज सभी लोग दोनों भाषाएँ बोलते हैं, आप देखिए। Gஏ Sc qKeபcபப Govindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - केवल @l ত্র নণIIII I] ]l कष एकत (वप करूपूश क्रता कहे धरथीतोधख्मे योहीधरमार्सकल्पहीठ ಕಪಪತೆತೌತ ಳಳಹತಾ ತಣಿತಣಿತತೆಪವuಣ [3o[  भावार्थः @वक@शय Rिदk: २३ sता sडछ ड्े प्रथभ भूणभीथीळधर्भछे.भाशीधर्शडढ्य छे, थनेशंडयपथी सर्वने २२कुछनाथाळेवेg७५भा %% छे, तेढेढुर्षड्ढ्यक्षशरश्थु छु॰ 82891 Gl8 42u23elia 5311311212] सन कैवल स्वाहेब travel reviews one gKIELGT आपकादिन आनंदितहो । केवल @l ত্র নণIIII I] ]l कष एकत (वप करूपूश क्रता कहे धरथीतोधख्मे योहीधरमार्सकल्पहीठ ಕಪಪತೆತೌತ ಳಳಹತಾ ತಣಿತಣಿತತೆಪವuಣ [3o[  भावार्थः @वक@शय Rिदk: २३ sता sडछ ड्े प्रथभ भूणभीथीळधर्भछे.भाशीधर्शडढ्य छे, थनेशंडयपथी सर्वने २२कुछनाथाळेवेg७५भा %% छे, तेढेढुर्षड्ढ्यक्षशरश्थु छु॰ 82891 Gl8 42u23elia 5311311212] सन कैवल स्वाहेब travel reviews one gKIELGT आपकादिन आनंदितहो । - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - GஏScபடுவு सव अद्वेतानद्वेत नरवेद चिंतामणी ग्रंथ और प्राकृत भाषाको अंगः ९ व्याकरण भाषा ஈிக்ஈரி  1ஈகிR} तदीप वाणी ऐही उभे भाष ऐही निगम शास्त्र सहीतम् सब, महाद मनुष गत ?ঔন্তুতাত্র; अतःयह देवतारओं की वाणी नर्हीं है, अपितु दोर्नों भाषाऐँ संसारकी हैं। ्क्योकि महापुरुर्षों द्वारा कहे गएशास्त्रों सहित चार्रोंवेद औरशास्त्र यरहींकेहैं। :सारः इसलिए यदि यह कहा जाएकि संस्कृत भाषा ईश्वरीय भाषा है, तो यह सत्य नहींहै। किन्तु प्राकृत और संस्कृत दोनों ही मृत्युलोक और देवलोक सहित सम्पूर्णविश्वकी भाषाऐँ हैं। क्योकि चार्रों वेद, महापुरुर्षों द्वारा अपनी अपनी समझ के अनुसार रचित हैं। और छह धर्मग्रंर्थों सहित सभी धार्मिक पुस्तर्कोंकी रचना यहीं हुई थी। कैवल परमात्मा 26 Govindji GஏScபடுவு सव अद्वेतानद्वेत नरवेद चिंतामणी ग्रंथ और प्राकृत भाषाको अंगः ९ व्याकरण भाषा ஈிக்ஈரி  1ஈகிR} तदीप वाणी ऐही उभे भाष ऐही निगम शास्त्र सहीतम् सब, महाद मनुष गत ?ঔন্তুতাত্র; अतःयह देवतारओं की वाणी नर्हीं है, अपितु दोर्नों भाषाऐँ संसारकी हैं। ्क्योकि महापुरुर्षों द्वारा कहे गएशास्त्रों सहित चार्रोंवेद औरशास्त्र यरहींकेहैं। :सारः इसलिए यदि यह कहा जाएकि संस्कृत भाषा ईश्वरीय भाषा है, तो यह सत्य नहींहै। किन्तु प्राकृत और संस्कृत दोनों ही मृत्युलोक और देवलोक सहित सम्पूर्णविश्वकी भाषाऐँ हैं। क्योकि चार्रों वेद, महापुरुर्षों द्वारा अपनी अपनी समझ के अनुसार रचित हैं। और छह धर्मग्रंर्थों सहित सभी धार्मिक पुस्तर्कोंकी रचना यहीं हुई थी। कैवल परमात्मा 26 Govindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - ঐণভী @] @্র নঙI৩ট্ি] [০ It CIRGINTCRCCREuR] तेंही सुनभव उभये एही भवमे , सग्ुन नीग्रुन उचरनके; दींग्रन अकँर्ता करीन सकतकीननु, सगुनँ सरायँत गुंनके. ११३Il earef} 48625 QQQaeQeia:a3 = ஜழஒிஆgeிு G2213 s3a & 8 da1 q्रह्म थडर्ता ఃCSdedటడARgRu GuRusన ಶಖಣ @ಟಿಇ ஸூ உ்ல Sூழ&(a 0 सनू कैवल साहेब ೩೫ ಳ= आपका दिन मंगलमय हो। Govindji ঐণভী @] @্র নঙI৩ট্ি] [০ It CIRGINTCRCCREuR] तेंही सुनभव उभये एही भवमे , सग्ुन नीग्रुन उचरनके; दींग्रन अकँर्ता करीन सकतकीननु, सगुनँ सरायँत गुंनके. ११३Il earef} 48625 QQQaeQeia:a3 = ஜழஒிஆgeிு G2213 s3a & 8 da1 q्रह्म थडर्ता ఃCSdedటడARgRu GuRusన ಶಖಣ @ಟಿಇ ஸூ உ்ல Sூழ&(a 0 सनू कैवल साहेब ೩೫ ಳ= आपका दिन मंगलमय हो। Govindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - कैवल साहेब अमत 10 अद्वैता द्वैत नर्ख्ेद चिंतामणि ग्रंथ औरप्राकृत भाषाको अंगः २३ व्याकरण भाषा ऐही व्याकरण प्राकृत पर भाषीत , कीये सकल सब तेहु। जेही जिनकी जेम हुँती तत्वता, तेही तम खचीत करेहु|ँ२८ +अनुवादः यहसमस्तप्राकृत भाषारओं काव्याकरण है, जिसर्में तुर्म्हेनिश्चयपूर्वक बताया गया है किवास्तविकता क्याथी। ्सारः विभित्र प्रकारसे बोली जाने वाली प्राकृत भाषारओं के संयोजन सेव्याकरणका निर्माण होता है। कुवेरस्वामी ने हर्में प्राकृत भाषा औरव्याकरणकीवास्तविकताको सटीकढंग सेदिखाया। सत् कैवल परमात्मा Govindji] कैवल साहेब अमत 10 अद्वैता द्वैत नर्ख्ेद चिंतामणि ग्रंथ औरप्राकृत भाषाको अंगः २३ व्याकरण भाषा ऐही व्याकरण प्राकृत पर भाषीत , कीये सकल सब तेहु। जेही जिनकी जेम हुँती तत्वता, तेही तम खचीत करेहु|ँ२८ +अनुवादः यहसमस्तप्राकृत भाषारओं काव्याकरण है, जिसर्में तुर्म्हेनिश्चयपूर्वक बताया गया है किवास्तविकता क्याथी। ्सारः विभित्र प्रकारसे बोली जाने वाली प्राकृत भाषारओं के संयोजन सेव्याकरणका निर्माण होता है। कुवेरस्वामी ने हर्में प्राकृत भाषा औरव्याकरणकीवास्तविकताको सटीकढंग सेदिखाया। सत् कैवल परमात्मा Govindji] - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - कैवल @GcRuRd] IT ]] कषध सक्रत स्वराज करूपेश एहीपरकारनवदनवदीनके, उपले अर्थजनावे; लक्षणणेउखकैनहीअ्न्नुभव् सुनभवसुनीसखर्वें 0१२० @laleklieia328 Qவச 8 elust?g1-Gucucieuieciqarjeie?ad ಖಿಬಿಸಿಕ್ತಿಖsಣiಐತಿಂತಿ @83u3ತ 3i8sಯuf  ಕdG ತಿತ೩ಬಿ೩ಾ [Gugse ಶ@uಬ8imd೩ @Iaususలి ஒag3இeaSூgua02 सनू कैवल साहेब शुभ प्रभात ಔತ ಕ೯೫ಟೊ[ Govindji कैवल @GcRuRd] IT ]] कषध सक्रत स्वराज करूपेश एहीपरकारनवदनवदीनके, उपले अर्थजनावे; लक्षणणेउखकैनहीअ्न्नुभव् सुनभवसुनीसखर्वें 0१२० @laleklieia328 Qவச 8 elust?g1-Gucucieuieciqarjeie?ad ಖಿಬಿಸಿಕ್ತಿಖsಣiಐತಿಂತಿ @83u3ತ 3i8sಯuf  ಕdG ತಿತ೩ಬಿ೩ಾ [Gugse ಶ@uಬ8imd೩ @Iaususలి ஒag3இeaSூgua02 सनू कैवल साहेब शुभ प्रभात ಔತ ಕ೯೫ಟೊ[ Govindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - মনূ ননল মাষ্ন अमत सव अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणी ग्रंथ और प्राकृत भाषाको अंगः२३ व्याकरण भाषा भास भव सबकी , व्याकरण कीली कबजही। तीनाकीत कीली पुभनित श्रवृ त क्रकता, समनितण 3 कथ स कजडीदा२० :अनुवादः सम्पूर्णविश्वर्में प्राकृत भाषा ताले के समान है और व्याकरण उसे खोलने केलिएचाबी के समान है। अर्थात् चाबी केवल प्राकृत की शुद्ध रचना केलिए है, जो प्रत्येक वस्तुके अर्थको समझकर रची जाती है। ?CI৫: दुनिया भरर्मेविभित्न रूपोर्में वोली जाने वाली वोली प्राकृत भाषा हे। यह मूल ताला हे। इसे नियमित रूपसे प्रयोग करने ओरतोड़ने केलिए व्याकरणको कुंजी के रूपर्में निर्मितकिया गया हे।वहकुंजी हे प्राकृत भाषा की अशुद्धि्योंको दूर शुद्ध रूपकानिर्माण। जिसर्मे सभी प्रकारे करके कीबोली जाने वाली बोलिर्योके अक्षर्रोंका उच्चारण औरशर्ब्दोंकी संरचना तथा वाक्यर्में शर्ब्दोंकेपारस्परिक संबंधका ज्ञानदिया गयाहे। कैवल परमात्मा स्त Govindji মনূ ননল মাষ্ন अमत सव अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणी ग्रंथ और प्राकृत भाषाको अंगः२३ व्याकरण भाषा भास भव सबकी , व्याकरण कीली कबजही। तीनाकीत कीली पुभनित श्रवृ त क्रकता, समनितण 3 कथ स कजडीदा२० :अनुवादः सम्पूर्णविश्वर्में प्राकृत भाषा ताले के समान है और व्याकरण उसे खोलने केलिएचाबी के समान है। अर्थात् चाबी केवल प्राकृत की शुद्ध रचना केलिए है, जो प्रत्येक वस्तुके अर्थको समझकर रची जाती है। ?CI৫: दुनिया भरर्मेविभित्न रूपोर्में वोली जाने वाली वोली प्राकृत भाषा हे। यह मूल ताला हे। इसे नियमित रूपसे प्रयोग करने ओरतोड़ने केलिए व्याकरणको कुंजी के रूपर्में निर्मितकिया गया हे।वहकुंजी हे प्राकृत भाषा की अशुद्धि्योंको दूर शुद्ध रूपकानिर्माण। जिसर्मे सभी प्रकारे करके कीबोली जाने वाली बोलिर्योके अक्षर्रोंका उच्चारण औरशर्ब्दोंकी संरचना तथा वाक्यर्में शर्ब्दोंकेपारस्परिक संबंधका ज्ञानदिया गयाहे। कैवल परमात्मा स्त Govindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - आध सक्रत स्वराज करूणेश केवल कर्ताँ र्त्व दमामि ]] 4 @ತಿಕ ೊಟೊಹಲ ಾಹೊಿನಿಟೊu 8 ರuತ್ತತರಾರರಿತಪಔ್ರೊಿಪೊೆತ8ತತರತ್ [R8[ QeவB QQaaeQea 8 ஸீளுஆீs Sமூீஸிஇிலிஇழலிதஆுஆூஅிிீழுி do?gRsug@sauddsiskuaeuEgIao epuielsuugl-ellduedr-t2je4-uat-duguej?  442j3 eleia s3g1311212| सनू कैवल साहेब शृकष प्रभात आपकादिन् आर्नदित रहे। Govindii आध सक्रत स्वराज करूणेश केवल कर्ताँ र्त्व दमामि ]] 4 @ತಿಕ ೊಟೊಹಲ ಾಹೊಿನಿಟೊu 8 ರuತ್ತತರಾರರಿತಪಔ್ರೊಿಪೊೆತ8ತತರತ್ [R8[ QeவB QQaaeQea 8 ஸீளுஆீs Sமூீஸிஇிலிஇழலிதஆுஆூஅிிீழுி do?gRsug@sauddsiskuaeuEgIao epuielsuugl-ellduedr-t2je4-uat-duguej?  442j3 eleia s3g1311212| सनू कैवल साहेब शृकष प्रभात आपकादिन् आर्नदित रहे। Govindii - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - सत्ू कैवल साहेब अमत ?C[ अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणी ग्रंथ व्याकरण भाषा और प्राकृत भाषाको अंगः२३ तिनेहु। जिनके करीत समोह सकल अरथ, व्याकरण नाम आगमके जेह़ी नरप चक्रवति , समटी जिने कीनेहुI२६ अनुवादः _B पहले केचक्रवर्ती राजा नेविभिन्नबोली जाने वाली प्राकृत भाषारओंको एकत्रित करके उ्न्हे अर्थपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया, जिसे व्याकरण कहा जाता है। ?CIIC: पूर्वकाल में देश के चक्रवर्ती राजा हुए जिर्न्होने विद्वान " भाषाविर्दोंकेमाध्यम से अलग ्अलग वोली जाने वाली प्राकृत भाषाओंको एकत्रित किया और उसर्में शर्ब्दोंका शासन स्थापित किया। किसी वाक्य में स्वर, व्यंजन , प्रत्यय आदिके अंतर्संबंधों केव्यवस्थित विश्लेषण कोव्याकरण कहते हैं। कैवल परमात्मा I Govindji सत्ू कैवल साहेब अमत ?C[ अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणी ग्रंथ व्याकरण भाषा और प्राकृत भाषाको अंगः२३ तिनेहु। जिनके करीत समोह सकल अरथ, व्याकरण नाम आगमके जेह़ी नरप चक्रवति , समटी जिने कीनेहुI२६ अनुवादः _B पहले केचक्रवर्ती राजा नेविभिन्नबोली जाने वाली प्राकृत भाषारओंको एकत्रित करके उ्न्हे अर्थपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया, जिसे व्याकरण कहा जाता है। ?CIIC: पूर्वकाल में देश के चक्रवर्ती राजा हुए जिर्न्होने विद्वान " भाषाविर्दोंकेमाध्यम से अलग ्अलग वोली जाने वाली प्राकृत भाषाओंको एकत्रित किया और उसर्में शर्ब्दोंका शासन स्थापित किया। किसी वाक्य में स्वर, व्यंजन , प्रत्यय आदिके अंतर्संबंधों केव्यवस्थित विश्लेषण कोव्याकरण कहते हैं। कैवल परमात्मा I Govindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂપરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - कष सक्रत C्वरज कर्पेश केवन क्ता त्वे दम्ामि ]] धर्म चलेहुंः तेही भव फेरंन अंत लहोतो, सुधर्म धर्मकलपतरु कारन कणके, फळकरतारफलेहु॰ `]१००० भावार्थः QQQQaaia3 %tnusaHieనacgudaaడ(శ్శిమ్మాu 234,512013ef21scu4R8 dscuae2leead| थे%sताकदिडछे.डडेवानीभतादाक्ुथीछेछेछ्ढााकदी haqalelualzuisrl eer-daqar-eleu-idl uRRRRElడడsagIRIB सतू कैवल साहेब शुभष प्रभात आपका दिचरघपलमय रहे। Vouinji कष सक्रत C्वरज कर्पेश केवन क्ता त्वे दम्ामि ]] धर्म चलेहुंः तेही भव फेरंन अंत लहोतो, सुधर्म धर्मकलपतरु कारन कणके, फळकरतारफलेहु॰ `]१००० भावार्थः QQQQaaia3 %tnusaHieనacgudaaడ(శ్శిమ్మాu 234,512013ef21scu4R8 dscuae2leead| थे%sताकदिडछे.डडेवानीभतादाक्ुथीछेछेछ्ढााकदी haqalelualzuisrl eer-daqar-eleu-idl uRRRRElడడsagIRIB सतू कैवल साहेब शुभष प्रभात आपका दिचरघपलमय रहे। Vouinji - ShareChat