ગોવિંદજી ઠાકોર
ShareChat
click to see wallet page
@88102720
88102720
ગોવિંદજી ઠાકોર
@88102720
सत् कैवल परमात्मा
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - ರಹರರ್ಊೂರೆ सव अद्वैता द्वैत नर्ख्वेद चिंतामणी ग्रंथ व्याकरण भाषा और प्राकृत भाषाको अंगः९ নিলীক্ত] सकल देसकी समज सरावन , व्याकरण करीत पतीतव, जेही जहाके वहां वौँकुॉँ१ नहीतर तो प्राकृतसे :3541G:` पूरे देशको समझने केलिएव्याकरणका अध्ययन ज़रूरी हे।वरना जो भी भाषा मिल जाए, उसे स्वीकार करलेते है और प्राकृत पर भरोसा करलेते हैं। :सार+ आप पूरेदेश कीविविध भाषार्ओंको समद्मना यदि चाहते हैं, तो आपको उस भाषा केव्याकरणका ध्यानपूर्वक परीक्षण करना होगा , तभी आपउस भाषाको समझ पाएँगे। अन्यथा, आपको उस स्थान कीभाषाको स्वीकारकरना होगा ज्हॉँवह भाषा वोली जाती हे ओर प्राकृत भाषा र्मे हीव्यापार।कार्यी करना होगा। आपको उस क्षेत्रकी प्राकृत भाषापर विश्वासकरकेव्यापारकरना होगा| सत् कैवल परमात्मा Govindji ರಹರರ್ಊೂರೆ सव अद्वैता द्वैत नर्ख्वेद चिंतामणी ग्रंथ व्याकरण भाषा और प्राकृत भाषाको अंगः९ নিলীক্ত] सकल देसकी समज सरावन , व्याकरण करीत पतीतव, जेही जहाके वहां वौँकुॉँ१ नहीतर तो प्राकृतसे :3541G:` पूरे देशको समझने केलिएव्याकरणका अध्ययन ज़रूरी हे।वरना जो भी भाषा मिल जाए, उसे स्वीकार करलेते है और प्राकृत पर भरोसा करलेते हैं। :सार+ आप पूरेदेश कीविविध भाषार्ओंको समद्मना यदि चाहते हैं, तो आपको उस भाषा केव्याकरणका ध्यानपूर्वक परीक्षण करना होगा , तभी आपउस भाषाको समझ पाएँगे। अन्यथा, आपको उस स्थान कीभाषाको स्वीकारकरना होगा ज्हॉँवह भाषा वोली जाती हे ओर प्राकृत भाषा र्मे हीव्यापार।कार्यी करना होगा। आपको उस क्षेत्रकी प्राकृत भाषापर विश्वासकरकेव्यापारकरना होगा| सत् कैवल परमात्मा Govindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - केवल  कतॉ त्वं नमामी Il ०] कष सक्रत स्वरज कर्पेश सुनअजणीनपणसाक्षीवीनाकै, चैतन्विनअनवैदृक साक्षीवैतरहिनविनुचैतन् जीमेकरनकुण््हैनृु 0५३० भावार्थः QQGQaeGea3a 3 शूष्थाथुळन्भााछे4श%डछेढथााथैतन्थवु्ा्ीबीवाथी aidarj-ele4 7eld-44312j8 dlug8| ag d2leluie53812840 ~SBaaasgక ೩915lಊ uG 3ತd53ವ[ [[98ಖ uಣಿಂಬತಿ 22u23elekasorguzuer/ सन कैवल स्ाहेब gtCIG आपका दिन र्मंगलमयह्ेJ Gouuudjট @roses pava केवल  कतॉ त्वं नमामी Il ०] कष सक्रत स्वरज कर्पेश सुनअजणीनपणसाक्षीवीनाकै, चैतन्विनअनवैदृक साक्षीवैतरहिनविनुचैतन् जीमेकरनकुण््हैनृु 0५३० भावार्थः QQGQaeGea3a 3 शूष्थाथुळन्भााछे4श%डछेढथााथैतन्थवु्ा्ीबीवाथी aidarj-ele4 7eld-44312j8 dlug8| ag d2leluie53812840 ~SBaaasgక ೩915lಊ uG 3ತd53ವ[ [[98ಖ uಣಿಂಬತಿ 22u23elekasorguzuer/ सन कैवल स्ाहेब gtCIG आपका दिन र्मंगलमयह्ेJ Gouuudjট @roses pava - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - सत् कैवल साहेब अमृत QI వగే గ్ల Sत[ '೪ Ylads अद्वैता द्वैत नर्रर्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरनानको अंगः ८ तबते साच प्रेम प्रभु परत्ये , रख़ो निरंतूर नेहु। तो राजी करतार पुरंजन , जिनमे नही संदेहु।ँ४३ : अनुवादः भगवानूके प्रति निरन्तर सच्चा यदितुम  ঔনঃ स्नेह बनाए रखोगे , तभी माया से परे सृष्टिकर्ता प्रसन्न र्होंगे , इसर्में कोई संदेहनर्ही है। :<IIK: हर्मे समस्त सृष्टिके रचयिता, उस रचयिता केप्रति निरंतर सच्चा स्नेह रखना चाहिए। शुद्ध भक्तिभाव से उनकी आराधना करनी चाहिए। तभी इस बात मेंकोई संदेह नहीं रहजाता हेकिमाया से परे।भिन्न। रचयिता हम परसदैव प्रसन्न रहेंगे। सत् कैवल परमात्मा Govindii सत् कैवल साहेब अमृत QI వగే గ్ల Sत[ '೪ Ylads अद्वैता द्वैत नर्रर्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरनानको अंगः ८ तबते साच प्रेम प्रभु परत्ये , रख़ो निरंतूर नेहु। तो राजी करतार पुरंजन , जिनमे नही संदेहु।ँ४३ : अनुवादः भगवानूके प्रति निरन्तर सच्चा यदितुम  ঔনঃ स्नेह बनाए रखोगे , तभी माया से परे सृष्टिकर्ता प्रसन्न र्होंगे , इसर्में कोई संदेहनर्ही है। :<IIK: हर्मे समस्त सृष्टिके रचयिता, उस रचयिता केप्रति निरंतर सच्चा स्नेह रखना चाहिए। शुद्ध भक्तिभाव से उनकी आराधना करनी चाहिए। तभी इस बात मेंकोई संदेह नहीं रहजाता हेकिमाया से परे।भिन्न। रचयिता हम परसदैव प्रसन्न रहेंगे। सत् कैवल परमात्मा Govindii - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર વ
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - 1] ಊuಣಿ೫ೂ-ರಣಣರೊದಿರರ ಝಣನೆ೫೫ಿ [[ द्रढ अचळीत कोइ उलटवचनकु सुलट करीत उरलेहुः ज्यौं पदप्रहारकरीतविश्षुके, रूसीएपरखकरेहु. I४२I भावार्थः @विक्ि@शय सिरद्धदप२२ 81 g3e4dequlaededsdugued-ada| @aae- agai@a3cr-sefcuaugu| 2c353-18[ 1ತತ@ತದ@ಬ0್ಾಗಿಖ  @4g-ueerGurclaelluspgri @aielugr  Guஒிழிலிஸூூிஸதி எூவிலீ லஒழஹூR कैवल साहेब शुभ प्रभात आपका दिनरघयलमय ह्ो। Govindji 1] ಊuಣಿ೫ೂ-ರಣಣರೊದಿರರ ಝಣನೆ೫೫ಿ [[ द्रढ अचळीत कोइ उलटवचनकु सुलट करीत उरलेहुः ज्यौं पदप्रहारकरीतविश्षुके, रूसीएपरखकरेहु. I४२I भावार्थः @विक्ि@शय सिरद्धदप२२ 81 g3e4dequlaededsdugued-ada| @aae- agai@a3cr-sefcuaugu| 2c353-18[ 1ತತ@ತದ@ಬ0್ಾಗಿಖ  @4g-ueerGurclaelluspgri @aielugr  Guஒிழிலிஸூூிஸதி எூவிலீ லஒழஹூR कैवल साहेब शुभ प्रभात आपका दिनरघयलमय ह्ो। Govindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - स्ना केवल र््चाहेब सव अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरनानको अंगः ८ तब सरजन ऐक साचके संगी , अंतरभाव सहेता। और सकल सब सुषक ज्ञानीके , करत न हेत   हमेता।I४२ + अनुवादः इसीलिएसृष्टिकर्ता केवल उर्न्हीसे सम्बन्ध रखता है जिनर्में प्रेम सहित आन्तरिक भावनाएँहोती है। अन्य सभी भावनाएँ अज्ञानी और अज्ञानी को कभीप्रिय नर्ही होर्ती। ्सार : इसलिए, सृष्टिकर्ता उन भर्क्तों से प्रसन्न होते हैंजो प्रेम ओर भक्तिसे प्रार्थना करते हें। अन्य लोग भक्तिहीन हेंवह उन पाखंडि्योंके प्रति कभी कोई स्नेह नर्हीदिखातेजो दिखावे केलिए ज्ञान कादिखावा करते हैं ओरजो भक्तिका दिखावा करते हें। सत् कैवल परमात्मा Govindi स्ना केवल र््चाहेब सव अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरनानको अंगः ८ तब सरजन ऐक साचके संगी , अंतरभाव सहेता। और सकल सब सुषक ज्ञानीके , करत न हेत   हमेता।I४२ + अनुवादः इसीलिएसृष्टिकर्ता केवल उर्न्हीसे सम्बन्ध रखता है जिनर्में प्रेम सहित आन्तरिक भावनाएँहोती है। अन्य सभी भावनाएँ अज्ञानी और अज्ञानी को कभीप्रिय नर्ही होर्ती। ्सार : इसलिए, सृष्टिकर्ता उन भर्क्तों से प्रसन्न होते हैंजो प्रेम ओर भक्तिसे प्रार्थना करते हें। अन्य लोग भक्तिहीन हेंवह उन पाखंडि्योंके प्रति कभी कोई स्नेह नर्हीदिखातेजो दिखावे केलिए ज्ञान कादिखावा करते हैं ओरजो भक्तिका दिखावा करते हें। सत् कैवल परमात्मा Govindi - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - ]l कषवष सक्त स्वराज कर्णेश केवल कर्ताः व्वे दस्ाभि तेही छेवटसबकेसाम्रथखुद जीन्रनुसिरपरनहिकोइ पंचतत्वपरकेखालीखग नेह्ीदुष्तजीहु 0५३०  भाावार्थjक @allejallciag23/ 8 %ad-8a2a8q8deaderdegdes| ~MIGuRstఠoa@డజడdagualdudg थताजगााद्ठाशशून्थभीशून्थुनीG शधखीशआथतैभ छे ? aal%a842-4344-1Gu288o283*2.  -पशभश्रुशश्रीकीदाछखघाासाग२ सन कैचल साहेब gCuCIG आपका दिन आनंदित हो। ovindji ]l कषवष सक्त स्वराज कर्णेश केवल कर्ताः व्वे दस्ाभि तेही छेवटसबकेसाम्रथखुद जीन्रनुसिरपरनहिकोइ पंचतत्वपरकेखालीखग नेह्ीदुष्तजीहु 0५३०  भाावार्थjक @allejallciag23/ 8 %ad-8a2a8q8deaderdegdes| ~MIGuRstఠoa@డజడdagualdudg थताजगााद्ठाशशून्थभीशून्थुनीG शधखीशआथतैभ छे ? aal%a842-4344-1Gu288o283*2.  -पशभश्रुशश्रीकीदाछखघाासाग२ सन कैचल साहेब gCuCIG आपका दिन आनंदित हो। ovindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - सना केवल स्ाहेब (೦' அகுவப Sads fவபஅஜீவ परमग्रुल विशेषणा बरनानको अंग४ ८ त्यौ गिखाण ढच्चार दीख लध्रु वूचन पाकृतही] गुणिल निज कर्ता तो हेतनु लहत ऐक, नॅँ घीरा कक्रतही] ४१ =33qIG: इसी प्रकार, यदि बड़े पुत्र संस्कृत और छोटे पुत्र प्राकृत बोलते हों, तो भी कर्म करने वाला व्यक्ति उद्देश्यको समझ लेता है। ।वे। वाणी से आकर्षित नहीं होते। HR; इसी प्रकार , देवी देवता भी ज्येष्ठ पुत्रों की तरह व्याकरणिक संस्कृत । देववाणी। बोलते हैं, जबकि सामान्य मनुष्य अपनी व्यावहारिक प्राकृत वाणी बोलता है। इस प्रकार, वे सभी प्रार्थना , स्तुति या आराधना केमाध्यम से सृष्टिकर्ताकी आराधना करते हैं । परन्तु सृष्टिकर्ता वाणी परविचार करने से प्रसन्न नहीं होते। वे तो भक्तों के शुद्ध भावों का अवलोकन करके और उनकी हार्दिक भक्तिको स्वीकारकरके ही प्रसन्न होते हैं। सत् कैवल परमात्मा Couindii सना केवल स्ाहेब (೦' அகுவப Sads fவபஅஜீவ परमग्रुल विशेषणा बरनानको अंग४ ८ त्यौ गिखाण ढच्चार दीख लध्रु वूचन पाकृतही] गुणिल निज कर्ता तो हेतनु लहत ऐक, नॅँ घीरा कक्रतही] ४१ =33qIG: इसी प्रकार, यदि बड़े पुत्र संस्कृत और छोटे पुत्र प्राकृत बोलते हों, तो भी कर्म करने वाला व्यक्ति उद्देश्यको समझ लेता है। ।वे। वाणी से आकर्षित नहीं होते। HR; इसी प्रकार , देवी देवता भी ज्येष्ठ पुत्रों की तरह व्याकरणिक संस्कृत । देववाणी। बोलते हैं, जबकि सामान्य मनुष्य अपनी व्यावहारिक प्राकृत वाणी बोलता है। इस प्रकार, वे सभी प्रार्थना , स्तुति या आराधना केमाध्यम से सृष्टिकर्ताकी आराधना करते हैं । परन्तु सृष्टिकर्ता वाणी परविचार करने से प्रसन्न नहीं होते। वे तो भक्तों के शुद्ध भावों का अवलोकन करके और उनकी हार्दिक भक्तिको स्वीकारकरके ही प्रसन्न होते हैं। सत् कैवल परमात्मा Couindii - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - ०] कध सक्रत स्वरज कळ्पेश केवल कर्त र्व दृम्ामनि ]] धकळ &श छपूजावनूके दीज्च, करा कारनू ಪತ್ರ खवीदा प्ावदा करणी नैही '@ಮಪಾ;} qciaasIi8oII @@कि@िर्शथ.शिद्वतः२२ దం ০ @லஸ SS 39 Sf கeி ஒR Qau ஒi2l @ बेकाषी ग्रथाूथी @ Cदावेदो @ @ P७वदिनो छे॰ Cuड८ 9ಞ] @1 ಖ91l ಉಇಿರ 1ತ ಬ೦೪ತಆೊ d @ थश 022 (39q ಣಬ93r4 83318 ಸತತೆ @tತಿಬ೨ ಊಬ3 ಣಂ S2ಖ 2uo2 सनू कैवल साहेब शुकष प्रभात आपका दिन आर्नदितच्हेए Gouuju ०] कध सक्रत स्वरज कळ्पेश केवल कर्त र्व दृम्ामनि ]] धकळ &श छपूजावनूके दीज्च, करा कारनू ಪತ್ರ खवीदा प्ावदा करणी नैही '@ಮಪಾ;} qciaasIi8oII @@कि@िर्शथ.शिद्वतः२२ దం ০ @லஸ SS 39 Sf கeி ஒR Qau ஒi2l @ बेकाषी ग्रथाूथी @ Cदावेदो @ @ P७वदिनो छे॰ Cuड८ 9ಞ] @1 ಖ91l ಉಇಿರ 1ತ ಬ೦೪ತಆೊ d @ थश 022 (39q ಣಬ93r4 83318 ಸತತೆ @tತಿಬ೨ ಊಬ3 ಣಂ S2ಖ 2uo2 सनू कैवल साहेब शुकष प्रभात आपका दिन आर्नदितच्हेए Gouuju - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - GqSGவேபடுவ 5 अद्वेना द्वेत नर्खेद चिंतामणी ्रथ ಟಿ್ರ್ಟನ [ತಔಿತu ತಳಪೆ ತuಃ & ज्यौ मातनकु बाल बराबर, दीरग लध्नु समू सोई। दोहुनके उचरन श्रॅवणीत हीत, अधिक न्युन नही कोई]१४०  : अनुवादः जेसे एक माँ अपने बर्च्चों से, चाहेवे बड़े र्हों या छोटे, प्यारकरती है। वह उनकी बार्तें सुनकर उन्हेंकम बराबर याज़्यादा प्यारनहीं करती। پ٦؛ जेसे एकमाँ अपने सभी बर्च्चोके साथ समान व्यवहारकरती है, चाहेवे छोटे ्होंया बड़़े। इसीलिए सभी बच्चे समान होते हैं। बड़ेबच्चे अपनी बात स्पष्ट रूप से कह देते हे, जबकि छोटे बच्चे अभी पूरी तरह बोलना नरहीं सीख पाएहोते, फिरभीवे अपनी भाषा में बहुत कुछबता देते माँको अपनी अस्पष्ट हैं। हालौँकि, मोँबच्चेके हाव भाव से उनकी दोर्नों बार्तें अच्छी तरह समझ लेती है। वह।मौँl कभी भी छोटे याबड़़ेबर्च्चोको कम याज़्यादा प्यारनहीं करती। इस प्रकार, मोँ प्यार और स्नेह से उनकी ज़रूर्तोंको पूरा करके दोर्नों |छोटे औरबड़े।को समान रूप से खुश रखती है। सत् कैवल परमात्मा Govindi GqSGவேபடுவ 5 अद्वेना द्वेत नर्खेद चिंतामणी ्रथ ಟಿ್ರ್ಟನ [ತಔಿತu ತಳಪೆ ತuಃ & ज्यौ मातनकु बाल बराबर, दीरग लध्नु समू सोई। दोहुनके उचरन श्रॅवणीत हीत, अधिक न्युन नही कोई]१४०  : अनुवादः जेसे एक माँ अपने बर्च्चों से, चाहेवे बड़े र्हों या छोटे, प्यारकरती है। वह उनकी बार्तें सुनकर उन्हेंकम बराबर याज़्यादा प्यारनहीं करती। پ٦؛ जेसे एकमाँ अपने सभी बर्च्चोके साथ समान व्यवहारकरती है, चाहेवे छोटे ्होंया बड़़े। इसीलिए सभी बच्चे समान होते हैं। बड़ेबच्चे अपनी बात स्पष्ट रूप से कह देते हे, जबकि छोटे बच्चे अभी पूरी तरह बोलना नरहीं सीख पाएहोते, फिरभीवे अपनी भाषा में बहुत कुछबता देते माँको अपनी अस्पष्ट हैं। हालौँकि, मोँबच्चेके हाव भाव से उनकी दोर्नों बार्तें अच्छी तरह समझ लेती है। वह।मौँl कभी भी छोटे याबड़़ेबर्च्चोको कम याज़्यादा प्यारनहीं करती। इस प्रकार, मोँ प्यार और स्नेह से उनकी ज़रूर्तोंको पूरा करके दोर्नों |छोटे औरबड़े।को समान रूप से खुश रखती है। सत् कैवल परमात्मा Govindi - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - পত্রমবয্কডকিীঘ]দিব্নদনী নিরনসণি [[ I अनच्पमा सोद कहीन सकत कीन ज्यो मर्णीकेपन अंतुः "कर्ता केनीज अंश परम हिन जिचते अकळजनतः IDRIl Hmu ; ARRL LR.Izz ೫೦೫೪ ೊmn H HH1 ಹ GTTಖN aIV bady ಖr4u, Hum 1 4 I 4131 ಖ99s lued1u . 131855 ete' 0 Erl ٥٥٩٢٠٥٥٤ ٢٧ +41. Na3ಖq H1ud ERIRIPIR सत केवल शुभ प्भात amafHHrrಏu পত্রমবয্কডকিীঘ]দিব্নদনী নিরনসণি [[ I अनच्पमा सोद कहीन सकत कीन ज्यो मर्णीकेपन अंतुः "कर्ता केनीज अंश परम हिन जिचते अकळजनतः IDRIl Hmu ; ARRL LR.Izz ೫೦೫೪ ೊmn H HH1 ಹ GTTಖN aIV bady ಖr4u, Hum 1 4 I 4131 ಖ99s lued1u . 131855 ete' 0 Erl ٥٥٩٢٠٥٥٤ ٢٧ +41. Na3ಖq H1ud ERIRIPIR सत केवल शुभ प्भात amafHHrrಏu - ShareChat