Praveen Kumar Yadav
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Praveen Kumar Yadav
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भारत ने नौवीं बार एशिया कप का खिताब जीत लिया है जिसके लिए मैं पूरी भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई देता हूं।तिलक वर्मा की बेहतरीन पारी तथा भारतीय कप्तान सूर्य कुमार यादव की शानदार कप्तानी के बदौलत इंडिया ने एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान को पांच विकेट से हरा दिया है।रविवार को 147 रन का टारगेट चेज कर रही भारतीय टीम ने 20वें ओवर की चौथी बॉल पर जीत हासिल किया।रिंकू सिंह ने चौका लगाकर भारत को जीत दिलाई। तिलक वर्मा 69 रन बनाकर नाबाद लौटे।भारत जीत रहा है। It is the victory of unite effort of Indian Cricket team.Best wishes for future Team India.Chak De India 🙏🇮🇳🇮🇳भारत माता की जय🇮🇳🇮🇳🙏 #🥰मोटिवेशन वीडियो #🌞 Good Morning🌞 #🙌 Never Give Up #👍 डर के आगे जीत👌 #🏆Cricket-Asia Cup#एशिया कप स्पोर्ट्स#क्रिकेट#मैचअपडेट #KPNEWSHD#कंवरपाल प्रजापति ट्रेलर💥
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00:14
शहीद-ए-आजम सिख भगत भगत सिंह जी की 118 वी जन्मजयंती पर मैं उन्हें कोटिशः नमन करता हूँ।आप के माताजी का नाम श्रीमती विघावती देवी जी तथा पिताजी का नाम श्री किशन सिंह जी था।आप भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे।चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर आप ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। आप ने पहले लाहौर में जान साण्डर्स की हत्या की और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। आप ने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया,जिसके फलस्वरूप अंग्रेज सरकार ने आप को 23 मार्च 1931 ई को आप के दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया।आप को लाहौर षड्यंत्र काण्ड और सेन्ट्रल असेंबली हाल में बंम फेकने के लिए दोषी पाया गया था.अक्टूबर 1928 ई में साइमन कमीशन का विरोध कर रहे भारतीयों पर ब्रिटिश पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गरम दल के नेता लाला लाजपतराय की लाठियों की चोट की वजह से मौत हो गई.इस लाठीचार्ज का जिम्मेदार जेम्स स्काट था लेकिन अग्रेज पुलिस अधिकारी जेपी साण्डर्स की सिख भगत सिंह जी,राजगुरु जी‌ व सुखदेव जी ने हत्या कर दी.साण्डर्स की हत्या के बाद राजगुरु जी पुणे वापस आ गये लेकिन ब्रिटिश पुलिस ने आप को गिरफ्तार कर लिया.इसके बाद अग्रेजो ने महान क्रांतिकारी राजगुरु जी के साथ सुखदेव जी और सिख भगत सिंह जी को साण्डर्स की हत्या के लिए फासी की सजा सुनाई जिसके बाद आप तीनो भारतीय क्रांतिकारियों को 23 मार्च 1931 ई को फासी दे दी गई तथा आप तीनों क्रांतिकारी देश की आज़ादी के लिए शहीद हो गये.देश की आज़ादी के लिए दिया गया आप तीनों क्रांतिकारियों का बलिदान हम भारतवासी हमेशा याद रखेंगे.शत् शत् नमन.इंकलाब जिंदाबाद.भारत माता की जय.जय हिंद जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏(28 सितम्बर 1907 ई) #👍 सफलता के मंत्र ✔️ #🙌 Never Give Up #🌞 Good Morning🌞 #🥰मोटिवेशन वीडियो #शहीद भगत सिंह जयंती 🇮🇳
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00:15
A Saturday sorrowful morning to all of you my sweet students and aspirants.आखिरकार अमृतकाल वाले भारत मे ये सब क्या हो रहा है।क्या यही नया भारत है जहां बेरोजगारी चरम है यह कहानी देंश मे भयावह बेरोजगारी को दिखाती है।एक तरफ भारत सरकार देश में डिजिटल इंडिया की बात करती है लेकिन उसी डिजिटल भारत में युवा बेरोजगारी की कतार में खड़ा दिख रहा है।देश में एक राज्य के सरकारी विभाग में अगर एक चपरासी की भी नौकरी निकल रही थी तो‌ वहां 25 लाख आवेदन आ रहे हैं तो सोचिए पूरे देश में बेरोजगारी की स्थिति क्या होगी।यह स्थिति तब है जब एक सरकार लगातार 11 वर्षो से शासन कर रही है जिसने संत्ता मे आने से पहले हर साल भारत के युवाओं को 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था।आज देश का युवा 11 साल बाद भी 22 करोड़ रोजगार के इंतजार में बेरोजगार बैठा है।आज देश के बेरोजगार युवाओं को केंद्र सरकार में बैठे लोग पकौड़ा तलने का ज्ञान दे सकते हैं लेकिन उनको पक्की सरकारी नौकरी नहीं दे सकते हैं।हाल ही में मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों के आंकड़ों को लेकर जानकारी दी गई.केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार,देश भर में 9.64 लाख से ज्यादा सरकारी पद खाली पड़े हैं।बेरोजगारी एक युवा के लिए अभिशाप है जो उसे रोज घुट-घुट कर जीने पर मजबूर करती है।भारत सरकार कम से कम 11 साल बाद अब तो कुम्भकरणीय निंद्रा से जागे तथा सरकारी विभागों के खाली पदों को शीघ्र भरे तथा जो भर्तीया चल रही है उनको तेजी से आगे बढ़ायें ताकि अधिक से अधिक बेरोजगार भारत के युवाओं को बेरोजगारी से मुक्ति मिले।🥲🥲दुखद🥲🥲 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #🌞 Good Morning🌞 #🙌 Never Give Up #👍 सफलता के मंत्र ✔️
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00:33
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ आप सभी को मैं शक्ति की उपासना के महापर्व शारदीय नवरात्र के पंचम दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां देता हूं।इस नवरात्रि मैं आदिशक्ति मां शेरावाली से आज प्रार्थना करता हूं कि हम सभी पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें तथा हम सभी के समस्त दुःखों को हरण कर के हम सभी को सुख,समृद्धि तथा सफलता का आशीर्वाद प्रदान करे।मैं मां स्कंदमाता जी से आज यह भी प्रार्थना करता हूं कि अपने हर भक्त पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखें तथा चराचर जगत का कल्याण करे। जय मां शेरावाली।🚩🚩🚩🙏 #🙌 Never Give Up #🌞 Good Morning🌞 #🥰मोटिवेशन वीडियो #👍 डर के आगे जीत👌 #जय माता दी
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00:16
विश्व फार्मासिस्ट दिवस की मैं आप सभी सम्मानित फार्मासिस्टों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां देता हूं।आप फार्मासिस्ट स्वास्थ्य विभाग के ऋण की हड्डी है।विश्व फार्मासिस्ट दिवस 25 सितंबर को मनाया जाता है और 2025 में इस दिवस की थीम है "स्वास्थ्य के बारे में सोचें, फार्मासिस्ट के बारे में सोचें" (Think Health, Think Pharmacist). यह थीम फार्मासिस्ट की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका, दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के उनके महत्व को उजागर करती है।विश्व फार्मेसी परिषद (World Pharmacy Council) के अध्यक्ष डगलस होए (Douglas Hogue) हैं। आप नेशनल कम्युनिटी फार्मासिस्ट एसोसिएशन, यूएसए के सीईओ भी हैं। फार्मासिस्ट केवल दवाएं देने वाले नहीं हैं,बल्कि वे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं.आप सभी मरीजों को दवाओं के सुरक्षित उपयोग के बारे में सही सलाह देते हैं।फार्मासिस्ट स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं.यह थीम फार्मासिस्ट को एक ऐसे पेशेवर के रूप में प्रस्तुत करती है जो स्वास्थ्य की सोच को दिशा देता है और हर व्यक्ति के बेहतर जीवन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है.फार्मासिस्ट विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य सेवा संस्थानों और उद्योगों में काम करते हैं,जैसे सामुदायिक फार्मेसी,अस्पताल, फार्मास्युटिकल उद्योग, अनुसंधान और शिक्षा।आप रोगी की देखभाल,दवा प्रबंधन, अनुसंधान,शिक्षा,और सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों से लेकर नियामक निकायों और सेना तक में अपनी सेवाएं देते हैं।कोविड-19 महामारी ने आपात स्थिति में सामुदायिक फार्मासिस्ट की आवश्यक भूमिकाओं को उजागर किया है, जिसमें दवाओं की निरंतर आपूर्ति,निवारक सेवाएँ प्रदान करना और स्वास्थ्य समानता सुनिश्चित करना शामिल है।दवा प्रबंधन के साथ-साथ,फार्मासिस्ट संक्रामक रोगों का शमन, देखभाल केंद्र पर जाँच और टीकाकरण भी प्रदान करते हैं।फार्मासिस्ट भारत में मुख्यतः ऐलोपैथिक,आयुर्वेदिक,यूनानी तथा होम्योपैथिक विभागों में कार्यरत रहते हैं।आइए हम सभी आज आप फार्मासिस्टों का स्वास्थ्य सेवा में मदद करने के साथ-साथ आप सभी का सम्मान करने का भी संकल्प ले तथा आप सभी डाक्टरों तथा फार्मासिस्टों पर हिंसक हमले करने से बचें क्योंकि डाक्टर के साथ-साथ फार्मासिस्ट भी भगवान का दूसरा रुप होते हैं।👨‍⚕️💊🏥🧑‍⚕️🩺🚑🥼🙏🙏🙏 #💊💉🩺World pharmacist day💊💉🩺 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #🌞 Good Morning🌞 #🙌 Never Give Up
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00:14
M.M.W Coching Classes मे कक्षा 10 (हाईस्कूल) में मेरे द्वारा लिए गए अग्रेजी के Unit Test में कक्षा में क्रमश: प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को मैंने पुरुस्कृत किया।मैं आप सभी सफल छात्रों के उज्जवल भविष्य की ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।सफल हुए छात्रों के लिए पंक्ति है कि "बाधाएँ आती हैं आएँ घिरें प्रलय की घोर घटाएँ, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ, निज हाथों में हँसते-हँसते, आग लगाकर जलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा" तथा परीक्षा में असफल हुए छात्रों के लिए पंक्ति है कि "दु:ख शोक जब जो आ पड़े सो धैर्यपूर्वक सब सहो होगी सफलता क्यों नहीं कर्तव्य पथ पर दृढ़ रहो"। Best of luck to all of you for upcoming Board exam 2026 my sweet students📚👨‍💻🧑‍💻🎒🏫📚🤝🥳🫡🍰🇮🇳🙏 #🙌 Never Give Up #🌞 Good Morning🌞 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #students
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00:14
आज यानी"23 सितंबर 2025 को आयुर्वेद दिवस का 10वां संस्करण ‘Ayurveda for People and Planet’ यानी ‘आयुर्वेद : जन-जन के लिए,पृथ्वी के कल्याण के लिए’ थीम के साथ मनाया जा रहा है।"अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) के वर्तमान निदेशक प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार प्रजापति जी हैं।आप को हाल ही में संस्थान का नया निदेशक नियुक्त किया गया है।भारत में आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धन्वंतरि माने जाते हैं, जो समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुए और देवताओं के चिकित्सक के रूप में आयुर्वेद का ज्ञान पृथ्वी पर लाए. वहीं, आचार्य चरक को चरक संहिता के कारण "चिकित्सा का जनक" कहा जाता है. भगवान धन्वंतरि: आप को आयुर्वेद का जनक और देवताओं का चिकित्सक माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान वे आयुर्वेद और अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे. आचार्य चरक: आप आयुर्वेद के महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं में से एक थे, जिन्होंने चिकित्सा और जीवन शैली के लिए एक प्राचीन प्रणाली विकसित की. आपकी प्रसिद्ध कृति "चरक संहिता" आयुर्वेद के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है,जिसके कारण आप को चिकित्सा का जनक कहा जाता है.भारत में आयुर्वेद दिवस राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए),गोवा में मनाया जा रहा है।केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस के रूप में घोषित किया है,जो पहले धनतेरस पर मनाया जाता था। मैं आप के उज्जवल भविष्य एवं बेहतरीन कार्यकाल की ईश्वर से प्रार्थना करता हूं 🧎🧘‍♂️🧘‍♂️🧘🧘‍♀️🙏 #राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं #राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस #🌞 Good Morning🌞 #🙌 Never Give Up #👍 डर के आगे जीत👌
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"या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥"। आप सभी को मैं शक्ति की उपासना के महापर्व शारदीय नवरात्र के शुभारंभ होने की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां देता हूं।इस नवरात्रि मैं आदिशक्ति मां शेरावाली से आज प्रार्थना करता हूं कि हम सभी पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें तथा हम सभी के समस्त दुःखों को हरण कर के हम सभी को सुख,समृद्धि तथा सफलता का आशीर्वाद प्रदान करे।मैं मां शैलपुत्री जी से आज यह भी प्रार्थना करता हूं कि अपने हर भक्त पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखें तथा चराचर जगत का कल्याण करे। जय मां शेरावाली।🚩🚩🚩🙏 #🥰मोटिवेशन वीडियो #👍 डर के आगे जीत👌 #🙌 Never Give Up #🌞 Good Morning🌞 #नवरात्रि की शुभकामनाएं
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अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस की मैं आप सभी शांतिप्रिय समाज के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां देता हूं।21 सितंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (या विश्व शांति दिवस) सभी राष्ट्रों और लोगों के भीतर और उनके बीच शांति के आदर्शों को मज़बूत करने के लिए समर्पित है। ऐसे समय में जब युद्ध और हिंसा अक्सर हमारे समाचार चक्रों पर छाए रहते हैं,अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस एक प्रेरणादायक अनुस्मारक है कि हम मिलकर क्या कर सकते हैं।1981 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सितंबर के तीसरे मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में घोषित किया।यह दिन महासभा के वार्षिक सत्र के उद्घाटन दिवस के साथ मेल खाता था।इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में शांति के आदर्शों को मज़बूत करना था और आज भी है।इस दिवस को मनाने के दो दशक बाद,2001 में, सभा ने इस तिथि को प्रतिवर्ष 21 सितम्बर को मनाने का निर्णय लिया।अतः, 2002 से, 21 सितम्बर न केवल सभी लोगों के बीच शांति को बढ़ावा देने और बनाए रखने के तरीकों पर चर्चा करने का दिन है,बल्कि सक्रिय युद्ध में शामिल समूहों के लिए 24 घंटे की वैश्विक युद्धविराम और अहिंसा की अवधि भी है। शांति संभव है।इतिहास में, अधिकांश समाज अधिकांश समय शांतिपूर्वक रहे हैं। आज, युद्ध में हमारे मरने की संभावना हमारे माता-पिता या दादा-दादी की तुलना में बहुत कम है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के निर्माण के बाद से,सरकारों का दायित्व है कि वे दूसरों के विरुद्ध बल प्रयोग न करें,जब तक कि वे आत्मरक्षा में कार्य न कर रहे हों या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा ऐसा करने के लिए अधिकृत न हों। जीवन उस विश्व में बेहतर होता है जहां शांति होती है और आज हम उन लोगों की ओर देखते हैं जो शांति निर्माता और शांति रक्षक रहे हैं,ताकि हम सीख सकें कि हममें से प्रत्येक व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से विश्व को अधिक शांतिपूर्ण स्थान बनाने के लिए क्या कर सकता है।🕊️🕊️🕊️🐦🙏🙏🙏 #🌞 Good Morning🌞 #🙌 Never Give Up #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #विश्व शांति दिवस की हार्दिक बधाई
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✨ प्रेरणादायक कहानी : सुरेखा यादव जी ✨ महाराष्ट्र के सतारा जिले की एक साधारण सी बेटी ने इतिहास रच दिया।यह कहानी है भारत की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव जी की। साल 1988 में जब सुरेखा जी ने भारतीय रेलवे में बतौर असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) अपनी सेवाएँ शुरू कीं, तब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक दिन एक महिला इंजन की कमान संभालेगी। कल्याण स्थित ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 1989 में उन्होंने पहली बार डीज़ल इंजन चलाया और इसी क्षण से भारत ने अपनी पहली महिला लोको पायलट को पाया। मुंबई की लोकल से लेकर राजधानी, शताब्दी और यहाँ तक कि वंदे भारत एक्सप्रेस तक चलाकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि ट्रेन चलाना केवल पुरुषों का कार्य नहीं है। 1991 में उन्होंने इतिहास का दूसरा अध्याय लिखा, जब उन्होंने ऐसी ट्रेन चलाई जिसका पूरा चालक दल महिलाओं का था—मुंबई से पुणे तक यह यात्रा महिलाओं की ताक़त का प्रतीक बनी।वह न सिर्फ डीज़ल इंजन बल्कि विद्युत इंजन चलाने वाली भी पहली महिला बनीं। उनकी प्रेरक गाथा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाई। BBC,CNN और Reuters जैसे मीडिया संस्थानों ने उनकी कहानी को दुनिया तक पहुँचाया। सुरेखा जी की जीवन यात्रा इतनी प्रभावशाली रही कि CBSE की 12वीं की अंग्रेज़ी किताब में भी उनकी कहानी शामिल की गई। उन्हें अनेकों पुरस्कार और सम्मान मिले। लंबे करियर में उन्होंने मुख्य रूप से मध्य रेलवे में काम किया और कई पदों पर पदोन्नति प्राप्त की। 30 सितम्बर 2025 को वह सेवा निवृत्त होगी,लेकिन तब तक उनका नाम भारतीय रेलवे के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जा चुका है। उनकी सफलता ने महिलाओं के लिए रेलवे में नए दरवाज़े खोले। आज कई महिलाएँ लोको पायलट के रूप में काम कर रही हैं और उनकी प्रेरणा स्त्रोत बनी हैं। सुरेखा यादव जी केवल लोको पायलट नहीं,बल्कि महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल हैं।उन्होंने साबित किया कि हिम्मत और लगन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। 🚆🌟🚅🚄🚝🚆🚉🚊🏅🇮🇳🙏 #🥰मोटिवेशन वीडियो #👍 डर के आगे जीत👌 #🙌 Never Give Up #🌞 Good Morning🌞 #indian railway
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