आदमी की सुन्दरता उसकी निमता है।
मेहमान के आवर से बढ़ाई मिलती है।
दान से धन में कमी नही आती है।
सब से अच्छा नहा जनता की सेवा है।
दान मुसीबतों को खा जाता है।
गुस्सा अक्ल को पी जाता है।
इन्साफ जुल्म को पी जाता है।
अहंकार लान को खा जाता है।
झूठ धन को खा जाता है।
तीन चीजें मनुष्य को एक बार मिलती है।
तीन चीजें सवा दिल में रखो।
तीन चीजें कभी छोटी न समझो।
तीन चीजें किसी का इन्तजार नहीं करती।
तीन चीजें भाई-भाई को दुश्मन बनाती हैं।
तीन चीजें पर्वा चाहती हैं।
तीन चीजें याद रखनी जरुरी हैं।
तीन चीजें मनुष्य को जलील करती हैं।
तीन चीजें असली उद्देश्य से रोकती हैं।
तीन चीजें हर एक को प्यारी हैं।
तीन चीजें कोई दूसरा बुरा नहीं सकता ।
तीन चीजें गम में घिरे रहते हैं।
तीन चीजें निकल कर वापस नहीं आती ।
तीन चीजें अपनी आदत से मजबूर
अच्छी बातें
घर की फूट जगत की लूट
चिन्ता आयु को खा जाती है।
सब से अच्छा दान क्षमावान है।
सब से बहादुर बदला न लेने वाला है।
तदबीर से अच्छी कोई समझदारी नहीं है।
रिश्वत इन्साफ को खा जाती है।
पछक्षार्थी पाप को यो देता है।
निन्दा से शुभ कर्म नष्ट हो जाते है।
नेकी कुराई को बा जाती है।
शान से बढ़कर कोई दौलत नहीं है।
मां-बाप, हुस्न, जवानी
दया, क्षमा, निश्रता
दुश्मन, कर्ज, बीमारी
समय, मृत्यु, ग्राहक
धन, जोरु, जमीन
खाना, दौलत, औरत
सच्चाई, कर्तव्य, मौत
चोरी, चुगली, झूठ
बदचलनी, गुस्सा, लालच
औरत, दौलत, औलाव
अक्ल, पढ़ाई, हुनर
ईष्यालु, निकमे, वहमि
तीर कमान से, बात जुबान से, आत्मा शरीर से
सच्चा सव्वाई से, दानी दान से, जालीम जुलम #भीम ज्ञान #बाबा साहब #भगवान बुद्ध