Saina
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##poetry #writer ##my #my achievements #🥰Express Emotion #vedic publication #Shri ram lala kepad
#poetry - वैदिक प्रकाशन प्रशस्ति पत्र ~ [. ISBN= 9788198709943 ೫/ ತ/ nril সীমান सुश्री/ शिखा साइना के द्वारा संकलन "श्रीराम लला के पद" में साहित्यिक योगदान निभाने के लिये वैदिक दिया गया है। साहित्य में अमिट भूमिका प्रकाशन द्वारा आपको उत्कृष्ट सह लेखक/ लेखिका के सम्मान  से अलंकृत किया जाता है। हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है | -4I Il (को फावड प्रशस्ति सचदेव (ೊufechl" m35? ) वैदिक प्रकाशन प्रशस्ति पत्र ~ [. ISBN= 9788198709943 ೫/ ತ/ nril সীমান सुश्री/ शिखा साइना के द्वारा संकलन "श्रीराम लला के पद" में साहित्यिक योगदान निभाने के लिये वैदिक दिया गया है। साहित्य में अमिट भूमिका प्रकाशन द्वारा आपको उत्कृष्ट सह लेखक/ लेखिका के सम्मान  से अलंकृत किया जाता है। हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है | -4I Il (को फावड प्रशस्ति सचदेव (ೊufechl" m35? ) - ShareChat
#my achievements ##my #writer ##poetry #vedic publication #देश भक्ति एक मानव धर्म
my achievements - वैदिक प्रकाशन प्रशस्ते पत्र UDYAM-UK 06-0031825 ISBN = 978-81 991553 7.4 సLIILTIT श्री। कु॰ श्ीमती   মুপ্সী] সানান शिखा साइना के द्वारा संकलन " देशभक्ति एक मानव धर्म" ्में साहित्यिक योगदान दिया गया है। साहित्य में अमिट भूमिका निभाने के लिये वैदिक प्रकाशन द्वारा आपको उत्कृष्ट सह लेखक/ लेखिका के सम्मान से अलंकृत किया जाता है। हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है । भोगेह्वरी शरतान &d/ TIa TTLT எங प्रशस्ति सपरेप ।सपादिका  को ्फामास ] सपादिका पकासाक 517117+5711, 7307410800` Mndlcruhllcllun; Vad cpublicstienemmaikcom | वैदिक प्रकाशन प्रशस्ते पत्र UDYAM-UK 06-0031825 ISBN = 978-81 991553 7.4 సLIILTIT श्री। कु॰ श्ीमती   মুপ্সী] সানান शिखा साइना के द्वारा संकलन " देशभक्ति एक मानव धर्म" ्में साहित्यिक योगदान दिया गया है। साहित्य में अमिट भूमिका निभाने के लिये वैदिक प्रकाशन द्वारा आपको उत्कृष्ट सह लेखक/ लेखिका के सम्मान से अलंकृत किया जाता है। हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है । भोगेह्वरी शरतान &d/ TIa TTLT எங प्रशस्ति सपरेप ।सपादिका  को ्फामास ] सपादिका पकासाक 517117+5711, 7307410800` Mndlcruhllcllun; Vad cpublicstienemmaikcom | - ShareChat
#writer ##my #my achievements #भविष्य की नीव #vedic publication
writer - वैदिक प्रकाशन प्रशस्ति पत्र T5 FIBII [SBN NO: 978-81-980212-9-8 श्री / कु॰  श्रीमती / सुश्री शिखा साइना के द्वारा संकलन " प्रारंभिक शिक्षा भविष्य को नीव" में साहित्यिक योगदान ব্রিক दिया गया है। साहित्य में अमिट भूमिका निभाने के लिए লমরক্ষ प्रकाशन द्वारा आपको उत्कृष्ट सह लेखिका के सम्मान से अलंकृत किया जाता है। हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है। 041, (5 सावतन्याद्न सद संस्थापक सस्यापक सह संपादिका सम्पादफ वैदिक प्रकाशन प्रशस्ति पत्र T5 FIBII [SBN NO: 978-81-980212-9-8 श्री / कु॰  श्रीमती / सुश्री शिखा साइना के द्वारा संकलन " प्रारंभिक शिक्षा भविष्य को नीव" में साहित्यिक योगदान ব্রিক दिया गया है। साहित्य में अमिट भूमिका निभाने के लिए লমরক্ষ प्रकाशन द्वारा आपको उत्कृष्ट सह लेखिका के सम्मान से अलंकृत किया जाता है। हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है। 041, (5 सावतन्याद्न सद संस्थापक सस्यापक सह संपादिका सम्पादफ - ShareChat
#💞Heart touching शायरी✍️ #🥰Express Emotion ##poetry #writer ##️⃣DilShayarana💘
💞Heart touching शायरी✍️ - तुमने ही दूरियों का रास्ता चुना था, कल নলব্ধ आज अचानक लौटकर क्यूँ अपने से लगते हो? झूठ की खुशबू बहुत पहले पहचान ली थी मैंने, अब भी बदले नहीं , बस बोल नए अपने से लगते हो। वक़्त पर साथ न देते हुए बड़ी आसानी से गए थे, क्या हुआ कि आँसू भी तुम्हें अपने से लगते हो? अब मुझको खोकर ही शायद तुमने खुद को पाया होगा, पछतावे के लफ़्ज़ कितने अपने से लगते हो। ঔন दिल ये मान भी ले, पर दिमाग समझ नहीं पाता - मौसम जैसे लोग हों तो कब तक अपने से लगते हो? तुमने ही दूरियों का रास्ता चुना था, कल নলব্ধ आज अचानक लौटकर क्यूँ अपने से लगते हो? झूठ की खुशबू बहुत पहले पहचान ली थी मैंने, अब भी बदले नहीं , बस बोल नए अपने से लगते हो। वक़्त पर साथ न देते हुए बड़ी आसानी से गए थे, क्या हुआ कि आँसू भी तुम्हें अपने से लगते हो? अब मुझको खोकर ही शायद तुमने खुद को पाया होगा, पछतावे के लफ़्ज़ कितने अपने से लगते हो। ঔন दिल ये मान भी ले, पर दिमाग समझ नहीं पाता - मौसम जैसे लोग हों तो कब तक अपने से लगते हो? - ShareChat
#writer #🥰Express Emotion ##poetry #💞Heart touching शायरी✍️ #Truth of life
writer - धूष के साये में यारदों कफकर चलता रहा देखकर নিল ডল हमारी मोहब्बत को 914 ~8| जलती औँखों को भी आखिर एक किनारा मिला था, ಕಳಡತ ' परत्नों पर प्यार दबारा मिल्ा था। f؟iچ {ಘ धूष के साये में यारदों कफकर चलता रहा देखकर নিল ডল हमारी मोहब्बत को 914 ~8| जलती औँखों को भी आखिर एक किनारा मिला था, ಕಳಡತ ' परत्नों पर प्यार दबारा मिल्ा था। f؟iچ {ಘ - ShareChat
#achievement #certificate #Constitution day #my achievements
my achievements - oNOll I ' 40! MlISTRY ೧ GOV PARLIAHENTARY AFFAIRST GEUEFIH5HT IHDI रका Centificate OF PARTICIPATION This is to certify that Shikhasaina has participated in the Quiz on Hamara Swabhiman Hamara Samvidhan] We appreciate your efforts Keep Participating! Nikua I Shri Nikunja Bihari Dhall Sccretary Ministry of Parliamentary Affairs  oNOll I ' 40! MlISTRY ೧ GOV PARLIAHENTARY AFFAIRST GEUEFIH5HT IHDI रका Centificate OF PARTICIPATION This is to certify that Shikhasaina has participated in the Quiz on Hamara Swabhiman Hamara Samvidhan] We appreciate your efforts Keep Participating! Nikua I Shri Nikunja Bihari Dhall Sccretary Ministry of Parliamentary Affairs - ShareChat
#Truth of life #💞Heart touching शायरी✍️ ##poetry #🥰Express Emotion #writer
Truth of life - छ्ोहब्बन जानि ्धर्म से कहीं ऊपर की चीज़् है, रिश्नैदार उसे अपनी औक़ात की अदालत में घसीट ఢేగే గోI लिए कोई चंद पैसों के खोहब्बन की दीलामी कर देता ট और कोई सारी द्रुनिया ढुकसाकर उस्ी मोहब्बन को छाले लिग्ाा लेना है० किसी के लिए मोहब्बत मन की रशांनि बन जानी हरै॰ और किस्ी क खनच्दिन की घोहब्बन र्ैं हरी खख हरौ যক্কন வபவி 60" Eveln Serophina छ्ोहब्बन जानि ्धर्म से कहीं ऊपर की चीज़् है, रिश्नैदार उसे अपनी औक़ात की अदालत में घसीट ఢేగే గోI लिए कोई चंद पैसों के खोहब्बन की दीलामी कर देता ট और कोई सारी द्रुनिया ढुकसाकर उस्ी मोहब्बन को छाले लिग्ाा लेना है० किसी के लिए मोहब्बत मन की रशांनि बन जानी हरै॰ और किस्ी क खनच्दिन की घोहब्बन र्ैं हरी खख हरौ যক্কন வபவி 60" Eveln Serophina - ShareChat
#writer #🥰Express Emotion #💞Heart touching शायरी✍️ ##poetry #Truth of life
writer - मैं तो हर पल तुझमें ही खोती रही, और तू किसी और के लिए ही रोता रहा। और तू किसी और से मोहब्बत की भीख माँगता रहा। मैंने तुझे पूरी वफ़ा से चाहा, मैं हर वक़्त तेरी फ़िक्र करती रही॰ और तू किसी और की बाहों में ही भागता ; Rsti| तूने मेरे सच्चे 1 पर फिर भी सच्ची मोहब्बत LR ' 'థ్ क़दर कभी की ही नहीं, वफ़ा से बढ़कर ' की उम्मीद लगाए ' अब तू ही बता - मोहब्बत ' रहा।  कहीं और होती है i '4? मैं तो हर पल तुझमें ही खोती रही, और तू किसी और के लिए ही रोता रहा। और तू किसी और से मोहब्बत की भीख माँगता रहा। मैंने तुझे पूरी वफ़ा से चाहा, मैं हर वक़्त तेरी फ़िक्र करती रही॰ और तू किसी और की बाहों में ही भागता ; Rsti| तूने मेरे सच्चे 1 पर फिर भी सच्ची मोहब्बत LR ' 'థ్ क़दर कभी की ही नहीं, वफ़ा से बढ़कर ' की उम्मीद लगाए ' अब तू ही बता - मोहब्बत ' रहा।  कहीं और होती है i '4? - ShareChat
#Truth of life ##poetry #💞Heart touching शायरी✍️ #🥰Express Emotion #writer
Truth of life - मैं तो हर पल तुझमें ही खोती रही, और तू किसी और के लिए ही रोता रहा। और तू किसी और से मोहब्बत की भीख माँगता रहा। मैंने तुझे पूरी वफ़ा से चाहा, मैं हर वक़्त तेरी फ़िक्र करती रही॰ और तू किसी और की बाहों में ही भागता ; Rsti| तूने मेरे सच्चे 1 पर फिर भी सच्ची मोहब्बत LR ' 'థ్ क़दर कभी की ही नहीं, वफ़ा से बढ़कर ' की उम्मीद लगाए ' अब तू ही बता - मोहब्बत ' रहा।  कहीं और होती है i '4? मैं तो हर पल तुझमें ही खोती रही, और तू किसी और के लिए ही रोता रहा। और तू किसी और से मोहब्बत की भीख माँगता रहा। मैंने तुझे पूरी वफ़ा से चाहा, मैं हर वक़्त तेरी फ़िक्र करती रही॰ और तू किसी और की बाहों में ही भागता ; Rsti| तूने मेरे सच्चे 1 पर फिर भी सच्ची मोहब्बत LR ' 'థ్ क़दर कभी की ही नहीं, वफ़ा से बढ़कर ' की उम्मीद लगाए ' अब तू ही बता - मोहब्बत ' रहा।  कहीं और होती है i '4? - ShareChat
#💞Heart touching शायरी✍️ ##poetry #writer #🥰Express Emotion #Truth of life
💞Heart touching शायरी✍️ - लड़कपन का इश्क़ इश्क़ निभाना आता नहीं था..ः दिल लगाए थे हमने .. एकनदूसरे को समझना आता नहीं था... हज़ार सपने सजाए थे हमने लड़कपन  लड़कपन में प्यार किया था हमने प्यार भरी बातें भरी बाज़ार किया था हम हमें पता नहीं था.ः कि नज़र लग जाएगी...  সীয দ্িং वो किसी और के हाथ चली जाएगी॰ निभाना आता नहीं था..ः  इश्क दिल लगाए थे हमने .. खिलौनों से खेलने की उम्र में.. दिल हाथों पर बनाए थे हमने. दिन को रात कहने लगे थे॰ एक॰दूसरे के ख्वाबों में बसने लगे थे॰ इश्क़ निभाना आता नहीं था.॰ः  दिल लगाए थे हमने... लड़ते थे हम...  (9' झगड़ते थे हम... रूठते थेः एक॰दूसरे को मनाते थे हम... और चाहे जितना भी हो ग़म.  को देख कर थे हम..  दूसरे TgT एकन साथ में तसवीरें बनाते थे हम॰.: यादें॰.. जो आज भी दिल में ज़िंदा हैं. इश्क़ था.॰. पर समझ कम थी॰.ः पर जज़्बात गहरे थे... मासूम थे लड़कपन का इश्क़ इश्क़ निभाना आता नहीं था..ः दिल लगाए थे हमने .. एकनदूसरे को समझना आता नहीं था... हज़ार सपने सजाए थे हमने लड़कपन  लड़कपन में प्यार किया था हमने प्यार भरी बातें भरी बाज़ार किया था हम हमें पता नहीं था.ः कि नज़र लग जाएगी...  সীয দ্িং वो किसी और के हाथ चली जाएगी॰ निभाना आता नहीं था..ः  इश्क दिल लगाए थे हमने .. खिलौनों से खेलने की उम्र में.. दिल हाथों पर बनाए थे हमने. दिन को रात कहने लगे थे॰ एक॰दूसरे के ख्वाबों में बसने लगे थे॰ इश्क़ निभाना आता नहीं था.॰ः  दिल लगाए थे हमने... लड़ते थे हम...  (9' झगड़ते थे हम... रूठते थेः एक॰दूसरे को मनाते थे हम... और चाहे जितना भी हो ग़म.  को देख कर थे हम..  दूसरे TgT एकन साथ में तसवीरें बनाते थे हम॰.: यादें॰.. जो आज भी दिल में ज़िंदा हैं. इश्क़ था.॰. पर समझ कम थी॰.ः पर जज़्बात गहरे थे... मासूम थे - ShareChat