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#भक्ति #रामदास वैष्णव #जय मां वैष्णव #वैष्णव भक्त
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#वृन्दावन #वृन्दावन धाम 🙏 #पावन वृन्दावन धाम #जय श्री वृन्दावन बिहारी लाल #जय हो वृन्दावन बिहारी लाल की
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*चलो मित्रों त्रेतायुग की यात्रा कर के आते है 🧡🌍* *जय श्री राम 🧡🕉️🚩* #AI VIDEO #ai #aivideo #ai #aivideo #aifusion #AI #Aivideo
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#🌠ओशो☘️ #❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #osho #osho #osho
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क्या पति द्वारा अपनी पत्नी (जो गृहिणी थी) के नाम पर खरीदी गई संपत्ति को "व्यक्तिगत संपत्ति" माना जाएगा या "संयुक्त पारिवारिक संपत्ति", और क्या उसमें पहली पत्नी के बच्चों का भी अधिकार होगा? 🔍 कानूनी स्थिति का सारांश: यदि पत्नी (दूसरी पत्नी) के पास अपनी कोई स्वतंत्र आय नहीं थी और संपत्ति पति द्वारा खरीदी गई थी, तो इसे पति की संपत्ति माना जाएगा, भले ही वह पत्नी के नाम पर क्यों न हो। इसका अर्थ यह है कि ऐसी संपत्ति, जब तक यह साबित न हो कि पत्नी ने अपनी आय से खरीदी है, पति की मानी जाएगी, और पति के सभी वैध वारिसों को उसमें विरासत का अधिकार होगा — चाहे वे पहली पत्नी से हों या दूसरी से। ⚖️ प्रासंगिक निर्णय के मुख्य बिंदु: हाई कोर्ट ने माना कि अगर कोई पति अपनी पत्नी (जो गृहिणी है) के नाम पर संपत्ति खरीदता है, तो यह बेनामी लेनदेन नहीं है, बल्कि इसे माना जाएगा कि पति ने अपने स्रोत से संपत्ति खरीदी और पत्नी को दिया। जब कोई स्वतंत्र आय का स्रोत नहीं है, तो यह साबित करना दूसरी पत्नी की जिम्मेदारी होगी कि संपत्ति उसकी अपनी है। बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 की धारा 2(9)(A)(b) भी इस बात की अनुमति देती है कि पति अपने परिवार के सदस्य के नाम संपत्ति खरीद सकता है, और इसे बेनामी नहीं माना जाएगा। ✅ आपके केस में उत्तर: चूँकि संपत्ति पति ने अपने पैसे से खरीदी और पत्नी (दूसरी) के नाम रजिस्टर्ड कराई, और अगर यह साबित हो जाए कि दूसरी पत्नी की कोई स्वतंत्र आय नहीं थी, तो वह संपत्ति संयुक्त पारिवारिक संपत्ति मानी जाएगी। 🔹 इसलिए, पहली पत्नी का बेटा (संतान) उस संपत्ति में कानूनी रूप से हिस्सेदार है। 🔹 दूसरी पत्नी केवल अपने बच्चों के नाम पर पूरी संपत्ति नहीं कर सकती। 🔹 यदि दूसरी पत्नी उसे हड़पना चाहती है, तो पहली पत्नी का बेटा कोर्ट में वाद दायर कर सकता है — "विरासत का दावा" करते हुए। 🛑 ध्यान दें:यदि दूसरी पत्नी ने बाद में उस संपत्ति को अपने बच्चों या किसी और के नाम कर दिया है (जैसे उपहार पत्र/गिफ्ट डीड के ज़रिए), तो वह चुनौती के दायरे में आएगा, क्योंकि वह पूर्ण स्वामिनी नहीं थी। 📝 निष्कर्ष: संपत्ति पति की मानी जाएगी। सभी वैध संतानों (पहली और दूसरी पत्नी से) को बराबर का हिस्सा मिलेगा। दूसरी पत्नी की सिर्फ नाम पर मौजूदगी, उसे एकमात्र मालिक नहीं बनाती। #कानून
कानून - पत्नों के नाम खरीदी प्रॉपर्टी dredhat पर परिवार का भी हक HC का बड़ा फैसला   पिता द्वारा खरीदी गई थी संपत्ति प्रयागराज, एजेसियां. इलाहाबाद M हाड कोट ने पारिवारिक संपत्ति विवाद याचिका के अपीलकर्ता सोरभ गुप्ता ने  एक सिविल मुकदमा दायर कर अपने  ক্মলা মুনায়া 7 एक अहम पिता द्वारा खरीदी गई सपति मे एक  हाइंको्टं ने कहा कि॰ ಖ F71 বাম্রারৎ মমমেকী মাযকী থী 3া কারৎম शख्स ने अपनी पली क नाम पर कोड उस सपति म सह हिस्सेदार पोषित करने संपति खरोदी ह आर रजिस्ट्री करवाई ठी मागकीथी उन्होने तरळ दिया कि  గ్ే   గౌ 3TT चूकि सपति उनके मृत पिता द्वारा खरीदी के स 3 ग्ई थी॰ इसलिए अपनी मा के सा " गढभी परिजना क उस सपति मेसट रिस्सेदार 6 सार्म भी চিম্মো गुप्ताकीमा इस मुकदमे मे प्रतिवदी थी होगा हाड যাবিকাকনন যনগী নাবা কিমা কি कोटं ने अपने फसले मेॅ स्पषट किया ह चूकि सपत्ति उसकी मा यानी मृत पिता ठी ক্ি পলেনা কা ওম মপলি ৭ নণা पत्नी के नाम पर खरीदी गई ह अधिकार नही माना जाएगा जन यह पिता द्वारा खरीदो गई सर्पति को सावित ठोगा कि॰ महिला ने अपनी कमाई से बह संपति खरीदी  पारिवारिक संपत्त माना जाएगा क्याकि लकिन अगर महिला गृहिणी ह ओर उसके  सामान्यतः एक हिद्र प्ति परिवार के नाम पर कोईं संपत्ति खरोटी गई हःता लाभ के लिए अपनी पत्नी के नाम पर ठस पर परिवार के चाकी सदस्या का संपति खरीदता ह তন तक यह भी अधिकार होगा. एक मृत पिता की সানিন ন মা লা ক্ি মপনি এলা संपत्ति म अधिकार की मांग करने वाले द्वारा अर्जित आयकी रकम से खरीदी एक बेटे की याचिका की सुनवाई  गईथी॰ इसे पति द्वारा अपनी आयःसे खरीदी गड संपति माना जाएगा आर करते ढुए जस्टिस अरुण कुमार सिंह इस पर परिार काभी अधिकार होगा देशवाल ने कहा कि॰याचिकाकता के पत्नों के नाम खरीदी प्रॉपर्टी dredhat पर परिवार का भी हक HC का बड़ा फैसला   पिता द्वारा खरीदी गई थी संपत्ति प्रयागराज, एजेसियां. इलाहाबाद M हाड कोट ने पारिवारिक संपत्ति विवाद याचिका के अपीलकर्ता सोरभ गुप्ता ने  एक सिविल मुकदमा दायर कर अपने  ক্মলা মুনায়া 7 एक अहम पिता द्वारा खरीदी गई सपति मे एक  हाइंको्टं ने कहा कि॰ ಖ F71 বাম্রারৎ মমমেকী মাযকী থী 3া কারৎম शख्स ने अपनी पली क नाम पर कोड उस सपति म सह हिस्सेदार पोषित करने संपति खरोदी ह आर रजिस्ट्री करवाई ठी मागकीथी उन्होने तरळ दिया कि  గ్ే   గౌ 3TT चूकि सपति उनके मृत पिता द्वारा खरीदी के स 3 ग्ई थी॰ इसलिए अपनी मा के सा " गढभी परिजना क उस सपति मेसट रिस्सेदार 6 सार्म भी চিম্মো गुप्ताकीमा इस मुकदमे मे प्रतिवदी थी होगा हाड যাবিকাকনন যনগী নাবা কিমা কি कोटं ने अपने फसले मेॅ स्पषट किया ह चूकि सपत्ति उसकी मा यानी मृत पिता ठी ক্ি পলেনা কা ওম মপলি ৭ নণা पत्नी के नाम पर खरीदी गई ह अधिकार नही माना जाएगा जन यह पिता द्वारा खरीदो गई सर्पति को सावित ठोगा कि॰ महिला ने अपनी कमाई से बह संपति खरीदी  पारिवारिक संपत्त माना जाएगा क्याकि लकिन अगर महिला गृहिणी ह ओर उसके  सामान्यतः एक हिद्र प्ति परिवार के नाम पर कोईं संपत्ति खरोटी गई हःता लाभ के लिए अपनी पत्नी के नाम पर ठस पर परिवार के चाकी सदस्या का संपति खरीदता ह তন तक यह भी अधिकार होगा. एक मृत पिता की সানিন ন মা লা ক্ি মপনি এলা संपत्ति म अधिकार की मांग करने वाले द्वारा अर्जित आयकी रकम से खरीदी एक बेटे की याचिका की सुनवाई  गईथी॰ इसे पति द्वारा अपनी आयःसे खरीदी गड संपति माना जाएगा आर करते ढुए जस्टिस अरुण कुमार सिंह इस पर परिार काभी अधिकार होगा देशवाल ने कहा कि॰याचिकाकता के - ShareChat
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