Irfan shaikh
ShareChat
click to see wallet page
@krishnna629
krishnna629
Irfan shaikh
@krishnna629
✍🏿डे का स्पेशल क्रेटर न्यूज पेपर✍🏿
#जय माँ महागौरी #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴
जय माँ महागौरी - या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। 5்கசப் माँ महागौरी आपके जीवन में सुख समृद्धि बनाये खखें | Mn IMlill ' या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। 5்கசப் माँ महागौरी आपके जीवन में सुख समृद्धि बनाये खखें | Mn IMlill ' - ShareChat
चंदबरदाई (Chand Bardai) हिंदी साहित्य के आदिकालीन कवि और महाकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनका परिचय संक्षेप में यहाँ दिया गया है: प्रमुख परिचय महाकाव्य: उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना 'पृथ्वीराज रासो' है, जिसे हिंदी साहित्य का प्रथम महाकाव्य माना जाता है। संबंध: वह अजमेर-दिल्ली के सुविख्यात हिंदू नरेश पृथ्वीराज चौहान (पृथ्वीराज तृतीय) के राजकवि, मित्र और सहयोगी थे। भाषा: उन्होंने पिंगल भाषा (जो ब्रजभाषा का पर्याय थी) में रचनाएँ कीं, इसलिए उन्हें ब्रजभाषा हिंदी का प्रथम महाकवि भी कहा जाता है। जीवन: ऐसा माना जाता है कि चंदबरदाई और पृथ्वीराज चौहान का जन्म और निधन एक ही दिन हुआ था, और उनका जीवन पृथ्वीराज चौहान के साथ राजधानी और युद्ध क्षेत्र, हर जगह बीता। पृथ्वीराज रासो: यह ग्रंथ महाराज पृथ्वीराज चौहान के वीरतापूर्ण युद्धों और प्रेम-प्रसंगों का वर्णन करता है। इसमें उनके जीवन के अंतिम क्षणों का भी वर्णन है, जिसमें उन्होंने चंदबरदाई की मदद से बंदी होने के बाद मोहम्मद गोरी को मारा था, हालाँकि इस घटना की ऐतिहासिक सत्यता पर विद्वानों में मतभेद है। चंदबरदाई का पूरा जीवन अपने मित्र और शासक पृथ्वीराज चौहान को समर्पित रहा, और उन्होंने अपनी रचना 'पृथ्वीराज रासो' के माध्यम से उनकी कीर्ति को अमर कर दिया। क्या आप चंदबरदाई या 'पृथ्वीराज रासो' के बारे में और कुछ जानना चाहेंगे? #चंदबरदाई जी #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
चंदबरदाई जी - ३० सितंबर MA]  Il(itlil ' हिन्द सम्राट पृथ्वीराज सिंह चौहान जी के सखा एवं पृथ्वीराज रासो काव्य के रचयिता महान कवि चंदबरदाई जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन ३० सितंबर MA]  Il(itlil ' हिन्द सम्राट पृथ्वीराज सिंह चौहान जी के सखा एवं पृथ्वीराज रासो काव्य के रचयिता महान कवि चंदबरदाई जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन - ShareChat
अंतरराष्ट्रीय पॉडकास्ट दिवस हर साल 30 सितंबर को मनाया जाता है, जो पॉडकास्टिंग की शक्ति, प्रौद्योगिकी और समुदाय का जश्न मनाने वाला एक वैश्विक उत्सव है. यह दिन पॉडकास्ट के बढ़ते माध्यम, मनोरंजन और शिक्षा के रूप में इसकी भूमिका और दुनिया भर के रचनाकारों और श्रोताओं को जोड़ने का सम्मान करता है. यह दिन क्यों मनाया जाता है? पॉडकास्ट का सम्मान: यह दिन पॉडकास्ट की कला, प्रौद्योगिकी और समुदाय की सराहना करता है. जुड़ाव का अवसर: यह पॉडकास्टरों, श्रोताओं और उद्योग के नेताओं को एक साथ जुड़ने और पॉडकास्टिंग के बारे में जानने का अवसर देता है. नई शुरुआत के लिए प्रेरणा: यह उन लोगों को पॉडकास्टिंग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है जो हमेशा से ऐसा करना चाहते थे. सांस्कृतिक संरक्षण: पॉडकास्ट लुप्तप्राय भाषाओं को संरक्षित करने और साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और यह दिन इस सांस्कृतिक योगदान का भी जश्न मनाता है. आप इस दिन का आनंद कैसे ले सकते हैं? पॉडकास्ट सुनें: आप अपने पसंदीदा पॉडकास्ट सुन सकते हैं और नए पॉडकास्ट की खोज कर सकते हैं. आयोजनों में भाग लें: पॉडकास्ट इवेंट्स में भाग लें और पॉडकास्ट प्रेमियों से मिलें. सिखें और साझा करें: पॉडकास्टिंग के बारे में नए तरीकों और ट्रिक्स के बारे में जानें और अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस माध्यम के बारे में बात करें. रचनाकारों का समर्थन करें: अपने पसंदीदा पॉडकास्ट प्रोड्यूसर्स और क्रिएटर्स को सोशल मीडिया पर धन्यवाद दें या उन्हें ईमेल करें. #अंतरराष्ट्रीय पॉडकास्ट दिवस #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
अंतरराष्ट्रीय पॉडकास्ट दिवस - ३० सितंबर सभी पॉडकास्ट निर्माताओं और श्रोताओं को ల@REటIEUEECDEetEE की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं Wyn IM (lli ' ३० सितंबर सभी पॉडकास्ट निर्माताओं और श्रोताओं को ల@REటIEUEECDEetEE की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं Wyn IM (lli ' - ShareChat
हृषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee), जिन्हें प्यार से ऋषि दा भी कहा जाता है, हिंदी सिनेमा के सबसे महान और प्रभावशाली फिल्म निर्माताओं में से एक थे। उन्होंने लगभग चार दशकों के करियर में 40 से अधिक फिल्में निर्देशित कीं और उन्हें भारतीय सिनेमा के 'मिडिल सिनेमा' (Middle Cinema) का अग्रदूत माना जाता है। उनकी फिल्मों की कुछ मुख्य बातें: सादगी और यथार्थवाद: उनकी फिल्में आम आदमी के जीवन, मध्यवर्गीय मूल्यों और रिश्तों पर आधारित होती थीं। उनमें बड़े-बड़े सेट, भव्यता या अनावश्यक एक्शन नहीं होता था। हास्य और भावनात्मक गहराई: उन्होंने हल्के-फुल्के हास्य (स्लाइस-ऑफ-लाइफ कॉमेडी) को मानवीय भावनाओं और सामाजिक संदेशों के साथ खूबसूरती से जोड़ा। उनकी फिल्मों में हास्य के पीछे हमेशा एक दिल को छू लेने वाली कहानी होती थी। कला और व्यावसायिक सिनेमा के बीच का रास्ता: उन्होंने कला सिनेमा की गंभीरता और व्यावसायिक सिनेमा के मनोरंजन के बीच एक संतुलन बनाया, जो दर्शकों को बहुत पसंद आया। प्रमुख फिल्में (Notable Films) ऋषि दा ने कई यादगार फिल्में दीं, जिनमें शामिल हैं: फिल्म का नाम रिलीज़ वर्ष मुख्य कलाकार आनंद (Anand) 1971 राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन चुपके चुपके (Chupke Chupke) 1975 धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, शर्मिला टैगोर, जया भादुड़ी गोल माल (Gol Maal) 1979 अमोल पालेकर, उत्पल दत्त बावर्ची (Bawarchi) 1972 राजेश खन्ना, जया भादुड़ी खूबसूरत (Khubsoorat) 1980 रेखा, अशोक कुमार अभिमान (Abhimaan) 1973 अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी सत्यकाम (Satyakam) 1969 धर्मेंद्र, शर्मिला टैगोर मिली (Mili) 1975 अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी करियर और सम्मान शुरुआत: ऋषिकेश मुखर्जी ने अपने करियर की शुरुआत बिमल रॉय के साथ एक फिल्म एडिटर और सहायक निर्देशक के रूप में की थी। उन्होंने 'दो बीघा ज़मीन' और 'देवदास' जैसी फिल्मों में संपादन का काम किया। निर्देशन की शुरुआत: उन्होंने बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म 'मुसाफिर' (1957) बनाई। उन्हें सफलता 1959 में आई फिल्म 'अनाड़ी' से मिली। पुरस्कार: उन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार (1999) से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्हें पद्म विभूषण (2001) और कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों और फिल्मफेयर पुरस्कारों से भी नवाजा गया। उनकी फिल्मों में अक्सर यह संदेश होता था कि जीवन की भाग-दौड़ में छोटी-छोटी खुशियों को महत्व देना चाहिए। उनकी फिल्में आज भी दर्शकों के बीच बहुत प्रासंगिक और लोकप्रिय हैं। क्या आप उनकी किसी खास फिल्म के बारे में जानना चाहेंगे? #हृषिकेश मुखर्जी जी #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
हृषिकेश मुखर्जी जी - ३० सितंबर Wkon भारतीय फिल्म जगत के IIlIl IlI" . जाने-माने फिल्म निर्देशक व हिंदी फिल्मों के 'स्टार मेकर हृषिकेश मुखजीजी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन ३० सितंबर Wkon भारतीय फिल्म जगत के IIlIl IlI" . जाने-माने फिल्म निर्देशक व हिंदी फिल्मों के 'स्टार मेकर हृषिकेश मुखजीजी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन - ShareChat
डॉ. राम दयाल मुंडा जी (23 अगस्त 1939 – 30 सितंबर 2011) झारखंड के एक अत्यंत प्रतिष्ठित विद्वान, क्षेत्रीय संगीतकार, सांस्कृतिक कार्यकर्ता और आदिवासी अधिकारों के प्रबल समर्थक थे। उनके जीवन और कार्यों की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं: जन्म और शिक्षा: उनका जन्म 23 अगस्त 1939 को राँची जिले के तमाड़ क्षेत्र के दिउड़ी गाँव में हुआ था। उन्होंने राँची विश्वविद्यालय से मानवशास्त्र (Anthropology) में स्नातकोत्तर और अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय से भाषाविज्ञान (Linguistics) में पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की थी। शैक्षणिक योगदान: वे राँची विश्वविद्यालय के कुलपति (Vice-Chancellor) रहे (1986-1988) और उन्होंने वहाँ जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो उस समय पूरे देश में अपनी तरह का पहला विभाग था। सांस्कृतिक पुनर्जागरण: उन्होंने आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार के लिए काम किया। उनका प्रसिद्ध नारा था "नाचि से बाँची" (जो नाचेंगे, वही बचेंगे), जो जीवन और संस्कृति के प्रति उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। उन्होंने सरहुल जुलूस के माध्यम से सांस्कृतिक आंदोलन को बढ़ावा दिया। झारखंड आंदोलन: वे झारखंड राज्य के निर्माण के आंदोलन के एक प्रमुख बौद्धिक और सामाजिक-राजनीतिक वास्तुकार थे। उन्होंने झारखंड विषयक समिति (भारत सरकार) के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। पुरस्कार और सम्मान: संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (2007) पद्म श्री (2010), कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए। उन्हें 2010 में राज्यसभा के सदस्य (सांसद) के रूप में मनोनीत भी किया गया था। प्रमुख रचनाएँ: उनकी प्रमुख रचनाओं में 'आदि धर्म' और मुंडारी व्याकरण से संबंधित कई प्रकाशन शामिल हैं। डॉ. राम दयाल मुंडा ने देश और विदेश में आदिवासी संस्कृति और अधिकारों का प्रतिनिधित्व किया और झारखंड की जनजातीय पहचान को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अतुलनीय योगदान दिया। #राम दयाल मुंडा जी #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
राम दयाल मुंडा जी - 30 মিননয  झारखंड की संस्कृति और लोककला को वैश्विक पहचान दिलाने वाले पद्मश्री ಟ@@ چ5760 की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि Milli Iltw (ltili' 30 মিননয  झारखंड की संस्कृति और लोककला को वैश्विक पहचान दिलाने वाले पद्मश्री ಟ@@ چ5760 की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि Milli Iltw (ltili' - ShareChat
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस हर साल 30 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन अनुवादकों और भाषा पेशेवरों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए समर्पित है। अनुवादकों का कार्य विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के बीच संवाद, समझ और सहयोग का एक पुल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो वैश्विक शांति और विकास के लिए आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस से जुड़ी मुख्य बातें तिथि: 30 सितंबर। उद्देश्य: अनुवादकों के काम को महत्व देना और यह उजागर करना कि अनुवाद कैसे राष्ट्रों को जोड़ता है और शांति, समझ और विकास को बढ़ावा देता है। क्यों 30 सितंबर? यह तारीख सेंट जेरोम की पुण्यतिथि है, जिन्हें अनुवादकों का संरक्षक संत (Patron Saint of Translators) माना जाता है। सेंट जेरोम बाइबिल के एक महत्वपूर्ण अनुवादक थे। शुरुआत: इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर्स (FIT) ने 1991 में आधिकारिक तौर पर इस दिन को मनाने का विचार शुरू किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 मई, 2017 को प्रस्ताव 71/288 को अपनाकर 30 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस घोषित किया। यह दिन दुनिया भर के अनुवाद समुदाय के लिए एकजुटता दिखाने और उनके पेशे को बढ़ावा देने का एक अवसर है। #अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस - Wx अनुवाद, विभिन्न संस्कृतियों 30 সিনেনহ और सभ्यताओं के बीच Iliu (ltli ' gcஅ एक सभी अनुवादकों को अंतरसाष्ट्रीय अनुवाद दिवस কী হা্ভিক লঙাই হন शुभकामनाएं لا CAರ న -] MALII  NELD C ~ Wx अनुवाद, विभिन्न संस्कृतियों 30 সিনেনহ और सभ्यताओं के बीच Iliu (ltli ' gcஅ एक सभी अनुवादकों को अंतरसाष्ट्रीय अनुवाद दिवस কী হা্ভিক লঙাই হন शुभकामनाएं لا CAರ న -] MALII  NELD C ~ - ShareChat
राजिन्दर कौर भट्टल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक वरिष्ठ राजनेता हैं। उनके बारे में मुख्य जानकारी इस प्रकार है: पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री: वह पंजाब की पहली और अब तक की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री रही हैं। उन्होंने नवंबर 1996 से फरवरी 1997 तक यह पद संभाला। उपमुख्यमंत्री: उन्होंने दो बार पंजाब की उपमुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया है: अगस्त 1996 से नवंबर 1996 तक। जनवरी 2004 से मार्च 2007 तक। विधानसभा क्षेत्र: वह लंबे समय तक लेहरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहीं। राजनीतिक दल: वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) की सदस्य हैं। वह पंजाब की राजनीति में एक मज़बूत और प्रभावशाली नेता के रूप में जानी जाती हैं। #राजिन्दर कौर भट्टल जी #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
राजिन्दर कौर भट्टल जी - 30 মিননয Wan Iltll(ltlir' पंजाब की महिला मुख्यमंत्री रहीं পমলী राजिन्दर कौर भट्टल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 30 মিননয Wan Iltll(ltlir' पंजाब की महिला मुख्यमंत्री रहीं পমলী राजिन्दर कौर भट्टल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं - ShareChat
आपको भी विजयादशमी (दशहरा) की हार्दिक बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं! यह पर्व सत्य पर असत्य और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह हमें सभी प्रकार की बुराइयों का अंत कर सही मार्ग पर चलने और सुख, समृद्धि और सफलता पाने की प्रेरणा देता है। विजयादशमी का महत्व सत्य की जीत: विजयादशमी 'विजय' और 'दशमी' से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है दसवां दिन। यह पर्व हमें बताता है कि भले ही बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अंततः जीत सच्चाई और अच्छाई की ही होती है। बुराई का विनाश: यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव है। रावण दहन इस बुराई के अंत का प्रतीक है, जिसे देखकर हमें अपने अंदर की बुराइयों का अंत करने की प्रेरणा मिलती है। प्रेरणा का पर्व: यह पर्व धर्म और मानवता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। शुभकामनाएं यह त्यौहार आपके जीवन में खुशियाँ, समृद्धि और शांति लेकर आए। आपको जीवन की हर चुनौती का सामना करने की शक्ति मिले। #विजयादशमी दशहरा #🙏नवरात्रि Status🙏 #🏹दशहरा Coming Soon⌛ #🏹दशहरा Coming Soon⌛
🏹दशहरा Coming Soon⌛ - Gfutchar आप सभी को असत्य पर सत्य की अधर्म पर धर्मकी अंधकार पर प्रकाश की विजय के महापर्व विजयादशमी दशहरा की हादिक बधाई एवं ढेर सारी शुभिकामनायें। Wkun Illlll Illl"  Gfutchar आप सभी को असत्य पर सत्य की अधर्म पर धर्मकी अंधकार पर प्रकाश की विजय के महापर्व विजयादशमी दशहरा की हादिक बधाई एवं ढेर सारी शुभिकामनायें। Wkun Illlll Illl" - ShareChat
#MOTIVATIONAL #🗞️29 सितंबर के अपडेट 🔴
MOTIVATIONAL - W ١١٨١ दोनों फल एक ही डाल पर लगे हैं, एक पक चुका है, जबकि दूसरा अभी अपने वक्त का इंतजार कर रहा है। कुदरत हमें याद दिलाती है कि किसी और की सफलता का मतलब हमारी हार नहीं है, हमारा भी समय आएगा | W ١١٨١ दोनों फल एक ही डाल पर लगे हैं, एक पक चुका है, जबकि दूसरा अभी अपने वक्त का इंतजार कर रहा है। कुदरत हमें याद दिलाती है कि किसी और की सफलता का मतलब हमारी हार नहीं है, हमारा भी समय आएगा | - ShareChat
#मेरे विचार status #motivation status #🗞️28 अगस्त के अपडेट 🔴
मेरे विचार status - ShareChat
00:14