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#😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️ गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा:- जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज#गीताजी_का_ज्ञान_किसने_बोला #SantRampalJiMaharajYouTubeChannel #bhagavadgita #gita #krishna #arjuna #bhagawadgita #consciousness #vedanta
😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️ - गीता अध्याय ११ के श्षलीक ३२ में गीता ज्ञान दाता कहता है कि मैं सभी लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ काल हूं।   कौन है वह काल? ? निःशुल्क पायें पवित्र पुस्तक  সপনা নাস; সযদনা সন 57 777 +91 7496801823 fl SpIRITUAL LEADER SANT RAMPAL J @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPALJi MAHARA गीता अध्याय ११ के श्षलीक ३२ में गीता ज्ञान दाता कहता है कि मैं सभी लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ काल हूं।   कौन है वह काल? ? निःशुल्क पायें पवित्र पुस्तक  সপনা নাস; সযদনা সন 57 777 +91 7496801823 fl SpIRITUAL LEADER SANT RAMPAL J @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPALJi MAHARA - ShareChat
#😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️
😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️ - गीता ज्ञान गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योँकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ। श्री कृष्ण जी काल नहीं हो सकते। उनके दर्शन मात्र को तो दूर दूर क्षेत्र के स्त्री तथा पुरुष तड़फा करते थे। पशु-पक्षी भी उनको प्यार करते थे। "್ಲ पवित्र पुस्तक निःशुल्क पायें sllel अपना नाम , पूरा पता भेजें गगा ज्ञान गगा +91 7496801823 5 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ गीता ज्ञान गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योँकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ। श्री कृष्ण जी काल नहीं हो सकते। उनके दर्शन मात्र को तो दूर दूर क्षेत्र के स्त्री तथा पुरुष तड़फा करते थे। पशु-पक्षी भी उनको प्यार करते थे। "್ಲ पवित्र पुस्तक निःशुल्क पायें sllel अपना नाम , पूरा पता भेजें गगा ज्ञान गगा +91 7496801823 5 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat
पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ। श्री कृष्ण जी काल नहीं हो सकते। उनके दर्शन मात्र को तो दूर-दूर क्षेत्र के स्त्री तथा पुरुष तड़फा करते थे। पशु-पक्षी भी उनको प्यार करते थे।#गीताजी_का_ज्ञान_किसने_बोला #SantRampalJiMaharajYouTubeChannel #bhagavadgita #gita #krishna #arjuna #bhagawadgita #consciousness #😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️
😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️ - गीता ज्ञान गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योँकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ। श्री कृष्ण जी काल नहीं हो सकते। उनके दर्शन मात्र को तो दूर दूर क्षेत्र के स्त्री तथा पुरुष तड़फा करते थे। पशु-पक्षी भी उनको प्यार करते थे। "್ಲ पवित्र पुस्तक निःशुल्क पायें sllel अपना नाम , पूरा पता भेजें गगा ज्ञान गगा +91 7496801823 5 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ गीता ज्ञान गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योँकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ। श्री कृष्ण जी काल नहीं हो सकते। उनके दर्शन मात्र को तो दूर दूर क्षेत्र के स्त्री तथा पुरुष तड़फा करते थे। पशु-पक्षी भी उनको प्यार करते थे। "್ಲ पवित्र पुस्तक निःशुल्क पायें sllel अपना नाम , पूरा पता भेजें गगा ज्ञान गगा +91 7496801823 5 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat
#😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️ गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन! मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं। भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है। जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी नहीं उठाऊँगा। श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला। पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए। प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज#गीताजी_का_ज्ञान_किसने_बोला #SantRampalJiMaharajYouTubeChannel #bhagavadgita #gita #krishna #arjuna #bhagawadgita #consciousness #vedanta #reincarnation #meditation #lordkrishna #kaal #brahm #om #dailygita #sanatandharma #SantRampalJiMaharaj -
😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️ - अध्याय 4 का श्लोक 9 जन्म कर्म च मे॰ दिव्यम् एवम् यः वेत्ति तत्त्वतः  त्यक्त्वा, देहम पुनः जन्म न एति माम् एति सः, अर्जुन।। 9|| अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जुन। (मे) मेरे (जन्म) जन्म (च) और ( कर्म) कर्म (दिव्यम्) दिव्य अर्थात् अलौकिक है (एवम ) इस प्रकार (यः) जो मनुष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे (वेत्ति) लेता है (सः ) वह ( देहम् ) शरीरको (त्यक्त्चवा) त्यागकर  जान (पुनः) फिर ( जन्म) जन्मको (न एति) प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते (माम् ) मुझे ही (एति) प्राप्त होता है। (९) हिन्दीः हे अर्जुन। मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात्  अलौकिक हें इस प्रकार जो मनुष्य तत्वसे जान लेता है वह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते मुझे ही प्राप्त होता है। गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया नहीं उठाऊँगा उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज # নিঃযুল্ধ পাম पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI f @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ अध्याय 4 का श्लोक 9 जन्म कर्म च मे॰ दिव्यम् एवम् यः वेत्ति तत्त्वतः  त्यक्त्वा, देहम पुनः जन्म न एति माम् एति सः, अर्जुन।। 9|| अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जुन। (मे) मेरे (जन्म) जन्म (च) और ( कर्म) कर्म (दिव्यम्) दिव्य अर्थात् अलौकिक है (एवम ) इस प्रकार (यः) जो मनुष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे (वेत्ति) लेता है (सः ) वह ( देहम् ) शरीरको (त्यक्त्चवा) त्यागकर  जान (पुनः) फिर ( जन्म) जन्मको (न एति) प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते (माम् ) मुझे ही (एति) प्राप्त होता है। (९) हिन्दीः हे अर्जुन। मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात्  अलौकिक हें इस प्रकार जो मनुष्य तत्वसे जान लेता है वह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते मुझे ही प्राप्त होता है। गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया नहीं उठाऊँगा उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज # নিঃযুল্ধ পাম पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI f @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat
#😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️ गीता वाला काल कौन है? जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।#गीताजी_का_ज्ञान_किसने_बोला #SantRampalJiMaharajYouTubeChannel #bhagavadgita #gita #krishna #arjuna #bhagawadgita #consciousness #vedanta #reincarnation #meditation #lordkrishna #kaal #brahm #om #dailygita #sanatandharma #SantRampalJiMaharaj
😍ಯುಗಾದಿ ಆಚರಣೆ🏵️ - शीता का ज्ञान किशन লরীলা ? काल भगवान जो इक्कीस ब्रह्मण्ड का प्रभु अध्याय ११ का श्वोक ३२ की है कि मैं स्थूल शरीर है उसने प्रतिज्ञा में व्यक्त(मानव सदृश अपने वास्तविक) रूप में सबके सामने नहीं आऊँगा| उसी ने सूक्ष्म शरीर बना कर प्रेत की तरह श्री कालः, अस्मि, लोकक्षयकृत, प्रवृर , लोझान समाहतुम इह, प्रवृत्तः ऋते, अपि त्वाम, न भविष्यत्ति, सर्वे, ये, अवस्थिता , प्रत्यनीकेषु योधाः] १३२१]  कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके पवित्र गीता जी का ज्ञान तो सहीषवेदों का सार) (भगवान उवाच ) कहा, परन्तु युद्ध करवाने के लिए भी अटकल बाजी में कसर नहीं छोड़ी | अनुवादः (लोकक्षयकृत ) लोकों का नाश करने (प्रवृद्धः ) बढ़ा हुआ ( कालः ) काल (अस्मि) हूँ। तत्वदर्शी ताला जगतगु२ (इह ) इस समय ( लोकान ) इन लोकों को शंत शमपाल जी महाशज (समाहर्तुम ) नष्ट करने के लिये ( प्रवृत्तः ) प्रकट हुआ हूँ इसलिये (ये) जो (प्रत्यनीकेषु ) प्रतिपक्षियों की सेना में ( अवस्थिताः ) स्थित ( योधाः ) योद्धा लोग हें॰ (ते) वे (सरवे ) सव (त्वाम ) संत रामपाल जी महाराज जी से तेरे ( ऋते ) बिना ( अपि) भी (न) नही व निःशुल्क निःशुल्क नामदीक्षा ` (भविष्यन्ति ) रहेंगे अर्थात तेरे युद्ध +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : करने से भी इन सबका नाश हो जायेगा। (३२ ) न SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ शीता का ज्ञान किशन লরীলা ? काल भगवान जो इक्कीस ब्रह्मण्ड का प्रभु अध्याय ११ का श्वोक ३२ की है कि मैं स्थूल शरीर है उसने प्रतिज्ञा में व्यक्त(मानव सदृश अपने वास्तविक) रूप में सबके सामने नहीं आऊँगा| उसी ने सूक्ष्म शरीर बना कर प्रेत की तरह श्री कालः, अस्मि, लोकक्षयकृत, प्रवृर , लोझान समाहतुम इह, प्रवृत्तः ऋते, अपि त्वाम, न भविष्यत्ति, सर्वे, ये, अवस्थिता , प्रत्यनीकेषु योधाः] १३२१]  कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके पवित्र गीता जी का ज्ञान तो सहीषवेदों का सार) (भगवान उवाच ) कहा, परन्तु युद्ध करवाने के लिए भी अटकल बाजी में कसर नहीं छोड़ी | अनुवादः (लोकक्षयकृत ) लोकों का नाश करने (प्रवृद्धः ) बढ़ा हुआ ( कालः ) काल (अस्मि) हूँ। तत्वदर्शी ताला जगतगु२ (इह ) इस समय ( लोकान ) इन लोकों को शंत शमपाल जी महाशज (समाहर्तुम ) नष्ट करने के लिये ( प्रवृत्तः ) प्रकट हुआ हूँ इसलिये (ये) जो (प्रत्यनीकेषु ) प्रतिपक्षियों की सेना में ( अवस्थिताः ) स्थित ( योधाः ) योद्धा लोग हें॰ (ते) वे (सरवे ) सव (त्वाम ) संत रामपाल जी महाराज जी से तेरे ( ऋते ) बिना ( अपि) भी (न) नही व निःशुल्क निःशुल्क नामदीक्षा ` (भविष्यन्ति ) रहेंगे अर्थात तेरे युद्ध +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : करने से भी इन सबका नाश हो जायेगा। (३२ ) न SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ - ShareChat