writer Manoj 🖋️🖋️
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@poet483824328
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ज्यादा झुक गए इसलिए टूट गए।
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - बदनाम हो रहे हैं मुहब्बत में देखिए है प्यार दुश्मनों के निशाने पे आज-्कल মনীত बदनाम हो रहे हैं मुहब्बत में देखिए है प्यार दुश्मनों के निशाने पे आज-्कल মনীত - ShareChat
#✍प्रेमचंद की कहानियां
✍प्रेमचंद की कहानियां - प्रैमचैद 0 अभिव्येजना विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नही खुला | प्रैमचैद 0 अभिव्येजना विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नही खुला | - ShareChat
#✍प्रेमचंद की कहानियां
✍प्रेमचंद की कहानियां - अपमान को निगल তন] चरित्र-पतन की अंतिम सीमा है  !! apr kksheel Ho "मुंशी प्रेमचंद अपमान को निगल তন] चरित्र-पतन की अंतिम सीमा है  !! apr kksheel Ho "मुंशी प्रेमचंद - ShareChat
#✍प्रेमचंद की कहानियां
✍प्रेमचंद की कहानियां - सिर्फ उसको अपनी মম্পনি মসহ্ী जिसको तुमने अपने परिश्रम से कमाया होे। प्रेमचंद सिर्फ उसको अपनी মম্পনি মসহ্ী जिसको तुमने अपने परिश्रम से कमाया होे। प्रेमचंद - ShareChat
#✍प्रेमचंद की कहानियां
✍प्रेमचंद की कहानियां - ARI साहिस 66 जीविका का प्रश्न हल होने के बाद ही विवाह शोभा देता है। प्रेमचंद ARI साहिस 66 जीविका का प्रश्न हल होने के बाद ही विवाह शोभा देता है। प्रेमचंद - ShareChat
#📓 हिंदी साहित्य #✍️ साहित्य एवं शायरी
📓 हिंदी साहित्य - चरित्र और वस्त्र कितने भी चमकदार हों , देखने वाला सिर्फ दाग पर ही ध्यान देगा| चरित्र और वस्त्र कितने भी चमकदार हों , देखने वाला सिर्फ दाग पर ही ध्यान देगा| - ShareChat
#✍️ साहित्य एवं शायरी #📓 हिंदी साहित्य
✍️ साहित्य एवं शायरी - ज़िम्मेदारियाँ वो पिंजरा है, जहां इंसान आज़ाद होकर भी कैद है.... ज़िम्मेदारियाँ वो पिंजरा है, जहां इंसान आज़ाद होकर भी कैद है.... - ShareChat
#✍️ साहित्य एवं शायरी #📓 हिंदी साहित्य
✍️ साहित्य एवं शायरी - नज़रिए की है बात "घास से पूछो तो मेमना राक्षस है, , और शेर रक्षक.. ! नज़रिए की है बात "घास से पूछो तो मेमना राक्षस है, , और शेर रक्षक.. ! - ShareChat
#📖 कविता और कोट्स✒️ #✍️ साहित्य एवं शायरी
📖 कविता और कोट्स✒️ - নবা থা ঠায়া मैं जिंदगी के हादसों से तंग आ गया ৯ী ক Tলী ম সাত নং নযা ওসা যমা करता नहीं यकीन जो कहता कोई मुझे मैं आज देखकर जो तेरा रंग आ गया अपना नहीं है कोई ক লান ম समझने आगे समझ में कैसे जिएं ढंग आ गया तन्हा निकल के घर से बहुत दूर तक चला पर दिल में कोई थाजो मेरे संग आ गया समझो मनोज घाव नहीं ठीक हो अगर कहते हैं काटने का समय अंग आ गया -मनोज कुमार महता बिरला पुर (পঞ্খিস লশাল) নবা থা ঠায়া मैं जिंदगी के हादसों से तंग आ गया ৯ী ক Tলী ম সাত নং নযা ওসা যমা करता नहीं यकीन जो कहता कोई मुझे मैं आज देखकर जो तेरा रंग आ गया अपना नहीं है कोई ক লান ম समझने आगे समझ में कैसे जिएं ढंग आ गया तन्हा निकल के घर से बहुत दूर तक चला पर दिल में कोई थाजो मेरे संग आ गया समझो मनोज घाव नहीं ठीक हो अगर कहते हैं काटने का समय अंग आ गया -मनोज कुमार महता बिरला पुर (পঞ্খিস লশাল) - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी #💓 दिल के अल्फ़ाज़
✍️ अनसुनी शायरी - बेसहारों को सहारा दिजिए कब कहा है चाद तारा दिजिए मनोज बेसहारों को सहारा दिजिए कब कहा है चाद तारा दिजिए मनोज - ShareChat