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#🙏आध्यात्मिक गुरु🙏 #☝अनमोल ज्ञान #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🧘सदगुरु जी🙏 #🙏गुरु महिमा😇
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🙏आध्यात्मिक गुरु🙏 - जिसने भी इस प्लेट को बनाया है उस बचे हुए कलाकार संदेश बहुत स्पष्ट था,आपके ' भोजन की बहुत लोगों की आवश्यकता है..! Instagram @momentum success जिसने भी इस प्लेट को बनाया है उस बचे हुए कलाकार संदेश बहुत स्पष्ट था,आपके ' भोजन की बहुत लोगों की आवश्यकता है..! Instagram @momentum success - ShareChat
#🕉 शिव भजन #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🕉 ओम नमः शिवाय 🔱 #🔱हर हर महादेव #🔱बम बम भोले🙏
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🙏आध्यात्मिक गुरु🙏 - हिमालय कायोग C4' भाग २ पृष्ठ सं. : ६५ Whenever you get the Guru $ proximity in life then कहते हैं न कि परिस्थितियाँ मनुष्य you should not look at the Gurul' you should परिपक्व बना देती हैं। एक दिन मैं मेरे experience him बड़े लड़के को लेकर ट्रेन से कहीं जा Puim Puiy Shier Shwnupmni Swnnl Sovlc  DalymಬlM440puyg San l  213/2021 रहा था। तो बड़ा लड़का बोला, बाबा जेब में पैसे हों तो... मुझे भूख नुम्हारी लगी है। " मेरी आँखों में उस दिन आँसू आ गए कि चार आने के पोहे भी मैं इस खिला नहीं सकता , ऐसी स्थिति है, पर मेरे पास चार आने भी होंगे कि नहीं, यह इसे विश्वास नहीं है। यानी मेर्र आपके पुण्यकर्म समाप्त हुए स्थिति को मेरा बच्चा भी जानता था। सानिध्य तो छोड़़ो तो आपको सद्गुरु के दर्शन भी नहीं हो सकेंगे | (बाबा स्वामी जी) मन बड़ा चचल है और बुद्धि "आनेवाले भविष्य में मनुष्य के सुखी जीवन का मुख्य  नए नए तर्क निकाल लेती है आधार सहनशीलता ही होगी क्योंकि इस सहनशीलता इसलिए मनुष्य को स्वयं पर नियंत्रण करने करने के लिए की कमी मनुष्य-जगत में होनेवाली है। " सामूहिकता की आवश्यकता श्री शिवकृपानंद स्वामीजी होती है। (बाबा स्वामी जी स्पदंते जीवंत निसर्ग "मै " और "तू" में ही कई साधक शक्ति' की पहचान अटके रहते हैं और "वो" तक पहूँच  होती है।(बाबा ही नहीं पाते है। ।बाबा स्वामी जी। स्वामी जी) हिमालय कायोग C4' भाग २ पृष्ठ सं. : ६५ Whenever you get the Guru $ proximity in life then कहते हैं न कि परिस्थितियाँ मनुष्य you should not look at the Gurul' you should परिपक्व बना देती हैं। एक दिन मैं मेरे experience him बड़े लड़के को लेकर ट्रेन से कहीं जा Puim Puiy Shier Shwnupmni Swnnl Sovlc  DalymಬlM440puyg San l  213/2021 रहा था। तो बड़ा लड़का बोला, बाबा जेब में पैसे हों तो... मुझे भूख नुम्हारी लगी है। " मेरी आँखों में उस दिन आँसू आ गए कि चार आने के पोहे भी मैं इस खिला नहीं सकता , ऐसी स्थिति है, पर मेरे पास चार आने भी होंगे कि नहीं, यह इसे विश्वास नहीं है। यानी मेर्र आपके पुण्यकर्म समाप्त हुए स्थिति को मेरा बच्चा भी जानता था। सानिध्य तो छोड़़ो तो आपको सद्गुरु के दर्शन भी नहीं हो सकेंगे | (बाबा स्वामी जी) मन बड़ा चचल है और बुद्धि "आनेवाले भविष्य में मनुष्य के सुखी जीवन का मुख्य  नए नए तर्क निकाल लेती है आधार सहनशीलता ही होगी क्योंकि इस सहनशीलता इसलिए मनुष्य को स्वयं पर नियंत्रण करने करने के लिए की कमी मनुष्य-जगत में होनेवाली है। " सामूहिकता की आवश्यकता श्री शिवकृपानंद स्वामीजी होती है। (बाबा स्वामी जी स्पदंते जीवंत निसर्ग "मै " और "तू" में ही कई साधक शक्ति' की पहचान अटके रहते हैं और "वो" तक पहूँच  होती है।(बाबा ही नहीं पाते है। ।बाबा स्वामी जी। स्वामी जी) - ShareChat
#🙏आध्यात्मिक गुरु🙏 #🙏गुरु महिमा😇 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🧘सदगुरु जी🙏 #☝अनमोल ज्ञान
🙏आध्यात्मिक गुरु🙏 - साई बाबा C   अपने नेत्रों से अहँकार का पर्दा हटाकर देखों रिश्तों की सच्चाई को आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रयत्न को कोई एक बारसाईकीशरण G स्थान नहीं है। क्पौकि सारे प्रयल हैः 3 आजाता SSS  fள अपने लिए होते है पाने के लिए होत हरअकेलापनसाई अपने आँचल में छुपा लेते हैं। समयके है और आध्यात्मिक क्षेत्र मैं पाना विश्वास औरभी गहरा साथ यह नहीं पडता , केवल देना पडता है। होना जाता है।भक्त कीहरसच्ची देने का ही प्रतिफल पाना है। केवल पहँचती इच्छा, साईकेचरणों तक है॰ और यदि उसमें श्रद्धा और जीवन में आत्मिक सुख बाँटो पवित्रता ह्े॰तोसाईउसे आशीर्वाद आत्मिक सुख मिलता ही चला में बदल देते हैं॰ कभी रूपबदलकर जाएगा। कभी रस्ता बदलकर परसाई अपने भक्तको कभी खाली हाथ =3<a3 வrur साई बाबा C   अपने नेत्रों से अहँकार का पर्दा हटाकर देखों रिश्तों की सच्चाई को आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रयत्न को कोई एक बारसाईकीशरण G स्थान नहीं है। क्पौकि सारे प्रयल हैः 3 आजाता SSS  fள अपने लिए होते है पाने के लिए होत हरअकेलापनसाई अपने आँचल में छुपा लेते हैं। समयके है और आध्यात्मिक क्षेत्र मैं पाना विश्वास औरभी गहरा साथ यह नहीं पडता , केवल देना पडता है। होना जाता है।भक्त कीहरसच्ची देने का ही प्रतिफल पाना है। केवल पहँचती इच्छा, साईकेचरणों तक है॰ और यदि उसमें श्रद्धा और जीवन में आत्मिक सुख बाँटो पवित्रता ह्े॰तोसाईउसे आशीर्वाद आत्मिक सुख मिलता ही चला में बदल देते हैं॰ कभी रूपबदलकर जाएगा। कभी रस्ता बदलकर परसाई अपने भक्तको कभी खाली हाथ =3<a3 வrur - ShareChat
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☝अनमोल ज्ञान - Guutattva Snree Seree Shskrupanand Swami Gwzutaltva Shree Shivkrupanand Swami Toar 2025 3285 3285 10.12.2025 10/12/25 Wednesday Wednesday Soul 3ITcTT उमे  ेभ्रम ३। बच्ये ठमारे ३ We are under a delusion that the children are श्व्य स्थिती थद्ट they 012 7 ours whereas the real state Is this have only ণণন্ত 370> अपने come to endure their individual Karmas 2' & ऋर्भे भ्ाने आघे ४ Ka7] Baba Swami Clol 202) 112 [ 0 10.12.2025 Ndnm Guௌara snarpan ^ nram ~an Anodrya Rono Canahin Gujarப Inu n a samarpn Ashram Hahudi Auudtya Roid  11 [ Lonceruru பr 01 01/55` r@slrecsllaradrೈ ٥ ٥  Lnal ururಧ 11nna Vhnrsapp Tlarimy +1511பnn Guutattva Snree Seree Shskrupanand Swami Gwzutaltva Shree Shivkrupanand Swami Toar 2025 3285 3285 10.12.2025 10/12/25 Wednesday Wednesday Soul 3ITcTT उमे  ेभ्रम ३। बच्ये ठमारे ३ We are under a delusion that the children are श्व्य स्थिती थद्ट they 012 7 ours whereas the real state Is this have only ণণন্ত 370> अपने come to endure their individual Karmas 2' & ऋर्भे भ्ाने आघे ४ Ka7] Baba Swami Clol 202) 112 [ 0 10.12.2025 Ndnm Guௌara snarpan ^ nram ~an Anodrya Rono Canahin Gujarப Inu n a samarpn Ashram Hahudi Auudtya Roid  11 [ Lonceruru பr 01 01/55` r@slrecsllaradrೈ ٥ ٥  Lnal ururಧ 11nna Vhnrsapp Tlarimy +1511பnn - ShareChat
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🙏आध्यात्मिक गुरु🙏 - Guzutattva Guztattva Money is meant for external use and can 1 be for internal पेसा एक्सटर्नल (बाह्य उपयोग) के लिए होता हे। वह इन्टरनल यूज O my dcar Moncy Is like  Amrutanjan Balm (brand ٧5 0 (आंतरिक उपयोग) के लिए इस्तेमाल नर्ही हो सकता है। अरे बाबा, पैसा  name of a balm an ointment for relieving pain)on which  अमृतांजन बाम जेसा हे, जिस पर लिखा होता हे केवल एक्सटर्नल युज  is written thatits meant for external use only It can t he के लिए। उसे भीतर के भागों में थोड़ी लगाया जा सकता ह? बस, ऐसा ही internallyl The situation is somewhat similar with  applied' कुछ पैसे का भी है। पैसा भी केवल बाहरी आराम व सुविधाएँ दे सकता  money   Wealth only give external facilities and CaT comforts It can t give inner-satisfaction; and for that you'll  हे॰ आत्मसमाधान नहीं। आत्मसमाधान के लिए आत्मसानिध्य प्राप्त have to come closer to your Soul You will have to know करना होगा। अपने आपको जानना होगा, अपने आपके लिए समय देना yourself and find yoursell You will have to Lime Tor होगा। वह कार्य करना होगा जो करने से आत्म आनंद प्राप्त होता हे। perform the activities which give you inner-happiness  परम पूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी Pujya Shree Shivkrupanand Swamljl Param स्रोतः युवा शक्ति ओर चित्त ग्रथ * Source lrom ihe Hook Youth Powor and Chtta Guzutattva Guztattva Money is meant for external use and can 1 be for internal पेसा एक्सटर्नल (बाह्य उपयोग) के लिए होता हे। वह इन्टरनल यूज O my dcar Moncy Is like  Amrutanjan Balm (brand ٧5 0 (आंतरिक उपयोग) के लिए इस्तेमाल नर्ही हो सकता है। अरे बाबा, पैसा  name of a balm an ointment for relieving pain)on which  अमृतांजन बाम जेसा हे, जिस पर लिखा होता हे केवल एक्सटर्नल युज  is written thatits meant for external use only It can t he के लिए। उसे भीतर के भागों में थोड़ी लगाया जा सकता ह? बस, ऐसा ही internallyl The situation is somewhat similar with  applied' कुछ पैसे का भी है। पैसा भी केवल बाहरी आराम व सुविधाएँ दे सकता  money   Wealth only give external facilities and CaT comforts It can t give inner-satisfaction; and for that you'll  हे॰ आत्मसमाधान नहीं। आत्मसमाधान के लिए आत्मसानिध्य प्राप्त have to come closer to your Soul You will have to know करना होगा। अपने आपको जानना होगा, अपने आपके लिए समय देना yourself and find yoursell You will have to Lime Tor होगा। वह कार्य करना होगा जो करने से आत्म आनंद प्राप्त होता हे। perform the activities which give you inner-happiness  परम पूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी Pujya Shree Shivkrupanand Swamljl Param स्रोतः युवा शक्ति ओर चित्त ग्रथ * Source lrom ihe Hook Youth Powor and Chtta - ShareChat
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🙏आध्यात्मिक गुरु🙏 - बालक बनो अबोध बनो अढकारआध्यात्मक यात्रा की সনস নতা লাখা E1 ners0 विज्ञान के युग में अब आध्यात्मिक प्रगति को जाँचने केभी केमरे आ हैं। आज आध्यात्मिक स्थिति गफ नाटक नहीं कियाजासकत - 5 GI் பனபIHI वहा भामि स्वतः सफद चादर ओढ लती ह Guutaltva मनुष्य की देने की शक्ति  होती ह।जो अपनी देने की शक्ति को संपूर्णतः थिकसित कर लेता " ऐ बह व्यक्ति अपार  क्योकि देने की सकता  ही उसकी पाने की शक्ति निर्भर होती हे।  शाक्त जिस प्रकार से पहाड़ से ढलान की ओर पानी स्वय हीचला गाता ह पानीको भेजना नर्ही पड़ता ह उपयोग  ঠাব ভমা जहा  STTTuT  ج होनेवला होता ह शक्तिन्यां खांचकर स्वयंती चली  जाती ह। श्री शिवकृपानंद स्यामीजी "    के दर्शन से भी ह्में शान्ति मिलती है। हिमालय  F[LUDa  ನ आपके पुण्यकर्म समाप्त हए 354 अगर हम बीस मिनट उसके साथ रहें तो हमारे भीतर का जलतत्त्व भी उस बाहर के जलतत्त्व तो आषको सानिध्यतो छोडो के साथ शामिल हो जाता है। और अगरहम सदगुरु के दर्शन भी नहीं हो एक घण्टा रहें तो जलतत्त्व का संपूर्ण S[ हमारे शरीर और चित्त पर होना प्रारम्भ होता है। सकेंगे (बाबा स्वामी जी) F -s 9= న ध्यान है। क्षण वर्तमान में रहना ही आखन प्रत्येक आवश्यकता ह॰ उतनी आज के ওযান কী নিননী कभी नही ःथी। সমল -श्री शिवकृपानंद स्वामीजी पदंन जीवंत निसर्ग शक्ति की पहचान होती है।।बाबा स्वामी जी। बालक बनो अबोध बनो अढकारआध्यात्मक यात्रा की সনস নতা লাখা E1 ners0 विज्ञान के युग में अब आध्यात्मिक प्रगति को जाँचने केभी केमरे आ हैं। आज आध्यात्मिक स्थिति गफ नाटक नहीं कियाजासकत - 5 GI் பனபIHI वहा भामि स्वतः सफद चादर ओढ लती ह Guutaltva मनुष्य की देने की शक्ति  होती ह।जो अपनी देने की शक्ति को संपूर्णतः थिकसित कर लेता " ऐ बह व्यक्ति अपार  क्योकि देने की सकता  ही उसकी पाने की शक्ति निर्भर होती हे।  शाक्त जिस प्रकार से पहाड़ से ढलान की ओर पानी स्वय हीचला गाता ह पानीको भेजना नर्ही पड़ता ह उपयोग  ঠাব ভমা जहा  STTTuT  ج होनेवला होता ह शक्तिन्यां खांचकर स्वयंती चली  जाती ह। श्री शिवकृपानंद स्यामीजी "    के दर्शन से भी ह्में शान्ति मिलती है। हिमालय  F[LUDa  ನ आपके पुण्यकर्म समाप्त हए 354 अगर हम बीस मिनट उसके साथ रहें तो हमारे भीतर का जलतत्त्व भी उस बाहर के जलतत्त्व तो आषको सानिध्यतो छोडो के साथ शामिल हो जाता है। और अगरहम सदगुरु के दर्शन भी नहीं हो एक घण्टा रहें तो जलतत्त्व का संपूर्ण S[ हमारे शरीर और चित्त पर होना प्रारम्भ होता है। सकेंगे (बाबा स्वामी जी) F -s 9= న ध्यान है। क्षण वर्तमान में रहना ही आखन प्रत्येक आवश्यकता ह॰ उतनी आज के ওযান কী নিননী कभी नही ःथी। সমল -श्री शिवकृपानंद स्वामीजी पदंन जीवंत निसर्ग शक्ति की पहचान होती है।।बाबा स्वामी जी। - ShareChat
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