Davinder Singh Rana
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🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺 *********|| जय श्री राधे ||********* 🌺🙏 *महर्षि पाराशर पंचांग* 🙏🌺 🙏🌺🙏 *अथ पंचांगम्* 🙏🌺🙏 *********ll जय श्री राधे ll********* 🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺 *दिनाँक:- 10/10/2025,शुक्रवार* चतुर्थी, कृष्ण पक्ष, कार्तिक """""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल) तिथि------------ चतुर्थी 19:37:54. तक पक्ष-------------------------- कृष्ण नक्षत्र---------- कृत्तिका 17:30:18 योग-------------- सिद्वि 17:40:24 करण--------------- बव 09:13:46 करण----------- बालव 19:37:54 करण----------- कौलव 30:07:16 वार------------------------ शुक्रवार माह------------------------ कार्तिक चन्द्र राशि------------------- वृषभ सूर्य राशि-------------------- कन्या रितु--------------------------- शरद आयन------------------ दक्षिणायण संवत्सर------------------- विश्वावसु संवत्सर (उत्तर)-------------- सिद्धार्थी विक्रम संवत---------------- 2082 गुजराती संवत-------------- 2081 शक संवत------------------ 1947 कलि संवत------------------ 5126 वृन्दावन सूर्योदय---------------- 06:17:37 सूर्यास्त----------------- 17:54:15 दिन काल-------------- 11:36:37 रात्री काल-------------- 12:23:54 चंद्रास्त----------------- 09:43:11 चंद्रोदय----------------- 20:13:35 लग्न----कन्या 22°46' , 172°46' सूर्य नक्षत्र--------------------- हस्त चन्द्र नक्षत्र----------------- कृत्तिका नक्षत्र पाया------------------- लोहा *🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩* ई---- कृत्तिका 06:44:01 उ---- कृत्तिका 12:06:36 ए---- कृत्तिका 17:30:18 ओ---- रोहिणी 22:55:17 वा---- रोहिणी 28:21:38 *💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮* ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद ============================ सूर्य= कन्या 22°49 , हस्त 4 ठ चन्द्र= वृषभ 03°30 , कृतिका 2 ई बुध = तुला 10°52 ' स्वाति 2 रे शु क्र= कन्या 01°05, उoफाo, 2 टो मंगल= तुला 17°30 ' स्वाति 4 ता गुरु=मिथुन 29°30 पुनर्वसु, 3 हा शनि=मीन 02°58 ' पूo भा o , 4 दी राहू=(व) कुम्भ 22°25 पू o भा o, 1 से केतु= (व) सिंह 22°25 पूoफा o 3 टी ============================ *🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩* राहू काल 10:39 - 12:06 अशुभ यम घंटा 15:00 - 16:27 अशुभ गुली काल 07:45 - 09:12 अशुभ अभिजित 11:43 - 12:29 शुभ दूर मुहूर्त 08:37 - 09:23 अशुभ दूर मुहूर्त 12:29 - 13:16 अशुभ वर्ज्यम 06:44 - 08:10 अशुभ प्रदोष 17:54 - 20:25. शुभ 💮चोघडिया, दिन चर 06:18 - 07:45 शुभ लाभ 07:45 - 09:12 शुभ अमृत 09:12 10:39 शुभ काल 10:39 12:06 अशुभ शुभ 12:06 13:33 शुभ रोग 13:33 - 15:00 अशुभ उद्वेग 15:00 - 16:27 अशुभ चर 16:27 17:54 शुभ 🚩चोघडिया, रात रोग 17:54 - 19:27 अशुभ काल 19:27 21:00 अशुभ लाभ 21:00 - 22:33 शुभ उद्वेग 22:33 - 24:06* अशुभ शुभ 24:06* -25:39* शुभ अमृत 25:39* - 27:12* शुभ चर 27:12* - 28:45* शुभ रोग 28:45* - 30:18*अशुभ 💮होरा, दिन शुक्र 06:18 -07:16 बुध 07:16 -08:14 चन्द्र 08:14- 09:12 शनि 09:12- 10:10 बृहस्पति 10:10 -11:08 मंगल 11:08 -12:06 सूर्य 12:06 -13:04 शुक्र 13:04 -14:02 बुध 14:02 -15:00 चन्द्र 15:00 -15:58 शनि 15:58 -16:56 बृहस्पति 16:56 -17:54 🚩होरा, रात मंगल 17:54 -18:56 सूर्य 18:56- 19:58 शुक्र 19:58- 21:00 बुध 21:00- 22:02 चन्द्र 22:02 -23:04 शनि 23:04 -24:06 बृहस्पति 24:06-25:08 मंगल 25:08-26:10 सूर्य 26:10-27:12 शुक्र 27:12-28:14 बुध 28:14-29:16 चन्द्र 29:16-30:18 *🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩* कन्या > 04:38 से 06:54 तक तुला > 06:54 से 09:10 तक वृश्चिक > 09:10 से 11:26 तक धनु > 11:26 से 13:34 तक मकर > 13:34 से 15:14 तक कुम्भ > 15:14 से 16:46 तक मीन > 16:46 से 18:16 तक मेष > 18:16 से 19:46 तक वृषभ > 19:46 से 21:40 तक मिथुन > 21:40 से 00:08 तक कर्क > 00:08 से 02:20 तक सिंह > 02:20 से 04:28 तक ======================= *🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार* (लगभग-वास्तविक समय के समीप) दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट *नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार । शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥ रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार । अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥ अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें । उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें । शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें । लाभ में व्यापार करें । रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें । काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है । अमृत में सभी शुभ कार्य करें । *💮दिशा शूल ज्ञान------------- पश्चिम* परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l इस मंत्र का उच्चारण करें-: *शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l* *भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll* *🚩 अग्नि वास ज्ञान -:* *यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,* *चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।* *दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,* *नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्* *नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।* 15 + 4 + 6 + 1 = 26 ÷ 4 = 2 शेष आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l *🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩* सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है मंगल ग्रह मुखहुति *💮 शिव वास एवं फल -:* 19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष कैलाश वास = शुभ कारक *🚩भद्रा वास एवं फल -:* *स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।* *मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।* *💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮* *करवा चौथ व्रत चंद्रोदय रात्रि 20:17 *रोहिणी व्रत *💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮* पुष्पे गन्धतिले तैलं काष्ठे वह्नि पयो घृतम् । इक्षौ गुडं तथा देहे पश्याऽऽत्मानं विवेकतः ।। ।।चाo नीo।। जिस प्रकार एक फूल में खुशबु है. तील में तेल है. लकड़ी में अग्नि है. दूध में घी है. गन्ने में गुड है. उसी प्रकार यदि आप ठीक से देखते हो तो हर व्यक्ति में परमात्मा है. *🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩* गीता -: सांख्ययोग - अo-2 आश्चर्यवत्पश्यति कश्चिदेन- माश्चर्यवद्वदति तथैव चान्यः। आश्चर्यवच्चैनमन्यः श्रृणोति श्रुत्वाप्येनं वेद न चैव कश्चित्‌॥ कोई एक महापुरुष ही इस आत्मा को आश्चर्य की भाँति देखता है और वैसे ही दूसरा कोई महापुरुष ही इसके तत्व का आश्चर्य की भाँति वर्णन करता है तथा दूसरा कोई अधिकारी पुरुष ही इसे आश्चर्य की भाँति सुनता है और कोई-कोई तो सुनकर भी इसको नहीं जानता ॥29॥ *💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮* देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके। नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।। विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे। जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।। 🐏मेष कम प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझकर निवेश करें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसगंति से हानि होगी। 🐂वृष आंखों को रोग व चोट से बचाएं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। मनोरंजक यात्रा की आयोजना हो सकती है। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। मित्र व संबंधियों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। जोखिम न लें। 👫मिथुन आज भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। भागदौड़ रहेगी। जोखिम न लें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से खिन्नता रहेगी। 🦀कर्क स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधनों पर व्यय होगा। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। प्रॉपर्टी के काम बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में सुख-शांति रहेंगे। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे अपमान हो। 🐅सिंह हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धनहानि किसी भी तरह हो सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ में वृद्धि होगी। कानूनी बाधा संभव है। 🙍‍♀️कन्या भाग्य का साथ मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी के स्वास्‍थ्य पर खर्च होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। चिंता तथा तनाव में वृद्धि होगी। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। समय नेष्ट है। नकारात्मकता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। ⚖️तुला दुष्टजनों से सावधान रहें, हानि पहुंचा सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कहीं से बुरी खबर मिल सकती है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। आज के काम कल पर नहीं टालें। विवेक का प्रयोग करें। लाभ होगा। 🦂वृश्चिक प्रेम-प्रसंग में हड़बड़ी न करें। विवाद हो सकता है। नकारात्मकता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। युवक व युवती विशेष सावधानी बरतें। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। आय में निश्चितता रहेगी। 🏹धनु किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति हो सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। 🐊मकर संतान पक्ष से स्वास्थ्‍य तथा अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यशैली में परिवर्तन करना पड़ सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे। 🍯कुंभ धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। शत्रु शांत रहेंगे। 🐟मीन व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जल्दबाजी में कोई भी लेन-देन न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। फालतू खर्च होगा। 🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏 🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺 #🕉️सनातन धर्म🚩 #श्री हरि #आज का राशिफल / पंचाग ☀
🌞 *~ श्री गणेशाय नम:~*🌞 🚩 *~ हर हर महादेव~*🚩 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🌺 *दिनांक - 10 अक्टूबर 2025* 🌺 *दिन - शुक्रवार* 🌺 *विक्रम संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)* 🌺 *शक संवत -1947* 🌺 *अयन - दक्षिणायन* 🌺 *ऋतु - शरद ॠतु* 🌺 *मास - कार्तिक (गुजरात-महाराष्ट्र आश्विन* 🌺 *पक्ष - कृष्ण* 🌺 *तिथि - चतुर्थी शाम 07:38 तक तत्पश्चात पंचमी* 🌺 *नक्षत्र - कृत्तिका शाम 05:31 तक तत्पश्चात रोहिणी* 🌺 *योग - सिद्धि शाम 05:41 तक तत्पश्चात व्यतीपात* 🌺 *राहुकाल - सुबह 10:57 से दोपहर 12:25 तक* 🌺 *सूर्योदय - 06:33* 🌺 *सूर्यास्त - 06:17* 👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे* 🚩 *व्रत पर्व विवरण - करवा चौथ,करक चतुर्थी,दशरथ चतुर्थी,संकष्ट चतुर्थी,(चन्द्रोदय: रात्रि 08:33 ),व्यतीपात योग )शाम 05:41 से 11 अक्टूबर दोपहर 02:07 तक)* 💥 *विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* 🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞 🌞 *~ राणा जी खेड़ांवाली~*🌞 🌷 *कार्तिक में दीपदान* 🌷 👉🏻 *गताअंक से आगे .....* 🔥 *दीपदान कहाँ करें* 🔥 🙏🏻 *लिंगपुराण के अनुसार* 🌷 *कार्तिके मासि यो दद्याद्धृतदीपं शिवाग्रतः।।* *संपूज्यमानं वा पश्येद्विधिना परमेश्वरम्।।* ➡ *जो कार्तिक महिने में शिवजी के सामने घृत का दीपक समर्पित करता है अथवा विधान के साथ पूजित होते हुए परमेश्वर का दर्शन श्रद्धापूर्वक करता है, वह ब्रह्मलोक को जाता है।* 🌷 *यो दद्याद्धृतदीपं च सकृल्लिंगस्य चाग्रतः।।* *स तां गतिमवाप्नोति स्वाश्रमैर्दुर्लभां रिथराम्।।* ➡ *जो शिव के समक्ष एक बार भी घृत का दीपक अर्पित करता है, वह वर्णाश्रमी लोगों के लिये दुर्लभ स्थिर गति प्राप्त करता है।* 🌷 *आयसं ताम्रजं वापि रौप्यं सौवर्णिकं तथा।।* *शिवाय दीपं यो दद्याद्विधिना वापि भक्तितः।।* *सूर्यायुतसमैः श्लक्ष्णैर्यानैः शिवपुरं व्रजेत्।।* ➡ *जो विधान के अनुसार भक्तिपूर्वक लोहे, ताँबे, चाँदी अथवा सोने का बना हुआ दीपक शिव को समर्पित है, वह दस हजार सूर्यों के सामान देदीप्यमान विमानों से शिवलोक को जाता है।* 🙏🏻 *अग्निपुराण के 200 वे अध्याय के अनुसार* 🔥 *जो मनुष्य देवमन्दिर अथवा ब्राह्मण के गृह में एक वर्ष दीपदान करता है, वह सबकुछ प्राप्त कर लेता है।* 🔥 *कार्तिक में दीपदान करने वाला स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।* 🔥 *दीपदान से बढ़कर न कोई व्रत है, न था और न होगा ही।* 🔥 *दीपदान से आयु और नेत्रज्योति की प्राप्ति होती है।* 🔥 *दीपदान से धन और पुत्रादि की प्राप्ति होती है।* 🔥 *दीपदान करने वाला सौभाग्ययुक्त होकर स्वर्गलोक में देवताओं द्वारा पूजित होता है।* 🙏🏻 *एकादशी को दीपदान करने वाला स्वर्गलोक में विमान पर आरूढ़ होकर प्रमुदित होता है।* 🌷 *दीपदान कैसे करें* 🌷 🔥 *मिट्टी, ताँबा, चाँदी, पीतल अथवा सोने के दीपक लें। उनको अच्छे से साफ़ कर लें। मिटटी के दीपक को कुछ घंटों के लिए पानी में भिगो कर सुखा लें। उसके पश्च्यात प्रदोषकाल में अथवा सूर्यास्त के बाद उचित समय मिलने पर दीपक, तेल, गाय घी, बत्ती, चावल अथवा गेहूँ लेकर मंदिर जाएँ। घी में रुई की बत्ती तथा तेल के दीपक में लाल धागे या कलावा की बत्ती इस्तेमाल कर सकते हैं। दीपक रखने से पहले उसको चावल अथवा गेहूं अथवा सप्तधान्य का आसन दें। दीपक को भूल कर भी सीधा पृथ्वी पर न रखें क्योंकि कालिका पुराण का कथन है ।* 🌷 **दातव्यो न तु भूमौ कदाचन।* *सर्वसहा वसुमती सहते न त्विदं द्वयम्।।* *अकार्यपादघातं च दीपतापं तथैव च। तस्माद् यथा तु पृथ्वी तापं नाप्नोति वै तथा।।* ➡ *अर्थात सब कुछ सहने वाली पृथ्वी को अकारण किया गया पदाघात और दीपक का ताप सहन नही होता ।* 🔥 *उसके बाद एक तेल का दीपक शिवलिंग के समक्ष रखें और दूसरा गाय के घी का दीपक श्रीहरि नारायण के समक्ष रखें। उसके बाद दीपक मंत्र पढ़ते हुए दोनों दीप प्रज्वलित करें। दीपक को प्रणाम करें। दारिद्रदहन शिवस्तोत्र तथा गजेन्द्रमोक्ष का पाठ करें।* 🌷 *पाँच दिन जरूर जरूर करें दीपदान* 🌷 🙏🏻 *अगर किसी विशेष कारण से कार्तिक में प्रत्येक दिन आप दीपदान करने में असमर्थ हैं तो पांच विशेष दिन जरूर करें।* 🙏🏻 *पद्मपुराण, उत्तरखंड में स्वयं महादेव कार्तिकेय को दीपावली, कार्तिक कृष्णपक्ष के पाँच दिन में दीपदान का विशेष महत्व बताते हैं:* 🌷 *कृष्णपक्षे विशेषेण पुत्र पंचदिनानि च* *पुण्यानि तेषु यो दत्ते दीपं सोऽक्षयमाप्नुयात्* ➡ *बेटा! विशेषतः कृष्णपक्ष में 5 दिन (रमा एकादशी से दीपावली तक) बड़े पवित्र हैं। उनमें जो भी दान किया जाता है, वह सब अक्षय और सम्पूर्ण कामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है।* 🌷 *तस्माद्दीपाः प्रदातव्या रात्रावस्तमते रवौ* *गृहेषु सर्वगोष्ठेषु सर्वेष्वायतनेषु च* *देवालयेषु देवानां श्मशानेषु सरस्सु च* *घृतादिना शुभार्थाय यावत्पंचदिनानि च* *पापिनः पितरो ये च लुप्तपिंडोदकक्रियाः* *तेपि यांति परां मुक्तिं दीपदानस्य पुण्यतः* ➡ *रात्रि में सूर्यास्त हो जाने पर घर में, गौशाला में, देववृक्ष के नीचे तथा मन्दिरों में दीपक जलाकर रखना चाहिए। देवताओं के मंदिरों में, शमशान में और नदियों के तट पर भी अपने कल्याण के लिए घृत आदि से पाँच दिनों तक दीप जलाने चाहिए। ऐसा करने से जिनके श्राद्ध और तर्पण नहीं हुए हैं, वे पापी पितर भी दीपदान के पुण्य से परम मोक्ष को प्राप्त होते हैं।* 👉🏻 *समाप्त ....* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🌷 *शालिग्राम का दान* 🌷 🙏🏻 *स्कन्दपुराण के अनुसार* 🌷 *सप्तसागरपर्यंतं भूदानाद्यत्फलं भवेत् ।।* *शालिग्रामशिलादानात्तत्फलं समवाप्नुयात् ।।* *शालिग्रामशिलादानात्कार्तिके ब्राह्मणी यथा ।।* ➡ *सात समुद्रों तक की पृथ्वी का दान करने से जो फल प्राप्त होता है, शालिग्राम शिला के दान से मनुष्य उसी फल को पा लेता है । अतः कार्तिक मास में स्नान तथा श्रध्दा पूर्वक शालिग्राम शिला का दान अवश्य करना चाहिए।* 📖 *राणा जी खेड़ांवाली🚩* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏 #🕉️सनातन धर्म🚩 #श्री हरि #आज का राशिफल / पंचाग ☀
ॐश्री हरिहरो विजयतेतरामॐ 🌼श्री गणेशाय नम:🌼 📖आज का पञ्चाङ्ग📖 🌸शुक्रवार, १० अक्टूबर २०२५🌸 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सूर्योदय: 🌞 ०६:२८ सूर्यास्त: ☀ ०६:०० चन्द्रोदय: 🌝 २०:०४ चन्द्रास्त: 🌜०९:४७ अयन 🌘 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय) ऋतु: 🏔️ शरद शक सम्वत: 👉 १९४७ (विश्वावसु) विक्रम सम्वत: 👉 २०८२ (सिद्धार्थी) मास 👉 कार्तिक पक्ष 👉 कृष्ण तिथि 👉 चतुर्थी (१९:३८ से पञ्चमी) नक्षत्र 👉 कृत्तिका (१७:३१ से रोहिणी) योग 👉 सिद्धि (१७:४१ से व्यतीपात) प्रथम करण 👉 बव (०९:१४ तक) द्वितीय करण 👉 बालव (१९:३८ तक) 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ॥ गोचर ग्रहा: ॥ 🌖🌗🌖🌗 सूर्य 🌟 कन्या चंद्र 🌟 वृष मंगल 🌟 तुला (उदित, पूर्व, मार्गी) बुध 🌟 तुला (उदय, पूर्व, मार्गी) गुरु 🌟 मिथुन (उदित, पूर्व, मार्गी) शुक्र 🌟 कन्या (उदित, पश्चिम, मार्गी) शनि 🌟 मीन (उदय, पूर्व, वक्री) राहु 🌟 कुम्भ केतु 🌟 सिंह 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ शुभाशुभ मुहूर्त विचार ⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४० से १२:२७ अमृत काल 👉 १५:२२ से १६:४८ विजय मुहूर्त 👉 १४:०० से १४:४६ गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५२ से १८:१६ सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:५२ से १९:०६ निशिता मुहूर्त 👉 २३:३९ से २४:२९ राहुकाल 👉 १०:३७ से १२:०४ राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व यमगण्ड 👉 १४:५८ से १६:२५ दुर्मुहूर्त 👉 ०८:३५ से ०९:२१ होमाहुति 👉 मंगल (१७:३१ से गुरु) दिशा शूल 👉 पश्चिम नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (१७:३१ से) अग्निवास 👉 पाताल (१९:३८ से पृथ्वी) चन्द्र वास 👉 दक्षिण शिववास 👉 कैलाश पर (१९:३८ से नन्दी पर) 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ☄चौघड़िया विचार☄ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ॥ दिन का चौघड़िया ॥ १ - चर २ - लाभ ३ - अमृत ४ - काल ५ - शुभ ६ - रोग ७ - उद्वेग ८ - चर ॥रात्रि का चौघड़िया॥ १ - रोग २ - काल ३ - लाभ ४ - उद्वेग ५ - शुभ ६ - अमृत ७ - चर ८ - रोग नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ शुभ यात्रा दिशा 🚌🚈🚗⛵🛫 दक्षिण-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें) 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ तिथि विशेष 🗓📆🗓📆 〰️〰️〰️〰️ संकष्ट (करक) करवा चौथ, विवाहादि मुहूर्त मीन (सांय ०५:३१ से ०५:४१ तक), देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०६:२७ से १०:४६ तक आदि। राणा जी खेड़ांवाली🚩 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ आज १७:३१ तक जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (उ, ए) तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ओ, वा, वी) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है। 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ उदय-लग्न मुहूर्त कन्या - २८:३४ से ०६:५२ तुला - ०६:५२ से ०९:१३ वृश्चिक - ०९:१३ से ११:३२ धनु - ११:३२ से १३:३६ मकर - १३:३६ से १५:१७ कुम्भ - १५:१७ से १६:४३ मीन - १६:४३ से १८:०६ मेष - १८:०६ से १९:४० वृषभ - १९:४० से २१:३५ मिथुन - २१:३५ से २३:५० कर्क - २३:५० से २६:११+ सिंह - २६:११+ से २८:३०+ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ पञ्चक रहित मुहूर्त शुभ मुहूर्त - ०६:१५ से ०६:५२ रोग पञ्चक - ०६:५२ से ०९:१३ शुभ मुहूर्त - ०९:१३ से ११:३२ मृत्यु पञ्चक - ११:३२ से १३:३६ अग्नि पञ्चक - १३:३६ से १५:१७ शुभ मुहूर्त - १५:१७ से १६:४३ रज पञ्चक - १६:४३ से १७:३१ शुभ मुहूर्त - १७:३१ से १८:०६ शुभ मुहूर्त - १८:०६ से १९:३८ रज पञ्चक - १९:३८ से १९:४० शुभ मुहूर्त - १९:४० से २१:३५ चोर पञ्चक - २१:३५ से २३:५० शुभ मुहूर्त - २३:५० से २६:११+ रोग पञ्चक - २६:११+ से २८:३०+ शुभ मुहूर्त - २८:३०+ से ३०:१६+ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ आज का राशिफल 🐐🐂💏💮🐅👩 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज दिन का पहला भाग आलस्य के कारण बेकार हो सकता है। लेट-लतीफी के कारण कार्य बिगड़ने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर अधूरे कार्यो को लेकर परेशानी में पड़ सकते है फिर भी धन लाभ के योग है मध्यान के बाद अधिकांश कार्य आपके परिश्रम से सुधरने लगेंगे। रिश्तेदारी के व्यवहार से लाभ होने की सम्भवना है परन्तु पहले खर्च भी करना पड़ेगा। सहकर्मियों से पहले नाराजगी रहेगी बाद में स्थिति सामान्य हो जायेगी। सेहत मे कुछ विकार आने की सम्भावना है। वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो) आज का दिन व्यस्तता से भरा रहेगा मनोरंजन के विचार आज मन मे ही रह जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर काम अधिक रहने से दिनचार्य बिगड़ेगी परन्तु आर्थिक लाभ बीच-बीच मे होते रहने से खान पान का भी ध्यान नही रहेगा। सरकारी कार्यो में दौड़ धूप का सकारात्मक परिणाम मिलेगा इसके अतिरिक्त घरेलू कार्यो में भी आज आपके सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी जिससे कुछ समय के लिए परेसानी होंगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर नए लाभदायक संबंध बनाने आसान रहेंगे लेकिन बोल चाल में सावधानी बरतें तो आपके व्यक्तित्व से हर कोई सहज आकर्षित हो जाएगा। दाम्पत्य जीवन प्रेम पूर्ण रहेगा। गैस की पुरानी समस्या के चलते मध्यान तक शरीर के अन्य अंगों में दर्द की शिकायत रहेगी। मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा) आज के दिन का आरंभ सामान्य रहेगा लेकिन धीरे धीरे प्रतिकूलता आती जाएगी पूर्व निर्धारित कार्य मे विघ्न आने से आरंभ करने में परेशानी होगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपको आदर की दृष्टि से देखा जाएगा लेकिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से इसका लाभ नही उठा पाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज अनुभव होने के बाद भी लगभग सभी कार्यो में कुछ ना कुछ त्रुटि रहेगी व्यवसाय में किसी अन्य के भरोसे रहने से हानि उठानी पड़ेगी। आज स्वयं के बल पर ही लाभ की संभावना रहेगी। परिवार में किसी सदस्य का गलत आचरण आपको आहत करेगा। थोड़ा बहुत मानसिक क्लेश दिन भर बना रहेगा। आज आप जैसा औरो के लिए सोचेंगे वैसी ही प्रतिक्रिया आपको मिलेगी। धन लाभ भागदौड़ के बाद भी सीमित रहेगा। बदहजमी अथवा कान संबंधित व्याधि हो सकती है। कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) आज का दिन सभी प्रकार से लाभ देने वाला रहेगा परन्तु आज आपको किसी अच्छे मार्गदर्शक की आवश्यकता पड़ेगी। व्यवहार में गर्मी रहने से बीच-बीच में वातावरण अशान्त भी हो सकता है। सहकर्मियों की लापरवाही भी विवाद का कारण बनेगी परन्तु धन लाभ आज अवश्य होगा। परिजनो की इच्छा पूर्ती करने से घर में सुख शांति रहेगी। लंबी यात्रा यथासंभव टालें स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना है। विरोधी आपसे बच कर रहेंगे। किसी दूर रहने वाले स्वजन से मनमुटाव हो सकता है। सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) आज का दिन आप शांति से बिताएंगे। दिन के आरंभ में किसी कार्य को लेकर जल्दबाजी रहेगी इसके बाद लगभग सभी कार्यो को आराम से ही करेंगे। आज आप किसी भी काम को लेकर ज्यादा भागदौड़ करने के मूड में नही रहेंगे। सहज जितना प्राप्त होगा उसी में संतोष कर लेंगे। व्यवसाय में निवेश करेंगे परन्तु इसका लाभ शीघ्र नही मिल सकेगा निकट भविष्य में अवश्य ही धन दुगना होकर मिलेगा। घर का वातावरण भी आज सुख की अनुभूति कराएगा परिजनों के साथ हास्य परिहास ने समय व्यतीत होगा। परिजन मनोकामना पूर्ति करेंगे। लंबी यात्रा की योजना बनेगी लेकिन इससे लाभ होने संदिग्ध ही रहेगा। सर्द गरम की शिकायत हो सकती है वाणी में आज अशुद्धि भी रहेगी। कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) आज का दिन सामान्य फलदायी रहेगा फिर भी व्यवहारों में अधिक सतर्कता बरते आपका गलत आचरण किसी के दिल को ठेस पहुचायेगा आप स्वयं को अन्य लोगो पर बोझ जैसा समझेंगे। लोग आपके सामने नही बोल सकेंगे परन्तु पीछे से सारी कसर निकाल लेंगे। झूठी चुगली के कारण अपमानित होना पड़ सकता है जिससे कलह के भी प्रसंग बनेंगे। आर्थिक रूप से भी आज का दिन सामान्य ही रहेगा काम धंदे से खर्च की अपेक्षा कम ही आय होगी। संचित धन के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। नौकरी पेशा जातक कार्यो के प्रति ज्यादा गंभीर नही रहेंगे। घरेलू कार्यो की अनदेखी बाद में भारी पड़ेगी। सेहत वैसे तो सामान्य रहेगी लेकिन कार्य करते समय सतर्कता बरते चोट जख्म आदि का भय है। तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) आज का दिन प्रतिकूल फलदायी रहेगा। सेहत का आज विशेष ध्यान रखें पेट खराब होने से मुख में छाले अथवा हिचकिया अधिक आएंगी। आकस्मिक चोटादि लगने का भी भय है। दिन शारीरिक रूप से कष्टदायक रहेगा। आज दैनिक के साथ व्यर्थ के खर्च रहने से ज्यादा परेशानी बनेगी। आज आप स्वभाव से भी अत्यंत संदेही रहेंगे जिससे स्नेहीजनों के दिल को ठेस पहुच सकती है इस कारण ही आवश्यकता पड़ने पर किसी सहकर्मी का सहयोग नही मिलेगा। कार्य व्यवसाय में आज महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें हानि हो सकती है। घरवाले थोड़ी बहुत मदद करने का प्रयास करेंगे परन्तु स्वभाव में अहम की भावना रहने से आपको पसंद नही होगा। आर्थिक रूप से भी दिन परेशानी वाला रहेगा। उधार लेने की नौबत आ सकती है। दाम्पत्य जीवन मे नीरसता का अहसास होगा। वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू) रोजगार के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयास आज फलीभूत होने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होगा लेकिन आज उधारी वाले व्यवहारो पर नियन्त्रण रखने की भी आवश्यकता है अन्यथा धन लम्बे समय तक अटक सकता है उधारी चुकाने के लिये दिन उत्तम है। आज भी धन की आमद आवश्यकता के समय होने से ज्यादा परेशान नही होना पड़ेगा। बेरोजगार व्यक्तियों को आज प्रयास करने पर रोजगार मिलने की सम्भावना बनेगी। आज आपसे बहस में कोई नहीं जीत पायेगा लेकिन बड़बोलेपन के कारण महिलाओं के सम्मान में कमी होगी। दोपहर के बाद में कार्य भार बढ़ने से कमर अथवा अन्य अंगों में दर्द की शिकायत रहेगी। पारिवारिक वातावरण मिला जुला रहेगा। धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे) आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहेगा दिन के आरम्भ में स्वभाव से त्यागी संतोषि रहेंगे लेकिन मध्यान बाद इसके विपरीत आर्थिक भूख बढ़ेगी कार्य व्यवसाय से लाभ के अवसर मिलते रहने से धैर्य बना रहेगा सहकर्मी बिना बोले सहयोग करने के लिए तैयार रहेंगे लेकिन मन मे कोई न कोई स्वार्थ अवश्य छुपा रहेगा। जोखिम वाले कार्य शेयर सट्टे आदि से धन कोष में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा अंत समय पर टल सकती है। आज आप मन इच्छित वस्तुओं पर आसानी से खर्च कर सकेंगे। घर मे सुख सुविधा के साधन बढ़ेंगे परिजन भी आज आपके व्यवहार से प्रसन्न रहेंगे। प्रेम प्रसंगों में समय एवं धन खर्च करेंगे लेकिन इसका सार्थक परिणाम भी मिलेगा। संध्या के समय आकस्मिक लाभ होने से रोमांचित रहेंगे। पेट मे गैस के कारण सीने में दर्द एवं गिरने से चोटादि का भय है। मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी) आज के दिन आपमे वैचारिक शक्ति अधिक रहेगी सोच समझ कर ही कोई निर्णय लेंगे परन्तु आज किसी की जमानत अथवा अन्य भरोसे वाले कार्य मे ना पढ़ें स्वयं के साथ परिजनों के सम्मान को ठेस लग सकती है। दिन के आरंभ में सेहत नरम रहेगी धीरे धीरे सुधार आ जायेगा। कार्यो के प्रति गंभीर रहने पर भी व्यवसाय में मंदी के कारण ज्यादा लाभ नही कमा सकेंगे। बुद्धि बल से ही आज आशाजनक लाभ प्राप्त किया जा सकता है परन्तु आज धन खर्च करने पर ही धन की प्राप्ति संभव है। संध्या के समय किसी परिचित से झगड़ा होने की संभावना है। आपके चिड़चिड़े स्वभाव के कारण परिवार में अशांति रहेगी परिजनों पर अनैतिक दबाव डालना आगे भारी पड़ सकता है। सरकारी कार्य से यात्रा होगी। गले संबंधित तकलीफ भी रहने की संभावना है। कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) आज का दिन आपके लिए कलहकारी रहेगा। घर के सदस्यों में आपसी तालमेल की कमी रहेगी भाई बंधुओ को भी आपके द्वारा किसी न किसी रूप में कष्ट पहुचेगा। एक दूसरे के प्रति गलतफहमियां ना पाले अन्यथा बाद में पछतावा होगा। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मियों से विचार मेल ना खाने से काम की गति प्रभावित हो सकती है। अधिकारियों से आज बच कर रहना होगा लोग आपकी गलती करने की प्रतीक्षा में रहेंगे। घर मे भी महत्त्वपूर्ण कार्य सबकी सलाह लेकर ही करें अन्यथा रूठने मनाने में ही दिन निकल जायेगा। धन का खर्च बचाते भी अनर्गल वस्तुओं पर होगा। संतानो के विषय मे राहत रहेगी। महिलाओ को मासिक धर्म एवं अन्य जातको को भी रक्त संबंधित शिकायत रह सकती है धारदार औजारों से सावधान रहें। मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची) आज के दिन आप आर्थिक मामलों को लेकर संतुष्ट रहेंगे। व्यवसायी वर्ग किसी बड़ी योजना अथवा अनुबंध पर कार्य करेंगे इसका लाभ भी शीघ्र ही मिलना आरम्भ हो जाएगा। धन की आमाद आज कई स्त्रोतों से एक साथ हो सकती है इसके लिए आपको सामाजिक व्यवहारिकता भी बढ़ानी पड़ेगी। कुछ समय से चल रही आर्थिक उलझनों में कमी आएगी धन कोष में वृद्धि होगी भविष्य के लिए संचय भी कर सकेंगे साथ ही आज दान पुण्य करने का भी मन बनेगा। मित्र मंडली में आपके उदार स्वभाव का गलत फायदा उठाया जा सकता है। दाम्पत्य जीवन मे भी सरसता बनी रहेगी। परिजन आज आपसे कोई आशा लागये रहेंगे इसको थोड़े विलम्ब से परन्तु पूरी अवश्य करेंगे। पुरानी बीमारी के दोबारा जोर पकड़ने पर तकलीफ हो सकती है। राणा जी खेड़ांवाली🚩 #🕉️सनातन धर्म🚩 #श्री हरि #आज का राशिफल / पंचाग ☀
*इन चीजों के बिना अधूरी है करवा चौथ की पूजा* 🌝🌝🌝🌝🌝🌝🌝🌝🌝🌝🌝🌝 *करवा चौथ* 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 करवा चौथ दो शब्दों से मिलकर बना है,'करवा' यानि कि मिट्टी का बर्तन व 'चौथ' यानि गणेशजी की प्रिय तिथि चतुर्थी। प्रेम,त्याग व विश्वास के इस अनोखे महापर्व पर मिट्टी के बर्तन यानि करवे की पूजा का विशेष महत्व है,जिससे रात्रि में चंद्रदेव को जल अर्पण किया जाता है । करवा चौथ'.... ये एक ऐसा दिन है जिसका सभी विवाहित स्त्रियां साल भर इंतजार करती हैं और इसकी सभी विधियों को बड़े श्रद्धा-भाव से पूरा करती हैं. करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास का प्रतीक है. कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत किया जाता है. कार्तिक मास की चतुर्थी जिस रात रहती है उसी दिन करवा चौथ का व्रत किया जाता है। करवा चौथ के त्‍योहार में पूजापाठ की बहुत ही अहम भूमिका होती है। महिलाएं सारे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को समूह में पूजा करती हैं। करवा चौथ की पूजा सामान्‍य तौर पर अकेले नहीं की जाती है। हालांकि आज के दौर में कई बार महिलाएं परिवार से दूर रहती हैं तो उन्‍हें अकेले ही पूजा करनी पड़ती है। ऐसे में यदि पति भी पूजा में पत्‍नी के साथ शामिल हों तो यह बहुत ही अच्‍छा माना जाता है और दोनों के रिश्‍ते में भी मजबूती आती है। करवाचौथ की पूजा में इन चीजों का बहुत महत्‍व होता है। आइए जानते हैं इनके बारे में… १ ) : - सींक: मां करवा की शक्ति का प्रतीक करवाचौथ के व्रत की पूजा में कथा सुनते समय और पूजा करते समय सींक जरूर रखें। ये सींक मां करवा की उस शक्ति का प्रतीक हैं, जिसके बल पर उन्होंने यमराज के सहयोगी भगवान चित्रगुप्त के खाते के पन्नों को उड़ा दिया था। ( २ ) : - करवा का महत्‍व माता का नाम करवा था। साथ ही यह करवा उस नदी का प्रतीक है, जिसमें मां करवा के पति का पैर मगरमच्छ ने पकड़ लिया था। आजकल बाजार में पूजा के लिए आपको बेहर खूबसूरत करवे मिल जाते हैं। ( ३ ) : - करवा माता की तस्वीर करवा माता की तस्वीर अन्य देवियों की तुलना में बहुत अलग होती है। इनकी तस्वीर में ही भारतीय पुरातन संस्कृति और जीवन की झलक मिलती है। चंद्रमा और सूरज की उपस्थिति उनके महत्व का वर्णन करती है। ( ४ ) : - दीपक के बिना पूजा नहीं होती पूरी हिंदू धर्म में कोई भी पूजा दीपक के बिना पूरी नहीं होती। इसलिए भी दीपक जरूरी है क्योंकि यह हमारे ध्यान को केंद्रित कर एकाग्रता बढ़ाता है। साथ ही इस पूजा में दीपक की लौ, जीवन ज्योति का प्रतीक होती है। ( ५ ) : - छलनी है पति को देखने को लिए व्रत की पूजा के बाद महिलाएं छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं। इसका कारण करवा चौथ में सुनाई जानेवाली वीरवती की कथा से जुड़ा है। जैसे, अपनी बहन के प्रेम में वीरवती के भाइयों ने छलनी से चांद का प्रतिविंब बनाया था और उसके पति के जीवन पर संकट आ गया था, वैसे कभी कोई हमें छल न सके। ( ६ ) : - लोटे का यह है अर्थ चंद्रदेव को अर्घ्य देने के लिए जरूरी होता है लोटा। पूजा के दौरान लोटे में जल भरकर रखते हैं। यह जल चंद्रमा को हमारे भाव समर्पित करने का एक माध्यम है। वैसे भी हर पूजा में कलश को गणेशजी के रूप में स्‍थापित किया जाता है। ( ७ ) : - थाली है शुभ पूजा की सामग्री, दीये, फल और जल से भरा लोटा रखने के लिए जरूरी होती है एक थाली की। इसी में दीपक रखकर मां करवा की आरती उतारते हैं। सच्चे मन से माता से आशीर्वाद मांगें। करवा चौथ व्रत के नियम ~~~~~~~~~~~~~~~ महिलाएं सुबह सूर्योदय के बाद पूरे दिन भूखी-प्यासी रहती हैं. दिन में शिव, पार्वती और कार्तिक की पूजा की जाती है. शाम को देवी की पूजा होती है, जिसमें पति की लंबी उम्र की कामना की जाती है. चंद्रमा दिखने पर महिलाएं छलनी से पति और चंद्रमा की छवि देखती हैं. पति इसके बाद पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तुड़वाते हैं। करवा चौथ में सोलह श्रृंगार ~~~~~~~~~~~~~~~~ इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। सोलह श्रृंगार में माथे पर लंबी सिंदूर अवश्य हो क्योंकि यह पति की लंबी उम्र का प्रतीक है। सिन्दूर,मंगलसूत्र, मांग टीका, बिंदिया ,काजल, नथनी, कर्णफूल, मेहंदी, कंगन, लाल रंग की चुनरी, बिछिया, पायल, कमरबंद, अंगूठी, बाजूबंद और गजरा ये 16 श्रृंगार में आते हैं। करवा चौथ व्रत विधि ~~~~~~~~~~~~~ व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें- "मम सुख सौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।'' * दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इसे वर कहते हैं। चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है। * आठ पूरियों की अठावरी बनाएं। हलुआ बनाएं। पक्के पकवान बनाएं। * पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं। * गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें। * जल से भरा हुआ लोटा रखें। * वायना (भेंट) देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें। * रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं। * गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें। "नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्‌। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥' * करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। * कथा सुनने के बाद अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। * तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें। * रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें। * इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें। बाकी व्रत रखने की सबकी आपनी-अपनी परम्परायें और विधि है, आप अपनी कुल परम्परा के अनुसार पूजा करें I जब चंद्र को अर्घ्य दें तो यह मंत्र बोलें.... "करकं क्षीरसंपूर्णा तोयपूर्णमयापि वा। ददामि रत्नसंयुक्तं चिरंजीवतु मे पतिः॥" ।। ॐ_सोम_सोमाय_नम:॥" करवा चौथ व्रत कथा ~~~~~~~~~~~ बहुत समय पहले इन्द्रप्रस्थपुर के एक शहर में वेदशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था। वेदशर्मा का विवाह लीलावती से हुआ था जिससे उसके सात महान पुत्र और वीरावती नाम की एक गुणवान पुत्री थी। क्योंकि सात भाईयों की वीरावती केवल एक अकेली बहन थी जिसके कारण वह अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने भाईयों की भी लाड़ली थी। जब वह विवाह के लायक हो गयी तब उसकी शादी एक उचित ब्राह्मण युवक से हुई। शादी के बाद वीरावती जब अपने माता-पिता के यहाँ थी तब उसने अपनी भाभियों के साथ पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा। करवा चौथ के व्रत के दौरान वीरावती को भूख सहन नहीं हुई और कमजोरी के कारण वह मूर्छित होकर जमीन पर गिर गई। सभी भाईयों से उनकी प्यारी बहन की दयनीय स्थिति सहन नहीं हो पा रही थी। वे जानते थे वीरावती जो कि एक पतिव्रता नारी है चन्द्रमा के दर्शन किये बिना भोजन ग्रहण नहीं करेगी चाहे उसके प्राण ही क्यों ना निकल जायें। सभी भाईयों ने मिलकर एक योजना बनाई जिससे उनकी बहन भोजन ग्रहण कर ले। उनमें से एक भाई कुछ दूर वट के वृक्ष पर हाथ में छलनी और दीपक लेकर चढ़ गया। जब वीरावती मूर्छित अवस्था से जागी तो उसके बाकी सभी भाईयों ने उससे कहा कि चन्द्रोदय हो गया है और उसे छत पर चन्द्रमा के दर्शन कराने ले आये। वीरावती ने कुछ दूर वट के वृक्ष पर छलनी के पीछे दीपक को देख विश्वास कर लिया कि चन्द्रमा वृक्ष के पीछे निकल आया है। अपनी भूख से व्याकुल वीरावती ने शीघ्र ही दीपक को चन्द्रमा समझ अर्घ अर्पण कर अपने व्रत को तोड़ा। वीरावती ने जब भोजन करना प्रारम्भ किया तो उसे अशुभ संकेत मिलने लगे। पहले कौर में उसे बाल मिला, दुसरें में उसे छींक आई और तीसरे कौर में उसे अपने ससुराल वालों से निमंत्रण मिला। पहली बार अपने ससुराल पहुँचने के बाद उसने अपने पति के मृत शरीर को पाया। अपने पति के मृत शरीर को देखकर वीरावती रोने लगी और करवा चौथ के व्रत के दौरान अपनी किसी भूल के लिए खुद को दोषी ठहराने लगी। वह विलाप करने लगी। उसका विलाप सुनकर देवी इन्द्राणी जो कि इन्द्र देवता की पत्नी है, वीरावती को सान्त्वना देने के लिए पहुँची। वीरावती ने देवी इन्द्राणी से पूछा कि करवा चौथ के दिन ही उसके पति की मृत्यु क्यों हुई और अपने पति को जीवित करने की वह देवी इन्द्राणी से विनती करने लगी। वीरावती का दुःख देखकर देवी इन्द्राणी ने उससे कहा कि उसने चन्द्रमा को अर्घ अर्पण किये बिना ही व्रत को तोड़ा था जिसके कारण उसके पति की असामयिक मृत्यु हो गई। देवी इन्द्राणी ने वीरावती को करवा चौथ के व्रत के साथ-साथ पूरे साल में हर माह की चौथ को व्रत करने की सलाह दी और उसे आश्वासित किया कि ऐसा करने से उसका पति जीवित लौट आएगा। इसके बाद वीरावती सभी धार्मिक कृत्यों और मासिक उपवास को पूरे विश्वास के साथ करती। अन्त में उन सभी व्रतों से मिले पुण्य के कारण वीरावती को उसका पति पुनः प्राप्त हो गया। राणा जी खेड़ांवाली🚩 #🕉️सनातन धर्म🚩 #करवा चौथ
🌞 *~ श्री गणेशाय नम:~*🌞 🚩 *~ हर हर महादेव~*🚩 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🌺 *दिनांक - 09 अक्टूबर 2025* 🌺 *दिन - गुरूवार* 🌺 *विक्रम संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)* 🌺 *शक संवत -1947* 🌺 *अयन - दक्षिणायन* 🌺 *ऋतु - शरद ॠतु* 🌺 *मास - कार्तिक (गुजरात- महाराष्ट्र आश्विन* 🌺 *पक्ष - कृष्ण* 🌺 *तिथि - तृतीया रात्रि 10:54 तक तत्पश्चात चतुर्थी* 🌺 *नक्षत्र - भरणी रात्रि 08:02 तक तत्पश्चात कृत्तिका* 🌺 *योग - वज्र रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात सिद्धि* 🌺 *राहुकाल - दोपहर 01:54 से शाम 03:23 तक* 🌺 *सूर्योदय - 06:33* 🌺 *सूर्यास्त - 06:18* 👉 *दिशाशूल - दक्षिण दिशा मे* 🚩 *व्रत पर्व विवरण -* 💥 *विशेष - तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* 🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞 🌞~*राणा जी खेड़ांवाली*~🌞 🌷 *कार्तिक में दीपदान* 🌷 👉🏻 *गताअंक से आगे .....* 🔥 *दीपदान कहाँ करें* 🔥 🙏🏻 *पद्मपुराण के अनुसार* 🌷 *तेनेष्टं क्रतुभिः सर्वैः कृतं तीर्थावगाहनम्। दीपदानं कृतं येन कार्तिके केशवाग्रतः।।* ➡ *जिसने कार्तिक में भगवान् केशव के समक्ष दीपदान किया है, उसने सम्पूर्ण यज्ञों का अनुष्ठान कर लिया और समस्त तीर्थों में गोता लगा लिया।* 🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है जो कार्तिक में श्रीहरि को घी का दीप देता है, वह जितने पल दीपक जलता है, उतने वर्षों तक हरिधाम में आनन्द भोगता है। फिर अपनी योनि में आकर विष्णुभक्ति पाता है; महाधनवान नेत्र की ज्योति से युक्त तथा दीप्तिमान होता है।* 🙏🏻 *स्कन्दपुराण माहेश्वरखण्ड- केदारखण्ड के अनुसार* 🌷 *ये दीपमालां कुर्वंति कार्तिक्यां श्रद्धयान्विताः॥* *यावत्कालं प्रज्वलंति दीपास्ते लिंगमग्रतः॥* *तावद्युगसहस्राणि दाता स्वर्गे महीयते॥* ➡ *जो कार्तिक मास की रात्रि में श्रद्धापूर्वक शिवजी के समीप दीपमाला समर्पित करता है, उसके चढ़ाये गए वे दीप शिवलिंग के सामने जितने समय तक जलते हैं, उतने हजार युगों तक दाता स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है।* 🙏🏻 *लिंगपुराण के अनुसार* 🌷 *कार्तिके मासि यो दद्याद्धृतदीपं शिवाग्रतः।।* *संपूज्यमानं वा पश्येद्विधिना परमेश्वरम्।।* 👉🏻 *शेष कल...* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🌷 *व्यतिपात योग* 🌷 ➡️ *10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को शाम 05:41 से 11 अक्टूबर दोपहर 02:07 तक व्यतिपात योग है।* 🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।* 🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷 👉 *10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को संकष्ट चतुर्थी है (चन्द्रोदय रात्रि 08:33)* 🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :* 🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।* 🌷 *ॐ सोमाय नमः ।* 🙏🏻 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷 🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |* 👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –* 🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।* 🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।* 🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।* 🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।* 🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:* 🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:* *📖राणा जी खेड़ांवाली🚩* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁 *जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष* 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 आपका जन्मदिन: 9 अक्टूबर अंक ज्योतिष का सबसे आखरी मूलांक है नौ। आपके जन्मदिन की संख्या भी नौ है। यह मूलांक भूमि पुत्र मंगल के अधिकार में रहता है। आप बेहद साहसी हैं। आपके स्वभाव में एक विशेष प्रकार की तीव्रता पाई जाती है। आप सही मायनो में उत्साह और साहस के प्रतीक हैं। मंगल ग्रहों में सेनापति माना जाता है। अत: आप में स्वाभाविक रूप से नेतृत्त्व की क्षमता पाई जाती है। लेकिन आपको बुद्धिमान नहीं माना जा सकता। मंगल के मूलांक वाले चालाक और चंचल भी होते हैं। आपको लड़ाई-झगड़ों में भी विशेष आनंद आता है। आपको विचित्र साहसिक व्यक्ति कहा जा सकता है। आपके लिए खास शुभ दिनांक : 9, 18, 27 शुभ अंक : 1, 2, 5, 9, 27, 72 शुभ वर्ष : 2027, 2036, 2045 ईष्टदेव : हनुमान जी, मां दुर्गा। शुभ रंग : लाल, केसरिया, पीला आपकी जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल करियर: नौकरी में आ रही बाधा दूर होगी। अपनी शक्ति का सदुपयोग कर प्रगति की और अग्रसर होंगे। परिवार : पारिवारिक विवाद सुलझेंगे। मित्रों स्वजनों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। महत्वपूर्ण कार्य: आज कई योजनाओं में सफलता मिलेगी। अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संभव है। राजनैतिक व्यक्ति सफलता का स्वाद चख सकते हैं। स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। *दैनिक राशिफल 🚩* मेष (Aries) स्वभाव: उत्साही राशि स्वामी: मंगल शुभ रंग: लाल आज का दिन आपके लिए कामकाज के मामले में बढ़िया रहने वाला है। नौकरी को लेकर परेशान चल रहे लोगों को कोई बेहतर अवसर हाथ लगेगा। आप भविष्य को लेकर कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट करने की सोचेंगे। आप अपने घर-परिवार में जिम्मेदारियां से बिल्कुल पीछे न हटे। ससुराल पक्ष के किसी व्यक्ति से आपकी खटपट हो सकती है। माताजी आपको आज कुछ पारिवारिक मामलों को लेकर बातचीत करेंगे, जिनको लेकर आप कोई बेहतर सलाह दें, तो ही बेहतर रहने वाला है। वृषभ (Taurus) स्वभाव: धैर्यवान राशि स्वामी: शुक्र शुभ रंग: हरा आज का दिन आपके लिए ठीक-ठाक रहने वाला है। नौकरी में अधिकारियों को आपकी दी गई सलाह आपको पसंद आएगी, लेकिन परिवार में किसी सदस्य की ओर से आपको कोई निराशाजनक सूचना सुनने को मिल सकती है। आपको अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर एहतियात बरतनी होगी। आपकी सेहत नरम-गरम रहेगी। आप अपनी आय-व्यय में भी संतुलन बनाकर चलेंगे, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। मिथुन (Gemini) स्वभाव: जिज्ञासु राशि स्वामी: बुध शुभ रंग: सफेद आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है। छोटे बच्चों के साथ आप कुछ समय मौज-मस्ती करने में व्यतीत करेंगे। आपको अपने लंबे समय से रुके हुए कामों को पूरा करने के भी प्रयासों में तेजी लानी होगी। आपको कामों को लेकर व्यस्तता बनी रहेगी, जिससे जीवनसाथी आपसे नाराज हो सकते हैं। आप संतान के करियर को लेकर कोई निर्णय बहुत ही सोच विचारकर लें। कर्क (Cancer) स्वभाव: भावुक राशि स्वामी: चंद्र शुभ रंग: आसमानी आज आपको अपने कामों को लेकर योजना बनाकर चलना होगा और आप बुद्धि और विवेक से कोई निर्णय लेंगे, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। पारिवारिक संपत्ति से जुड़ा यदि कोई विवाद था, तो वह भी दूर होता दिख रहा है। वरिष्ठ सदस्यों का आपको पूरा सहयोग मिलेगा। विभिन्न क्षेत्रों में आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपकी भौतिक सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी। आज आपको अपने मन में किसी बात को लेकर संशय नहीं रखना है। सिंह राशि (Leo) स्वभाव: आत्मविश्वासी राशि स्वामी: सूर्य शुभ रंग: ग्रे आज का दिन आपके लिए शांतिपूर्ण रहने वाला है। आप अपनी ऊर्जा को सही कामों में लगाएं, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। आपकी किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। आप अपने मन में नकारात्मक विचारों को न रखें और जरूरत के हिसाब से खर्च करें। किसी प्रॉपर्टी की डील यदि अटकी हुई थी, तो उसके भी फाइनल होने की संभावना है। आप मौज-मस्ती के मूड में रहेंगे। पिताजी आपको कोई जिम्मेदारी दे सकते हैं। कन्या (Virgo) स्वभाव: मेहनती राशि स्वामी: बुध शुभ रंग: हरा आज आप किसी जोखिम भरे काम में हाथ ना डालें, नहीं तो आपका कोई नुकसान होने की संभावना है। राजनीति में कार्यरत लोगों के कामों की सराहना होगी और उन्हें किसी सम्मान से भी नवाजा जा सकता है। आपके चारों ओर का वातावरण खुशनुमा रहेगा और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आप अपने अनावश्यक खर्चो को भी कंट्रोल करने की पूरी कोशिश करेंगे। प्रेम जीवन जी रहे लोगों के लिए आज का दिन अच्छा रहने वाला है, उनकी साथी से बॉन्डिंग अच्छी रहेगी। तुला (Libra) स्वभाव: संतुलित राशि स्वामी: शुक्र शुभ रंग: पीला आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहने वाला है। नौकरी की तलाश में लगे लोगों को कोई अच्छा अवसर हाथ लगेगा। आपके प्रभाव और प्रताप में वृद्धि होगी। वाहनों के प्रयोग से आप सावधानी बरतें और आपको अपनी संतान की कोई बात बुरी लग सकती है, लेकिन फिर भी आप उनसे कुछ नहीं कहेंगे। कुछ नए संपर्कों से आपको लाभ मिलेगा। आपको सेहत के प्रति थोड़ा एहतियात बरतनी होगी। वृश्चिक (Scorpio) स्वभाव: रहस्यमय राशि स्वामी: मंगल शुभ रंग: गुलाबी आज का दिन आपके लिए मेहनत से काम करने के लिए रहेगा। आप अपने शौक मौज की चीजों को भी पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे। जीवनसाथी की भावनाओं का आपको सम्मान करना होगा। आप अपने परिवार में कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों को शांति से निपटाने की कोशिश करें। आपको किसी पुराने मित्र से लंबे समय बाद मिलकर खुशी होगी। आप अपने बेवजह के खर्चों को कंट्रोल करके चलेंगे, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। धनु (Sagittarius) स्वभाव: दयालु राशि स्वामी: गुरु शुभ रंग: ग्रे आज आप अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। जीवनसाथी के साथ आप कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। घूमने-फिरने के दौरान आपको कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। जो विद्यार्थी विदेश जाकर शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं, उन्हें कोई अच्छा अवसर हाथ लगेगा। आप किसी बचत की योजना में धन लगाएंगे। किसी सदस्य के विवाह में आ रही बाधा भी दूर होगी और आप यदि किसी काम को लेकर कोई लोन आदि लेने की सोच रहे थे, तो वह भी आपको मिल जाएगा। मकर (Capricorn) स्वभाव: अनुशासित राशि स्वामी: शनि शुभ रंग: लाल आज का दिन आपके लिए असमंजस भरा रहने वाला है। नौकरी में कार्यरत लोगों को भी कुछ तनाव बना रहेगा। आप कोई फैसला जल्दबाजी में न लें, नहीं तो बाद में आपको उसके लिए पछतावा होगा। संतान आपसे किसी चीज की फरमाइश कर सकती है, जिसे आप पूरा अवश्य करेंगे। सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे लोगों को थोड़ा सावधान रहना होगा। आपको अपने भाई-बहनों से किसी पैतृक संपत्ति को लेकर कहासुनी हो सकती है। कुंभ ( Aquarius) स्वभाव: मानवतावादी राशि स्वामी: शनि शुभ रंग: गोल्डन आज का दिन आपके लिए बाकी दिनों की तुलना में बेहतर रहने वाला है। परिवार में बड़े सदस्य आपको काम को लेकर कोई सलाह दे सकते हैं। आप कार्यक्षेत्र में किसी बड़ी जिम्मेदारी के मिलने से थोड़ा परेशान हो सकते हैं। आपको अपनी किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा। आपको घर-परिवार में किसी नए मेहमान का आगमन हो सकता है। आपको अपने पारिवारिक रिश्तों में एकजुटता बनाए रखनी होंगी। आप कहीं पिकनिक आदि पर जाने की योजना बना सकते हैं। मीन (Pisces) स्वभाव: संवेदनशील राशि स्वामी: बृहस्पति शुभ रंग: आसमानी आज आपको किसी दूसरे के मामले में बेवजह बोलने से बचना होगा। किसी धार्मिक आयोजन में आपको सम्मिलित होने का मौका मिलेगा। विद्यार्थी भी शिक्षा से संबंधित समस्याओं को लेकर अपने गुरुजनों से बातचीत कर सकते हैं। आप अपने रुके हुए कामों को लेकर थोड़ा परेशान रहेंगे, जिसके लिए भागदौड़ भी अधिक रहेगी, लेकिन आपको वाहनों का प्रयोग सावधान रहकर करना होगा और किसी से गुस्से में कोई बातचीत ना करें। राणा जी खेड़ांवाली🚩 #🕉️सनातन धर्म🚩 #श्री हरि #आज का राशिफल / पंचाग ☀
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺 *********|| जय श्री राधे ||********* 🌺🙏 *महर्षि पाराशर पंचांग* 🙏🌺 🙏🌺🙏 *अथ पंचांगम्* 🙏🌺🙏 *********ll जय श्री राधे ll********* 🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺 *दिनाँक:-09/10/2025,गुरुवार* तृतीया, कृष्ण पक्ष, कार्तिक """"""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल) तिथि------------ तृतीया 22:53:50. तक पक्ष-------------------------- कृष्ण नक्षत्र------------ भरणी 20:01:39 योग--------------- वज्र 21:31:22 करण----------- वणिज 12:36:57 करण-------- विष्टि भद्र 22:53:50 वार------------------------ गुरूवार माह------------------------ कार्तिक चन्द्र राशि------- मेष 25:22:25 चन्द्र राशि------------------ वृषभ सूर्य राशि------------------ कन्या रितु--------------------------- शरद आयन------------------ दक्षिणायण संवत्सर------------------- विश्वावसु संवत्सर (उत्तर)-------------- सिद्धार्थी विक्रम संवत---------------- 2082 गुजराती संवत-------------- 2081 शक संवत------------------ 1947 कलि संवत------------------ 5126 वृन्दावन सूर्योदय---------------- 06:17:06 सूर्यास्त----------------- 17:55:19 दिन काल-------------- 11:38:13 रात्री काल-------------- 12:22:18 चंद्रास्त----------------- 08:30:37 चंद्रोदय----------------- 19:22:47 लग्न---- कन्या 21°46' , 171°46' सूर्य नक्षत्र--------------------- हस्त चन्द्र नक्षत्र------------------- भरणी नक्षत्र पाया------------------- स्वर्ण *🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩* लू---- भरणी 09:22:02 ले---- भरणी 14:41:35 लो---- भरणी 20:01:39 अ---- कृत्तिका 25:22:25 *💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮* ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद ============================ सूर्य= कन्या 21°49 , हस्त 4 ठ चन्द्र= मेष 18°30 , भरणी 2 लू बुध = तुला 09°52 ' स्वाति 1 रू शु क्र= सिंह 29°05, उoफाo, 1 टू मंगल= तुला 17°30 ' स्वाति 4 ता गुरु=मिथुन 29°30 पुनर्वसु, 3 हा शनि=मीन 03°18 ' पूo भा o , 4 दी राहू=(व) कुम्भ 22°30 पू o भा o, 1 से केतु= (व) सिंह 22°30 पूoफा o 3 टी ============================ *🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩* राहू काल 13:33 - 15:01 अशुभ यम घंटा 06:17 - 07:44 अशुभ गुली काल 09:12 - 10:39 अशुभ अभिजित 11:43 - 12:29 शुभ दूर मुहूर्त 10:10 - 10:56 अशुभ दूर मुहूर्त 14:49 - 15:36 अशुभ वर्ज्यम 07:14 - 08:39 अशुभ प्रदोष 17:55 - 20:26 शुभ 💮चोघडिया, दिन शुभ 06:17 - 07:44 शुभ रोग 07:44 - 09:12 अशुभ उद्वेग 09:12 - 10:39 अशुभ चर 10:39 12:06 शुभ लाभ 12:06 - 13:33 शुभ अमृत 13:33 15:01 शुभ काल 15:01 16:28 अशुभ शुभ 16:28 - 17:55 शुभ 🚩चोघडिया, रात अमृत 17:55 - 19:28 शुभ चर 19:28 21:01 शुभ रोग 21:01 - 22:34 अशुभ काल 22:34 24:06* अशुभ लाभ 24:06* - 25:39* शुभ उद्वेग 25:39* - 27:12* अशुभ शुभ 27:12* - 28:45* शुभ अमृत 28:45* - 30:18* शुभ 💮होरा, दिन बृहस्पति 06:17 -07:15 मंगल 07:15- 08:13 सूर्य 08:13- 09:12 शुक्र 09:12 -10:10 बुध 10:10 -11:08 चन्द्र 11:08- 12:06 शनि 12:06 -13:04 बृहस्पति 13:04 -14:03 मंगल 14:03 -15:01 सूर्य 15:01 -15:59 शुक्र 15:59 -16:57 बुध 16:57 -17:55 🚩होरा, रात चन्द्र 17:55 -18:57 शनि 18:57 -19:59 बृहस्पति 19:59 -21:01 मंगल 21:01- 22:03 सूर्य 22:03 -23:05 शुक्र 23:05 -24:06 बुध 24:06-25:08 चन्द्र 25:08-26:10 शनि 26:10-27:12 बृहस्पति 27:12-28:14 मंगल 28:14-29:16 सूर्य 29:16-30:18 *🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩* कन्या > 04:42 से 06:58 तक तुला > 06:58 से 09:14 तक वृश्चिक > 09:14 से 11:30 तक धनु > 11:30 से 13:38 तक मकर > 13:38 से 15:18 तक कुम्भ > 15:18 से 16:50 तक मीन > 16:50 से 18:20 तक मेष > 18:20 से 19:50 तक वृषभ > 19:50 से 21:44 तक मिथुन > 21:44 से 00:12 तक कर्क > 00:12 से 02:24 तक सिंह > 02:24 से 04:32 तक ======================= *🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार* (लगभग-वास्तविक समय के समीप) दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट *नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार । शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥ रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार । अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥ अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें । उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें । शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें । लाभ में व्यापार करें । रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें । काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है । अमृत में सभी शुभ कार्य करें । *💮दिशा शूल ज्ञान-------------दक्षिण* परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा बेसन के लड्डू खाके यात्रा कर सकते है l इस मंत्र का उच्चारण करें-: *शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l* *भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll* *🚩 अग्नि वास ज्ञान -:* *यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,* *चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।* *दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,* *नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्* *नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।* 15 + 3 + 5 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l *🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩* सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है मंगल ग्रह मुखहुति *💮 शिव वास एवं फल -:* 18 + 18 + 5 = 41 ÷ 7 = 6 शेष क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक *🚩भद्रा वास एवं फल -:* *स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।* *मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।* दोपहर 1238 से रात्री 22:54 तक स्वर्ग लोक = शुभ कारक *💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮* *दशरथ ललिता व्रत *विश्व डाक दिवस *गुरु रामदास जयंती *💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮* वाचा शौचं च मनसः शौचमिन्द्रियनिग्रहः । सर्वभूते दया शौचमेतच्छौचं परार्थिनाम् ।। ।।चाo नीo।। यदि आप दिव्यता चाहते है तो आपके वाचा, मन और इन्द्रियों में शुद्धता होनी चाहिए. उसी प्रकार आपके ह्रदय में करुणा होनी चाहिए. *🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩* गीता -: सांख्ययोग - अo-2 अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि भारत। अव्यक्तनिधनान्येव तत्र का परिदेवना॥ हे अर्जुन! सम्पूर्ण प्राणी जन्म से पहले अप्रकट थे और मरने के बाद भी अप्रकट हो जाने वाले हैं, केवल बीच में ही प्रकट हैं, फिर ऐसी स्थिति में क्या शोक करना है? ।।।28।। *💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮* देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके। नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।। विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे। जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।। 🐏मेष कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। कोई मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। शरीर कष्ट से बचें। 🐂वृष मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दूसरे से अधिक अपेक्षा करेंगे। जल्दबाजी से काम में बाधा उत्पन्न होगी। दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। बनते कामों में देरी होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। 👫मिथुन भूमि, भवन, दुकान, शोरूम व फैक्टरी इत्यादि की खरीद-फरोख्त हो सकती है। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से बचें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। 🦀कर्क किसी धार्मिक स्थल की यात्रा की आयोजन हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन सहायता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति में बाधाएं दूर होंगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा व्यय हो सकता है। 🐅सिंह जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे तथा समस्या बढ़ सकती है। विरोध होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बाहर जाने की योजना बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग कार्य में आसानी देगा। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। 🙍‍♀️कन्या व्यापार ठीक चलेगा। लोगों से अधिक अपेक्षा न करें। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। लापरवाही न करें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ विवाद हो सकता है। मानसिक क्लेश होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में कमी हो सकती है। ⚖️तुला कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। कारोबार में वृद्धि पर विचार हो सकता है। नौकरी में अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। व्यापार में मनोनुकूल लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्‍य उत्तम रहेगा। शुभ समय। 🦂वृश्चिक परिवार तथा मित्रों के साथ कोई मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। रुका हुआ पैसा मिलने का योग है। मित्रों के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रशंसा प्राप्त होगी। समय अनुकूल है। आलस्य त्यागकर प्रयास करें। 🏹धनु पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय भावना में बहकर न करें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। आय बनी रहेगी। थकान महसूस होगी। 🐊मकर नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। नए मित्र बनेंगे। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बन सकती है। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शुभ समय। 🍯कुंभ घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ बढ़ेगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। दूर से सुखद सूचना मिल सकती है। 🐟मीन मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय बढ़ेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। बुरे लोगों से दूर रहें। 🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏 🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺 #🕉️सनातन धर्म🚩 #आज का राशिफल / पंचाग ☀
ॐश्री हरिहरो विजयतेतरामॐ 🌼श्री गणेशाय नम:🌼 📖आज का पञ्चाङ्ग📖 🌸गुरुवार, ०९ अक्टूबर २०२५🌸 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सूर्योदय: 🌞 ०६:२७ सूर्यास्त: ☀ ०६:०१ चन्द्रोदय: 🌝 १९:१५ चन्द्रास्त: 🌜०८:३३ अयन 🌘 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय) ऋतु: 🏔️ शरद शक सम्वत: 👉 १९४७ (विश्वावसु) विक्रम सम्वत: 👉 २०८२ (सिद्धार्थी) मास 👉 कार्तिक पक्ष 👉 कृष्ण तिथि 👉 तृतीया (२२:५४ से चतुर्थी) नक्षत्र 👉 भरणी (२०:०२ से कृत्तिका) योग 👉 वज्र (२१:३२ से सिद्धि) प्रथम करण 👉 वणिज (१२:३७ तक) द्वितीय करण 👉 विष्टि (२२:५४ तक) 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ॥ गोचर ग्रहा: ॥ 🌖🌗🌖🌗 सूर्य 🌟 कन्या चंद्र 🌟 वृष (२५:२३ से) मंगल 🌟 तुला (उदित, पूर्व, मार्गी) बुध 🌟 तुला (उदय, पूर्व, मार्गी) गुरु 🌟 मिथुन (उदित, पूर्व, मार्गी) शुक्र 🌟 कन्या (उदित, पश्चिम, मार्गी) शनि 🌟 मीन (उदय, पूर्व, वक्री) राहु 🌟 कुम्भ केतु 🌟 सिंह 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ शुभाशुभ मुहूर्त विचार ⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४१ से १२:२७ अमृत काल 👉 १५:४७ से १७:१२ विजय मुहूर्त 👉 १४:०० से १४:४७ गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५३ से १८:१८ सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:५३ से १९:०७ निशिता मुहूर्त 👉 २३:३९ से २४:२९ राहुकाल 👉 १३:३१ से १४:५८ राहुवास 👉 दक्षिण यमगण्ड 👉 ०६:१५ से ०७:४२ दुर्मुहूर्त 👉 १०:०७ से १०:५४ होमाहुति 👉 मंगल दिशा शूल 👉 दक्षिण अग्निवास 👉 पृथ्वी (२२:५४ तक) भद्रावास 👉 स्वर्ग (१२:३७ से २२:५४) चन्द्र वास 👉 पूर्व (दक्षिण २५:२३ से) शिववास 👉 क्रीड़ा में (२२:५४ से कैलाश पर) 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ☄चौघड़िया विचार☄ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ॥ दिन का चौघड़िया ॥ १ - शुभ २ - रोग ३ - उद्वेग ४ - चर ५ - लाभ ६ - अमृत ७ - काल ८ - शुभ ॥रात्रि का चौघड़िया॥ १ - अमृत २ - चर ३ - रोग ४ - काल ५ - लाभ ६ - उद्वेग ७ - शुभ ८ - अमृत नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ शुभ यात्रा दिशा 🚌🚈🚗⛵🛫 दक्षिण-पूर्व (दही का सेवन कर यात्रा करें) 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ तिथि विशेष 🗓📆🗓📆 〰️〰️〰️〰️ शुक्र कन्या मे १०:४७ से आदि। राणा जी खेड़ांवाली🚩 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ आज २०:०२ तक जन्मे शिशुओ का नाम भरणी नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (लू, ले, लो) तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (अ, ई) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है। 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ उदय-लग्न मुहूर्त कन्या - २८:३८ से ०६:५६ तुला - ०६:५६ से ०९:१७ वृश्चिक - ०९:१७ से ११:३६ धनु - ११:३६ से १३:४० मकर - १३:४० से १५:२१ कुम्भ - १५:२१ से १६:४७ मीन - १६:४७ से १८:१० मेष - १८:१० से १९:४४ वृषभ - १९:४४ से २१:३९ मिथुन - २१:३९ से २३:५४ कर्क - २३:५४ से २६:१५+ सिंह - २६:१५+ से २८:३४+ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ पञ्चक रहित मुहूर्त रज पञ्चक - ०६:१५ से ०६:५६ शुभ मुहूर्त - ०६:५६ से ०९:१७ चोर पञ्चक - ०९:१७ से ११:३६ शुभ मुहूर्त - ११:३६ से १३:४० रोग पञ्चक - १३:४० से १५:२१ शुभ मुहूर्त - १५:२१ से १६:४७ मृत्यु पञ्चक - १६:४७ से १८:१० रोग पञ्चक - १८:१० से १९:४४ शुभ मुहूर्त - १९:४४ से २०:०२ मृत्यु पञ्चक - २०:०२ से २१:३९ अग्नि पञ्चक - २१:३९ से २२:५४ शुभ मुहूर्त - २२:५४ से २३:५४ रज पञ्चक - २३:५४ से २६:१५+ शुभ मुहूर्त - २६:१५+ से २८:३४+ चोर पञ्चक - २८:३४+ से ३०:१५+ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ आज का राशिफल 🐐🐂💏💮🐅👩 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज दिन भर आप विपरीत लिंगीय आकर्षण में बंधे रहेंगे। अपने काम को छोड़ अनर्गल प्रवृतियों में समय और धन बर्बाद करने से घर और समाज मे सम्मान खो सकते है। कार्य क्षेत्र पर कार्य करते समय ध्यान कही और ही रहेगा धन लाभ के प्रसंग अकस्मात बनेंगे लेकिन लापरवाह रहने के कारण हाथ से निकलने की संभावना है। सहकर्मियो पर नाजायज दबाव और हुकुम ना चलाया अन्यथा अकेले रह जाएंगे। धन की आमद होगी लेकिन खर्च निकालने के लिए भी कम पड़ेगी। भाई बहन का अधिक बोलना अखरेगा फिर भी धैर्य बनाये रखें आपके हित की बात की करेंगे। किसी की चुगलखोरी के शिकार बनेंगे। आज अनैतिक साधनों से लाभ आसानी से मिलेगा फिर भी इनसे बचना ही बेहतर रहेगा। संध्या के समय शारीरिक क्षमता में कमी आएगी फिर भी मौज शौक से पीछे नही हटेंगे। वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो) आज का दिन भी आपके लिये हानिकर रहेगा। जिस कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे पहले धन का अभाव फिर सहयोग की कमी बाधक बनेगी। व्यवसायी वर्ग आज संग्रह करने से बचे अन्यथा धन फसने के प्रबल योग है। सार्वजनिक क्षेत्र पर तो आपकी छवि धनवान जैसी बनेगी लेकिन अंदर से स्थिति इसके विपरीत रहेगी उधारी को लेकर किसी से किया वादा पूरा ना करने पर अपमानित होना पड़ेगा। जल्दबाजी में कोई भी जोखिम वाला कार्य ना करें अन्यथा लेने के देने पड़ जाएंगे। लंबी यात्रा, अग्नि और मशीनरी से सावधानी बरतें दुर्घटना हो सकती है। संध्या के समय बौद्धिक परिश्रम करने पर थोड़ा बहुत धन मिल जाएगा। घर मे किसी का जिद्दी व्यवहार क्रोध दिलाएगा शांत रहने का प्रयास करें वरना बिना बात सरदर्दी बढ़ेगी। स्वसन तंत्र में खराबी आएगी। मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा) आज के दिन बुद्धि विवेक की कमी रहने पर भी आपका व्यक्तित्त्व निखरा हुआ रहेगा। सार्वजनिक क्षेत्र से सम्मान के साथ भविष्य में लाभ के द्वार भी खुलेंगे। कार्य क्षेत्र पर लापरवाही करेंगे जिससे कोई पुराना स्नेह संबंध खराब हो सकता है। व्यवसायी वर्ग और नौकरी पेशा जातक शारीरिक परिश्रम की जगह आज दिमागी कसरत कर लाभ कमाएंगे लेकिन जिस लाभ के हकदार है उतना नही हो पाने पर निराशा भी होगी। स्वभाव में अकड़ रहने पर भी परिजनों से अच्छी पटेगी घर के सदस्य अपने निजी स्वार्थ के लिये आपकी गलतियों को अनदेखा करेंगे जिससे स्वभाव की उद्दंडता बढ़ेगी इसपर नियंत्रण रखें। आज हाथ पैरों में शिथिलता और जननेन्द्रिय संबंधित शिकायत से परेशानी होगी। यात्रा की योजना निरस्त होगी। कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा किसी मनोकामना पूर्ति ना होने का दुख आज भी रह सकता है। धर्य हीनता के बाद भी दिन सुख संतोष जनक ही रहेगा। दिन के आरम्भ से मध्यान तक दैनिक कार्यो में व्यस्त रहेंगे इसके बाद कार्य क्षेत्र से कोई शुभ समाचार मिलेगा। आज आप जो भी कार्य करेंगे उसे बिना किसी सहयोग के पूर्ण कर लेंगे पठन पाठन संबंधित एवं सौंदर्य-साज सज्जा संबंधित कार्य से विशेष लाभ की उम्मीद है। धन की आमद अल्प मात्रा में लेकिन कई बार होने से दिन भर का कोटा पूर्ण कर लेंगे। नौकरी वालो के लिये मध्यान तक का समय ठीक रहेगा इसके बाद कार्यो में उलझन बढ़ेगी। घर के छोटे छोटे खर्च परेशान करेंगे। अग्नि से कष्ट एवं पेट से उपर के भाग में कष्ट हो सकता है। सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) आज के दिन आप सभी क्षेत्रों से ज्यादा ही उम्मीद लगाए रहेंगे परन्तु सफलता कुछ एक मे ही मिल सकेगी। सरकारी कार्य भी आज कुछ कमी रहने से अपूर्ण रह सकते है । नौकरी-व्यवसाय में कार्य विलम्ब से आरंभ करने के कारण पूर्ण होने में भी विलम्ब होगा। आर्थिक दृष्टिकोण से कुछ ना कुछ कमी बनी रहेगी धन की कमी रहने से महत्त्वपूर्ण कार्य की योजना बनी बनाई रह जायेगी। संध्या के समय से स्थिति सुधरेगी लाभ की संभावना बनेगी परन्तु समय की कमी भी रहने से लाभ सीमित रहेगा। पिता को छोड़ अन्य पारिवारिक जन का सहयोग मिलने पर भी मानसिक उद्वेग रहेगा। चर्म रोग खुजली अथवा अग्नि से जलने के भय है। कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) आज भी मध्यान तक शारीरिक रूप से शिथिलता बनी रहेगी इस कारण कुछ आवश्यक कार्य आगे के लिये निरस्त करने पड़ेंगे वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह निर्णय उपयुक्त ही रहेगा। मध्यान के बाद परिस्थिति में सुधार आने लगेगा लेकिन स्वभाव में जल्दबाजी रहने के कारण कुछ कार्य बिना सोचे करेंगे जिससे कार्य बनने की जगह ज्यादा उलझ जाएंगे। धन की आमद आवश्यकता से कम ही रहेगी आवश्यक खर्च संचित धन से करने पड़ेंगे। आज आपको परिजनों की कोई पुरानी सलाह ना मानने की ग्लानि भी होगी। संध्या के समय पति पत्नी के बीच कहाँ सुनी हो सकती है। संताने आज्ञाकारी रहेंगी लेकिन कोई गुप्त बात खुलने के कारण इनके प्रति हीन भावना बनेगी। पिता अथवा पैतृक कार्यो में लाचारी दिखेगी। तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) आज का दिन आपके लिए सुख-समृद्धि दायक रहेगा। आज आपका स्वभाव अत्यंत आराम तालाब रहेगा जल्दी से किसी कार्य मे परिश्रम नही करेंगे फिर भी पूर्व में की गई मेहनत का फल आज अवश्य धन अथवा अन्य लाभो के रूप में मिलेगा। जमीन संबंधित एवं भागीदारी के कार्यो से हानि हो सकती है इसके विपरीत कला से जुड़े लोगों को लाभ होगा। थोक अथवा शेयर के कारोबारी निवेश का भरपूर लाभ ले सकेंगे। आपका सार्वजिक जीवन ठाठ बाट वाला रहेगा। किसी भी कार्य मे खर्च करने से पीछे नही हटेंगे इससे बीच मे थोड़ी आर्थिक विषमताएं भी आ सकती है। रहन-सहन में आडम्बर की झलक दिखेगी। गृहस्थ सुख आज उत्तम रहेगा परिजनो से पूर्ण स्नेह मिलेगा। प्रमेह अथवा चेहरे संबंधित समस्या रहेगी। वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू) आज आपका दिमाग इधर उधर की बातों में ज्यादा रहेगा। अपने काम छोड़ पराई समस्यों में उलझेगे बिना मांगे सलाह देना बाद में भारी पड़ जायेगा इसका ध्यान रहे। स्वभाव दिन भर मनमौजी रहेगा जो मन मे आएगा करेंगे किसी के टोकने पर नाराज हो जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज दिन भर उदासीनता रहेगी भाग दौड़ के बाद भी परिणाम निराशाजनक ही मिलेंगे खर्च निकालने के लिये किसी से उधार लेने की नौबत आ सकती है। भाई बंधुओ से गलतफलमी के कारण बहस होगी शांत रहे उन्हें अपनी गलती का अहसास अपने आप हो जाएगा। आज भागीदारी की योजना बनेगी लेकिन पुराने पैतृक कार्यो में कोई भागीदार ना बनाये अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। घर मे छूट पुट नोकझोंक लगी रहेगी। सेहत संध्या से विपरीत होगी छाती में संक्रमण हो सकता है। धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे) आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। स्वभाव से विनोदी रहेंगे व्यस्तता से समय निकाल कुछ समय के लिये प्रियजनों के साथ मसखरी करेंगे। लेकिन कार्य के समय लापरवाही करना पसंद नही करेंगे आज धार्मिक भावनाएं भी बढ़ने से मानसिक रूप से राहत अनुभव करेंगे मन मे अवश्य उथल पुथल लगी रहेगी फिर भी जाहिर नही होने देंगे। कार्य क्षेत्र पर मेहनत तो करेंगे परन्तु लाभ उचित मात्रा में नही हो सकेगा। कुछ महत्त्वपूर्ण विषयो को लेकर किसी प्रतिद्वन्दी से समझौता करना पड़ सकता है। धन लाभ मध्यान बाद थोड़े अंतराल पर होता रहेगा परन्तु खर्च की तुलना में पर्याप्त नही होगा। गृहस्थ में कुछ ना कुछ उलझनों के बाद भी स्थिति सामान्य बनी रहेगी। नाक-कान-गले संबंधित रोग हो सकते है। मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी) आज आप मानसिक रूप से शांत रहने का प्रयास करेंगे लेकिन मध्यान और संध्या बाद के समय किसी न किसी से विवाद होने की संभावना है। आपकी वाणी और व्यवहार से किसी का अहित ना हो इसका ध्यान आज विशेष रूप से रखें। विरोधी पक्ष आज प्रबल रहेगा मध्यान तक स्वयं को किसी न किसी कार्य मे लगाये रखें इससे मन मे अनर्गल विचार नही आएंगे। दोपहर के बाद स्थिती सुधरने से कार्यो के प्रति गंभीरता आएगी लेकिन कार्य क्षेत्र पर भी ज्यादा व्यवसाय नही मिलेगा। आय व्यय बराबर रहने और खर्च पर जबरदस्ती नियंत्रण करने से आर्थिक संतुलन बना रहेगा। संध्या बाद फिर से पुरानी बातों को याद कर कलह के प्रसंग बनेंगे। आज परिजनों की अप्रिय बात को अनसुनी करें। सन्तानो का परीक्षा में खराब प्रदर्शन चिंता बढ़ाएगा। स्वास्थ्य बना रहेगा। कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) आज दिन आर्थिक दृष्टिकोण से सुधार वाला रहेगा फिर भी धन को लेकर आज आप संतुष्ट नही रहेंगे। जिस भी कार्य से लाभ होगा उसमे कुछ न कुछ कमी ही रहेगी ज्यादा पाने के लालच में जितना मिलना है उसमें भी कमी आ सकती है। व्यवसाय में आज किसी को भूलकर भी उधार ना दें अन्यथा वापसी में परेशानी आ सकती है। भाई बंधुओ से पैतृक कार्य अथवा किसी अन्य पुराने कार्य को लेकर अनबन होने की संभावना है निर्णय लेने मे जल्दबाजी ना करें अन्य लोगो के विचार सुनने के बाद ही अपना पक्ष रखें इससे समाधान शीघ्र हो सकता है। भागीदारी के कार्य विशेष कर जमीन संबंधित कार्य मे विवाद हो सकता है आज इनको टालना ही बेहतर रहेगा। सर दर्द अपच की शिकायत हो सकती है। मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची) आज आपका संतोषि स्वभाव विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाये रखेगा। सोचे हुए कार्य ना बनने पर कुछ समय के लिये क्रोध आएगा फिर भी किसी का मीठा व्यवहार मिलेने से शांत हो जाएंगे। महिला वर्ग आज जितना मील उसी में संतोष करे अन्यथा स्वयंजन को दुख हो सकता है। काम-धंधे में कोई बड़ी चूक होने की संभावना है यहां भी किसी स्वजन का सहयोग बड़ी हानि होने से बचा लेगा। घर मे आज मातृ शक्ति का बोलबाला रहेगा इनसे बनाकर रखने में ही भलाई है अन्यथा दिन शांति से नही बिता पाएंगे। भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध रहेंगे एक दूसरे की बात काटने पर तीखी बहस हो सकती है। माता का सुख उत्तम रहेगा अपनी बात आसानी से मनवा लेंगे। सेहत में आकस्मिक गिरावट आएगी सतर्क रहें। राणा जी खेड़ांवाली🚩 #🕉️सनातन धर्म🚩 #श्री हरि
ॐश्री हरिहरो विजयतेतरामॐ 🌼श्री गणेशाय नम:🌼 📖आज का पञ्चाङ्ग📖 🌸गुरुवार, ०९ अक्टूबर २०२५🌸 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सूर्योदय: 🌞 ०६:२७ सूर्यास्त: ☀ ०६:०१ चन्द्रोदय: 🌝 १९:१५ चन्द्रास्त: 🌜०८:३३ अयन 🌘 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय) ऋतु: 🏔️ शरद शक सम्वत: 👉 १९४७ (विश्वावसु) विक्रम सम्वत: 👉 २०८२ (सिद्धार्थी) मास 👉 कार्तिक पक्ष 👉 कृष्ण तिथि 👉 तृतीया (२२:५४ से चतुर्थी) नक्षत्र 👉 भरणी (२०:०२ से कृत्तिका) योग 👉 वज्र (२१:३२ से सिद्धि) प्रथम करण 👉 वणिज (१२:३७ तक) द्वितीय करण 👉 विष्टि (२२:५४ तक) 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ॥ गोचर ग्रहा: ॥ 🌖🌗🌖🌗 सूर्य 🌟 कन्या चंद्र 🌟 वृष (२५:२३ से) मंगल 🌟 तुला (उदित, पूर्व, मार्गी) बुध 🌟 तुला (उदय, पूर्व, मार्गी) गुरु 🌟 मिथुन (उदित, पूर्व, मार्गी) शुक्र 🌟 कन्या (उदित, पश्चिम, मार्गी) शनि 🌟 मीन (उदय, पूर्व, वक्री) राहु 🌟 कुम्भ केतु 🌟 सिंह 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ शुभाशुभ मुहूर्त विचार ⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४१ से १२:२७ अमृत काल 👉 १५:४७ से १७:१२ विजय मुहूर्त 👉 १४:०० से १४:४७ गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५३ से १८:१८ सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:५३ से १९:०७ निशिता मुहूर्त 👉 २३:३९ से २४:२९ राहुकाल 👉 १३:३१ से १४:५८ राहुवास 👉 दक्षिण यमगण्ड 👉 ०६:१५ से ०७:४२ दुर्मुहूर्त 👉 १०:०७ से १०:५४ होमाहुति 👉 मंगल दिशा शूल 👉 दक्षिण अग्निवास 👉 पृथ्वी (२२:५४ तक) भद्रावास 👉 स्वर्ग (१२:३७ से २२:५४) चन्द्र वास 👉 पूर्व (दक्षिण २५:२३ से) शिववास 👉 क्रीड़ा में (२२:५४ से कैलाश पर) 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ☄चौघड़िया विचार☄ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ॥ दिन का चौघड़िया ॥ १ - शुभ २ - रोग ३ - उद्वेग ४ - चर ५ - लाभ ६ - अमृत ७ - काल ८ - शुभ ॥रात्रि का चौघड़िया॥ १ - अमृत २ - चर ३ - रोग ४ - काल ५ - लाभ ६ - उद्वेग ७ - शुभ ८ - अमृत नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ शुभ यात्रा दिशा 🚌🚈🚗⛵🛫 दक्षिण-पूर्व (दही का सेवन कर यात्रा करें) 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ तिथि विशेष 🗓📆🗓📆 〰️〰️〰️〰️ शुक्र कन्या मे १०:४७ से आदि। राणा जी खेड़ांवाली🚩 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ आज २०:०२ तक जन्मे शिशुओ का नाम भरणी नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (लू, ले, लो) तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (अ, ई) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है। 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ उदय-लग्न मुहूर्त कन्या - २८:३८ से ०६:५६ तुला - ०६:५६ से ०९:१७ वृश्चिक - ०९:१७ से ११:३६ धनु - ११:३६ से १३:४० मकर - १३:४० से १५:२१ कुम्भ - १५:२१ से १६:४७ मीन - १६:४७ से १८:१० मेष - १८:१० से १९:४४ वृषभ - १९:४४ से २१:३९ मिथुन - २१:३९ से २३:५४ कर्क - २३:५४ से २६:१५+ सिंह - २६:१५+ से २८:३४+ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ पञ्चक रहित मुहूर्त रज पञ्चक - ०६:१५ से ०६:५६ शुभ मुहूर्त - ०६:५६ से ०९:१७ चोर पञ्चक - ०९:१७ से ११:३६ शुभ मुहूर्त - ११:३६ से १३:४० रोग पञ्चक - १३:४० से १५:२१ शुभ मुहूर्त - १५:२१ से १६:४७ मृत्यु पञ्चक - १६:४७ से १८:१० रोग पञ्चक - १८:१० से १९:४४ शुभ मुहूर्त - १९:४४ से २०:०२ मृत्यु पञ्चक - २०:०२ से २१:३९ अग्नि पञ्चक - २१:३९ से २२:५४ शुभ मुहूर्त - २२:५४ से २३:५४ रज पञ्चक - २३:५४ से २६:१५+ शुभ मुहूर्त - २६:१५+ से २८:३४+ चोर पञ्चक - २८:३४+ से ३०:१५+ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ आज का राशिफल 🐐🐂💏💮🐅👩 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज दिन भर आप विपरीत लिंगीय आकर्षण में बंधे रहेंगे। अपने काम को छोड़ अनर्गल प्रवृतियों में समय और धन बर्बाद करने से घर और समाज मे सम्मान खो सकते है। कार्य क्षेत्र पर कार्य करते समय ध्यान कही और ही रहेगा धन लाभ के प्रसंग अकस्मात बनेंगे लेकिन लापरवाह रहने के कारण हाथ से निकलने की संभावना है। सहकर्मियो पर नाजायज दबाव और हुकुम ना चलाया अन्यथा अकेले रह जाएंगे। धन की आमद होगी लेकिन खर्च निकालने के लिए भी कम पड़ेगी। भाई बहन का अधिक बोलना अखरेगा फिर भी धैर्य बनाये रखें आपके हित की बात की करेंगे। किसी की चुगलखोरी के शिकार बनेंगे। आज अनैतिक साधनों से लाभ आसानी से मिलेगा फिर भी इनसे बचना ही बेहतर रहेगा। संध्या के समय शारीरिक क्षमता में कमी आएगी फिर भी मौज शौक से पीछे नही हटेंगे। वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो) आज का दिन भी आपके लिये हानिकर रहेगा। जिस कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे पहले धन का अभाव फिर सहयोग की कमी बाधक बनेगी। व्यवसायी वर्ग आज संग्रह करने से बचे अन्यथा धन फसने के प्रबल योग है। सार्वजनिक क्षेत्र पर तो आपकी छवि धनवान जैसी बनेगी लेकिन अंदर से स्थिति इसके विपरीत रहेगी उधारी को लेकर किसी से किया वादा पूरा ना करने पर अपमानित होना पड़ेगा। जल्दबाजी में कोई भी जोखिम वाला कार्य ना करें अन्यथा लेने के देने पड़ जाएंगे। लंबी यात्रा, अग्नि और मशीनरी से सावधानी बरतें दुर्घटना हो सकती है। संध्या के समय बौद्धिक परिश्रम करने पर थोड़ा बहुत धन मिल जाएगा। घर मे किसी का जिद्दी व्यवहार क्रोध दिलाएगा शांत रहने का प्रयास करें वरना बिना बात सरदर्दी बढ़ेगी। स्वसन तंत्र में खराबी आएगी। मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा) आज के दिन बुद्धि विवेक की कमी रहने पर भी आपका व्यक्तित्त्व निखरा हुआ रहेगा। सार्वजनिक क्षेत्र से सम्मान के साथ भविष्य में लाभ के द्वार भी खुलेंगे। कार्य क्षेत्र पर लापरवाही करेंगे जिससे कोई पुराना स्नेह संबंध खराब हो सकता है। व्यवसायी वर्ग और नौकरी पेशा जातक शारीरिक परिश्रम की जगह आज दिमागी कसरत कर लाभ कमाएंगे लेकिन जिस लाभ के हकदार है उतना नही हो पाने पर निराशा भी होगी। स्वभाव में अकड़ रहने पर भी परिजनों से अच्छी पटेगी घर के सदस्य अपने निजी स्वार्थ के लिये आपकी गलतियों को अनदेखा करेंगे जिससे स्वभाव की उद्दंडता बढ़ेगी इसपर नियंत्रण रखें। आज हाथ पैरों में शिथिलता और जननेन्द्रिय संबंधित शिकायत से परेशानी होगी। यात्रा की योजना निरस्त होगी। कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा किसी मनोकामना पूर्ति ना होने का दुख आज भी रह सकता है। धर्य हीनता के बाद भी दिन सुख संतोष जनक ही रहेगा। दिन के आरम्भ से मध्यान तक दैनिक कार्यो में व्यस्त रहेंगे इसके बाद कार्य क्षेत्र से कोई शुभ समाचार मिलेगा। आज आप जो भी कार्य करेंगे उसे बिना किसी सहयोग के पूर्ण कर लेंगे पठन पाठन संबंधित एवं सौंदर्य-साज सज्जा संबंधित कार्य से विशेष लाभ की उम्मीद है। धन की आमद अल्प मात्रा में लेकिन कई बार होने से दिन भर का कोटा पूर्ण कर लेंगे। नौकरी वालो के लिये मध्यान तक का समय ठीक रहेगा इसके बाद कार्यो में उलझन बढ़ेगी। घर के छोटे छोटे खर्च परेशान करेंगे। अग्नि से कष्ट एवं पेट से उपर के भाग में कष्ट हो सकता है। सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) आज के दिन आप सभी क्षेत्रों से ज्यादा ही उम्मीद लगाए रहेंगे परन्तु सफलता कुछ एक मे ही मिल सकेगी। सरकारी कार्य भी आज कुछ कमी रहने से अपूर्ण रह सकते है । नौकरी-व्यवसाय में कार्य विलम्ब से आरंभ करने के कारण पूर्ण होने में भी विलम्ब होगा। आर्थिक दृष्टिकोण से कुछ ना कुछ कमी बनी रहेगी धन की कमी रहने से महत्त्वपूर्ण कार्य की योजना बनी बनाई रह जायेगी। संध्या के समय से स्थिति सुधरेगी लाभ की संभावना बनेगी परन्तु समय की कमी भी रहने से लाभ सीमित रहेगा। पिता को छोड़ अन्य पारिवारिक जन का सहयोग मिलने पर भी मानसिक उद्वेग रहेगा। चर्म रोग खुजली अथवा अग्नि से जलने के भय है। कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) आज भी मध्यान तक शारीरिक रूप से शिथिलता बनी रहेगी इस कारण कुछ आवश्यक कार्य आगे के लिये निरस्त करने पड़ेंगे वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह निर्णय उपयुक्त ही रहेगा। मध्यान के बाद परिस्थिति में सुधार आने लगेगा लेकिन स्वभाव में जल्दबाजी रहने के कारण कुछ कार्य बिना सोचे करेंगे जिससे कार्य बनने की जगह ज्यादा उलझ जाएंगे। धन की आमद आवश्यकता से कम ही रहेगी आवश्यक खर्च संचित धन से करने पड़ेंगे। आज आपको परिजनों की कोई पुरानी सलाह ना मानने की ग्लानि भी होगी। संध्या के समय पति पत्नी के बीच कहाँ सुनी हो सकती है। संताने आज्ञाकारी रहेंगी लेकिन कोई गुप्त बात खुलने के कारण इनके प्रति हीन भावना बनेगी। पिता अथवा पैतृक कार्यो में लाचारी दिखेगी। तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) आज का दिन आपके लिए सुख-समृद्धि दायक रहेगा। आज आपका स्वभाव अत्यंत आराम तालाब रहेगा जल्दी से किसी कार्य मे परिश्रम नही करेंगे फिर भी पूर्व में की गई मेहनत का फल आज अवश्य धन अथवा अन्य लाभो के रूप में मिलेगा। जमीन संबंधित एवं भागीदारी के कार्यो से हानि हो सकती है इसके विपरीत कला से जुड़े लोगों को लाभ होगा। थोक अथवा शेयर के कारोबारी निवेश का भरपूर लाभ ले सकेंगे। आपका सार्वजिक जीवन ठाठ बाट वाला रहेगा। किसी भी कार्य मे खर्च करने से पीछे नही हटेंगे इससे बीच मे थोड़ी आर्थिक विषमताएं भी आ सकती है। रहन-सहन में आडम्बर की झलक दिखेगी। गृहस्थ सुख आज उत्तम रहेगा परिजनो से पूर्ण स्नेह मिलेगा। प्रमेह अथवा चेहरे संबंधित समस्या रहेगी। वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू) आज आपका दिमाग इधर उधर की बातों में ज्यादा रहेगा। अपने काम छोड़ पराई समस्यों में उलझेगे बिना मांगे सलाह देना बाद में भारी पड़ जायेगा इसका ध्यान रहे। स्वभाव दिन भर मनमौजी रहेगा जो मन मे आएगा करेंगे किसी के टोकने पर नाराज हो जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज दिन भर उदासीनता रहेगी भाग दौड़ के बाद भी परिणाम निराशाजनक ही मिलेंगे खर्च निकालने के लिये किसी से उधार लेने की नौबत आ सकती है। भाई बंधुओ से गलतफलमी के कारण बहस होगी शांत रहे उन्हें अपनी गलती का अहसास अपने आप हो जाएगा। आज भागीदारी की योजना बनेगी लेकिन पुराने पैतृक कार्यो में कोई भागीदार ना बनाये अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। घर मे छूट पुट नोकझोंक लगी रहेगी। सेहत संध्या से विपरीत होगी छाती में संक्रमण हो सकता है। धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे) आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। स्वभाव से विनोदी रहेंगे व्यस्तता से समय निकाल कुछ समय के लिये प्रियजनों के साथ मसखरी करेंगे। लेकिन कार्य के समय लापरवाही करना पसंद नही करेंगे आज धार्मिक भावनाएं भी बढ़ने से मानसिक रूप से राहत अनुभव करेंगे मन मे अवश्य उथल पुथल लगी रहेगी फिर भी जाहिर नही होने देंगे। कार्य क्षेत्र पर मेहनत तो करेंगे परन्तु लाभ उचित मात्रा में नही हो सकेगा। कुछ महत्त्वपूर्ण विषयो को लेकर किसी प्रतिद्वन्दी से समझौता करना पड़ सकता है। धन लाभ मध्यान बाद थोड़े अंतराल पर होता रहेगा परन्तु खर्च की तुलना में पर्याप्त नही होगा। गृहस्थ में कुछ ना कुछ उलझनों के बाद भी स्थिति सामान्य बनी रहेगी। नाक-कान-गले संबंधित रोग हो सकते है। मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी) आज आप मानसिक रूप से शांत रहने का प्रयास करेंगे लेकिन मध्यान और संध्या बाद के समय किसी न किसी से विवाद होने की संभावना है। आपकी वाणी और व्यवहार से किसी का अहित ना हो इसका ध्यान आज विशेष रूप से रखें। विरोधी पक्ष आज प्रबल रहेगा मध्यान तक स्वयं को किसी न किसी कार्य मे लगाये रखें इससे मन मे अनर्गल विचार नही आएंगे। दोपहर के बाद स्थिती सुधरने से कार्यो के प्रति गंभीरता आएगी लेकिन कार्य क्षेत्र पर भी ज्यादा व्यवसाय नही मिलेगा। आय व्यय बराबर रहने और खर्च पर जबरदस्ती नियंत्रण करने से आर्थिक संतुलन बना रहेगा। संध्या बाद फिर से पुरानी बातों को याद कर कलह के प्रसंग बनेंगे। आज परिजनों की अप्रिय बात को अनसुनी करें। सन्तानो का परीक्षा में खराब प्रदर्शन चिंता बढ़ाएगा। स्वास्थ्य बना रहेगा। कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) आज दिन आर्थिक दृष्टिकोण से सुधार वाला रहेगा फिर भी धन को लेकर आज आप संतुष्ट नही रहेंगे। जिस भी कार्य से लाभ होगा उसमे कुछ न कुछ कमी ही रहेगी ज्यादा पाने के लालच में जितना मिलना है उसमें भी कमी आ सकती है। व्यवसाय में आज किसी को भूलकर भी उधार ना दें अन्यथा वापसी में परेशानी आ सकती है। भाई बंधुओ से पैतृक कार्य अथवा किसी अन्य पुराने कार्य को लेकर अनबन होने की संभावना है निर्णय लेने मे जल्दबाजी ना करें अन्य लोगो के विचार सुनने के बाद ही अपना पक्ष रखें इससे समाधान शीघ्र हो सकता है। भागीदारी के कार्य विशेष कर जमीन संबंधित कार्य मे विवाद हो सकता है आज इनको टालना ही बेहतर रहेगा। सर दर्द अपच की शिकायत हो सकती है। मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची) आज आपका संतोषि स्वभाव विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाये रखेगा। सोचे हुए कार्य ना बनने पर कुछ समय के लिये क्रोध आएगा फिर भी किसी का मीठा व्यवहार मिलेने से शांत हो जाएंगे। महिला वर्ग आज जितना मील उसी में संतोष करे अन्यथा स्वयंजन को दुख हो सकता है। काम-धंधे में कोई बड़ी चूक होने की संभावना है यहां भी किसी स्वजन का सहयोग बड़ी हानि होने से बचा लेगा। घर मे आज मातृ शक्ति का बोलबाला रहेगा इनसे बनाकर रखने में ही भलाई है अन्यथा दिन शांति से नही बिता पाएंगे। भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध रहेंगे एक दूसरे की बात काटने पर तीखी बहस हो सकती है। माता का सुख उत्तम रहेगा अपनी बात आसानी से मनवा लेंगे। सेहत में आकस्मिक गिरावट आएगी सतर्क रहें। राणा जी खेड़ांवाली🚩 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🌙आज का पंचांग🌞
. *कार्तिक माहात्म्य* *अध्याय–04* 🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄 नारदजी ने कहा–‘ऐसा कहकर भगवान विष्णु मछली का रूप धारण कर के आकाश से जल में गिरे। उस समय विन्ध्याचल पर्वत पर तप कर रहे महर्षि कश्यप अपनी अंजलि में जल लेकर खड़े थे। भगवान उनकी अंजलि में जा गिरे। महर्षि कश्यप ने दया कर के उसे अपने कमण्डल में रख लिया। मछली के थोड़ा बड़ा होने पर महर्षि कश्यप ने उसे कुएँ में डाल दिया। जब वह मछली कुएँ में भी न समा सकी तो उन्होंने उसे तालाब में डाल दिया, जब वह तालाब में भी न आ सकी तो उन्होंने उसे समुद्र में डाल दिया। वह मछली वहाँ भी बढ़ने लगी फिर मत्स्यरूपी भगवान विष्णु ने इस शंखासुर का वध किया और शंखासुर को हाथ में लेकर बद्रीवन में आ गये, वहाँ उन्होंने सम्पूर्ण ऋषियों को बुलाकर इस प्रकार आदेश दिया। भगवान् विष्णु ने कहा–‘मुनीश्वरों! तुम जल के भीतर बिखरे हुए वेदमन्त्रों की खोज करो और जितनी जल्दी हो सके, उन्हें सागर के जल से बाहर निकाल आओ तब तक मैं देवताओं के साथ प्रयाग में ठहरता हूँ।’ तब उन तपोबल सम्पन्न महर्षियों ने यज्ञ और बीजों सहित सम्पूर्ण वेद मन्त्रों का उद्धार किया। उनमें से जितने मन्त्र जिस ऋषि ने उपलब्ध किए वही उन बीज मन्त्रों का उस दिन से ऋषि माना जाना लगा। तदनन्तर सब ऋषि एकत्र होकर प्रयाग में गये, वहाँ उन्होंने ब्रह्माजी सहित भगवान विष्णु को उपलब्ध हुए सभी वेद मन्त्र समर्पित कर दिए। सब वेदों को पाकर ब्रह्माजी बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने देवताओं और ऋषियों के साथ प्रयाग में अश्वमेघ यज्ञ किया। यज्ञ समाप्त होने पर सब देवताओं ने भगवान से निवेदन किया। देवताओं ने कहा–‘देवाधिदेव जगन्नाथ! इस स्थान पर ब्रह्माजी ने खोये हुए वेदों को पुन: प्राप्त किया है और हमने भी यहाँ आपके प्रसाद से यज्ञभाग पाये हैं। अत: यह स्थान पृथ्वी पर सबसे श्रेष्ठ, पुण्य की वृद्धि करने वाला एवं भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाला हो। साथ ही यह समय भी महापुण्यमय और ब्रह्मघाती आदि महापापियों की भी शुद्धि करने वाला हो तथा तह स्थान यहाँ दिये हुए दान को अक्षय बना देने वाला भी हो, यह वर दीजिए।’ भगवान् विष्णु बोले–‘देवताओं! तुमने जो कुछ कहा है, वह मुझे स्वीकार है, तुम्हारी इच्छा पूर्ण हो। आज से यह स्थान ब्रह्मक्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध होगा, सूर्यवंश में उत्पन्न राजा भगीरथ यहाँ गंगा को ले आयेंगे और वह यहाँ सूर्यकन्या यमुना से मिलेगी। ब्रह्माजी और तुम सब देवता मेरे साथ यहाँ निवास करो। आज से यह तीर्थ तीर्थराज के नाम से विख्यात होगा। तीर्थराज के दर्शन से तत्काल सब पाप नष्ट हो जायेंगे। जब सूर्य मकर राशि में स्थित होंगे उस समय यहाँ स्नान करने वाले मनुष्यों के सब पापों का यह तीर्थ नाश करेगा। यह काल भी मनुष्यों के लिए सदा महान पुण्य फल देने वाला होगा। माघ में सूर्य के मकर राशि में स्थित होने पर यहाँ स्नान करने से सालोक्य आदि फल प्राप्त होंगे।’ नारदजी ने कहा–‘देवाधिदेव भगवान विष्णु देवताओं से ऐसा कहकर ब्रह्माजी के साथ वहीं अन्तर्धान हो गये। तत्पश्चात इन्द्रादि देवता भी अपने अंश से प्रयाग में रहते हुए वहाँ से अन्तर्धान हो गये। जो मनुष्य कार्तिक में तुलसीजी की जड़ के समीप श्रीहरि का पूजन करता है वह इस लोक में सम्पूर्ण भोगों का उपभोग कर के अन्त में वैकुण्ठ धाम को जाता है।’ ॥जय जय श्री हरि॥ ॥ राणा जी खेड़ांवाली॥ #🕉️सनातन धर्म🚩 #श्री हरि
*‼️🚩 श्रीसीतारामचन्द्राभ्यां नमः 🚩‼️* *श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण किष्किंधाकाण्ड* *📖 ( दूसरा- सर्ग) 📖* *✍️सुग्रीव तथा वानरोंकी आशङ्का, हनुमान्जीद्वारा उसका निवारण तथा सुग्रीवका हनुमान्जीको श्रीराम-लक्ष्मणके पास उनका भेद लेनेके लिये भेजना* ======================= महात्मा श्रीराम और लक्ष्मण दोनों भाइयोंको श्रेष्ठ आयुध धारण किये वीर वेशमें आते देख (ऋष्यमूक पर्वतपर बैठे हुए) सुग्रीवके मनमें बड़ी शङ्का हुई॥१॥ वे उद्विग्नचित्त होकर चारों दिशाओंकी ओर देखने लगे। उस समय वानरशिरोमणि सुग्रीव किसी एक स्थानपर स्थिर न रह सके॥२॥ महाबली श्रीराम और लक्ष्मणको देखते हुए सुग्रीव अपने मनको स्थिर न रख सके। उस समय अत्यन्त भयभीत हुए उन वानरराजका चित्त बहुत दुःखी हो गया॥३॥ सुग्रीव धर्मात्मा थे—उन्हें राजधर्मका ज्ञान था। उन्होंने मन्त्रियोंके साथ विचारकर अपनी दुर्बलता और शत्रुपक्षकी प्रबलताका निश्चय किया। तत्पश्चात् वे समस्त वानरोंके साथ अत्यन्त उद्विग्न हो उठे॥४॥ वानरराज सुग्रीवके हृदयमें बड़ा उद्वेग हो गया था। वे श्रीराम और लक्ष्मणकी ओर देखते हुए अपने मन्त्रियोंसे इस प्रकार बोले—॥५॥ 'निश्चय ही ये दोनों वीर वालीके भेजे हुए ही इस दुर्गम वनमें विचरते हुए यहाँ आये हैं। इन्होंने छलसे चीर वस्त्र धारण कर लिये हैं, जिससे हम इन्हें पहचान न सकें॥६॥ उधर सुग्रीवके सहायक दूसरे-दूसरे वानरोंने जब उन महाधनुर्धर श्रीराम और लक्ष्मणको देखा, तब वे उस पर्वततटसे भागकर दूसरे उत्तम शिखरपर जा पहुँचे॥७॥ वे यूथपति वानर शीघ्रतापूर्वक जाकर यूथपतियोंके सरदार वानरशिरोमणि सुग्रीवको चारों ओरसे घेरकर उनके पास खड़े हो गये॥८॥ इस तरह एक पर्वतसे दूसरे पर्वतपर उछलते-कूदते और अपने वेगसे उन पर्वत-शिखरोंको प्रकम्पित करते हुए वे समस्त महाबली वानर एक मार्गपर आ गये। उन सबने उछल-कूदकर उस समय वहाँ दुर्गम स्थानोंमें स्थित हुए पुष्पशोभित बहुसंख्यक वृक्षोंको तोड़ डाला था॥९-१०॥ उस बेलामें चारों ओरसे उस महान् पर्वतपर उछलकर आते हुए वे श्रेष्ठ वानर वहाँ रहनेवाले मृगों, बिलावों तथा व्याघ्रोंको भयभीत करते हुए जा रहे थे॥११॥ इस प्रकार सुग्रीवके सभी सचिव पर्वतराज ऋष्यमूकपर आ पहुँचे और एकाग्रचित्त हो उन वानरराजसे मिलकर उनके सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गये॥१२॥ तदनन्तर वालीसे बुराईकी आशङ्का करके सुग्रीवको भयभीत देख बातचीत करनेमें कुशल हनुमान्‌जी बोले—॥१३॥ 'आप सब लोग वालीके कारण होनेवाली इस भारी घबराहटको छोड़ दीजिये। यह मलय नामक श्रेष्ठ पर्वत है। यहाँ वालीसे कोई भय नहीं है॥१४॥ 'वानरशिरोमणे! जिससे उद्विग्नचित्त होकर आप भागे हैं, उस क्रूर दिखायी देनेवाले निर्दय वालीको मैं यहाँ नहीं देखता हूँ॥१५॥ सौम्य! आपको अपने जिस पापाचारी बड़े भाईसे भय प्राप्त हुआ है, वह दुष्टात्मा वाली यहाँ नहीं आ सकता; अतः मुझे आपके भयका कोई कारण नहीं दिखायी देता॥१६॥ 'आश्चर्य है कि इस समय आपने अपनी वानरोचित चपलताको ही प्रकट किया है। वानरप्रवर! आपका चित्त चञ्चल है। इसलिये आप अपनेको विचार-मार्गपर स्थिर नहीं रख पाते हैं॥१७॥ 'बुद्धि और विज्ञानसे सम्पन्न होकर आप दूसरोंकी चेष्टाओंके द्वारा उनका मनोभाव समझें और उसीके अनुसार सभी आवश्यक कार्य करें; क्योंकि जो राजा बुद्धि-बलका आश्रय नहीं लेता, वह सम्पूर्ण प्रजापर शासन नहीं कर सकता'॥१८॥ हनुमान्जीके मुखसे निकले हुए इन सभी श्रेष्ठ वचनोंको सुनकर सुग्रीवने उनसे बहुत ही उत्तम बात कही—॥१९॥ 'इन दोनों वीरोंकी भुजाएँ लंबी और नेत्र बड़े-बड़े हैं। ये धनुष, बाण और तलवार धारण किये देवकुमारोंके समान शोभा पा रहे हैं। इन दोनोंको देखकर किसके मनमें भयका संचार न होगा॥२०॥ 'मेरे मनमें संदेह है कि ये दोनों श्रेष्ठ पुरुष वालीके ही भेजे हुए हैं; क्योंकि राजाओंके बहुत-से मित्र होते हैं। अतः उनपर विश्वास करना उचित नहीं है॥२१॥ 'प्राणिमात्रको छद्मवेषमें विचरनेवाले शत्रुओंको विशेषरूपसे पहचाननेकी चेष्टा करनी चाहिये; क्योंकि वे दूसरोंपर अपना विश्वास जमा लेते हैं, परंतु स्वयं किसीका विश्वास नहीं करते और अवसर पाते ही उन विश्वासी पुरुषोंपर ही प्रहार कर बैठते हैं॥२२॥ 'वाली इन सब कार्योंमें बड़ा कुशल है। राजालोग बहुदर्शी होते हैं—वञ्चनाके अनेक उपाय जानते हैं, इसीलिये शत्रुओंका विध्वंस कर डालते हैं। ऐसे शत्रुभूत राजाओंको प्राकृत वेशभूषावाले मनुष्यों (गुप्तचरों) द्वारा जाननेका प्रयत्न करना चाहिये॥२३॥ 'अतः कपिश्रेष्ठ! तुम भी एक साधारण पुरुषकी भाँति यहाँसे जाओ और उनकी चेष्टाओंसे, रूपसे तथा बातचीतके तौर-तरीकोंसे उन दोनोंका यथार्थ परिचय प्राप्त करो॥२४॥ उनके मनोभावोंको समझो। यदि वे प्रसन्नचित जान पड़ें तो बारंबार मेरी प्रशंसा करके तथा मेरे अभिप्रायको सूचित करनेवाली चेष्टाओंद्वारा मेरे प्रति उनका विश्वास उत्पन्न करो॥२५॥ 'वानरशिरोमणे! तुम मेरी ही ओर मुँह करके खड़ा होना और उन धनुर्धर वीरोंसे इस वनमें प्रवेश करनेका कारण पूछना॥२६॥ 'यदि उनका हृदय शुद्ध जान पड़े तो भी तरह-तरहकी बातों और आकृतिके द्वारा यह जाननेकी विशेष चेष्टा करनी चाहिये कि वे दोनों कोई दुर्भावना लेकर तो नहीं आये हैं॥२७॥ वानरराज सुग्रीवके इस प्रकार आदेश देनेपर पवनकुमार हनुमान्‌जीने उस स्थानपर जानेका विचार किया, जहाँ श्रीराम और लक्ष्मण विद्यमान थे॥२८॥ अत्यन्त डरे हुए दुर्जय वानर सुग्रीवके उस वचनका आदर करके 'बहुत अच्छा कहकर' महानुभाव हनुमान्जी जहाँ अत्यन्त बलशाली श्रीराम और लक्ष्मण थे, उस स्थानके लिये तत्काल चल दिये॥२९॥ *इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके किष्किन्धाकाण्डमें दूसरा सर्ग पूरा हुआ॥२॥* *राणा जी खेड़ांवाली🚩* *🚩 जय जय श्री सीताराम 🚩* 🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷 #🎶जय श्री राम🚩 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏रामायण🕉 #🙏श्री राम भक्त हनुमान🚩