SATIISHH K MISHRA
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#🌷शुभ रविवार #🥰Express Emotion #☝ मेरे विचार #❤️जीवन की सीख
🌷शुभ रविवार - KARMA Whether Someonel COMes {0 vlsit @P moty Our Karma will surely come to visit 5- KARMA Whether Someonel COMes {0 vlsit @P moty Our Karma will surely come to visit 5- - ShareChat
जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस सुनूर विभाकर॥ . . #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🌷शुभ रविवार #🌅सूर्य देव🙏
🌅सूर्य देव🙏 - सूर्य चालीसा जियसविनाजय जियनिदिवाकर सहुस्त्चशु सप्ताश्वतनिमिरहर0ा पर्तगयरीची भास्कर 8131 स्विता हंस सुनूरविभाकर0 THE DEVOTEE सूर्य चालीसा जियसविनाजय जियनिदिवाकर सहुस्त्चशु सप्ताश्वतनिमिरहर0ा पर्तगयरीची भास्कर 8131 स्विता हंस सुनूरविभाकर0 THE DEVOTEE - ShareChat
#🌷शुभ रविवार #❤️जीवन की सीख #☝ मेरे विचार #🥰Express Emotion . . कोई मिलने आए या ना आए हमारे कर्म हमसे मिलने जरूर आएंगे
🌷शुभ रविवार - कोई मिलने आए या ना आए कर्म हमसे मिलने जरूर आएंगे हमारे कोई मिलने आए या ना आए कर्म हमसे मिलने जरूर आएंगे हमारे - ShareChat
#🌷शुभ रविवार । मित्र, मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर, सविता, सूर्य, अर्क, खग, कलिहर, पूषा, रवि, आदित्य, नाम लै, हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै। द्वादस नाम प्रेम सो गावैं, मस्तक बारह बार नवावै।
🌷शुभ रविवार - THE DEVOTEE मित्र, मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर सविता, सूर्य, अर्क, खँग , कलिहर, पूषा, रवि, आदित्य, नाम लै, हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै। द्वादस नाम प्रेम सो गावैं, मस्तक बारह बार नवावै। सूर्य देव की जय THE DEVOTEE मित्र, मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर सविता, सूर्य, अर्क, खँग , कलिहर, पूषा, रवि, आदित्य, नाम लै, हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै। द्वादस नाम प्रेम सो गावैं, मस्तक बारह बार नवावै। सूर्य देव की जय - ShareChat
#❤️जीवन की सीख #🥰Express Emotion #☝ मेरे विचार
❤️जीवन की सीख - कब से हे कन ये हालात तय करते है औरकमाना कब तकहै ये औलाद तय करती है ७०० कब से हे कन ये हालात तय करते है औरकमाना कब तकहै ये औलाद तय करती है ७०० - ShareChat
#🪔शनि प्रदोष व्रत 🚩 . . प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) क्या है? प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है। यह व्रत हर महीने में दो बार आता है— कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि (तेरहवीं तिथि) को रखा जाता है। महत्व (Significance) * प्रदोष काल: प्रदोष व्रत की पूजा विशेष रूप से प्रदोष काल में की जाती है। 'प्रदोष काल' सूर्यास्त के बाद और रात्रि के आने से पहले का समय होता है। * शिव-पार्वती का नृत्य: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि प्रदोष काल में भगवान महादेव (शिव) कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं और सभी देवता उनकी स्तुति करते हैं। इसलिए इस समय शिव की पूजा करने से वे बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। * फल: यह व्रत सभी प्रकार के दोषों को मिटाने वाला और शिव कृपा प्रदान करने वाला माना जाता है। इसे करने से संतान सुख, अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यह व्रत करके भक्त दो गाय दान करने के बराबर पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं। प्रकार (Types) प्रदोष व्रत सप्ताह के जिस दिन पड़ता है, उसके अनुसार इसका नाम और महत्व बदल जाता है: | वार (Day) | नाम | लाभ (Benefits) | |---|---|---| | सोमवार (Monday) | सोम प्रदोष | इच्छा पूर्ति, शांति और उत्तम स्वास्थ्य। | | मंगलवार (Tuesday) | भौम प्रदोष | रोगों से मुक्ति और कर्ज से छुटकारा। | | बुधवार (Wednesday) | सौम्य प्रदोष | शिक्षा, ज्ञान और सभी कामनाओं की पूर्ति। | | गुरुवार (Thursday) | गुरु प्रदोष | शत्रु नाश और पितरों का आशीर्वाद। | | शुक्रवार (Friday) | भृगुवारा प्रदोष | सौभाग्य में वृद्धि और धन-संपदा की प्राप्ति। | | शनिवार (Saturday) | शनि प्रदोष | संतान प्राप्ति, दीर्घायु और शनिदेव की कृपा। | | रविवार (Sunday) | रवि प्रदोष | अच्छी सेहत, मान-सम्मान और लंबी उम्र। | पूजा विधि (Puja Vidhi) प्रदोष व्रत की पूजा मुख्य रूप से प्रदोष काल में की जाती है। * व्रत का संकल्प: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। हाथ में जल लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। * दिनभर का उपवास: दिन भर निर्जल (बिना पानी) या फलाहार (केवल फल और पानी) रहकर उपवास करें। अन्न और नमक का सेवन नहीं किया जाता है। * सायंकाल की तैयारी: सूर्यास्त से ठीक पहले या प्रदोष काल के आरंभ में एक बार फिर स्नान करें। * पूजा: घर के मंदिर में या शिव मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें। * सामग्री: शिवलिंग पर बेल पत्र, गंगाजल, दूध, दही, शहद, अक्षत (चावल), धूप-दीप, धतूरा, भांग और सफेद फूल अर्पित करें। * मंत्र जाप: "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें। * कथा और आरती: प्रदोष व्रत की कथा सुनें और अंत में आरती करें। * पारण (व्रत खोलना): पूजा समाप्त होने के बाद आप जल ग्रहण कर सकते हैं। व्रत का पारण (व्रत खोलना) अगले दिन चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। यह व्रत स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
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#🪔शुभ शनिवार🙏 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #☝ मेरे विचार #🥰Express Emotion #❤️जीवन की सीख
🪔शुभ शनिवार🙏 - मुश्किलें स्थाई नहीं होती समय के साथ हालात ননলন ঔ, इसलिए तनाव लेने के बेहतर है। बजाय धैर्य रखना मुश्किलें स्थाई नहीं होती समय के साथ हालात ননলন ঔ, इसलिए तनाव लेने के बेहतर है। बजाय धैर्य रखना - ShareChat
#🪔शुभ शनिवार🙏
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#🙏🏻आध्यात्मिकता😇 . .. एकादशी चंद्र चक्र का 11वाँ दिन है। इस दिन हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से भोजन की माँग नहीं करता। इस दिन उपवास करने से शरीर की शुद्धि होती है और हमारी चेतना अंतर्मुखी होती है। आज रात भोजन करने के बाद, आप अगले भोजन तक उपवास कर सकते हैं। यदि आप पूर्ण उपवास नहीं कर सकते, तो इस दिन हल्का, फलाहार करना भी लाभदायक होता है। 🚩🙏🚩🙏🚩🙏🌺🌺🌺🚩🙏🌺🚩🙏🌺🚩🙏🌺 . . . #thedevotee #ekadshi #ekadashi #एकादशी #bhaktipage #sanatan #sanatandharma🚩🙏 #hinduism
🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - एकादश्षी ad एकादश्षी ad - ShareChat
अच्छा नहीं होता "ज्यादा" अच्छा होना... । । #📜 Whatsapp स्टेटस #❤️जीवन की सीख #☝ मेरे विचार #🥰Express Emotion
📜 Whatsapp स्टेटस - Realisedo अच्छा नहीं होता ज्यादा अच्छा होना। Realisedo अच्छा नहीं होता ज्यादा अच्छा होना। - ShareChat