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#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - पा लेने की बेचैनी और खो देने का डर इतना ही है बस जिंदगी का सफर ।। पा लेने की बेचैनी और खो देने का डर इतना ही है बस जिंदगी का सफर ।। - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - जब सफर में अकेला चलना आ जाए खुद से अच्छा हम सफर कोई नहीं जब सफर में अकेला चलना आ जाए खुद से अच्छा हम सफर कोई नहीं - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - सबसे मुश्किल काम है, समेटना %<484. ೦೦[ बातें हो , रिश्ते हों, या फिर, बिखरा हुआ घर..!! सबसे मुश्किल काम है, समेटना %<484. ೦೦[ बातें हो , रिश्ते हों, या फिर, बिखरा हुआ घर..!! - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - P~ g| =ka122 आने वाला कितना भी बेहतरीन क्यों ना हो. जाने वाले की जगह नहीं ले सकता P~ g| =ka122 आने वाला कितना भी बेहतरीन क्यों ना हो. जाने वाले की जगह नहीं ले सकता - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - #2 ೬೬ < n 19 Eklatzz "काश" से लेकर " खैर" तक का सफर रोज तय करती है जिंदगीः #2 ೬೬ < n 19 Eklatzz "काश" से लेकर " खैर" तक का सफर रोज तय करती है जिंदगीः - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी #🥰Express Emotion
✍️ अनसुनी शायरी - जो लोग अंदर से मर जाते हैं को जीना सिखाते ' अक्सर वही ' 100 নুমযী নান कलयुग.कीः जो लोग अंदर से मर जाते हैं को जीना सिखाते ' अक्सर वही ' 100 নুমযী নান कलयुग.कीः - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - रुतबा तो खामोशियों का मायने रखता है, तो मुकर जाते हैं हालात देख कर., अल्फ़ाज़ ' रुतबा तो खामोशियों का मायने रखता है, तो मुकर जाते हैं हालात देख कर., अल्फ़ाज़ ' - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी #🥰Express Emotion
✍️ अनसुनी शायरी - ये दुनिया भरोसे के लायक नहीं, क्योंकि इसकी हमदर्दी मे भी धोखा  है। ये दुनिया भरोसे के लायक नहीं, क्योंकि इसकी हमदर्दी मे भी धोखा  है। - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - No matter how loyal you are एक वक्त के बाद सबका मन आपसे भर जाएगा ! Gulza ghiazals No matter how loyal you are एक वक्त के बाद सबका मन आपसे भर जाएगा ! Gulza ghiazals - ShareChat
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी #🥰Express Emotion
✍️ अनसुनी शायरी - मुझे रास आने लगी है तन्हाईयाँ मेरी अब आप अपने वक्त का डालिए अचार तासीर _ ए ज़हर मुझे रास आने लगी है तन्हाईयाँ मेरी अब आप अपने वक्त का डालिए अचार तासीर _ ए ज़हर - ShareChat