RAGHUVEER TIWARI "YOGI"
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RAGHUVEER TIWARI "YOGI"
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TEACHER, COUNCILLOR, POET, ARTIST, SOCIAL WORKER
🚩 आप सबई जनन को दशहरे की राम राम 🙏 विजयादशमी का यह पर्व आपके जीवन से अंधकार और दुखों का अंत करके, खुशियों और प्रकाश की नई शुरुआत करे। बुराई पर अच्छाई की जीत का यह पर्व आपके दिल को नई उम्मीद, हौंसले और सकारात्मक ऊर्जा से भर दे। आपके घर-परिवार में सदैव प्रेम, शांति और सफलता का विजयध्वज फहराता रहे। आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं ! 💐🙏💐 #🏹दशहरा Status⌛ #🏹शस्त्र पूजा और मुहूर्त📚 #🙏जय माता दी📿 #विजयादशमी #
🏹दशहरा Status⌛ - ।रवण ढहन।। "इतने वर्षों से जला रहे, फिर भी रावण जिंदा है। रावण के न मर पाने सेये मानवता शर्मिंदा है।। पहले तो केवल एक ही था, आज मग२ जाने कितने। छुपे हुए मानव तन में, ये वहशी और दरिंदा हैं।। न जाने कब जाग उठे, किसके भीतर का रावण। काम क्रोध मद लोभ बैर बन, बसा हुआ है अंतर्मन।। का,जो फिर भी न संहार करेंगे। इन मन में बैठे दनुजों तो मनुज देह देने वाले, देव हमें धिक्कार करेंगे।। तब '्योशी' धरती से रावण, मिटा नहीं पाओगे। सालों साल दशहरे पर, कितना भी उसे जलाओगे।।" ২৪্ুনী২ নিনাথী সীর্গী ue Yogi uote.in Youri ।रवण ढहन।। "इतने वर्षों से जला रहे, फिर भी रावण जिंदा है। रावण के न मर पाने सेये मानवता शर्मिंदा है।। पहले तो केवल एक ही था, आज मग२ जाने कितने। छुपे हुए मानव तन में, ये वहशी और दरिंदा हैं।। न जाने कब जाग उठे, किसके भीतर का रावण। काम क्रोध मद लोभ बैर बन, बसा हुआ है अंतर्मन।। का,जो फिर भी न संहार करेंगे। इन मन में बैठे दनुजों तो मनुज देह देने वाले, देव हमें धिक्कार करेंगे।। तब '्योशी' धरती से रावण, मिटा नहीं पाओगे। सालों साल दशहरे पर, कितना भी उसे जलाओगे।।" ২৪্ুনী২ নিনাথী সীর্গী ue Yogi uote.in Youri - ShareChat
#जय_माँ_कलेही माँ दुर्गा की कृपा सदा आप पर बनी रहे। सुख, शांति, स्वास्थ्य और सफलता आपके जीवन में आये। दुर्गा नवमी के इस पावन अवसर पर, आप सभी को सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं! 💐🙏 #दुर्गा_नवमी #जय #dur #🙏जय माता दी📿 #🙏नवरात्रि Status🙏 #🙏 माँ वैष्णो देवी
जय - नवरात्र पर घर घर विराजी , मां की पावन मूर्ति। "योगी" श्रद्धा भक्ति की, ज्योति जगे हर सूरती। दुख शोक सारा नाश होगा, आनंद की होगी लहर, शक्ति की आराधना से, आशाओं की हो पूर्ति।। रघुवीर तिवारी "योगी" ٥ YOGI uote.in Your नवरात्र पर घर घर विराजी , मां की पावन मूर्ति। "योगी" श्रद्धा भक्ति की, ज्योति जगे हर सूरती। दुख शोक सारा नाश होगा, आनंद की होगी लहर, शक्ति की आराधना से, आशाओं की हो पूर्ति।। रघुवीर तिवारी "योगी" ٥ YOGI uote.in Your - ShareChat
🚩 💐जय माँ कलेही💐 🚩 "माँ दुर्गा की असीम कृपा से आपका जीवन सुख, समृद्धि और शक्ति से आलोकित हो। आप सभी को सपरिवार पावन दुर्गा अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं..!" 💐🙏💐 #नवरात्रि #अष्टमी
नवरात्रि - uotein Your "देश यह खुशहाल हो, यह है हमाशी प्राथना। "योशी॰ मन निर्मल बने, शुध्द हो हर भावना। ज्ञान का दे दान ढख तमस का मां नाश कर, पर कर रहे, मां आपसे यह याचना।।९ ٤٠٨٤٠ रघुवीर तिवारी " योशी॰ uotein Your "देश यह खुशहाल हो, यह है हमाशी प्राथना। "योशी॰ मन निर्मल बने, शुध्द हो हर भावना। ज्ञान का दे दान ढख तमस का मां नाश कर, पर कर रहे, मां आपसे यह याचना।।९ ٤٠٨٤٠ रघुवीर तिवारी " योशी॰ - ShareChat
"प्रतिफल पुण्य का, ये सृष्टि का वरदान हैं।" #Happy_Daughters_Day🌝♥️😘
Happy_Daughters_Day🌝♥️😘 - "बेटियां आंगन की तुलसी और घर की शान है। घर में है रौनक इन्हीं से, खुशियों काये गान है। जन्म से पहले ही इनको, कोख में मारो नहीं। योगी प्रतिफल पुण्य का, ये सृष्टि का वरदान है।।" तिवारी "योगी" रघुवीर পনন, লিলা पन्ना ( मःप्र ) 7 7000483272 e Vogi uotein Your "बेटियां आंगन की तुलसी और घर की शान है। घर में है रौनक इन्हीं से, खुशियों काये गान है। जन्म से पहले ही इनको, कोख में मारो नहीं। योगी प्रतिफल पुण्य का, ये सृष्टि का वरदान है।।" तिवारी "योगी" रघुवीर পনন, লিলা पन्ना ( मःप्र ) 7 7000483272 e Vogi uotein Your - ShareChat
जीवन अस्थायी और अप्रत्याशित है, इसे समझ पाना बेहद कठिन है। मन कुछ दिनों से विचलित था, इस रचना के माध्यम से मन के विचारों को अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया है। आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है। 💐🙏 #हिंदी साहित्य #कविता #जीवन
हिंदी साहित्य - जीवन का कुछ भी पता नहीं, न जाने कब क्या हो जाए।। कभी छांव, बिना रुके, बढ़ते ये पांव। कभी धूप तो कभी सफर आसान लगे , कभी ये बोझिल हो जाए।। अनजाने ही इन राहों में, कौन मोड़ कब आ जाए। हंसता मुस्काता मधुवन , जाने कब पतझड़ हो जाए।। जब याद हमें तड़पाती है, आँखें बरबस भर आती हैं। कभी हंसी कभी रुदन, जो रहा जाग कब सो जाए।। धारा वायु जल अनल गगन, ये पंचभूत से बना बदन। कब पंच तत्व के यौगिक का, खुद में ही विसर्जन हो जाए।। कारवां न रुकता है कभी, यहां आते जाते हैं सभी। "योगी" साथी जो यहां अभी , कौन कहां कब खो जाए।। [ जीवन का कुछ भी पता नहीं, न जाने कब क्या हो जाए।। रघुवीर तिवारी "योगी" 0 YOGI Your uotein जीवन का कुछ भी पता नहीं, न जाने कब क्या हो जाए।। कभी छांव, बिना रुके, बढ़ते ये पांव। कभी धूप तो कभी सफर आसान लगे , कभी ये बोझिल हो जाए।। अनजाने ही इन राहों में, कौन मोड़ कब आ जाए। हंसता मुस्काता मधुवन , जाने कब पतझड़ हो जाए।। जब याद हमें तड़पाती है, आँखें बरबस भर आती हैं। कभी हंसी कभी रुदन, जो रहा जाग कब सो जाए।। धारा वायु जल अनल गगन, ये पंचभूत से बना बदन। कब पंच तत्व के यौगिक का, खुद में ही विसर्जन हो जाए।। कारवां न रुकता है कभी, यहां आते जाते हैं सभी। "योगी" साथी जो यहां अभी , कौन कहां कब खो जाए।। [ जीवन का कुछ भी पता नहीं, न जाने कब क्या हो जाए।। रघुवीर तिवारी "योगी" 0 YOGI Your uotein - ShareChat
क्या कहूं, किसे कहूं ! #कविता #हिंदी साहित्य
कविता - "क्या कहूं, किससे कहूं.. ! वक्त बहता जा रहा है। अश्रु सूखा जा रहा है। इस भावना के ज्वार में। @ನ[ @ಾ೯್ ! अब नाव मैं, पतवार मैं। 0 किखाख क्हू॰॰॰ तन्हाइयों से क्यों डरूं..। l द्वार सारे बंद हो जब। हर तरफ धुंध हो जब। नजर आता न रास्ता है। मंजिल से भी न वास्ता है। क्यों दीप बन खुद न जलूं..।। ये टुकड़ों में टूटी सांस है। किसी से न कोई आस है। अब मौन है। यह अधर भी सोचो हमराह पथ में कौन है। '्योगी' क्यों न यह मंथन करूँ... ।। क्या कहूं ,   किससे कहूं.. ! रघुवीर तिवारी '्योगी' Yogi "क्या कहूं, किससे कहूं.. ! वक्त बहता जा रहा है। अश्रु सूखा जा रहा है। इस भावना के ज्वार में। @ನ[ @ಾ೯್ ! अब नाव मैं, पतवार मैं। 0 किखाख क्हू॰॰॰ तन्हाइयों से क्यों डरूं..। l द्वार सारे बंद हो जब। हर तरफ धुंध हो जब। नजर आता न रास्ता है। मंजिल से भी न वास्ता है। क्यों दीप बन खुद न जलूं..।। ये टुकड़ों में टूटी सांस है। किसी से न कोई आस है। अब मौन है। यह अधर भी सोचो हमराह पथ में कौन है। '्योगी' क्यों न यह मंथन करूँ... ।। क्या कहूं ,   किससे कहूं.. ! रघुवीर तिवारी '्योगी' Yogi - ShareChat
*"सभी गर्व से बोलें पताका विश्व में फहरे।* *हर हिदुस्तानी का यही अरमान है हिंदी।।"* आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...! 🪷 🙏🏻 *रघुवीर तिवारी "योगी"* #हिन्दी #हिन्दी दिवस
हिन्दी - "हमारी राष्ट्रभाषा, देश का अभिमान है हिंदी। हिन्दी सम्मान है हिंदी। 3k मूल्य, संवेदना , भाव का, देश के भाल की बिंदी। अलंकार भारत 'योगी   देशभक्तों की निज पहचान है हिंदी।। एकता, सद्भावना का प्राण है हिंदी। देश   की मां भारती का यह अमित   गुणगान है हिंदी। 3k & বাস ম 7/447 तक बुढ़ापे ef , 'योगी साथ जो हर पल, हमारी जान है हिंदी।। { विज्ञान है हिंदी। समृद्ध व्याकरण भाषा का संगत की खान है हिंदी। बृहद भंडार शब्दों , गुणों. ये पताका विश्व में फहरे। सभी   गर्व से बोलें है हिंदी।। हिंदुस्तानी का . यही ೯ अरमान गीत नौ रस छंद काव्य और तान है हिंदी। JTUTQT और रसखान है हिंदी 1 সুহ মীহা পন . Jerf मां भारती के चरणो में ,नमन वंदन समर्पण है। हम पुत्र हिंदी के , हमें वरदान है हिंदी।।" அள Yourl uotein तिवारी " योगी" रघुवीर "हमारी राष्ट्रभाषा, देश का अभिमान है हिंदी। हिन्दी सम्मान है हिंदी। 3k मूल्य, संवेदना , भाव का, देश के भाल की बिंदी। अलंकार भारत 'योगी   देशभक्तों की निज पहचान है हिंदी।। एकता, सद्भावना का प्राण है हिंदी। देश   की मां भारती का यह अमित   गुणगान है हिंदी। 3k & বাস ম 7/447 तक बुढ़ापे ef , 'योगी साथ जो हर पल, हमारी जान है हिंदी।। { विज्ञान है हिंदी। समृद्ध व्याकरण भाषा का संगत की खान है हिंदी। बृहद भंडार शब्दों , गुणों. ये पताका विश्व में फहरे। सभी   गर्व से बोलें है हिंदी।। हिंदुस्तानी का . यही ೯ अरमान गीत नौ रस छंद काव्य और तान है हिंदी। JTUTQT और रसखान है हिंदी 1 সুহ মীহা পন . Jerf मां भारती के चरणो में ,नमन वंदन समर्पण है। हम पुत्र हिंदी के , हमें वरदान है हिंदी।।" அள Yourl uotein तिवारी " योगी" रघुवीर - ShareChat
अपने खून - पसीने से देश के विकास को गति देने वाले श्रमिकों को समर्पित मेरे शब्द सुमन... ✍️ #मजदूर विकास संघ #श्रमिक #मज़दूर
मजदूर विकास संघ - शिखर हैं सम्मुख अभावों के, पर अविरल पथ पर बढ़ता हूं| मुझसे ही कोठी बंगले, पर गहन तिमिर से लड़ता हूं। जगमग 'योगी' खून पसीने से लिखता , विकास की नई इबारत को। मैं श्रमिक न देखूं अपने छाले , मैं यह देश निरंतर गढ़ता हूं Il  रघुवीर तिवारी "योगी " 0 YOGI ~  in uote Youn शिखर हैं सम्मुख अभावों के, पर अविरल पथ पर बढ़ता हूं| मुझसे ही कोठी बंगले, पर गहन तिमिर से लड़ता हूं। जगमग 'योगी' खून पसीने से लिखता , विकास की नई इबारत को। मैं श्रमिक न देखूं अपने छाले , मैं यह देश निरंतर गढ़ता हूं Il  रघुवीर तिवारी "योगी " 0 YOGI ~  in uote Youn - ShareChat
ग्रामोदय विश्वविद्यालय - दूरवर्ती शिक्षा #distance #Education
distance - GRAMODAYA UNIVERSITY [@GBಖ0yD BEHIND NANGAL BHAIIAN ADMISSION OPEN PAWAI 2025-26 Your Next Big SteD Starts Here DEGREE COURSE MSC1 MSW MLib MA | | BSC, BCom; 0BA, BLib DIPLOMA IN- Computer; YOGA, JYOTISH CODE - 542133 ०JOURNALISM HUMAN RIGHTS MR RAMVEER TIWARI CALL TO APPLY : 7999882073, 7000483272 GRAMODAYA UNIVERSITY [@GBಖ0yD BEHIND NANGAL BHAIIAN ADMISSION OPEN PAWAI 2025-26 Your Next Big SteD Starts Here DEGREE COURSE MSC1 MSW MLib MA | | BSC, BCom; 0BA, BLib DIPLOMA IN- Computer; YOGA, JYOTISH CODE - 542133 ०JOURNALISM HUMAN RIGHTS MR RAMVEER TIWARI CALL TO APPLY : 7999882073, 7000483272 - ShareChat
कोई भी पद हो..शिक्षक से बड़ा नहीं होता। # #TeachersDay🌷 #शिक्षक दिवस #शिक्षक
TeachersDay🌷 - बिन, यह राष्ट्र बढ़ा नहीं होता। प्रगति पथ पर उनके बिन प्रज्ञा सफलता की कोई सीढ़ी चढा नहीं होता। संत्री मंत्री, राष्ट्रपति तक, जिसने खुद ही गढ़ डाले। हो, शिक्षक से बड़ा नहीं होता। "योगी" कोई भी पद रघुवीर तिवारी " योगी" 0 ٧06/ P Your uot 0n] बिन, यह राष्ट्र बढ़ा नहीं होता। प्रगति पथ पर उनके बिन प्रज्ञा सफलता की कोई सीढ़ी चढा नहीं होता। संत्री मंत्री, राष्ट्रपति तक, जिसने खुद ही गढ़ डाले। हो, शिक्षक से बड़ा नहीं होता। "योगी" कोई भी पद रघुवीर तिवारी " योगी" 0 ٧06/ P Your uot 0n] - ShareChat