गुनाह और तौबा — जब अल्लाह दरवाज़ा बंद नहीं करता
कभी तू सोचता है — “मैं बहुत गिर चुका हूँ, अब मुझसे अल्लाह राज़ी कैसे होगा?”
तू जान ले… अल्लाह गुनाहों को नहीं गिनता, वो बस तेरी एक सच्ची तौबा का इंतज़ार करता है। 🌧️
✨ “ऐ मेरे बंदो जिन्होंने अपने ऊपर ज़ुल्म किया है,
अल्लाह की रहमत से मायूस मत हो,
क्योंकि अल्लाह सारे गुनाह माफ़ कर देता है।”
— (Surah Az-Zumar 39:53)
तू चाहे कितना भी बुरा बन जाए, अल्लाह फिर भी तुझे “अपना बंदा” कहता है। तू जब रोता है, तो तेरे आँसू ज़मीन पर नहीं गिरते, वो आसमान तक पहुँचते हैं —
जहाँ रहमत का दरवाज़ा खुला रहता है। 🤍 🕊️ गुनाह तुझे गिराता है, पर तौबा तुझे फिर से उठा देती है। अल्लाह कहता है — “तू एक कदम मेरी तरफ़ बढ़ा, मैं दस कदम तेरी तरफ़ बढ़ूंगा।” तो आज ही लौट आ… क्योंकि अल्लाह का दरवाज़ा आज भी खुला है।
और शायद कल न हो…
🌸 Dua: “ऐ अल्लाह, हमें हमारी गलतियों से तौबा की तौफ़ीक़ दे, हमारे गुनाहों को रहमत में बदल दे, और हमें उन बंदों में शामिल कर जो लौट आने से कभी शर्माते नहीं।” 🤲
#🤲आमीन सुम्मा आमीन ⚊ يَا رَبَّ الْعَالَمِيْن 🤲
Tauba 🌙
AllahsMercy 🕊️
HeartOfIslam 💧