#बटुकेश्वर दत्त जयंती 🇮🇳💕💕
“अब तो आँखों में गम-ए-हस्ती के पर्दे पड़ गए,
अब कोई हुस्ने मुजस्सिम बेनक़ाब आया तो क्या।”
“मैं, सपने में भी नहीं सोच सकता था कि उस दिल्ली में जहाँ मैंने बम डाला था,
एक अपाहिज की तरह स्ट्रेचर पर लादा जाऊंगा।” – बटुकेश्वर दत्त ( 18 नवंबर 1910 – 20 जुलाई 1965)
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर क्रांतिकारी, माँ भारती के अमर सपूत, “शहीद बटुकेश्वर दत्त जी” की 115वीं जयंती पर उन्हें शत शत नमन !
उनका अमर बलिदान सदैव देशभक्ति, साहस और स्वतंत्रता के प्रति अटूट संकल्प का प्रेरक प्रतीक बना रहेगा।
#महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त जी #बटुकेश्वर दत्त #🇮🇳 देशभक्ति