भारतीय संविधान के निर्माता एवं संविधान के प्रारुप समिति के अध्यक्ष एवं मानवाधिकार आदोलन के प्रकांड विद्वता भारत रत्न स्व बाबा साहेब डा० भीमराव अम्बेडकर जी के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस पर मैं उन्हें कोटिशः नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.बाबा साहेब डा भीम राव अम्बेडकर जी अछूत माने जाने वाली महार जाति के थे.आप का जन्म मध्यप्रदेश के महू नामक स्थान में हुआ था.आप की माताजी का नाम श्रीमती भीमाबाई तथा पिताजी का नाम रामजी मालोजी सकपाल जी था.बचपन से ही आप को भेदभाव और सामाजिक दुराव से गुजरना पड़ा.बचपन से ही आप मेधावी छात्र थे.मेधावी छात्र होने के बाद भी आप के साथ स्कूल में भेदभाव का व्यवहार किया जाता था.इस समय छूछाछूत की समस्या भी समाज में वृहद स्तर पर थी जिससे पढ़ाई लिखाई में आप को बहुत समस्या आई लेकिन इन सब की परवाह किये बगैर आप ने अपनी स्कूली शिक्षा पुरी की.1913 ई में आप ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से ला इकोनोमिक्स और पोलिटिकल साइंस की डिग्री प्राप्त की.आप के पास कुल 32 डीग़्रीया तथा 9 भाषाओं का ज्ञान था.देश की आज़ादी के बाद आप देश के पहले कानून मंत्री बने.सन् 1990 ई में आप को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया गया.आप ने समाज के कमजोर तथा दबे कुचले लोगों को समान अधिकार दिलाने तथा अपना पुरा जीवन सामाजिक बुराईयों से लड़ने तथा समाज को एकजुट करने में लगा दिया.आप की समाधि स्थल का नाम चैत्य भूमि है।आप ने संविधान में हम भारतीयों को 6 अधिकार दिये ताकि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति से भेदभाव न कर सके जो इस प्रकार है.(1)समानता का अधिकार (2)स्वतंत्रता का अधिकार (3)शोषण के विरुद्ध अधिकार (4)धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (5)सास्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (6)संवैधानिक उपचारों का अधिकार.आइए हम सभी भारतीय आज संकल्प लें कि हम लोग समाज में किसी से भेदभाव नही करेंगे तथा हमेशा एक भारतीय नागरिक बन के समाज को एकजुट रखेगे क्योंकि अंबेडकर जी ने कहा था कि "हम लोग शुरू से लेकर अंत तक केवल भारतीय हैं ".आज के दिन यही काम कर के हम बाबा साहेब डा भीम राव अम्बेडकर जी को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं.शत् शत् नमन (6 दिसंबर 1956 ई)🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇬🇬☪🕉🇬🇪🙏
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