बाबा साहब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को समर्पित 📜
वो मसीहा बनके आए, युगों की प्यास बुझाने को,
अंधेरों को मिटाकर, ज्ञान की शमा जलाने को।
सहमे हुए, कुचले हुए इंसानों को आवाज़ दी,
दबे-कुचलों को हक दिलाने, एक नई आधार दी।
पढ़ाई की राह चुनी, दर्द को अपनी ढाल बनाया,
विदेशी भूमि पर भी, अपने ज्ञान का परचम लहराया।
संविधान लिखकर रचा, एक ऐसा न्याय का महल,
जहाँ हर इंसान हो बराबर, न हो कोई भेदभाव का छल।
वो थे अधिकारों के प्रहरी, हर वंचित का सहारा,
उनके विचारों से हुआ, देश का उज्जवल किनारा।
एकता, समानता और बंधुत्व का दिया मंत्र महान,
मिट्टी के हर कण को सिखाया, कैसे जिएँ स्वाभिमान।
वो संघर्ष का प्रतीक थे, वो क्रांति की मिसाल,
#bhim उनके दिखाए रास्ते पर चलकर, बदले कितने हाल।
उनका जीवन है एक अमर कथा, प्रेरणा का भंडार,
अंधेरे से लड़ने वालों को, देते हैं रोशनी अपार।
करोड़ों दिलों में वो आज भी ज़िंदा हैं एक एहसास बनकर,
वो युगपुरुष, वो बोधिसत्व, बाबा साहब अम्बेडकर।
जय भीम, जय भारत!
क्या आप उनके जीवन या विचारों से संबंधित कोई