🌑 8वें भाव में राहु और ससुराल संबंध
ससुराल में गलतफहमी या दूरी – राहु भ्रम और असमंजस देता है। इसलिए व्यक्ति को ससुराल पक्ष से भावनात्मक दूरी या गलतफहमी झेलनी पड़ सकती है।
गुप्त बातें और रहस्य – कई बार ससुराल में ऐसी बातें होती हैं जो सामने नहीं आतीं; व्यक्ति को सच्चाई समझने में समय लगता है।
अचानक लाभ या हानि – ससुराल से अचानक धन या सहयोग मिल सकता है, लेकिन उतनी ही अचानक हानि भी हो सकती है।
विदेशी या अलग पृष्ठभूमि वाला ससुराल – राहु विदेशी तत्वों का कारक है, इसलिए जीवनसाथी या ससुराल का परिवेश पारंपरिक से अलग हो सकता है।
कर्मिक रिश्ता (Karmic Bond) – राहु यहां पुराने जन्मों का गहरा कर्मिक ऋण दिखाता है, जो ससुराल से जुड़े अनुभवों के रूप में आता है।
🕉️ उपाय (Upay)
शनिदेव और राहु दोनों के लिए शनिवार को तेल का दीपक जलाना।
“ॐ राहवे नमः” का 108 बार जाप।
ससुराल के प्रति सम्मान और सहनशीलता बनाए रखना – राहु भ्रम तभी तोड़ता है जब विनम्रता आती है।
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