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PRATHAM ALOR BARTA
535 views 15 hours ago
মুখ্যমন্ত্রীর পুজো কার্নিভাল - এক নজরে নির্ঘন্ট পুজো একদম শেষ। আজ থেকেই শুরু প্রতিমা নিরঞ্জন। আর সঙ্গে সঙ্গেই শুরু হয়ে যাবে মুখ্যমন্ত্রীর সাধের পুজো কার্নিভালের প্রস্তুতি। তবে কার্নিভাল কবে? তা নিয়েই এখন প্রশ্ন সকলের। আজ থেকেই শুরু হচ্ছে প্রতিমা নিরঞ্জন। ২,৩ ও ৪ অক্টোবর হবে প্রতিমা নিরঞ্জন। গঙ্গার বিভিন্ন ঘাটে হবে এই বিসর্জন। এর পরেই অর্থাৎ ৫ অক্টোবর হবে কার্নিভাল। ৩১ জুলাই নেতাজি ইন্ডোরে সমস্ত পুজো কমিটি গুলোকে নিয়ে বৈঠকে এই সিদ্ধান্ত জানান মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। পাঁচ দিনের পুজোতে প্রচুর মানুষ দূর দূরান্ত থেকে এসেছেন কলকাতায় ঠাকুর দেখতে। কার্নিভালে এই সমস্ত ঠাকুর ফের দেখার সুযোগ পাবেন দর্শকরা। পুজোর মধ্যে প্রচুর ভিড়ে অনেকেই সব ঠাকুর দেখার সুযোগ পাননি। ফলে এই কার্নিভালেই তাদের সামনে শেষ সুযোগ। আর সে কারণেই পুজো শেষ হতেই কার্নিভাল কবে তা নিয়ে প্রশ্ন জাগে মানুষের মনে। এই কার্নিভালের পাস জোগাড় করতেও রীতিমত চাপে পড়তে হয়। বছর কয়েক আগে বাঙালির শ্রেষ্ঠ উৎসবকে ‘ইনট্যানজিবল কালচারাল হেরিটেজ’ হিসেবে স্বীকৃতি দিয়েছে ইউনেস্কো। আর তারপর থেকে বাংলায় দুর্গাপুজোর আনন্দ আরও কয়েকগুণ বেড়েছে। আয়োজনও খানিক ক্রমবর্ধমান। প্রতি বছর রেড রোডে বড় করে প্রতিমা বিসর্জনের অনুষ্ঠানে উপস্থিত থাকেন মুখ্যমন্ত্রী নিজে। থাকেন বিদেশি অতিথিরাও। এবারও তাঁদের সকলকে নিয়ে কার্নিভাল করতে চান মুখ্যমন্ত্রী। #political
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PRATHAM ALOR BARTA
585 views 3 days ago
ষষ্ঠীর সন্ধ্যায় সজল ঘোষের পুজো মন্ডপে আলো করে রাজন্যা ও প্রান্তিক কি ব্যাপার? এর মধ্যে কি কোনো রাজনীতির গন্ধ আছে? আছে কোনো নতুন রাজনৈতিক সমীকরণ? প্রশ্ন নাগরিক মহলের। তাঁদের ২ জনকে সাসপেন্ড করেছে তৃণমূল ছাত্র পরিষদ। শাসকদলের ছাত্র সংগঠনের সেই দুই নেতা নেত্রী প্রান্তিক চক্রবর্তী ও রাজন্যা হালদারকে নিয়ে পুজোতেও নতুন গুঞ্জন। বিজেপি কাউন্সিলর সজল ঘোষের পুজো হিসেবে পরিচিত সন্তোষ মিত্র স্কোয়ারে দেখা গেল তাঁদের। এর পিছনে কি রাজনৈতিক কোনও বার্তা রয়েছে? কী বলছেন সজল ঘোষ? কী বলছেন রাজন্যা ও প্রান্তিক? সন্তোষ মিত্র স্কোয়ারে পুজো নিয়ে এমনিতে প্রশাসনের সঙ্গে সজল ঘোষের টানাপোড়েন চলছে। রোজ পুলিশের বিরুদ্ধে সরব হচ্ছেন তিনি। তার মধ্যেই এদিন সন্তোষ মিত্র স্কোয়ারে দেখা গেল রাজন্যা ও প্রান্তিককে। রাজন্যারা কেন তার মন্ডপে? প্রশ্ন শুনেই সজল বললেন, “সব কিছুতে রাজনীতি খোঁজার কী আছে। এখানে রাজনীতির কী আছে? ও (রাজন্যা) আমার বোনের মতো। আমরা কখনও টিভিতে লড়াই করেছি। কখনও আমাদের ব্যক্তিগত সম্পর্ক রয়েছে। সেটা থাকবে। এরকম আরও অনেকে আসেন। তোমরা দেখতে পাও না। রাজন্যা আগেও আসতেন।” সজলের পাশে তখন দাঁড়িয়ে রয়েছেন রাজন্যা ও প্রান্তিক। সজল যখন কথাগুলি বলছিলেন, বারবার মাথা নেড়ে তাঁকে সমর্থন করেন প্রান্তিক। সজলকে প্রশ্ন করা হয়, তাহলে তৃণমূলের নেতা-নেত্রীর পা পড়ল আপনার পুজোয়? প্রশ্ন শুনেই তাঁর জবাব, “ওকে (রাজন্যা) আমি আর তৃণমূল ধরছি না। ও সত্যিকে সত্যি বলে। দেরিতে হলেও বলেছে।” #political #political
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K. VISHVAKARMA
628 views 6 days ago
USA का 50% से ज्यादा परमाणु USA ने पाकिस्तान में भंडारण किया हुआ है। (जहां इंडियन आर्मी की मिसाइल्स हिट कर चुकी थी, सिर्फ एक से दो दिन और मिलते इंडियन आर्मी को, तो पाकिस्तान के साथ USA का परमाणु भंडारण भी स्वाहा होता और नुकसान की तो कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। बस यहीं से जोकर ट्रंप का रोना शुरू हुआ और लाखों नहीं करोड़ों की जान बचाने के लिए मोदीजी को स्ट्राइक रोकनी पड़ी थी। वैसे *ऑपरेशन*🔴*सिंदूर*.अभी.जारी.है* सिर्फ चार दिन की लड़ाई, फिर खुले लंबे लंबे रहस्य.. रहस्य भी ऐसे की सुनकर उड़ गए दुनिया के होश.... ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो खुलासे हुए, वो केवल पाकिस्तान की हार की कहानी नहीं थे, ये अमेरिका की छुपी रणनीति और चीन की मिली भगत की भी परतें उधेड़ गए। अब यह साफ हो चुका है कि पाकिस्तान के पास अपना कोई परमाणु हथियार था ही नहीं। जो परमाणु शक्ति पाकिस्तान दशकों से दिखा रहा था, वो दरअसल अमेरिका की गोपनीय तिजोरी थी, जिसे 1998 में पाकिस्तान में छुपाया गया था। अमेरिका को ये जगह इसलिए मुफीद लगी, क्योंकि अगर कभी कोई हमला हो, तो नुक़सान एशिया को हो, अमेरिका को नहीं। भारत जब 11 मई और 13 मई 1998 में परमाणु परीक्षण कर रहा था और अमेरिका प्रतिबंध की धमकियाँ दे रहा था, तभी अमेरिका ने ठीक 14 दिन बाद यानि 15वें दिन 28 मई 1998 को पाकिस्तान से परीक्षण करवाकर दुनिया को भ्रमित किया कि अब पाकिस्तान भी परमाणु शक्ति है। यही नहीं, पाकिस्तान की इस नकली परमाणु छवि से भारत को डराने का खेल शुरू हुआ, जिसमें देश के अंदर बैठे अमेरिकी भक्त भी पाकिस्तान की ताकत का डर दिखाते रहे। लेकिन युग बदला और सत्ता पहुँची उस नेता के हाथ में जो डरता नहीं, जवाब देता है। मोदी सरकार ने पहले भारत को आत्मनिर्भर बनाया, अमेरिका को मित्रता में बाँधा और पाकिस्तान को धैर्य से देखा। लेकिन जब पहलगाम में हिन्दुओं का रक्त बहाया गया, तो भारत सरकार ने वही किया जिसका किसी ने अनुमान भी नहीं लगाया था—सीधा आक्रमण। भारतीय सेना ने मिसाइलों से पाकिस्तान की नींव हिला दी, और जब हमारी मारक क्षमता उन परमाणु ठिकानों तक पहुंची जो अब तक ‘अदृश्य’ माने जा रहे थे, तब अमेरिका की नींद टूटी.... उसे डर सता गया कि अगर भारत ने हमला जारी रखा, तो उसके खुद के हथियार खाक हो जाएंगे। और वो कभी दुनिया के सामने अपना चेहरा नहीं दिखा पाएगा। अब अमेरिका न बोल सकता था, न रोक सकता था। वो चुपचाप भारत को दोस्ती का वास्ता देने लगा। मोदी जी ने वक्त की नजाकत समझी, चार दिन में दुश्मन को धूल चटाई, और शर्तों के साथ युद्ध विराम किया। पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने नंगा कर दिया और अमेरिका को चुपचाप अपना जखीरा समेटने पर मजबूर कर दिया। आज अमेरिका पाकिस्तान से परमाणु हथियार हटाने की कवायद में लगा है। मोदी जी ने ट्रंप को खुद उसका काम याद दिला दिया है। अब अमेरिका झुका हुआ है, चीन चुप है, और पाकिस्तान हिल चुका है। सूत्रों से पता चला है कि अमेरिका पाकिस्तान से अपने परमाणु हथियार उठाने जा रहा है। और अपनी साख बचाने के लिए इसे नाम देगा पाकिस्तान का परमाणु सरेंडर... अब सबको पता है कि पाकिस्तान के पास न्युक्लियर पॉवर था ही नहीं, तो सरेंडर क्या करेगा? अमेरिका का है उठा ले जाओ। और ये जो पाकिस्तान को IMF द्वारा बेरोकटोक बेलआउट पैकेज/ ऋण दिया जा रहा था, दरअसल वो ऋण नहीं अमेरिकी परमाणु हथियारों को पाकिस्तान में रखने का किराया था। चार दिन की इस लड़ाई ने भारत को नया दर्जा दिया है। अब भारत सिर्फ एक देश नहीं, परिणाम देने वाली विश्व शक्ति है। इस कहानी में सबसे बड़ी सीख ये है— जब नेतृत्व मज़बूत हो, तो दुनिया झुकती है। जय भारत जय भारती🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 #political #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #💓 फ़ौजी के दिल की बातें
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