हर वर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Day for Biological Diversity) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन धरती पर मौजूद विभिन्न जीव-जंतुओं, पौधों, सूक्ष्मजीवों और पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा और उनके संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।यह दिन धरती पर मौजूद विभिन्न जीव-जंतुओं, पौधों, सूक्ष्मजीवों और पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा और उनके संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। जैव विविधता हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह भोजन, दवाइयों, स्वच्छ जल और जलवायु संतुलन जैसे अनगिनत संसाधनों का आधार है।संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1993 में जैव विविधता पर कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (CBD) को लागू किया था।2025 में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम है — “प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास”।
यह विषय न केवल जैव विविधता के संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करता है, बल्कि सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शाता है।जैव विविधता (Biodiversity) का अर्थ है पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवित प्रजातियाँ — चाहे वे सूक्ष्मजीव हों, पौधे हों, जानवर हों या इंसान — और उनके आपसी पारिस्थितिक संबंध। जैव विविधता तीन स्तरों पर होती है:
प्रजातीय विविधता – अलग-अलग प्रजातियाँ
आनुवंशिक विविधता – एक ही प्रजाति के भीतर भिन्नता
पारिस्थितिकीय विविधता – विभिन्न प्रकार के इकोसिस्टम जैसे जंगल, महासागर,रेगिस्तान आदि।आज के समय में जैव विविधता तेजी से घट रही है। इसके मुख्य कारण हैं:
वनों की कटाई
प्रदूषण (जल, वायु, मृदा)
जलवायु परिवर्तन
अत्यधिक शिकार और मछली पकड़ना
प्राकृतिक आवासों का विनाश
पर्यटन और नगरीकरण का प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 10 लाख प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं।जैव विविधता के संरक्षण के लिए हम सभी को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए तथा संरक्षित क्षेत्रों में राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्य जीव अभयारण्य का निर्माण करना चाहिए।स्कूलों तथा कालेजों में पर्यावरण की शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए तथा बच्चो को जागरूक करना चाहिए। भारत में लगभग 47000 पौधों की प्रजातियां तथा 90000 से अधिक जीव-जंतुओं की प्रजातियां हैं।भारत में अनेक राष्ट्रीय उद्यान जैसे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान तथा सुंदरबन है।अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि प्रकृति की हर छोटी-बड़ी कड़ी हमारे जीवन से जुड़ी हुई है। यदि हम जैव विविधता को नहीं बचाएंगे,तो मानव जीवन भी संकट में पड़ जाएगा।यह हमारा नैतिक और सामाजिक दायित्व है कि हम अपने पर्यावरण की रक्षा करें और भविष्य की पीढ़ियों को एक समृद्ध,सुरक्षित और जैव विविध वातावरण प्रदान करें।आइए हम सभी आज जैव संरक्षण का संकल्प ले तथा अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें तभी जाकर यह दिवस मनाना सार्थक होगा।आज भारत पर्यावरण प्रदूषण सूचकांक में 180 देशों की सूची में 176 वे स्थान पर है जो बेहद दुखद स्थिति है जिससे हम सभी को सीख लेना चाहिए तथा अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का आज संकल्प लेना चाहिए।प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत् विकास के लिए हमारी नई पीढ़ी को जागरूक और संलग्न करना समय की मांग है।
इन्हीं के हाथों में है भविष्य का संतुलन।🌳🌴🐒🐯🐱🦁🐜🐢🐍🦎🐟🐪🐘🦣🐑🐈🦮🦚🌴🌳🌻🌈⛈️🌍🙏
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