के कितने रूप हैं?*
*🙏हनुमान जी के कुल 11 प्रमुख रूप (एकादश रूप) माने जाते हैं, जिन्हें "एकादश रुद्रावतार" भी कहा जाता है। ये सभी रूप अलग-अलग शक्तियों और उद्देश्यों को दर्शाते हैं। आइए एक-एक कर उनके नाम और भावार्थ जानते हैं:✍️*
*🙏 हनुमान जी के 11 रूप (एकादश रूप)*
*1. हनुमान – मूल रूप, श्रीराम के परम भक्त और वीर योद्धा।*
*2. पंचमुखी हनुमान – पाँच मुखों वाले रूप:🙏*
*हनुमान (मुख्य) नरसिंह गरुड़ वराह हयग्रीव*
*👉यह रूप विशेषतः अहिरावण वध के समय प्रकट हुआ था।*
*3. वीर हनुमान – युद्ध कौशल और साहस का प्रतीक।*
*4. बजरंग बली – वज्र के समान बलशाली रूप।*
*5. मारुतिनंदन – पवनदेव के पुत्र रूप में, अति वेग और शक्ति का स्रोत।*
*6. संजीवनी हनुमान – जब संजीवनी बूटी लेकर लक्ष्मण की रक्षा की।*
*7. रामदूत हनुमान – प्रभु श्रीराम का संदेश रावण के दरबार में ले 🙏 जाने वाला।*
*8. एकदंत हनुमान – ज्ञान और बल का अद्भुत संगम।*
*9. दास्य रूप – पूर्णतः श्रीराम की सेवा में समर्पित भक्त रूप।*
*10. ज्ञान गुन सागर हनुमान – अपार ज्ञान, नीति और भक्ति से भरे रूप में।*
*11. रुद्रावतार हनुमान – भगवान शिव के रुद्र रूप से उत्पन्न, महापराक्रमी और संहारक रूप।*
*📿 विशेष:*
हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता भी कहा जाता है।
*उनका पंचमुखी रूप तांत्रिक और रक्षा साधनाओं में बहुत शक्तिशाली माना जाता है।*
#हनुमान जी
#🙏🌺ॐ रामदूताय नमः🌺🙏 🙏 जय श्री राम🙏 🙏🌺 जय हनुमानजी 🌺🙏 जय बालाजी महाराज #जय हनुमानजी 🙏🙏 #🌺🎋जय हनुमानजी 🌲🌷 #🌼🙏जय वीर हनुमानजी 💐शुभ मंगलवार 🌼श्री हनुमान चालीसा 🌼 #🌹⛳🌹⛳जय हनुमानजी शुभ मंगलवार🌹⛳🙏🙏