कबीर, न्याय धर्मयुक्त कर्म सब करें, न कर ना कबहू अन्याय। जो अन्यायी पुरूष है, बन्धे यमपुर जाएँ॥
भावार्थ -
सदा न्याययुक्त कर्म करने चाहिएँ। कभी भी अन्याय नहीं करना चाहिए। जो अन्याय करते हैं, वे यमराज के लोक में नरक में जाते हैं।🙏 ##santrampaljimaharaj
#GodMorningSaturday
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"बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई।"
बगैर गुरु के योग यानी भक्ति सफल नहीं हो सकती और बगैर भक्ति के मुक्ति नहीं हो सकती है। इसीलिए जीव को वक्त गुरु की शरण में जाना चाहिए वहीं जाकर अहंकार का नाश होगा और मुक्ति भी वही मिलेगी। ##santrampaljimaharaj#🙏🏻आध्यात्मिकता😇