श्री पंच मुखी हनुमान जी महराज 🙏
पंचमुखी हनुमान जी के पांच मुख का वर्णन...........
भगवान श्री राम और रावण के बीच में जब युद्ध हो रहा था, तो इस बीच रावण को ये आभास हुआ कि उसकी सेना युद्ध हार रही है। तभी उसे अपने मायावी भाई अहिरावण से सहायता मांगी। अहिरावण मां भवानी का परम भक्त था और उसे तंत्र विद्या का ज्ञान भी था। उसने अपनी मायावी शक्तियों का प्रयोग करके भगवान राम की पूरी सेना को नींद में सुला दिया। इसी बीच उसने भगवान राम के साथ-साथ लक्ष्मण का अपहरण कर लिया और उन्हें पाताल लोक ले गया।
मां भवानी का भक्त होने के कारण अहिरावण ने भवानी देवी के निमित्त 5 दिशा में 5 दीपक जलाए हुए थे। उसे यह वरदान प्राप्त था कि जो कोई इन पांचों दीपक को एक साथ बुझा पाएगा वही उसका वध कर सकेगा। तब राम जी और लक्ष्मण जी को अहिरावण के चंगुल से बचाने के लिए हनुमानजी को पंचमुखी रूप धारण किया और पांचों दीपकों को एक साथ बुझाकर अहिरावण का वध कर दिया। तब भगवान राम और लक्ष्मण उसके बंधन से मुक्त हो गए।
यह पांच मुख इस प्रकार से है–
1 :- नरसिंह रूप ,पंचमुखी हनुमान का दक्षिण दिशा का मुख भगवान नृसिंह का है। इस रूप की भक्ति से सारी चिंता, परेशानी और डर दूर हो जाता है।
२- गरुड रूप , पंचमुखी हनुमान का पश्चिमी मुख गरूड का है। जिसके दर्शन और भक्ति संकट और बाधाओं का नाश करती है।
३- अश्व रूप ,पंचमुखी हनुमान का पांचवा मुख आकाश की ओर दृष्टि वाला होता है। यह रूप अश्व यानी घोड़े के समान होता है। श्रीहनुमान का यह करुणामय रूप होता है। जो हर मुसीबत से रक्षा करने वाला माना जाता है।
४- वानर रूप पंचमुखी हनुमान का पूर्व दिशा में वानर मुख है। जो बहुत तेजस्वी है। इसकी उपासना या दर्शन से विरोधी या शत्रु पराजित हो जाता।
जय जय श्री #सीताराम जी 🙏
जय जय श्री #हनुमान जी 🙏
#🔱ज्योतिर्लिंग🙏 #नंदा प्रकाश #आपलं कराड MH50