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टाटा ट्रस्ट्स, भारत के परिवर्तनशील कार्यों में तेज
भविष्य को वास्तव में क्या आकार देता है—नीतियाँ या वे विचार जो पारंपरिक ढांचे में फिट नहीं बैठते? बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में आयोजित नोबेल प्राइज़ डायलॉग इंडिया 2025, टाटा ट्रस्ट्स के साथ विशेष साझेदारी में, अर्थशास्त्री एवं भारत सरकार के पूर्व योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया और मार्केटर, लेखक व कॉर्पोरेट सलाहकार श्री हरीश भट्ट ने इस बात को दोहराया कि जब व्यावहारिक सुधार नए और ताज़ा विचारों की ताकत से मिलते हैं, तभी सार्थक बदलाव संभव होता है। उनके शब्द हमें याद दिलाते हैं कि प्रगति की शुरुआत अक्सर तब होती है, जब हम ‘अपेक्षित’ सोच से आगे बढ़कर सोचने का साहस करते हैं। इस संवाद का हिस्सा बनिए और साझा कीजिए कि आपके अनुसार बदलाव को आगे बढ़ाने वाले कारक क्या हैं। #TheForwardLens #TheFutureWeWant #VoicesofVision #TataTrusts
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00:50
नोबेल प्राइज डायलॉग 2025 में, जो टाटा ट्रस्ट्स के साथ मिलकर आयोजित हुआ, युवाओं की आवाज़ें समझ, जिज्ञासा और नए अवसरों की उम्मीद से भरी हुई थीं। उनकी ऊर्जा एक ऐसी पीढ़ी को दिखाती है जो अधिक सोच-समझ वाला और नवाचार से भरा भविष्य बनाने के लिए तैयार है। प्रतिष्ठित विद्वान डेविड मैकमिलन नोबेल प्राइज, केमिस्ट्री 2021) और जेम्स रॉबिंसन (स्वरिजेस रिक्सबैंक प्राइज इकोनॉमिक साइंसेज के प्राप्तकर्ता) ने, अन्य वैश्विक विचारकों के साथ, यह दिखाया कि सबसे जटिल विचार भी साफ, खुले और उदार तरीके से समझाए जा सकते हैं। सभी ने मिलकर इस संवाद को एक ऐसा मंच बनाया जहाँ वैज्ञानिक सोच उभरते हुए भारतीय युवाओं से जुड़ सके—और एक अधिक समावेशी और मजबूत भविष्य की नींव रखी जा सके। #NobelPrizeDialogueIndia2025 #TheFutureWeWant #NobelPrizeDialogue #TataTrusts
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01:26
इस लेख में, अमृता पटवर्धन, हेड ऑफ एजुकेशन, टाटा ट्रस्ट्स कहती हैं, “‘जिस भविष्य की हम चाहत रखते हैं’ उसकी शुरुआत घर और क्लासरूम से होती है। यह तब शुरू होती है जब हम सिर्फ़ विकास और मुकाबले की सोच से आगे बढ़कर शिक्षा को एक ऐसी ताकत मानें, जो समाज और दुनिया को बेहतर दिशा दे सकती है—वो दुनिया जिसे हम आने वाली पीढ़ियों के लिए छोड़कर जाएंगे।” यह लेखनोबेल प्राइज डायलॉग 2025 सीरीज़ का हिस्सा है, जो टाटा ट्रस्ट्स के साथ एक विशेष साझेदारी में हो रहा है। इस संवाद में नोबेल पुरस्कार विजेता और दुनिया भर के विचारक एक साथ आए, ताकि #TheFutureWeWant पर चर्चा की जा सके—और यह समझा जा सके कि जिज्ञासा और जागरूकता हमें कल्पना से भी आगे बढ़ने की क्षमता देती है। और जानने के लिए: https://www.tatatrusts.org/insights/opinions/why-the-future-we-want-demands-a-radical-rethink-of-education-today #NobelPrizeDialogueIndia2025 #TheFutureWeWant #NobelPrizeDialogue #TataTrusts
TataTrusts - TATA TRUSTS Whythefuture we want demandsa radical rethinkofeducation today "We do not need children to memorise facts but to think, imagine, question and care | Care for others and the planet" Amrita Patwardhan; Headof Education, Tata Trusts Science [] Care Susfainabilify FORTUIE featured in TATA TRUSTS Whythefuture we want demandsa radical rethinkofeducation today "We do not need children to memorise facts but to think, imagine, question and care | Care for others and the planet" Amrita Patwardhan; Headof Education, Tata Trusts Science [] Care Susfainabilify FORTUIE featured in - ShareChat
संभावनाओं का भारत बनाने वाले व्यक्ति जे.आर.डी. टाटा को याद करते हुए — एक ऐसे दूरदर्शी जिनका मानना था कि तरक्की कल्पना से शुरू होती है, और उद्देश्य, करुणा और हिम्मत से हक़ीक़त बनती है। उन्होंने भारत के शुरुआती राष्ट्र-निर्माण के सपनों से लेकर विज्ञान, जन-स्वास्थ्य और कला जैसे क्षेत्रों की अग्रणी संस्थाओं को मजबूत किया। उन्होंने सिर्फ़ इतना नहीं बदला कि भारत क्या बना सकता है, बल्कि यह भी कि भारत क्या सोच सकता है। उनके विचार अवसर बने। वे अवसर संस्थाओं में बदले, जो पीढ़ी दर पीढ़ी भारत के भविष्य को दिशा दे रही हैं। यह तो बस जे.आर.डी. टाटा की स्थायी सोच की एक झलक है। उनके बारे में और जानने के लिए पढ़ें: https://www.tatatrusts.org/about-tatatrusts/blueprints-for-tomorrow-the-thoughtful-leadership-of-jrd-tata #JRDLegacy #LeadershipInAction #VisionaryLeadership #TataTrusts
TataTrusts - TATA TRUSTS The Man Who Built Possibility an India of RRemembeting] JRD Tata July 29, 1904 November 29, 1993 Images courtesy: Tata Central Archives TATA TRUSTS The Man Who Built Possibility an India of RRemembeting] JRD Tata July 29, 1904 November 29, 1993 Images courtesy: Tata Central Archives - ShareChat
नोबेल प्राइज डायलॉग 2025 से पहले, जब पुरस्कार विजेता और वैश्विक विचारक #TheFutureWeWant पर बात करने की तैयारी कर रहे थे, तब भारत के सैकड़ों बच्चों ने अपने सपनों को तस्वीरों में उतारा। पैराग आर्ट वॉल—जो कि टाटा ट्रस्ट्स द्वारा समर्थित पैराग की एक पहल है—के ज़रिए कोप्पल के एक गाँव, बेंगलुरु और मुंबई की एक झुग्गी के बच्चों ने मिलकर दो बातें सोचीं: “मैं अपने लिए कैसा भविष्य चाहता/चाहती हूँ?” और “मैं अपने देश का भविष्य कैसा देखना चाहता/चाहती हूँ?” उनके सपने यूनिकॉर्न, ऊँची इमारतों, नए घरों, पेड़ों, किताबों और… दयालुता के रूप में सामने आए। उनकी बनाई कला भारत भर से होते हुए बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस पहुँची, जहाँ उसने संवाद के मंच को रंगीन पृष्ठभूमि दी—और हमें याद दिलाया कि #TheFutureWeWant मिलकर बनाया जाता है। #Parag #Education #QualityEducation #EducationInIndia #EducationForFuture #Growth #SDG4 #TataTrusts
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01:08
बेंगलुरू में 3 नवंबर को विचारों और कल्पनाओं की एक नई रोशनी खिली, जब नोबेल प्राइज डायलॉग 2025 ने टाटा ट्रस्ट्स की विशेष साझेदारी में दो लॉरेट्स, वैश्विक विचारकों और भारत के युवाओं को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में एक साथ लाया। #TheFutureWeWant थीम के तहत, उन्होंने ऐसे सवालों पर चर्चा की—आशा विकास को किस तरह दिशा दे सकती है? परंपरा और नवाचार के बीच सही संतुलन रखते हुए हम एक समावेशी और टिकाऊ भविष्य कैसे बना सकते हैं? हर बातचीत, हर जिज्ञासा ने हमें यही याद दिलाया कि भविष्य हमें यूँ ही नहीं मिल जाएगा—हमें इसे अपने विचारों और कार्यों से मिलकर गढ़ना होगा। आज के सवाल पूछने वाले ही कल के बदलाव लाने वाले बनेंगे। टाटा ट्रस्ट्स के लिए, यह संवाद ज्ञान को आगे बढ़ाने की सौ साल पुरानी प्रतिबद्धता का हिस्सा है, और हम विज्ञान और समाज के बीच की दूरी कम करने वाले और भी अधिक मंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि एक अधिक सशक्त और समावेशी कल आकार ले सके। #NobelPrizeDialogueIndia2025 #TheFutureWeWant #NobelPrizeDialogue #TataTrusts
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01:08
“जो भविष्य हम चाहते हैं, वह कहीं दूर हमारा इंतज़ार नहीं कर रहा। वह यहीं बन रहा है — ऐसी जगहों में, जैसे यह कमरा… कक्षाओं में, प्रयोगशालाओं में, स्टूडियो में, और हर उस युवा के सपनों में जो दुनिया बदलना चाहता है,” यह बात श्री सिद्धार्थ शर्मा, सीईओ, टाटा ट्रस्ट्स ने नोबेल पुरस्कार इंडिया 2025, बेंगलुरु में कही। उनके शब्द हमें याद दिलाते हैं कि भविष्य हमें दिया नहीं जाता — हम खुद उसे बनाते हैं। यही विश्वास टाटा ट्रस्ट्स को प्रेरित करता है कि वे युवाओं को सशक्त बनाएं और एक अधिक समावेशी कल की दिशा में काम करें। #NobelPrizeDialogueIndia2025 #TheFutureWeWant #NobelPrizeDialogue #TataTrusts
TataTrusts - TA TRUSTS "We also envisage a fufure where young people are encouraged to quesfion imagine and build Our role as institutions, philanthropists, scientists, and they economists is to ensure that] the lools, the opportunities get and Ihe freedom 1o do Ihis' THE NOBEL PRIZE Siddharth Sharma; CEO, Tata Trusts at Nobel Prize Dialogue India 2025. TA TRUSTS "We also envisage a fufure where young people are encouraged to quesfion imagine and build Our role as institutions, philanthropists, scientists, and they economists is to ensure that] the lools, the opportunities get and Ihe freedom 1o do Ihis' THE NOBEL PRIZE Siddharth Sharma; CEO, Tata Trusts at Nobel Prize Dialogue India 2025. - ShareChat
“अगर आप असली और मौजूद संस्कृतियों को देखें, तो वहाँ सिर्फ ‘एक ही दिशा’ वाली सोच नहीं होती। यह दो-तरफा या कई दिशाओं वाली होती है। हर कोई एक-दूसरे से सीखता है और एक-दूसरे से चीज़ें अपनाता है। हमें भी एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखना है, जो ‘एक-तरफा’ सोच में संभव नहीं,” ऐसा कहते हैं जेम्स रॉबिनसन (सवेरीजेस रिक्सबैंक प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज़, 2024 के प्राप्तकर्ता)। वे यह बात अपनी प्रस्तुति ‘द ओरिजिन्स ऑफ़ प्रॉस्पेरिटी एंड प्रोग्रेस’ में समझाते हैं। नोबेल प्राइज डायलॉग इंडिया 2025 में, जो टाटा ट्रस्ट्स के विशेष साझेदारी में आयोजित हुआ, उन्होंने ज़ोर दिया कि विकास की शुरुआत बातचीत से होती है—और आज के युवाओं को आगे आकर आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया। जेम्स रॉबिनसन को सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें: https://www.youtube.com/live/5j4V1gKBsgM?si=a2hL9p60_If7yej-&t=3373 #NobelPrizeDialogueIndia2025 #TheFutureWeWant #NobelPrizeDialogue #TataTrusts
TataTrusts - TTTRUSS "Youre always learning more from other people than youre actually teaching them yourself" James Robinson Recipienf of fhe Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences, 2024 Nobel Prize Dialogue India 2025 TTTRUSS "Youre always learning more from other people than youre actually teaching them yourself" James Robinson Recipienf of fhe Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences, 2024 Nobel Prize Dialogue India 2025 - ShareChat
“बड़े और बदलते बदलाव अकेले किए गए कामों से नहीं आते… बल्कि तब आते हैं जब अलग-अलग लोग और संगठन एकजुट होकर एक ही लक्ष्य के लिए काम करते हैं।” यह बात टाटा ट्रस्ट्स के सीईओ श्री सिद्धार्थ शर्मा ने 17 नवंबर 2025 को पुणे में आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सोशल इनोवेशन में कही। समुदायों, संस्थानों और जमीनी पहल को एक साथ लाकर, टाटा ट्रस्ट्स ऐसे समाधान तैयार करने में मदद करता है जो कठिन विकास चुनौतियों का हल खोजते हैं। हमारे प्रयास स्थानीय स्तर पर काम को मज़बूत करते हैं, साथ ही व्यापक और दूरदर्शी सोच को बढ़ावा देते हैं, ताकि नवाचार एक-बार का नहीं बल्कि लगातार जारी रहने वाला बने—और सामूहिक इच्छा को सामूहिक प्रभाव में बदल सके। पूरे भाषण का वीडियो यहाँ देखें: https://youtu.be/zFXSoa4FrdY?si=VLOH_oQHAx2w6KAI वीडियो सौजन्य: पुणे इंटरनेशनल सेंटर #SocialInnovation #GrassrootImplementation #SocialTransformation #InclusiveGrowth #TataTrusts
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