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Irfan shaikh
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Irfan shaikh
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7 मिनट पहले
रानी लक्ष्मीबाई जी रानी लक्ष्मीबाई, जिन्हें झाँसी की रानी के नाम से जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महान वीरांगना थीं। यहाँ उनके बारे में कुछ संक्षिप्त जानकारी दी गई है: जन्म: 19 नवंबर, 1828 को वाराणसी (काशी) में हुआ। बचपन का नाम: मणिकर्णिका (प्यार से 'मनु' या 'छबीली' कहा जाता था)। माता-पिता: पिता मोरोपंत तांबे और माता भागीरथीबाई। शिक्षा: उन्होंने बचपन में शास्त्रों की शिक्षा के साथ-साथ शस्त्रों की शिक्षा (तलवारबाजी, घुड़सवारी) भी ली। विवाह: 1842 में झाँसी के राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हुआ। विवाह के बाद उनका नाम लक्ष्मीबाई रखा गया। झाँसी का विलय: राजा गंगाधर राव की मृत्यु के बाद, अंग्रेजों ने 'डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स' (हड़प नीति) के तहत झाँसी को अंग्रेजी साम्राज्य में मिलाने की कोशिश की। 1857 का संग्राम: रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के इस अन्यायपूर्ण कदम का विरोध करते हुए कहा था: "मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी।" उन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में वीरतापूर्वक भाग लिया और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। शहादत: 18 जून, 1858 को ग्वालियर में अंग्रेजों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुईं। उनकी बहादुरी और बलिदान ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक अमर स्थान दिलाया है। कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की पंक्तियाँ उनके शौर्य को आज भी याद दिलाती हैं: "खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।" क्या आप रानी लक्ष्मीबाई के जीवन के किसी खास पहलू, जैसे 1857 के युद्ध में उनकी भूमिका या उनके बचपन के बारे में और जानना चाहेंगे? #hindi khabar #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #🆕 ताजा अपडेट #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞
Irfan shaikh
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12 मिनट पहले
महिला उद्यमिता दिवस (Women Entrepreneurship Day) हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं को व्यवसाय में सशक्त बनाने और उनके द्वारा किए गए योगदान का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2014 में संयुक्त राष्ट्र में न्यूयॉर्क शहर से हुई थी। क्या आप महिला उद्यमियों के बारे में और जानकारी चाहते हैं? #🗞breaking news🗞 #aaj ki taaja khabar #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #🆕 ताजा अपडेट
Irfan shaikh
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14 मिनट पहले
दारा सिंह जी दारा सिंह जी (दीदार सिंह रंधावा) भारत के एक विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान और मशहूर अभिनेता थे। उनके बारे में कुछ मुख्य बातें यहाँ हैं: जन्म: 19 नवंबर 1928, अमृतसर, पंजाब। पहलवानी करियर: उन्हें भारत के महानतम पेशेवर पहलवानों में गिना जाता है। उन्होंने अपने करियर में 500 से अधिक मुकाबले लड़े और कभी नहीं हारे। 1959 में कॉमनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती। 1968 में अमेरिका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को हराकर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बने। 1983 में 55 वर्ष की आयु में कुश्ती से संन्यास लिया। उन्हें "रुस्तम-ए-हिंद" के नाम से भी जाना जाता था। अभिनय करियर: उन्होंने 175 से अधिक हिंदी और पंजाबी फिल्मों में काम किया। उन्हें रामानंद सागर की प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक 'रामायण' में हनुमान के किरदार से अपार लोकप्रियता मिली। उनकी कुछ प्रमुख फ़िल्में हैं: मर्द, बजरंगबली, जब वी मेट, किंग कौंग। उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन और लेखन भी किया। राजनीतिक करियर: वह 2003 से 2009 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। निधन: 12 जुलाई 2012, मुंबई। क्या आप उनके बारे में और कुछ जानना चाहेंगे, जैसे उनके फिल्मी सफर या उनकी कुश्ती की उपलब्धियों के बारे में? #🆕 ताजा अपडेट #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞
Irfan shaikh
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18 मिनट पहले
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस नमस्ते! अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के बारे में पूरी जानकारी यहाँ दी गई है: 🗓️ अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस कब मनाया जाता है? अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। 🤔 यह क्यों मनाया जाता है? इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पुरुषों और लड़कों के जीवन, उपलब्धियों और समाज में उनके सकारात्मक योगदान का सम्मान करना है। इसके अलावा, यह दिन निम्नलिखित महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाता है: सकारात्मक रोल मॉडल को बढ़ावा देना: अच्छे पुरुष रोल मॉडलों को सामने लाना। पुरुषों के स्वास्थ्य पर ध्यान: पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना (जैसे तनाव, आत्महत्या की रोकथाम)। लैंगिक समानता को बढ़ावा देना: लिंग संबंधों को बेहतर बनाना और लैंगिक समानता के महत्व को उजागर करना। भेदभाव पर प्रकाश डालना: उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना जहाँ पुरुषों के साथ भेदभाव होता है। परिवार और समुदाय में योगदान: परिवार, समुदाय, विवाह और बाल-देखभाल में पुरुषों के सकारात्मक योगदान को पहचानना। 📜 अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास शुरुआत: अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में हुई थी। संस्थापक: वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर डॉ. जेरोम टीलुकसिंह ने इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने 19 नवंबर की तारीख को अपने पिता के जन्मदिन और एक राष्ट्रीय उपलब्धि को सम्मानित करने के लिए चुना था। वैश्विक प्रसार: धीरे-धीरे यह पहल स्थानीय से वैश्विक स्तर पर फैल गई और अब इसे दुनिया के 80 से अधिक देशों में मनाया जाता है। भारत में शुरुआत: भारत में पहली बार 2007 में 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया था। 💡 2025 की थीम अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2025 का वैश्विक थीम है: "Celebrating Men and Boys" (पुरुषों और लड़कों का उत्सव)। क्या आप अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के लिए कोई शुभकामना संदेश या कोट्स जानना चाहेंगे? #🆕 ताजा अपडेट #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞
Irfan shaikh
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20 मिनट पहले
लक्ष्मीबाई झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmibai) भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) की एक महान वीरांगना थीं। पूरा नाम: मणिकर्णिका तांबे जन्म: 19 नवंबर 1828 (कुछ स्रोतों के अनुसार 1835), वाराणसी बचपन का नाम: मनु (प्यार से उन्हें 'छबीली' भी कहा जाता था) माता-पिता: भागीरथी सपरे और मोरोपन्त तांबे विवाह: 1842 में झाँसी के राजा गंगाधर राव नेवलकर से हुआ, जिसके बाद उनका नाम लक्ष्मीबाई पड़ा। संघर्ष: राजा गंगाधर राव की मृत्यु के बाद, अंग्रेजों ने हड़प नीति (Doctrine of Lapse) के तहत झाँसी पर कब्ज़ा करने की कोशिश की, जिसका उन्होंने दृढ़ता से विरोध किया। उनका यह कथन इतिहास में अमर है: "मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी।" वीरगति: 18 जून 1858 को, ग्वालियर में अंग्रेजों से लड़ते हुए वे शहीद हो गईं। उन्हें भारतीय राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने मात्र 29 वर्ष की उम्र में अपने शौर्य और साहस से अंग्रेजी साम्राज्य को चुनौती दी। क्या आप उनके जीवन के किसी विशेष पहलू या 1857 के संग्राम में उनकी भूमिका के बारे में और जानना चाहेंगे? #🗞breaking news🗞 #aaj ki taaja khabar #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #🆕 ताजा अपडेट
Irfan shaikh
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23 घंटे पहले
अबरार अल्ची जी 🎙️ अबरार अल्वी (Abrar Alvi) जी के बारे में अबरार अल्वी भारतीय सिनेमा में एक प्रसिद्ध पटकथा लेखक, संवाद लेखक, फिल्म निर्देशक और अभिनेता थे। उनका नाम विशेष रूप से गुरु दत्त के साथ उनके सहयोग के लिए लिया जाता है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को कुछ सबसे बेहतरीन फिल्में दीं। 🎬 प्रमुख कार्य (गुरु दत्त के साथ) प्यासा (1957): पटकथा और संवाद लेखक। कागज़ के फूल (1959): पटकथा, संवाद लेखक और निर्देशक। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। चौदहवीं का चाँद (1960): पटकथा, संवाद लेखक और निर्देशक। साहिब बीबी और गुलाम (1962): पटकथा, संवाद लेखक और निर्देशक। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। अबरार अल्वी जी का निधन 2009 में हुआ। क्या आप उनके किसी विशेष कार्य के बारे में जानना चाहेंगे, या मैं उनके जीवन से जुड़ी कोई अन्य जानकारी खोजूँ? #🆕 ताजा अपडेट #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞
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