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Irfan shaikh
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Irfan shaikh
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2 घंटे पहले
चंदबरदाई (Chand Bardai) हिंदी साहित्य के आदिकालीन कवि और महाकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनका परिचय संक्षेप में यहाँ दिया गया है: प्रमुख परिचय महाकाव्य: उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना 'पृथ्वीराज रासो' है, जिसे हिंदी साहित्य का प्रथम महाकाव्य माना जाता है। संबंध: वह अजमेर-दिल्ली के सुविख्यात हिंदू नरेश पृथ्वीराज चौहान (पृथ्वीराज तृतीय) के राजकवि, मित्र और सहयोगी थे। भाषा: उन्होंने पिंगल भाषा (जो ब्रजभाषा का पर्याय थी) में रचनाएँ कीं, इसलिए उन्हें ब्रजभाषा हिंदी का प्रथम महाकवि भी कहा जाता है। जीवन: ऐसा माना जाता है कि चंदबरदाई और पृथ्वीराज चौहान का जन्म और निधन एक ही दिन हुआ था, और उनका जीवन पृथ्वीराज चौहान के साथ राजधानी और युद्ध क्षेत्र, हर जगह बीता। पृथ्वीराज रासो: यह ग्रंथ महाराज पृथ्वीराज चौहान के वीरतापूर्ण युद्धों और प्रेम-प्रसंगों का वर्णन करता है। इसमें उनके जीवन के अंतिम क्षणों का भी वर्णन है, जिसमें उन्होंने चंदबरदाई की मदद से बंदी होने के बाद मोहम्मद गोरी को मारा था, हालाँकि इस घटना की ऐतिहासिक सत्यता पर विद्वानों में मतभेद है। चंदबरदाई का पूरा जीवन अपने मित्र और शासक पृथ्वीराज चौहान को समर्पित रहा, और उन्होंने अपनी रचना 'पृथ्वीराज रासो' के माध्यम से उनकी कीर्ति को अमर कर दिया। क्या आप चंदबरदाई या 'पृथ्वीराज रासो' के बारे में और कुछ जानना चाहेंगे? #चंदबरदाई जी #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
Irfan shaikh
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2 घंटे पहले
अंतरराष्ट्रीय पॉडकास्ट दिवस हर साल 30 सितंबर को मनाया जाता है, जो पॉडकास्टिंग की शक्ति, प्रौद्योगिकी और समुदाय का जश्न मनाने वाला एक वैश्विक उत्सव है. यह दिन पॉडकास्ट के बढ़ते माध्यम, मनोरंजन और शिक्षा के रूप में इसकी भूमिका और दुनिया भर के रचनाकारों और श्रोताओं को जोड़ने का सम्मान करता है. यह दिन क्यों मनाया जाता है? पॉडकास्ट का सम्मान: यह दिन पॉडकास्ट की कला, प्रौद्योगिकी और समुदाय की सराहना करता है. जुड़ाव का अवसर: यह पॉडकास्टरों, श्रोताओं और उद्योग के नेताओं को एक साथ जुड़ने और पॉडकास्टिंग के बारे में जानने का अवसर देता है. नई शुरुआत के लिए प्रेरणा: यह उन लोगों को पॉडकास्टिंग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है जो हमेशा से ऐसा करना चाहते थे. सांस्कृतिक संरक्षण: पॉडकास्ट लुप्तप्राय भाषाओं को संरक्षित करने और साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और यह दिन इस सांस्कृतिक योगदान का भी जश्न मनाता है. आप इस दिन का आनंद कैसे ले सकते हैं? पॉडकास्ट सुनें: आप अपने पसंदीदा पॉडकास्ट सुन सकते हैं और नए पॉडकास्ट की खोज कर सकते हैं. आयोजनों में भाग लें: पॉडकास्ट इवेंट्स में भाग लें और पॉडकास्ट प्रेमियों से मिलें. सिखें और साझा करें: पॉडकास्टिंग के बारे में नए तरीकों और ट्रिक्स के बारे में जानें और अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस माध्यम के बारे में बात करें. रचनाकारों का समर्थन करें: अपने पसंदीदा पॉडकास्ट प्रोड्यूसर्स और क्रिएटर्स को सोशल मीडिया पर धन्यवाद दें या उन्हें ईमेल करें. #अंतरराष्ट्रीय पॉडकास्ट दिवस #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
Irfan shaikh
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2 घंटे पहले
हृषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee), जिन्हें प्यार से ऋषि दा भी कहा जाता है, हिंदी सिनेमा के सबसे महान और प्रभावशाली फिल्म निर्माताओं में से एक थे। उन्होंने लगभग चार दशकों के करियर में 40 से अधिक फिल्में निर्देशित कीं और उन्हें भारतीय सिनेमा के 'मिडिल सिनेमा' (Middle Cinema) का अग्रदूत माना जाता है। उनकी फिल्मों की कुछ मुख्य बातें: सादगी और यथार्थवाद: उनकी फिल्में आम आदमी के जीवन, मध्यवर्गीय मूल्यों और रिश्तों पर आधारित होती थीं। उनमें बड़े-बड़े सेट, भव्यता या अनावश्यक एक्शन नहीं होता था। हास्य और भावनात्मक गहराई: उन्होंने हल्के-फुल्के हास्य (स्लाइस-ऑफ-लाइफ कॉमेडी) को मानवीय भावनाओं और सामाजिक संदेशों के साथ खूबसूरती से जोड़ा। उनकी फिल्मों में हास्य के पीछे हमेशा एक दिल को छू लेने वाली कहानी होती थी। कला और व्यावसायिक सिनेमा के बीच का रास्ता: उन्होंने कला सिनेमा की गंभीरता और व्यावसायिक सिनेमा के मनोरंजन के बीच एक संतुलन बनाया, जो दर्शकों को बहुत पसंद आया। प्रमुख फिल्में (Notable Films) ऋषि दा ने कई यादगार फिल्में दीं, जिनमें शामिल हैं: फिल्म का नाम रिलीज़ वर्ष मुख्य कलाकार आनंद (Anand) 1971 राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन चुपके चुपके (Chupke Chupke) 1975 धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, शर्मिला टैगोर, जया भादुड़ी गोल माल (Gol Maal) 1979 अमोल पालेकर, उत्पल दत्त बावर्ची (Bawarchi) 1972 राजेश खन्ना, जया भादुड़ी खूबसूरत (Khubsoorat) 1980 रेखा, अशोक कुमार अभिमान (Abhimaan) 1973 अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी सत्यकाम (Satyakam) 1969 धर्मेंद्र, शर्मिला टैगोर मिली (Mili) 1975 अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी करियर और सम्मान शुरुआत: ऋषिकेश मुखर्जी ने अपने करियर की शुरुआत बिमल रॉय के साथ एक फिल्म एडिटर और सहायक निर्देशक के रूप में की थी। उन्होंने 'दो बीघा ज़मीन' और 'देवदास' जैसी फिल्मों में संपादन का काम किया। निर्देशन की शुरुआत: उन्होंने बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म 'मुसाफिर' (1957) बनाई। उन्हें सफलता 1959 में आई फिल्म 'अनाड़ी' से मिली। पुरस्कार: उन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार (1999) से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्हें पद्म विभूषण (2001) और कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों और फिल्मफेयर पुरस्कारों से भी नवाजा गया। उनकी फिल्मों में अक्सर यह संदेश होता था कि जीवन की भाग-दौड़ में छोटी-छोटी खुशियों को महत्व देना चाहिए। उनकी फिल्में आज भी दर्शकों के बीच बहुत प्रासंगिक और लोकप्रिय हैं। क्या आप उनकी किसी खास फिल्म के बारे में जानना चाहेंगे? #हृषिकेश मुखर्जी जी #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
Irfan shaikh
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2 घंटे पहले
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस हर साल 30 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन अनुवादकों और भाषा पेशेवरों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए समर्पित है। अनुवादकों का कार्य विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के बीच संवाद, समझ और सहयोग का एक पुल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो वैश्विक शांति और विकास के लिए आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस से जुड़ी मुख्य बातें तिथि: 30 सितंबर। उद्देश्य: अनुवादकों के काम को महत्व देना और यह उजागर करना कि अनुवाद कैसे राष्ट्रों को जोड़ता है और शांति, समझ और विकास को बढ़ावा देता है। क्यों 30 सितंबर? यह तारीख सेंट जेरोम की पुण्यतिथि है, जिन्हें अनुवादकों का संरक्षक संत (Patron Saint of Translators) माना जाता है। सेंट जेरोम बाइबिल के एक महत्वपूर्ण अनुवादक थे। शुरुआत: इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर्स (FIT) ने 1991 में आधिकारिक तौर पर इस दिन को मनाने का विचार शुरू किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 मई, 2017 को प्रस्ताव 71/288 को अपनाकर 30 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस घोषित किया। यह दिन दुनिया भर के अनुवाद समुदाय के लिए एकजुटता दिखाने और उनके पेशे को बढ़ावा देने का एक अवसर है। #अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
Irfan shaikh
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2 घंटे पहले
राजिन्दर कौर भट्टल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक वरिष्ठ राजनेता हैं। उनके बारे में मुख्य जानकारी इस प्रकार है: पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री: वह पंजाब की पहली और अब तक की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री रही हैं। उन्होंने नवंबर 1996 से फरवरी 1997 तक यह पद संभाला। उपमुख्यमंत्री: उन्होंने दो बार पंजाब की उपमुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया है: अगस्त 1996 से नवंबर 1996 तक। जनवरी 2004 से मार्च 2007 तक। विधानसभा क्षेत्र: वह लंबे समय तक लेहरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहीं। राजनीतिक दल: वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) की सदस्य हैं। वह पंजाब की राजनीति में एक मज़बूत और प्रभावशाली नेता के रूप में जानी जाती हैं। #राजिन्दर कौर भट्टल जी #🗞️30 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
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