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हिन्दू संस्कृति और अध्यात्म की जानकारियाँ
#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - हरि शरणं मूकं करोति वाचालं पंगु लंघयते गिरिम् यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम् जिनकी कृपा से गूंगे बहुत बोलने लगते हैं; लंगड़े पहाड़ को लांघ जाते हैं, परमानन्दस्वरूप माधव की मैं वन्दना उन ٤ करता हरि शरणं मूकं करोति वाचालं पंगु लंघयते गिरिम् यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम् जिनकी कृपा से गूंगे बहुत बोलने लगते हैं; लंगड़े पहाड़ को लांघ जाते हैं, परमानन्दस्वरूप माधव की मैं वन्दना उन ٤ करता - ShareChat
#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - हरि शरणं नाहं वसामि वैकुण्ठे योगिनां हृदये न च मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद लिए श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने के कोई पूर्ण ब्रह्म भगवान उपाय है तो वह है केवल भगवान का स्मरण व कीर्तन। भगवान स्वयं नारदजी से कहते हैं कि हे नारद मै तो तो केवल वहीं विराजता हूँ, जहां मेरे भक्त प्रेम से मेरा गुणगान करते हैं। अर्थात कलौ केशवकीर्त्तनात् - कलिकाल में भगवान केशव का कीर्तन ही भवसागर से पार होने का एकमात्र साधन है। हरि शरणं नाहं वसामि वैकुण्ठे योगिनां हृदये न च मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद लिए श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने के कोई पूर्ण ब्रह्म भगवान उपाय है तो वह है केवल भगवान का स्मरण व कीर्तन। भगवान स्वयं नारदजी से कहते हैं कि हे नारद मै तो तो केवल वहीं विराजता हूँ, जहां मेरे भक्त प्रेम से मेरा गुणगान करते हैं। अर्थात कलौ केशवकीर्त्तनात् - कलिकाल में भगवान केशव का कीर्तन ही भवसागर से पार होने का एकमात्र साधन है। - ShareChat
#व्रत एवं त्योहार
व्रत एवं त्योहार - हिन्दुओं के व्रत,पर्व 312 dl-<ZR १०, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष, दशमी 14 २०८२ कालयुक्त, विक्रम सम्वत नवम्बर २०२५ शुक्रवार वाराणसी भारत নিভাব ப ப इस दिन कोई महत्वपूर्ण ೪ त्यौहार नहीं हैं। हिन्दुओं के व्रत,पर्व 312 dl-<ZR १०, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष, दशमी 14 २०८२ कालयुक्त, विक्रम सम्वत नवम्बर २०२५ शुक्रवार वाराणसी भारत নিভাব ப ப इस दिन कोई महत्वपूर्ण ೪ त्यौहार नहीं हैं। - ShareChat
#शुभ मुहूर्त
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#शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - १०, मार्गशीर्ष Panchang कृष्ण पक्ष, दशमी 14 २०८२ कालयुक्त, विक्रम सम्वत नवम्बर २०२५ शुक्रवार वाराणसी, भारत भद्वा, विडाल योग रहित मुहूर्त एवं उदय लग्न पञ्चक के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त आज के दिन के लिए उदय लग्न मुहूर्त आज २ तुला - नवम्बर १३ को २८:१२+ बजे से ०६:२८ रज पञ्चक - ०६:१४ से ०६:२८ 7 3]9380-06:28 708:45 3f94 - 06.28 # 08.45 चोर पञ्चक - ०8:४५ धनु - ०८:४५ से १०:५० 10:50 T থুল্স মুচুন - 10:50  12:35 মব্ধয - 10:50 ম 12:35 रोग पञ्चक 12:35 14:05 ~ 391 - 12.35 814.05 থু্ মুচুন - 14:05  ) #7-14:05 715:34 15:34 থু্ মুচুন - 15:34  00 77-15:34 717:12 17:12 रोग पञ्चक - १७:१२ 19:09 ४   वृषभ - १७:१२ से १९:०९ शुभ मुहूर्त - १९:०९  21:20 _ 897-19:09 721:23 মূন্ডতু এত্সব্ধ - 21:20 স 21:23 %  कर्क - २१:२३ से २३४१ 21:23 23:41  ஈ-23:41 पञ्चक 25:55+ থুল্স মুমুন - 23:41 24:49+ T) 25:55+ 28:08+ कन्या 25:55+ 24:49+ रज पञ्चक থু্ মুমুন - 25:554  28:08+ 28:08+ 30:15+ पञ्चक १०, मार्गशीर्ष Panchang कृष्ण पक्ष, दशमी 14 २०८२ कालयुक्त, विक्रम सम्वत नवम्बर २०२५ शुक्रवार वाराणसी, भारत भद्वा, विडाल योग रहित मुहूर्त एवं उदय लग्न पञ्चक के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त आज के दिन के लिए उदय लग्न मुहूर्त आज २ तुला - नवम्बर १३ को २८:१२+ बजे से ०६:२८ रज पञ्चक - ०६:१४ से ०६:२८ 7 3]9380-06:28 708:45 3f94 - 06.28 # 08.45 चोर पञ्चक - ०8:४५ धनु - ०८:४५ से १०:५० 10:50 T থুল্স মুচুন - 10:50  12:35 মব্ধয - 10:50 ম 12:35 रोग पञ्चक 12:35 14:05 ~ 391 - 12.35 814.05 থু্ মুচুন - 14:05  ) #7-14:05 715:34 15:34 থু্ মুচুন - 15:34  00 77-15:34 717:12 17:12 रोग पञ्चक - १७:१२ 19:09 ४   वृषभ - १७:१२ से १९:०९ शुभ मुहूर्त - १९:०९  21:20 _ 897-19:09 721:23 মূন্ডতু এত্সব্ধ - 21:20 স 21:23 %  कर्क - २१:२३ से २३४१ 21:23 23:41  ஈ-23:41 पञ्चक 25:55+ থুল্স মুমুন - 23:41 24:49+ T) 25:55+ 28:08+ कन्या 25:55+ 24:49+ रज पञ्चक থু্ মুমুন - 25:554  28:08+ 28:08+ 30:15+ पञ्चक - ShareChat
#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - ओम नमो नारायणाय !! ईश्वर नहिं कोय रूप है, भलो बुरो सब जग जैसी जाकी भावना, तैसो ही फल होय सम्पूर्ण संसार साक्षात् परमात्मा का स्वरूप है इसमें भला बुरा, यह अच्छा खराब, गुण दोष आदि दो चीजें है ही नहीं, हम अपनी भावना के अनुसार भले और बुरे दो रूपों को देखते है तो भगवान भी भले और बुरे दो रूपों में प्रकट हो जाते है और यदि हम भला और बुरा न देखकर केवल भगवान को देखते है तो भगवान भी अपने वास्तविक रूप में प्रकट होते है अर्थात जैसी भावना वैसा ক্ল সাদ কী जाता है ओम नमो नारायणाय !! ईश्वर नहिं कोय रूप है, भलो बुरो सब जग जैसी जाकी भावना, तैसो ही फल होय सम्पूर्ण संसार साक्षात् परमात्मा का स्वरूप है इसमें भला बुरा, यह अच्छा खराब, गुण दोष आदि दो चीजें है ही नहीं, हम अपनी भावना के अनुसार भले और बुरे दो रूपों को देखते है तो भगवान भी भले और बुरे दो रूपों में प्रकट हो जाते है और यदि हम भला और बुरा न देखकर केवल भगवान को देखते है तो भगवान भी अपने वास्तविक रूप में प्रकट होते है अर्थात जैसी भावना वैसा ক্ল সাদ কী जाता है - ShareChat
#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - ओम नमो नारायणाय !! जबहि नाम हिरदे धरयो , भया पाप का नास जैसे चिनगी आग की, परी पुरानी घास जिस समय हमारे हृदय में भगवान का नाम प्रकट हो जाता है उसी हमारे सभी कर्मो का सिलसिला खत्म हो जाता है जिनकी समय वजह से हम इस संसार में फसे पडे़ है, जिस तरह एक सूखे घास का ढेर कितना भी बड़ा क्यों न हो एक छोटी सी आग की चिंगारी उस पुरे ढेर को जलाकर राख कर देती है, इसी तरह हमारे कितने हमारे सभी कर्मों ही बुरे व खराब कर्म क्यों न हो, भगवान का नाम का हिसाब ख़त्म कर देता है ओम नमो नारायणाय !! जबहि नाम हिरदे धरयो , भया पाप का नास जैसे चिनगी आग की, परी पुरानी घास जिस समय हमारे हृदय में भगवान का नाम प्रकट हो जाता है उसी हमारे सभी कर्मो का सिलसिला खत्म हो जाता है जिनकी समय वजह से हम इस संसार में फसे पडे़ है, जिस तरह एक सूखे घास का ढेर कितना भी बड़ा क्यों न हो एक छोटी सी आग की चिंगारी उस पुरे ढेर को जलाकर राख कर देती है, इसी तरह हमारे कितने हमारे सभी कर्मों ही बुरे व खराब कर्म क्यों न हो, भगवान का नाम का हिसाब ख़त्म कर देता है - ShareChat
#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - ओम नमो नारायणाय !! रघुवीर समर्थ, जय जय सुखकर्ता जय जय सीतापति रावणरिपु रघुवंश, जय जय जय जय भक्तजनपरिपालक "रघुवंश के नायक, सीता के सुख देने वाले पति, रावण के शत्रु और भक्तों के रक्षक राम की जय हो।" ओम नमो नारायणाय !! रघुवीर समर्थ, जय जय सुखकर्ता जय जय सीतापति रावणरिपु रघुवंश, जय जय जय जय भक्तजनपरिपालक "रघुवंश के नायक, सीता के सुख देने वाले पति, रावण के शत्रु और भक्तों के रक्षक राम की जय हो।" - ShareChat
#व्रत एवं त्योहार
व्रत एवं त्योहार - feoga & লন,পন ओर d-< ER ०९ , मार्गशीर्ष 4# पक्ष த 13 २०८२ कालयुक्त विक्रम सम्वत नवम्बर २०२५ बृहस्पतिवार वाराणसी भारत विडाल गण्ड मूल आडल योग योग इस दिन कोई महत्वपूर्ण కి त्यौहार नहीं हैं। feoga & লন,পন ओर d-< ER ०९ , मार्गशीर्ष 4# पक्ष த 13 २०८२ कालयुक्त विक्रम सम्वत नवम्बर २०२५ बृहस्पतिवार वाराणसी भारत विडाल गण्ड मूल आडल योग योग इस दिन कोई महत्वपूर्ण కి त्यौहार नहीं हैं। - ShareChat
#शुभ मुहूर्त
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