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हिन्दू संस्कृति और अध्यात्म की जानकारियाँ
#जय माता दी
जय माता दी - E E - ShareChat
#पूजन विधि
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#शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - पापांकुशा एकादशी व्रत 3a٢ अक्टूबर २०२५ Friday शुक्रवार विष्णु  करवट बदलते हुये भगवान पापांकुशा एकादशी पारण पापांकुशा एकादशी शुक्रवार, अक्टूबर 3, २०२५ को ४वा अक्टूबर को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - ०५:५१ 08:13 पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - १७:०९ एकादशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर ०२, २०२५ को १९:१० बजे एकादशी तिथि समाप्त अक्टूबर ०३, २०२५ को १८ः३२ बजे पापांकुशा एकादशी व्रत 3a٢ अक्टूबर २०२५ Friday शुक्रवार विष्णु  करवट बदलते हुये भगवान पापांकुशा एकादशी पारण पापांकुशा एकादशी शुक्रवार, अक्टूबर 3, २०२५ को ४वा अक्टूबर को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - ०५:५१ 08:13 पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - १७:०९ एकादशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर ०२, २०२५ को १९:१० बजे एकादशी तिथि समाप्त अक्टूबर ०३, २०२५ को १८ः३२ बजे - ShareChat
#शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - काशी भरत मिलाप ३वाँ अक्टूबर २०२५ Friday शुक्रवार भरत मिलाप काशी भरत मिलाप मुहूर्त काशी भरत मिलाप का ४८३वाँ आयोजन काशी भरत मिलाप शुक्रवार, अक्टूबर 3, २०२५ को विजयादशमी बृहस्पतिवार, अक्टूबर २, २०२५ को काशी भरत मिलाप ३वाँ अक्टूबर २०२५ Friday शुक्रवार भरत मिलाप काशी भरत मिलाप मुहूर्त काशी भरत मिलाप का ४८३वाँ आयोजन काशी भरत मिलाप शुक्रवार, अक्टूबर 3, २०२५ को विजयादशमी बृहस्पतिवार, अक्टूबर २, २०२५ को - ShareChat
#शुभ मुहूर्त
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#शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - २६, आश्विन Panchang शुक्ल पक्ष, एकादशी 03 २०८२ कालयुक्त विक्रम सम्वत अक्टूबर २०२५ থুকনাৎ वाराणसी, भारत पापांकुशा एकादशी , भद्रा, पञ्चक, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग मिलाप काशी भरत  मुहूर्त एवं उदय लग्न पञ्चक रहित आज के दिन के लिए उदय लग्न मुहूर्त आज के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त T५   कन्या - अक्टूबर ०२ को २८ ४४+ बजे से 0६ ५७ शुभ मुहूर्त - ०५ ५१ से 0६:५७ ? বুলা - 06:57 # 09:13  বত্সব্ধ - 06:57 ম 09:13 अग्नि पञ्चक - ०९ १३ से ०9:३४ वृश्चिक - ०९ १३ से ११:३० शुभ मुहूर्त - ०९ ३४ से ११:३० ಉ . 11.30 13:35 11:30 713:35 ام মব্ধয - 13:35 ম 15:20 रज पञ्चक शुभ मुहूर्त - १३३५ से १५ २० ^ ক্রুত্স-15:20 # 16:51 चोर पञ्चक - १५ २० X [a- 1651 :18.19 16:51 मुहूर्त - 16:51 18:19 99T 00 77-18:19 19:57 शुभ मुहूर्त - १८:१९ 18:32 ४   वृषभ - १९५७ 21:54 चोर पञ्चक - १८:३२ 19:57 I [ొ7-21.54 24:08+ शुभ मुहूर्त - १९:५७ 21:54 %  कर्क - २४:०८+ 26:26+ रोग पञ्चक - २१:५४ 24:08+ 0 86-26:26+ 28:40+ शुभ मुहूर्त - २४:०8+ 26:26+ पञ्चक - २६:२६+ 28:40+ अग्नि पञ्चक - २८:४०+ 29:51+ २६, आश्विन Panchang शुक्ल पक्ष, एकादशी 03 २०८२ कालयुक्त विक्रम सम्वत अक्टूबर २०२५ থুকনাৎ वाराणसी, भारत पापांकुशा एकादशी , भद्रा, पञ्चक, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग मिलाप काशी भरत  मुहूर्त एवं उदय लग्न पञ्चक रहित आज के दिन के लिए उदय लग्न मुहूर्त आज के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त T५   कन्या - अक्टूबर ०२ को २८ ४४+ बजे से 0६ ५७ शुभ मुहूर्त - ०५ ५१ से 0६:५७ ? বুলা - 06:57 # 09:13  বত্সব্ধ - 06:57 ম 09:13 अग्नि पञ्चक - ०९ १३ से ०9:३४ वृश्चिक - ०९ १३ से ११:३० शुभ मुहूर्त - ०९ ३४ से ११:३० ಉ . 11.30 13:35 11:30 713:35 ام মব্ধয - 13:35 ম 15:20 रज पञ्चक शुभ मुहूर्त - १३३५ से १५ २० ^ ক্রুত্স-15:20 # 16:51 चोर पञ्चक - १५ २० X [a- 1651 :18.19 16:51 मुहूर्त - 16:51 18:19 99T 00 77-18:19 19:57 शुभ मुहूर्त - १८:१९ 18:32 ४   वृषभ - १९५७ 21:54 चोर पञ्चक - १८:३२ 19:57 I [ొ7-21.54 24:08+ शुभ मुहूर्त - १९:५७ 21:54 %  कर्क - २४:०८+ 26:26+ रोग पञ्चक - २१:५४ 24:08+ 0 86-26:26+ 28:40+ शुभ मुहूर्त - २४:०8+ 26:26+ पञ्चक - २६:२६+ 28:40+ अग्नि पञ्चक - २८:४०+ 29:51+ - ShareChat
#शुभ मुहूर्त #पूजन विधि
शुभ मुहूर्त - 02-10-25 आचार्य माधवाचार्य जन्मोत्सव गुरुवार माधवाचार्य जी एक महान संत और समाज सुधारक थे, इन्होंने ब्रह्म सूत्र और दस उपनिषदों की व्याख्या लिखी है माधवाचार्य जी राम में अटूट आस्था थी, सन्यासी बनने पर ये की भगवान श्री मध्यस्वामी आनंदतीर्थ के नाम से भी प्रसिद्ध हुए।  माधवाचार्य जी एक महान संत और समाज सुधारक थे, इन्होंने ब्रह्म सूत्र और दस उपनिषदों की व्याख्या लिखी है। वे उत्तरी भारत की यात्रा के समय बदरी आश्रम से दिग्विजयी राम की मूर्ति दक्षिण ले गए थे। उन्होंने अपने शिष्य नर -् हरितीर्थ से १२६४ ई के लगभग पुरी से मूल राम और सीता की मूर्ति मँगवाई थी। यही मूर्ति मैसूर जगन्नाथ में मूलराम के नाम से स्थापित की गई थी। प्रारम्भ में ये जगद् गुरू शंकराचार्य जी के शिष्य बनें एवं इनका मध्व नाम कुछ स्थानों पर माधवाचार्य जी को श्री हनुमान जी का अवतार दिया गया, भी माना जाता है। 02-10-25 आचार्य माधवाचार्य जन्मोत्सव गुरुवार माधवाचार्य जी एक महान संत और समाज सुधारक थे, इन्होंने ब्रह्म सूत्र और दस उपनिषदों की व्याख्या लिखी है माधवाचार्य जी राम में अटूट आस्था थी, सन्यासी बनने पर ये की भगवान श्री मध्यस्वामी आनंदतीर्थ के नाम से भी प्रसिद्ध हुए।  माधवाचार्य जी एक महान संत और समाज सुधारक थे, इन्होंने ब्रह्म सूत्र और दस उपनिषदों की व्याख्या लिखी है। वे उत्तरी भारत की यात्रा के समय बदरी आश्रम से दिग्विजयी राम की मूर्ति दक्षिण ले गए थे। उन्होंने अपने शिष्य नर -् हरितीर्थ से १२६४ ई के लगभग पुरी से मूल राम और सीता की मूर्ति मँगवाई थी। यही मूर्ति मैसूर जगन्नाथ में मूलराम के नाम से स्थापित की गई थी। प्रारम्भ में ये जगद् गुरू शंकराचार्य जी के शिष्य बनें एवं इनका मध्व नाम कुछ स्थानों पर माधवाचार्य जी को श्री हनुमान जी का अवतार दिया गया, भी माना जाता है। - ShareChat
#व्रत एवं त्योहार #पूजन विधि #शुभ मुहूर्त
व्रत एवं त्योहार - अति बल मधु कैटभ जेहिं मारे। महाबीर दितिसुत संघारे ।I जेहिं बलि बाँधि सहस भुज मारा। सोइ अवतरेउ हरन महि भारा II fawj अत्यन्त बलवान मधु और कैटभ दैत्यों का संहार करने जो भगवान दिति के पुत्रों हिरण्याक्ष वाले हैं, वराह और नृसिंह रूप में जिन्होनें महान शूरवीर और हिरण्यकश्यप का संहार किया है, जिन्होंने वामन रूप में राजा बलि को बाँधा और परशुराम रूप में सहस्रबाहु को मारा है, वही श्री हरी ` पृथ्वी কা মাং हरण करने के लिए श्रीरामरूप में अवतीर्ण हुए हैं। विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं , अति बल मधु कैटभ जेहिं मारे। महाबीर दितिसुत संघारे ।I जेहिं बलि बाँधि सहस भुज मारा। सोइ अवतरेउ हरन महि भारा II fawj अत्यन्त बलवान मधु और कैटभ दैत्यों का संहार करने जो भगवान दिति के पुत्रों हिरण्याक्ष वाले हैं, वराह और नृसिंह रूप में जिन्होनें महान शूरवीर और हिरण्यकश्यप का संहार किया है, जिन्होंने वामन रूप में राजा बलि को बाँधा और परशुराम रूप में सहस्रबाहु को मारा है, वही श्री हरी ` पृथ्वी কা মাং हरण करने के लिए श्रीरामरूप में अवतीर्ण हुए हैं। विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं , - ShareChat