vijay
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तेरे जैसा यार कहा
#❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #विजय पाल #📓 हिंदी साहित्य #✍प्रेमचंद की कहानियां #✍️ साहित्य एवं शायरी
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - हिन्दवी hindwiorg 66 जिससे प्रेम हो गया, उससे द्वेष नहीं हो सकता , चाहे वह हमारे साथ कितना ही अन्याय क्यों न करे। जहाँ प्रेमिका प्रेमी के हाथों क़त्ल हो, वहाँ समझ लीजिए कि प्रेम न था, केवल विषय -्लालसा थी| TG प्रम हिन्दवी hindwiorg 66 जिससे प्रेम हो गया, उससे द्वेष नहीं हो सकता , चाहे वह हमारे साथ कितना ही अन्याय क्यों न करे। जहाँ प्रेमिका प्रेमी के हाथों क़त्ल हो, वहाँ समझ लीजिए कि प्रेम न था, केवल विषय -्लालसा थी| TG प्रम - ShareChat
मेने कभी... तुम्हारा सर्वस्व बनने की ... अभिलाषा रखी हि नही.. किन्तु, एक ऐसे स्थान की आकांशा अवश्य रही... जिसका कोई अन्य विकल्प सम्भव हि ना हो ❣️ #❤️जीवन की सीख #📓 हिंदी साहित्य #💞Heart touching शायरी✍️ #विजय पाल #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
❤️जीवन की सीख - मैंने कभी अपने सपनों को खोने नहीं दिया बल्कि उन्हें जीना अपनी बना लिया है।.|l Facebook/ / Vishnukumar  मैंने कभी अपने सपनों को खोने नहीं दिया बल्कि उन्हें जीना अपनी बना लिया है।.|l Facebook/ / Vishnukumar - ShareChat
मेरा झुकना तेरा खुदा हो जाना यार अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना ....!!🥀🩷🤎 #💞Heart touching शायरी✍️ #📓 हिंदी साहित्य #विजय पाल #🥰Express Emotion #❤️जीवन की सीख
💞Heart touching शायरी✍️ - मित्रता और प्रेम मेरे जीवन का 3f| लिए वो एक मात्र संबंध हैं जिसके मेरा सर्वस्व भी अर्पित हैं | मित्रता और प्रेम मेरे जीवन का 3f| लिए वो एक मात्र संबंध हैं जिसके मेरा सर्वस्व भी अर्पित हैं | - ShareChat
#विजय पाल #📓 हिंदी साहित्य #🥰Express Emotion ##️⃣DilShayarana💘 #💞Heart touching शायरी✍️
विजय पाल - 0 589 ப& *46/ 21:54 63% कुछ भी अतिरिक्त नहीं होता प्रेम में और ना कुछ कम ही होता है प्रेम संतुलित होता है वह पूर्ण या अपूर्ण भी नहीं होता क्योंकि प्रेम अपने आप में संपूर्ण होता है शोर है प्रेम और शांति भी प्रेम नियमित है और क्रांति भी प्रेम का विस्तार अति है प्रेम से कुछ भी रिक्त नहीं | हेमन्त 0 589 ப& *46/ 21:54 63% कुछ भी अतिरिक्त नहीं होता प्रेम में और ना कुछ कम ही होता है प्रेम संतुलित होता है वह पूर्ण या अपूर्ण भी नहीं होता क्योंकि प्रेम अपने आप में संपूर्ण होता है शोर है प्रेम और शांति भी प्रेम नियमित है और क्रांति भी प्रेम का विस्तार अति है प्रेम से कुछ भी रिक्त नहीं | हेमन्त - ShareChat
#📓 हिंदी साहित्य #विजय पाल #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏कर्म क्या है❓ #🥰Express Emotion
📓 हिंदी साहित्य - #जीवन का उद्देश्य सिर्फ जीना नहीं , सीखना और बढ़ना है।"# #जीवन का उद्देश्य सिर्फ जीना नहीं , सीखना और बढ़ना है।"# #जीवन का उद्देश्य सिर्फ जीना नहीं , सीखना और बढ़ना है।"# #जीवन का उद्देश्य सिर्फ जीना नहीं , सीखना और बढ़ना है।"# #जीवन का उद्देश्य सिर्फ जीना नहीं , सीखना और बढ़ना है।"# #जीवन का उद्देश्य सिर्फ जीना नहीं , सीखना और बढ़ना है।"# - ShareChat
"जो व्यक्ति प्रतिक्रिया नहीं देता, वह स्वयं से भी संवाद खो चुका होता है।" और फिर ऐसे व्यक्ति को आप कभी किसी भी विषय या बातों के द्वारा जीवित नहीं कर पाओगे!- _____ प्रतिक्रिया कब दी जाती है? जब किसी विषय पर मेरा हृदय आतुर हो जवाब देने को या रियेक्ट करने को!- _____ कई लोग है इन्क्लूडिंग मै भी --- जिसने बहुत सी घटनाओं को झेल चुके होते है, जिसकी कल्पना मैने कभी नहीं की, मुझे वहाँ से भी खरी-खोटी सुननी पड़ी, जिनसे उम्मीद कुछ थी और उन्होंने उस उम्मीद को तोड़कर समझाया की मै गलत थी -- _____ क्षण- क्षण जब हृदय पर चोट मिला फिर एक तरह से मृत्यु शैया पर मौन होकर लेट चुकी हुँ!-- अब ऐसी हुँ -- ना दुःख है ना दुःखी हुँ --- ना मित्र है ना कोई प्रेम!-- एकल, शून्य और मौन हुँ!- _____. #📗प्रेरक पुस्तकें📘 #✍मेरे पसंदीदा लेखक #📚कविता-कहानी संग्रह #विजय पाल #📓 हिंदी साहित्य
📗प्रेरक पुस्तकें📘 - "जिस हृदय में कोई प्रतिक्रिया न बचे वह जीवित शरीर में स्थिर समाधि है- जहाँ स्पंदन है, पर जीवन अनुपस्थित |" शिवालिका "जिस हृदय में कोई प्रतिक्रिया न बचे वह जीवित शरीर में स्थिर समाधि है- जहाँ स्पंदन है, पर जीवन अनुपस्थित |" शिवालिका - ShareChat
#📓 हिंदी साहित्य #✍मेरे पसंदीदा लेखक #📚कविता-कहानी संग्रह #📗प्रेरक पुस्तकें📘 #✍️ साहित्य एवं शायरी
📓 हिंदी साहित्य - 42243 मछली की कुशलता पेड़ पर चढ़ने से जांची जाए, और चातक की परीक्षा मीठा फल चखकर होने लगे , सिंह की क्षमता घास के गट्ठर खाने से परखी जाए, या जुगनू की उज्जवलता की तुलना दिवासूर्य से होने लगे , तो निश्चित ही सभी अपने क्षेत्र में असफल कहे जाएंगे , ही नहीं वे मूर्ख की उपाधि से पहचाने जाएंगे , इतना किंतु सत्य यह है कि मीन को पानी कभी डुबा नहीं सकता , चातक जैसा समर्पण स्वाति-बूंद के लिए, अन्य में आ नहीं सकता। सिंह जीता है अपने बाहुबल से , घोर दुष्कर जंगल में , दाने बटोरने वाला क्या समझेगा कि सिंह को कोई दाना चुगा नहीं सकता , से कुछ " भी सीखते नहीं, हमारी कार्यशैली विचित्र है, हम प्रकृति  हम असफल हों तोनिराश हो जाते हैं , ये नहीं कि परीक्षा बदलें , क्या सत्य नहीं कि सबकी अपनी विशिष्टता होती है, जो सुगम हो एक के लिए, किसी अन्य के लिए वह अत्यंत क्लिष्ट भी हो सकता है।न Duinetp 42243 मछली की कुशलता पेड़ पर चढ़ने से जांची जाए, और चातक की परीक्षा मीठा फल चखकर होने लगे , सिंह की क्षमता घास के गट्ठर खाने से परखी जाए, या जुगनू की उज्जवलता की तुलना दिवासूर्य से होने लगे , तो निश्चित ही सभी अपने क्षेत्र में असफल कहे जाएंगे , ही नहीं वे मूर्ख की उपाधि से पहचाने जाएंगे , इतना किंतु सत्य यह है कि मीन को पानी कभी डुबा नहीं सकता , चातक जैसा समर्पण स्वाति-बूंद के लिए, अन्य में आ नहीं सकता। सिंह जीता है अपने बाहुबल से , घोर दुष्कर जंगल में , दाने बटोरने वाला क्या समझेगा कि सिंह को कोई दाना चुगा नहीं सकता , से कुछ " भी सीखते नहीं, हमारी कार्यशैली विचित्र है, हम प्रकृति  हम असफल हों तोनिराश हो जाते हैं , ये नहीं कि परीक्षा बदलें , क्या सत्य नहीं कि सबकी अपनी विशिष्टता होती है, जो सुगम हो एक के लिए, किसी अन्य के लिए वह अत्यंत क्लिष्ट भी हो सकता है।न Duinetp - ShareChat
##️⃣DilShayarana💘 #💞Heart touching शायरी✍️ #📓 हिंदी साहित्य #विजय पाल #💝 शायराना इश्क़
#️⃣DilShayarana💘 - Ta मेरी बातें बंद हो जाएगी न तुमसे তল याद आएगी.... मेरी हंसी, मेरी बेमतलब की ढेर सारी बातें , मेरा पगलेटपना, फ़िक्र करना, हर पल तुम्हारी वो तुम्हारी हर तस्वीर की नज़र उतरना , बेमतलब के ख़्याल और 5R तुम्हारे लिए मेरा ढेर सारा प्रेम.... Ta मेरी बातें बंद हो जाएगी न तुमसे তল याद आएगी.... मेरी हंसी, मेरी बेमतलब की ढेर सारी बातें , मेरा पगलेटपना, फ़िक्र करना, हर पल तुम्हारी वो तुम्हारी हर तस्वीर की नज़र उतरना , बेमतलब के ख़्याल और 5R तुम्हारे लिए मेरा ढेर सारा प्रेम.... - ShareChat
#❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #विजय पाल ##️⃣DilShayarana💘 #📓 हिंदी साहित्य #💞Heart touching शायरी✍️
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - ٠ ٥ ٠ सुसर्जन्म झूठ है प्रिय सच तो यह है कि हम अनंतकाल के लिए बिछड़ गए और यह बिछड़ना समय सेभी लंबा है। आँखें किसी औरआकाशं में चमकेंगी , तुम्हारी अब और मेरी साँसें तुम्हारे नाम का शोक गाती हुई धीरेन्धीरे राख में बदल जाएँगी| प्रेम अ़मर नहीं हुआ , प्रिये अमर हुआ है हमारा विरह। ٠ ٥ ٠ सुसर्जन्म झूठ है प्रिय सच तो यह है कि हम अनंतकाल के लिए बिछड़ गए और यह बिछड़ना समय सेभी लंबा है। आँखें किसी औरआकाशं में चमकेंगी , तुम्हारी अब और मेरी साँसें तुम्हारे नाम का शोक गाती हुई धीरेन्धीरे राख में बदल जाएँगी| प्रेम अ़मर नहीं हुआ , प्रिये अमर हुआ है हमारा विरह। - ShareChat
##️⃣DilShayarana💘 #📓 हिंदी साहित्य #विजय पाल #❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #❤️जीवन की सीख
#️⃣DilShayarana💘 - সাঁ সুনী না! क्या तुम्हारी साडी के पल्ले में बंधी हमारे घर की चाबियाँ JFER 34 थोपे हुए छोटे छोटे বধনী ক বালী কী नहीं खोल सकती ? रचना श्रीवास्तव काव्यपीडिया @kaavyapedia সাঁ সুনী না! क्या तुम्हारी साडी के पल्ले में बंधी हमारे घर की चाबियाँ JFER 34 थोपे हुए छोटे छोटे বধনী ক বালী কী नहीं खोल सकती ? रचना श्रीवास्तव काव्यपीडिया @kaavyapedia - ShareChat