## माँ कालरात्रि — माँ कालरात्रि का रूप भले ही भयानक प्रतीक का होता है, लेकिन वे भक्तों के लिए असीम करुणामयी और कल्याणकारी हैं। उनके काले वर्ण से यह संदेश मिलता है कि अंधकार और भय से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उसका सामना करना चाहिए।
जय माँ कालरात्रि 🌸🙏
## माँ कात्यायनी — दृष्टों का नाश करने वाली और धर्म की रक्षा रक्षा करने वाली शक्तिरूपा।🌺🙏
नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी को समर्पित है। माता के इस रूप को सफलता और यश का प्रतीक माना जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने अपनी पुत्री के रूप में माँ भगवती को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उन्हें कात्यायनी नाम से जाना जाने लगा.
जब महिषासुर का तीनों लोकों पर अत्याचार बढ़ा तब माँ कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया।
जय माँ कात्यायनी🌸🙏
## माँ स्कंदमाता — पुत्र कार्तिकेय के साथ विराजमान, ममता और करुणा की मूर्ति।🌺🙏
माँ स्कंदमाता सिंह पर सवार होती है, उनके एक हाथ में भगवान स्कंद (कार्तिकेय) बालरूप में विराजमान होते हैं। उनके पास कमल का फूल होता है और स्वयं भी कमल के आसन पर बैठती हैं। इसीलिए उन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है।
माँ स्कंदमाता भक्तों को प्रेम, करुणा और मातृत्व का आशीर्वाद देती हैं।
इनकी पूजा करने से भक्त को साहस, तेज, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जीवन के संकट दूर होते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।🙏🌸
जय माँ स्कंदमाता 🌺🙏
## माँ कूष्मांडा — सृष्टि की आदिशक्ति, जिनके तेज से ब्रह्मांड का निर्माण हुआ।🌸🙏
पौराणिक कथा के अनुसार, जब त्रिदेव ने सृष्टि की रचना करने की कल्पना की तो, उस समय ब्रह्मांड में अंधेरा छाया हुआ था। इस दौरान ब्रह्मांड में सन्नाटा पसरा हुआ था। ऐसे में त्रिदेव ने मां दुर्गा से सहायता ली। जब चारों ओर केवल अंधकार था सृष्टि का अस्तित्व नहीं था। तब मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा ने अपनी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसी कारण वे सृष्टि की आदिशक्ति और आदिस्वरूपा हैं। जो अपनी मधुर मुस्कान से संसार का अंधकार दूर कर देती हैं।
माँ हमें सिखाती है कि सकारात्मक सोच और एक प्यारी सी मुस्कान से भी जीवन में नई शुरुआत की जा सकती हैं।
उनकी हँसी से ब्रह्मांड का सृजन हुआ... हमें भी अपनी भीतर की रोशनी जगानी है और उसे संसार तक फैलाना हैं।
जय माँ कूष्मांडा! 🌺🙏
## माँ चंद्रघंटा — घंटे की गूंज और सिंह पर सवार, शांत, सशक्त और साहस की देवी। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित है, जो शांति और सौम्यता का प्रतीक हैं।🌙🌺🙏
चंद्रघंटा - इस रूप में माँ दुर्गा की घंटी और चंद्र दोनों हैं। घंटी का अर्थ भय दूर करना और चेतना जगाना, और चंद्रमा का अर्थ है शांति और शीतलता।
चंद्रघंटा केवल कोमल नहीं बल्कि कठिनाई में भी डर को हराकर साहस और शक्ति देती हैं।
धैर्याची मूर्ति, संकटांचा नाश करणारी, सिंहावर उभी, भक्तांसाठी आधार असणारी। त्रिशूल व हातात धनुष्य तिच्या चमकते, मनातील भीती मिटवून शांती फुलवते।🙏🌸
## माँ ब्रह्मचारिणी — आज की आराधना माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित 🌺🙏
तप, त्याग और कठोर साधना का रूप। "तपस्या और संयम की देवी, माँ ब्रह्मचारिणी भक्ति और शक्ति की प्रतीक हैं" उनकी कृपा से मिलती है शांति, शक्ति और ज्ञान✨
तपश्चर्येची मूर्ती माता, ब्रह्मचारिणी नाम तुझं।
धैर्य, संयम, ज्ञान देई, सदैव राहो स्मरण तुझं।🙏🌸
## 🌸माँ शैलपुत्री — पर्वतराज हिमालय की पुत्री, सरलता और साहस की प्रतीक।🌸🙏