Jagannath
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*भक्ति, विश्वास और चमत्कार की सच्ची कथा* बहुत समय पहले की बात है। पुरी से बहुत दूर एक गांव में विदुर नाम का एक गरीब किसान रहता था। वो भगवान जगन्नाथ का बहुत बड़ा भक्त था, लेकिन कभी पुरी जाकर रथ यात्रा देखने का सौभाग्य नहीं मिला। हर साल जब पुरी रथ यात्रा होती, तो विदुर दूर खड़ा होकर आसमान की ओर देखता और कहता: "प्रभु, एक बार मुझे भी बुला लो… बस एक बार अपने रथ के दर्शन करा दो।" एक दिन उसने मन ही मन संकल्प लिया:"चाहे कुछ भी हो जाए, इस बार रथ यात्रा में पहुंचकर भगवान के दर्शन जरूर करूंगा।" वो पैदल ही पुरी के लिए निकल पड़ा। सौ किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा, गर्मी, बारिश, जंगल… लेकिन उसका विश्वास अडोल था। रास्ते में एक बड़ा नदी पड़ा –न नाव, न पुल, और न कोई राह। थका-हारा विदुर उस नदी किनारे बैठकर रोने लगा: "प्रभु! क्या इतनी दूर चलकर अब दर्शन से वंचित रह जाऊँगा?" और तभी हुआ चमत्कार! रात को जब वो वहीं सो गया,तो सपने में भगवान जगन्नाथ ने दर्शन दिए और कहा: "चिंता मत कर, मैं खुद तुझे रास्ता दिखाऊंगा!" सुबह जब विदुर की आंख खुली,, उसके सामने एक लकड़ी का तैरता पुल नदी पर बिछा हुआ था! वो पुल ना तो बह रहा था, ना डूब रहा था जैसे किसी ने उसे उसके लिए ही बनाया हो! विदुर दौड़कर पार हुआ और समय पर पुरी पहुँचा और जैसे ही वो रथ के पास पहुँचा,,भगवान जगन्नाथ के विशाल नेत्रों से सीधा उसकी आंखों का मिलन हुआ! लोगों ने कहा, “आज प्रभु की दृष्टि बहुत करुणामयी लग रही है…” पर किसी को नहीं पता था..... भगवान अपने एक सच्चे भक्त का इंतजार कर रहे थे। जय जगन्नाथ प्रभु की #🙏હિન્દૂ દેવી-દેવતા🌺 #🙏ભક્તિ સ્ટેટ્સ #🙏 જય શ્રી કૃષ્ણ #✍️ જીવન કોટ્સ #Jagannath
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