🔱‼️🌺🚩🕉जय माता दी🕉🚩🌺‼️🔱 🔔शक्तिपीठ दर्शन जय माँ हरसिद्धि उज्जैन मध्यप्रदेश से 🌹🌹#
118 Posts • 26K views
digital निर्माता
674 views 1 months ago
रहस्य और शक्ति की कहानी एक ही सांस में: 🔱शक्तिपीठों की वह पौराणिक परंपरा जिसमें माता सती के अंग पृथ्वी पर बिखरने से 51 पवित्र केन्द्र बने, आज भी न सिर्फ धार्मिक श्रद्धा का केन्द्र है बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अध्ययन का विषय भी है; खास कर कामाख्या मंदिर (गुवाहाटी) जो Nilachal शैली की वास्तुकला, तांत्रिक परंपराएँ और Ambubachi मेले के कारण शाक्त पंथ का सबसे जीवंत केंद्र माना जाता है — वैज्ञानिक दृष्टि से Ambubachi जैसा आयोजन मानव प्रजनन चक्र (menstrual biology) का सामाजिक-सांस्कृतिक रूपांतरण है जो मासिक धर्म के कलंक को तोड़ता है और नारीशक्ति को सार्वजनिक मान्यता देता है; वहीं, अगर पवित्र स्थलों पर कचरा-पडताल, असंगठित पर्यटन और पर्यावरणीय उपेक्षा दिखे तो वह धर्म के मूल सिद्धांत—प्रकृति और जीवन का सम्मान—के खिलाफ है और इसे वैज्ञानिक-लॉजिस्टिक उपाय (proper waste management, civic planning) से तुरंत सुधारा जाना चाहिए; मेरी बात — "स्त्री का चक्र ब्रह्मांड का चक्र है; उसका सम्मान विज्ञान और सामाजिक कर्तव्य दोनों की ज़रूरत है" 🔱🛕🕉️🌺🪔 #शक्ति_पीठ #कामाख्या #Ambubachi #देवी #RespectNature. @🅰️👿AyushBaBa🕉🔱 @@༺🔱शिवा हूं मैं🔱༻ ✺͜͡𒋨➳➫और शिवा सच्चाई का अंश ह #🔱शक्तिपीठ 🛕 #प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता शाकुंभरी देवी मंदिर दर्शन🙏सहारनपुर बेहट #शक्तिपीठ के दर्शन #🔱🌺‼️🚩🕉जय माता दी🕉🚩‼️🌺🔱# 🛕💖माँ हरसिद्धि शक्तिपीठ भजन 💖🛕💐👏# #🔱‼️🌺🚩🕉जय माता दी🕉🚩🌺‼️🔱 🔔शक्तिपीठ दर्शन जय माँ हरसिद्धि उज्जैन मध्यप्रदेश से 🌹🌹#
16 likes
12 shares
digital निर्माता
598 views 1 months ago
रूह को झकझोर देने वाली शक्ति की कहानियाँ — शक्तिपीठ: पुराणों के अनुसार सती के अंग धरती पर गिरकर पवित्र केन्द्र बने और वे पारंपरिक रूप से 51 महत्वपूर्ण स्थानों के रूप में गिने जाते हैं, जहाँ देवी का अलग रूप पूज्य है। सबसे विशेष है नीलाचल की कामख्या — तांत्रिक साधना और अंबुबाची मेले के लिए विश्वप्रसिद्ध, जिसकी स्थापत्य- और उत्खनन सूचनाएँ बताती हैं कि इस स्थल के अलग-अलग निर्माण चरण 8वीं-17वीं शताब्दी तक फैले हैं (इससे पता चलता है कि स्थानीय जनजातीय परम्पराएँ और बाद के राजकीय/धार्मिक प्रभाव एक साथ मिलकर पीठों की पहचान बनाते हैं)। शाकम्भरी जैसे सिद्ध पीठ उत्तर भारत में अपनी लोककथाओं और औषधीय वनपरंपराओं के कारण अलग महत्त्व रखते हैं, जो दर्शाता है कि शक्तिपीठ केवल आस्था नहीं—स्थानीय पारिस्थितिकी और सामाजिक चिकित्सा ज्ञान का भी केंद्र रहे हैं। इन शिविरों/पीठों की जीवंतता आज भी नजर आती है: उदाहरण के लिए आज कुरुक्षेत्र के मां भद्रकाली शक्तिपीठ पर दुर्गाष्टमी पर कन्या पूजन जैसे कार्यक्रम हुए — यह दिखाता है कि आयोजन न सिर्फ धार्मिक अर्थ रखते हैं बल्कि सामुदायिक पहचान और सामाजिक समर्थन का कार्य भी करते हैं। वैज्ञानिक तर्क यह दर्शाता है कि तीर्थयात्रा और सामूहिक उत्सव मनोवैज्ञानिक रूप से समुदायिक बंधन, सांस्कृतिक स्मृति और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करते हैं — इसलिए ये पीठ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं; "देवी बाहर नहीं, भीतर की जाग्रत शक्ति है — उसे पहचान कर ही हम उसका सम्मान करते हैं"। #शक्तिपीठ #माताशक्ति #Kamakhya #नवरात्रि #माताभद्रकाली #पुरातत्व 🕉️🙏✨ @महाकाल शक्तिपीठ ज्योतिष @पंडित रामाचार्य शक्तिपीठ बहमरपुर @अनुज जी महाराज शक्तिपीठ @जय मां गड़कलिका शक्तिपीठ 🔱🔱🔱 @शक्तिजीत #शक्तिपीठ #प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता शाकुंभरी देवी मंदिर दर्शन🙏सहारनपुर बेहट #शक्तिपीठ के दर्शन #🔱🌺‼️🚩🕉जय माता दी🕉🚩‼️🌺🔱# 🛕💖माँ हरसिद्धि शक्तिपीठ भजन 💖🛕💐👏# #🔱‼️🌺🚩🕉जय माता दी🕉🚩🌺‼️🔱 🔔शक्तिपीठ दर्शन जय माँ हरसिद्धि उज्जैन मध्यप्रदेश से 🌹🌹#
13 likes
17 shares