सामाजिक समस्या#
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K. VISHVAKARMA
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*4,85,56,75,90,000.00/- ₹ (चार खरव पिच्चासी अरब छप्पन करोड़ पचहत्तर लाख नव्वे हजार रु मात्र)की संपत्ति रखने वाले राकेश झुनझुनवाला (बिगबुल/स्टॉक ट्रेडर) के निधन से पहले के अंतिम शब्द.....* मैं व्यापार जगत में सफलता के शिखर पर पहुँच चुका हूँ। मेरा जीवन दूसरों की नज़र में एक उपलब्धि है। हालाँकि, काम के अलावा मेरे पास कोई खुशी नहीं थी। पैसे केवल एक सत्य हैं जिसका मैं उपयोग करता हूँ। स्वास्थ्य नहीं कमा पाया। इस समय अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए और अपनी पूरी जिंदगी को याद करते हुए, मुझे एहसास होता है कि मुझे जो पहचान और पैसे पर गर्व था, वह मृत्यु से पहले झूठा और बेकार हो गया है। आप अपनी कार चलाने या पैसे कमाने के लिए किसी को किराए पर ले सकते हैं। लेकिन, आप किसी को पीड़ित होने और मरने के लिए किराए पर नहीं ले सकते। खोई हुई भौतिक वस्तुएँ मिल सकती हैं। लेकिन एक चीज़ है, जो खो जाने पर कभी नहीं मिलती - और वह है ''स्वास्थ्य'' और "जीवन"। हम जीवन के किसी भी चरण में हों, समय के साथ हमें उस दिन का सामना करना होगा, जब दिल बंद हो जाएगा। अपने परिवार, जीवनसाथी और दोस्तों से प्यार करें...उन सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।🙏 उनके साथ अच्छा व्यवहार करें, उनके साथ धोखा न करें, बेईमानी या विश्वासघात कभी न करें। जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं और समझदार बनते हैं, हमें धीरे-धीरे एहसास होता है कि Rs 300 या Rs 3000 या Rs 2-4 लाख की कीमत की घड़ी पहनने से - सब कुछ एक ही समय को दर्शाता है। हमारे पास 100 का पर्स हो या 500 का - अंदर सब कुछ समान होता है। चाहे हम 5 लाख की कार चलाएँ या 50 लाख की कार चलाएँ। रास्ता और दूरी एक ही है और हम उसी मंजिल पर पहुँचते हैं। हम जिस घर में रहते हैं, चाहे वह 300 वर्ग फुट का हो या 3000 वर्ग फुट का - अकेलापन हर जगह समान है। आपको एहसास होगा कि आपका स्वास्थ्य ही आपकी सच्ची आंतरिक खुशी है जो इस दुनिया की भौतिक वस्तुओं से नहीं मिल सकती। आप फर्स्ट क्लास या इकोनॉमी क्लास में उड़ान भरें, अगर विमान नीचे गिरता है तो आप भी उसके साथ नीचे ही जाएंगे। इसलिए.. मैं आशा करता हूँ कि आपको एहसास होगा, आपके पास दोस्त, भाई और बहनें हैं, जिनके साथ आप बातें करते हैं, हंसते हैं, गाते हैं, स्वास्थ्य रहते सुख-दुख की बातें करते हैं,... यही सच्ची खुशी है!! जीवन की एक निर्विवाद सच्चाई: अपने बच्चों को केवल अमीर बनने के लिए शिक्षित न करें। उन्हें खुश रहना और स्वास्थ्य रहना सिखाएँ। जब वे बड़े होंगे तो उन्हें चीज़ों की लागत नहीं, मूल्य की जानकारी होगी। जीवन क्या है❓ जीवन को बेहतर समझने के लिए तीन स्थान हैं: - अस्पताल - जेल - श्मशान अस्पताल में आप समझेंगे कि स्वास्थ्य से अच्छा कुछ नहीं है। जेल में आप देखेंगे कि आज़ादी कितनी अमूल्य है। और श्मशान में आपको एहसास होगा कि जीवन कुछ भी नहीं है। आज हम जिस ज़मीन पर चल रहे हैं, वह कल हमारी नहीं होगी। *चलो अब से विनम्र बनें और हमें जो मिला है उसके लिए अपने माता पिता का धन्यवाद करें।* *सबका मंगल हो।* *सबका कल्याण हो।*।🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 #सामाजिक समस्या#
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K. VISHVAKARMA
523 views 3 days ago
*इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला उस समय भारत में 7,32,000 गुरुकुल थे, आइए जानते हैं हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए।* *हमारे सनातन संस्कृति परम्परा के गुरुकुल में क्या क्या पढाई होती थी, ये जान लेना पहले जरूरी है।* 01 *अग्नि विद्या* (Metallurgy) 02 *वायु विद्या* (Flight) 03 *जल विद्या* (Navigation) 04 *अंतरिक्ष विद्या* (Space Science) 05 *पृथ्वी विद्या* (Environment) 06 *सूर्य विद्या* (Solar Study) 07 *चन्द्र व लोक विद्या* (Lunar Study) 08 *मेघ विद्या* (Weather Forecast) 09 *पदार्थ विद्युत विद्या* (Battery) 10 *सौर ऊर्जा विद्या* (Solar Energy) 11 *दिन रात्रि विद्या* 12 *सृष्टि विद्या* (Space Research) 13 *खगोल विद्या* (Astronomy) 14 *भूगोल विद्या* (Geography) 15 *काल विद्या* (Time) 16 *भूगर्भ विद्या* (Geology Mining) 17 *रत्न व धातु विद्या* (Gems & Metals) 18 *आकर्षण विद्या* (Gravity) 19 *प्रकाश विद्या* (Solar Energy) 20 *तार विद्या* (Communication) 21 *विमान विद्या* (Plane) 22 *जलयान विद्या* (Water Vessels) 23 *अग्नेय अस्त्र विद्या* (Arms & Ammunition) 24 *जीव जंतु विज्ञान विद्या* (Zoology Botany) 25 *यज्ञ विद्या* (Material Sic) *ये तो बात हुई वैज्ञानिक विद्याओं की, अब बात करते हैं व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की।* 26 *वाणिज्य* (Commerce) 27 *कृषि* (Agriculture) 28 *पशुपालन* (Animal Husbandry) 29 *पक्षिपलन* (Bird Keeping) 30 *पशु प्रशिक्षण* (Animal Training) 31 *यान यन्त्रकार* (Mechanics) 32 *रथकार* (Vehicle Designing) 33 *रतन्कार* (Gems) 34 *सुवर्णकार* (Jewellery Designing) 35 *वस्त्रकार* (Textile) 36 *कुम्भकार* (Pottery) 37 *लोहकार* (Metallurgy) 38 *तक्षक* 39 *रंगसाज* (Dying) 40 *खटवाकर* 41 *रज्जुकर* (Logistics) 42 *वास्तुकार* (Architect) 43 *पाकविद्या* (Cooking) 44 *सारथ्य* (Driving) 45 *नदी प्रबन्धक* (Water Management) 46 *सुचिकार* (Data Entry) 47 *गोशाला प्रबन्धक* (Animal Husbandry) 48 *उद्यान पाल* (Horticulture) 49 *वन पाल* (Forestry) 50 *नापित* (Paramedical) *जिस देश के गुरुकुल इतने समृद्ध हों उस देश को आखिर कैसे गुलाम बनाया गया होगा ?* *मैकाले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे।* *1850 तक इस देश में “7 लाख 32 हजार” गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे “7 लाख 50 हजार” मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में ‘Higher Learning Institute’ हुआ करते थे। उन सबमें 18 विषय पढ़ाए जाते थे और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा।* *अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Luther और दूसरा था Thomas Munro ! दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है।* *मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है–* *“कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले उसे पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।”* *इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया। जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी, फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया, उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा-पीटा, जेल में डाला।* *गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया। उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था। इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी, ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में मौजूद हैं।* *मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि-* *“इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपनी परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।”* *उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ साफ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, जबकि अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा, हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, उस देश का कैसे कल्याण संभव है ?* *हमारी पुरानी शिक्षा पद्धति बहुत ही समृद्ध और विशाल थी और यही कारण था कि हम विश्वगुरु थे। हमारी शिक्षा पद्धति से पैसे कमाने वाले मशीन पैदा नहीं होते थे बल्कि मानवता के कल्याण हेतु अच्छे और विद्वान इंसान पैदा होते थे। आज तो जो बहुत पढ़ा लिखा है वही सबसे अधिक भ्रष्ट है, वही सबसे बड़ा चोर है।* *हमने अपना इतिहास गवां दिया है। क्योंकि अंग्रेज हमसे हमारी पहचान छीनने में सफल हुए। उन्होंने हमारी शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर के हमें अपनी संस्कृति, मूल धर्म, ज्ञान और समृद्धि से अलग कर दिया।* *आज जो स्कूलों और कॉलेजों का हाल है वो क्या ही लिखा जाए ! हम न जाने ऐसे लोग कैसे पैदा कर रहें हैं जिनमें जिम्मेवारी का कोई एहसास नहीं है। जिन्हें सिर्फ़ पद और पैसों से प्यार है। हम इतने असफल कैसे होते जा रहें हैं ?* *किसी भी समाज की स्थिति का अनुमान वहां के शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति से लगाया जा सकता है। आज हम इसमें बहुत असफल हैं। हमने स्कूल और कॉलेज तो बना लिए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए इसका निर्माण हुआ उसकी पूर्ति के योग्य इंसान और सिस्टम नहीं बना पाए।* *जब आप अपने देश का इतिहास पढ़ेंगे तो आप गर्व भी महसूस करेंगे और रोएंगे भी क्योंकि आपने जो गवां दिया है वो पैसों रुपयों से नहीं खरीदा जा सकता।* *हमें एक बड़े पुनर्जागरण की जरूरत है। सरकारें आएंगी जाएंगी, इनसे बहुत उम्मीद करना बेवकूफी होगी, जनता जब तक नहीं जागती हम अपनी विरासत को कभी पुनः हासिल नहीं कर पाएंगे।* *जागना होगा और कोई विकल्प नहीं।* #सामाजिक समस्या# #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान
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K. VISHVAKARMA
593 views 3 days ago
*महाभारत से पहले कृष्ण भी गए थे दुर्योधन के दरबार में. यह प्रस्ताव लेकर, कि हम युद्ध नहीं चाहते....* *तुम पूरा राज्य रखो.... पाँडवों को सिर्फ पाँच गाँव दे दो...* *वे चैन से रह लेंगे, तुम्हें कुछ नहीं कहेंगे.* बेटे ने पूछा - "पर इतना *unreasonable proposal* लेकर कृष्ण गए क्यों थे ? अगर दुर्योधन प्रोपोजल एक्सेप्ट कर लेता तो..? पिता :- नहीं करता....! कृष्ण को पता था कि वह प्रोपोजल एक्सेप्ट नहीं करेगा... *उसके मूल चरित्र के विरुद्ध था*. फिर कृष्ण ऐसा प्रोपोजल लेकर गए ही क्यों थे..? *वे तो सिर्फ यह सिद्ध करने गए थे कि दुर्योधन कितना अन्यायी था.* वे पाँडवों को सिर्फ यह दिखाने गए थे, कि देख लो... युद्ध तो तुमको लड़ना ही होगा... हर हाल में... अब भी कोई शंका है तो निकाल दो....मन से. तुम कितना भी संतोषी हो जाओ, कितना भी चाहो कि "घर में चैन से बैठूँ "... *दुर्योधन तुमसे हर हाल में लड़ेगा ही*. *"लड़ना.... या ना लड़ना" - तुम्हारा ऑप्शन नहीं है..."* *फिर भी बेचारे अर्जुन को आखिर तक शंका रही... "सब अपने ही तो बंधु बांधव हैं...."😞* *दुर्योधन को कभी शंका नही थी*... *उसे हमेशा पता था कि "उसे युद्ध करना ही है... "उसने गणित लगा रखा था....* *हिन्दुओं को भी समझ लेना होगा कि ऑप्शन नहीं* है... आपने तो पाँच गाँव का प्रोपोजल भी देकर देख लिया... देश के दो टुकड़े मंजूर कर लिए, *(उस में भी हिंदू ही खदेड़ा गया अपनी जमीन जायदाद ज्यों की त्यों छोड़कर....)* हर बात पर *विशेषाधिकार* देकर देख लिया.... *हज के लिए सबसीडी* देकर देख ली, उनके लिए अलग नियम कानून (धारा 370) बनवा कर देख लिए... *"आप चाहे जो कर लीजिए, उनकी माँगें नहीं रुकने वाली"* उन्हें सबसे स्वादिष्ट उसी *गौमाता* का माँस लगेगा जो आपके लिए पवित्र है, उसके बिना उन्हें भयानक कुपोषण हो रहा है. उन्हें "सबसे प्यारी" वही मस्जिदें हैं, जो हजारों साल पुराने *"आपके" ऐतिहासिक मंदिरों को तोड़ कर बनी हैं....* उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी उसी आवाज से है *जो मंदिरों की घंटियों और पूजा-पंडालों से है.* ये माँगें *गाय* को काटने तक नहीं रुकेंगी... यह समस्या मंदिरों तक नहीं रहने वाली, यह घर तक आने वाली है... *बहू-बेटियों* तक जाने वाली है... *आज का तर्क है*:- तुम्हें गाय इतनी प्यारी है तो *सड़कों पर क्यों घूम रही है ?* हम तो काट कर खाएँगे.... हमारे मजहब में लिखा है ! कल कहेंगे, *"तुम्हारी बेटी की इतनी इज्जत है तो वह घर से निकलती ही क्यों है ?* *उन्हें समस्या गाय से नहीं है*, *हमारे "अस्तित्व" से है*. जब तक हो, उन्हें कुछ ना कुछ प्रॉब्लम रहेगी. *इसलिए हे अर्जुन*, *और डाउट मत पालो*... *25 साल पहले कश्मीरी हिन्दुओं का सब कुछ छिन गया..... वे शरणार्थी कैंपों में रहे, पर फिर भी वे आतंकवादी नहीं बनते....* जबकि कश्मीरी मुस्लिमों को सब कुछ दिया गया.... वे फिर भी आतंकवादी बन कर जन्नत को जहन्नुम बना रहे हैं । *पिछले साल की बाढ़ में सेना के जवानों ने जिनकी जानें बचाई वो आज उन्हीं जवानों को पत्थरों से कुचल डालने पर आमादा हैं....* इसे ही कहते हैं संस्कार..... ये अंतर है *"धर्म"* और *"मजहब"* में..!! एक जमाना था जब लोग मामूली चोर के जनाजे में शामिल होना भी शर्मिंदगी समझते थे.... *और एक ये गद्दार और देशद्रोही लोग हैं जो खुले आम... पूरी बेशर्मी से एक आतंकवादी के जनाजे में शामिल हैं..!* - *सन्देश साफ़ है,,,* एक कौम, देश और तमाम दूसरी कौमों के खिलाफ युद्ध छेड़ चुकी है.... *अब भी अगर आपको नहीं दिखता है तो...* *यकीनन आप अंधे हैं !* *या फिर शत प्रतिशत देश के गद्दार..!!* आज तक हिंदुओं ने किसी को हज पर जाने से नहीं रोका... *लेकिन हमारी अमरनाथ यात्रा हर साल बाधित होती है* ! *फिर भी हम ही असहिष्णु हैं.....?* *ये तो कमाल की धर्मनिरपेक्षता है भाई* #पॉलिटिक्स #सामाजिक समस्या#
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K. VISHVAKARMA
383 views 5 days ago
🌞🕉️🌞 🚩 🪔🪔🪔 *शास्त्र📜 शस्त्र⚔️* *प्रतिदिन पूजन करे* ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️ 🙄 ये हैं पांच “डॉक्टर” —डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. आदिल अहमद, डॉ. शाहीन, डॉ. मोहिउद्दीन सईद, डॉ. मोहम्मद उमर। नाम सुनकर लगा होगा — कोई मेडिकल टीम है! पर नहीं जनाब... ये हॉस्पिटल के स्टाफ नहीं, “जन्नत मिशन” के स्टाफ हैं! आतंकवादी हैं सारे के सारे !! ☠️ डाक्टर की डिग्रियाँ लीं, सालों पढ़ाई की, लाखों रुपए खर्च किए पर दिमाग 🧠 में भरा वही पुराना ज़हर। सोचिए—जब आख़िर में “डॉक्टर” नहीं, आतंकी ही बनना था, तो इतनी पढ़ाई-लिखाई की नौटंकी की ही क्यों? Mulla मोदी घर दे दी, राशन दे दी,आयुष्मान कार्ड दे दी,मुसलमानों के लिए 550 से अधिक सरकारी योजनाएं, नौकरियां देकर, हिन्दुओं का हक छिन कर दिया गया और दिया जा रहा है कोई वोटके लिए तो कोई गांधी, नेहरू, khangress से भी बड़ा मुसलमानों का खलीफा बनने.विश्वास,दिल जीतने का पागलों वाली सनक देश को तेजी से हिन्दुओं का सफाया करवाकर इस्लामिक देश बनाने में शामिल ये सभी नेता और पार्टियां लेकिन अंत वहीं होता है जहाँ से सब 1450 साल शुरू हुआ था।😡😡😡😡 🚩🚩👏👏 -------------------- 📜📜 ➖➖➖➖➖➖ *सदैव प्रसन्न रहिये!!* जो प्राप्त है-पर्याप्त है #सामाजिक समस्या#
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